जालंधर | भारतीय जनता पार्टी की स्टार कैंपेनरों की लिस्ट में शामिल सांसद मनोज तिवारी मंगलवार को जालंधर पहुंचे हैं। उन्होंने भरत नगर में जनसभा में हिस्सा लिया। ये जनसभा शाम 6 बजे रखी गई थी, लेकिन तिवारी अढ़ाई घंटे लेट पहुंचे। मनोज तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकासमुखी सोच के समर्थन में वोट देने की अपील की। इस सभा में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने भी विचार रखने थे, लेकिन उनका दौरा पहले ही रद्द हो गया था। धामी जालंधर सिटी में संविधान चौक के पास होटल में रुके थे। उनकी सुरक्षा के लिए कुछ देर होटल के सामने ट्रैफिक बंद रखा गया। धामी पूरा दिन भाजपा संगठन की गतिविधियों में शामिल रहे। जनसभा में पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने भी विचार रखे। जालंधर | भारतीय जनता पार्टी की स्टार कैंपेनरों की लिस्ट में शामिल सांसद मनोज तिवारी मंगलवार को जालंधर पहुंचे हैं। उन्होंने भरत नगर में जनसभा में हिस्सा लिया। ये जनसभा शाम 6 बजे रखी गई थी, लेकिन तिवारी अढ़ाई घंटे लेट पहुंचे। मनोज तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकासमुखी सोच के समर्थन में वोट देने की अपील की। इस सभा में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने भी विचार रखने थे, लेकिन उनका दौरा पहले ही रद्द हो गया था। धामी जालंधर सिटी में संविधान चौक के पास होटल में रुके थे। उनकी सुरक्षा के लिए कुछ देर होटल के सामने ट्रैफिक बंद रखा गया। धामी पूरा दिन भाजपा संगठन की गतिविधियों में शामिल रहे। जनसभा में पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने भी विचार रखे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सुप्रीम कोर्ट में आज पराली मामले पर सुनवाई:पंजाब-हरियाणा सरकार अपने प्रयासों की जानकारी देगी, अफसरों की निष्क्रियता पर हो सकती कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट में आज पराली मामले पर सुनवाई:पंजाब-हरियाणा सरकार अपने प्रयासों की जानकारी देगी, अफसरों की निष्क्रियता पर हो सकती कार्रवाई आज यानी सोमवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पराली जलाने के मामले की सुनवाई करने जा रहा है। पिछले महीने हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से तीन सप्ताह के भीतर की गई कार्रवाई की रूपरेखा समेत बेहतर अनुपालन हलफनामा दाखिल करने को कहा था। इसके अलावा कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को इसरो से प्राप्त कथित गलत आंकड़ों के संबंध में उचित प्राधिकारी के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाने का निर्देश दिया था। पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के संबंध में कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार द्वारा प्रस्तुत हलफनामों की जांच की थी। जिसमें खेतों में आग लगाने की अधिक घटनाओं का संकेत दिया गया था। कोर्ट ने दोनों राज्यों द्वारा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) अधिनियम की धारा 14 के तहत दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में अनिच्छा पर असंतोष दोहराया था। राज्यों को अपनी निष्क्रियता स्पष्टीकरण देना चाहिए कोर्ट ने कहा था- आज भी हम सीएक्यूएम अधिनियम की धारा 14 के तहत कार्रवाई करने में दोनों सरकारों की ओर से अनिच्छा देख रहे हैं। आयोग की ओर से पेश हुए विद्वान एएसजी ने कहा कि राज्यों में जिला मजिस्ट्रेटों को धारा 14 की उपधारा (2) के तहत मुकदमा चलाने का अधिकार दिया गया है। हालांकि, पिछले आदेशों में हमने देखा है कि मुकदमा चलाने के बजाय, राज्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने में व्यस्त हैं। हम 3 साल पहले पारित आयोग के आदेश के खुलेआम उल्लंघन की बात कर रहे हैं। राज्यों को अपनी निष्क्रियता के लिए अदालत को स्पष्टीकरण देना चाहिए। हाईकोर्ट ने सुनवाई से किया था इनकार 11 दिसंबर को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पराली जलाने से संबंधित एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने यह तर्क दिया कि इसी मुद्दे पर एक मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। हाईकोर्ट ने दो अदालतों के बीच परस्पर विरोधाभासी विचारों से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा, “दो अदालतों के बीच मतभेद हो सकते हैं, जिसे टाला जाना चाहिए।” इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अभी विचार चल रहा है। पराली जलाने पर जुर्माना दोगुना किया गया सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना दोगुना कर दिया है। पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी। अब 2 एकड़ से कम जमीन पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है। दो से पांच एकड़ जमीन वालों से 10,000 रुपये और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वालों से 30,000 रुपये का जुर्माना वसूला जा रहा है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली की सरकारें इन नियमों को लागू करने के लिए बाध्य होंगी। 70 फीसदी कम पराली जलाई गई पंजाब सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप इस साल पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई। 2023 में 36,551 घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2024 तक घटकर केवल 10,479 रह गईं, जो पिछले साल की तुलना में 70 फीसदी कम है।
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खालिस्तानी कुलवंत राउके जेल से लड़ेगा चुनाव:बरनाला विधानसभा उपचुनाव में भरेगा पर्चा, अमृतपाल सहित NSA के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद असम की डिब्रूगढ़ जेल में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के साथ बंद कुलवंत सिंह राऊके अब बरनाला विधानसभा उपचुनाव लड़ेंगे। उनके भाई महा सिंह ने शुक्रवार को यह जानकारी मीडिया से साझा की। जेल से चुनाव लड़ने वाले खालिस्तानी अमृतपाल ने हाल ही में पंजाब की श्री खडूर साहिब लोकसभा सीट पर भारी अंतर से जीत हासिल की है। महा सिंह ने कहा- मैंने शुक्रवार को अपने भाई से फोन पर बात की। उसने जेल में रहते हुए बरनाला उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है। हम उसका पूरा समर्थन करेंगे। मोगा जिले के राऊके कलां गांव निवासी राऊके (38) पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) में क्लर्क के पद पर काम कर चुके हैं। अमृतपाल का साथ देने पर लगा था NSA मिली जानकारी