हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के कसौली थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए ठगी के आरोपी जितेंद्र कुमार चंदेल को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। इससे पहले उसे पुलिस ने दो दिन की रिमांड पर लेकर उससे घटनाक्रम से जुड़ी पूछताछ की थी। पूछताछ में पता चला कि आरोपी प्रधानमंत्री कार्यालय के लेटरपैड वहां के अधिकारियों के नामों का दुरुपयोग के अलावा ईडी और आयकर विभाग के अधिकारियों के नामों का दुरुपयोग भी करता रहा है। उसने ईडी के डिप्टी डायरेक्टर की फर्जी सेलरी स्लिप के आधार पर देना बैंक से एक कार का लोन भी लिया था। उसने अब तक कुल मिलाकर एक करोड़ की धोखाधड़ी की है। कसौली थाना पुलिस ने किया था गिरफ्तार दिल्ली निवासी एक उद्योगपति की शिकायत पर इस पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ। पुलिस ने कसौली के मशोबरा गांव निवासी जितेंद्र चंदेल को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। जिसने कसौली के एक उद्योगपति को प्रधानमंत्री कार्यालय में कम कराने का लालच देकर उनसे लाखों रुपए ठग लिए। आरोपी जितेंद्र अब तक कई लोगों को एक करोड़ से अधिक का चूना लगा चुका है। यहीं नहीं उसने स्वयं को प्रवर्तन निदेशालय में डिप्टी डायरेक्टर बताते हुए फर्जी सेलरी स्लिप के माध्यम से देना बैंक से कार का लोन भी हासिल कर लिया था। आज उसे पुलिस रिमांड अवधि पूरी होने के बाद अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिन क न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि मार्च माह में कसौली पुलिस को एक शिकायती पत्र प्राप्त हुआ था । इस पत्र में दिल्ली निवासी अमन मेहता व गिवर्ने इनोवेक्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष कश्मीरी लाल ने बताया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारियों के लेटरपैड से पत्र जारी करके और जाली हस्ताक्षर करके गिवर्ने इनोवेक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी प्रबंधन से कंपनी को फायदा पहुंचाने और संचालन के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ लिए। जब उन्होंने पता किया तो जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री कार्यालय से इस प्रकार के कोई भी पत्र जारी नहीं किए गए हैं। पीएम कार्यालय के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर किए छानबीन में यह भी पाया गया था कि इस सारी जालसाजी में कसौली निवासी जितेंद्र कुमार चंदेल भी शामिल था, जिसने प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर करके उपरोक्त जाली पत्र जारी किए थे। इस शिकायी तपत्र पर पुलिस थाना कसौली में 21 मार्च को धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इस माामले के नामजद आरोपी कसौली के मशोबरा निवासी जितेंद्र कुमार की जांच कराई गई। आरोपी के मोबाइल फोन, कंप्यूटर तथा अन्य दस्तावेजों का विश्लेषण करने पर पता चला कि आरोपी जितेंद्र कुमार चंदेल स्वयं को आयकर विभाग का डिप्टी कमिश्नर बताता था। वह विभिन्न विभागों व बैकों आदि से ई-मेल व अन्य माध्यमों से पत्राचार करके उन्हें अपना झूठा परिचय अनुचित लाभ हासिल करता था। खुद को बताया ईडी का डिप्टी डायरेक्टर इसके बाद पुलिस ने उक्त साक्ष्यों के आधार पर 12 अगस्त को आरोपी 38 वर्षीय जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान यह बात साफ हो गई कि आरोपी जितेंद्र कुमार चंदेल ने ही प्रधानमंत्री कार्यालय के नाम से जाली दस्तावेज तैयार करके गिवर्ने इनोवेक्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष कश्मीरी लाल से कंपनी को फायदा पहुंचाने व संचालन के नाम पर लाखों रुपए ठगे। एसपी के अनुसार, आरोपी ने एक अन्य घटना में स्वयं को ईडी का डिप्टी डायरेक्टर बताते हुए फर्जी सेलरी स्लिप के आधार पर देना बैंक से कार लोन पर भी लिया। अदालत ने उसे दो दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। उन्होंने बताया कि जितेंद्र से अब तक की पूछताछ में उसने लोगों को एक करोड़ की चपत लगाने की बात स्वीकार की है। पुलिस उसके पूर्व अपराधिक रिकार्ड की पड़ताल कर रही है। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के कसौली थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए ठगी के आरोपी जितेंद्र कुमार चंदेल को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। इससे पहले उसे पुलिस ने दो दिन की रिमांड पर लेकर उससे घटनाक्रम से जुड़ी पूछताछ की थी। पूछताछ में पता चला कि आरोपी प्रधानमंत्री कार्यालय के लेटरपैड वहां के अधिकारियों के नामों का दुरुपयोग के अलावा ईडी और आयकर विभाग के अधिकारियों के नामों का दुरुपयोग भी करता रहा है। उसने ईडी के डिप्टी डायरेक्टर की फर्जी सेलरी स्लिप के आधार पर देना बैंक से एक कार का लोन भी लिया था। उसने अब तक कुल मिलाकर एक करोड़ की धोखाधड़ी की है। कसौली थाना पुलिस ने किया था गिरफ्तार दिल्ली निवासी एक उद्योगपति की शिकायत पर इस पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ। पुलिस ने कसौली के मशोबरा गांव निवासी जितेंद्र चंदेल को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। जिसने कसौली के एक उद्योगपति को प्रधानमंत्री कार्यालय में कम कराने का लालच देकर उनसे लाखों रुपए ठग लिए। आरोपी जितेंद्र अब तक कई लोगों को एक करोड़ से अधिक का चूना लगा चुका है। यहीं नहीं उसने स्वयं को प्रवर्तन निदेशालय में डिप्टी डायरेक्टर बताते हुए फर्जी सेलरी स्लिप के माध्यम से देना बैंक से कार का लोन भी हासिल कर लिया था। आज उसे पुलिस रिमांड अवधि पूरी होने के बाद अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिन क न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि मार्च माह में कसौली पुलिस को एक शिकायती पत्र प्राप्त हुआ था । इस पत्र में दिल्ली निवासी अमन मेहता व गिवर्ने इनोवेक्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष कश्मीरी लाल ने बताया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारियों के लेटरपैड से पत्र जारी करके और जाली हस्ताक्षर करके गिवर्ने इनोवेक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी प्रबंधन से कंपनी को फायदा पहुंचाने और संचालन के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ लिए। जब उन्होंने पता किया तो जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री कार्यालय से इस प्रकार के कोई भी पत्र जारी नहीं किए गए हैं। पीएम कार्यालय के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर किए छानबीन में यह भी पाया गया था कि इस सारी जालसाजी में कसौली निवासी जितेंद्र कुमार चंदेल भी शामिल था, जिसने प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर करके उपरोक्त जाली पत्र जारी किए थे। इस शिकायी तपत्र पर पुलिस थाना कसौली में 21 मार्च को धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इस माामले के नामजद आरोपी कसौली के मशोबरा निवासी जितेंद्र कुमार की जांच कराई गई। आरोपी के मोबाइल फोन, कंप्यूटर तथा अन्य दस्तावेजों का विश्लेषण करने पर पता चला कि आरोपी जितेंद्र कुमार चंदेल स्वयं को आयकर विभाग का डिप्टी कमिश्नर बताता था। वह विभिन्न विभागों व बैकों आदि से ई-मेल व अन्य माध्यमों से पत्राचार करके उन्हें अपना झूठा परिचय अनुचित लाभ हासिल करता था। खुद को बताया ईडी का डिप्टी डायरेक्टर इसके बाद पुलिस ने उक्त साक्ष्यों के आधार पर 12 अगस्त को आरोपी 38 वर्षीय जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान यह बात साफ हो गई कि आरोपी जितेंद्र कुमार चंदेल ने ही प्रधानमंत्री कार्यालय के नाम से जाली दस्तावेज तैयार करके गिवर्ने इनोवेक्स 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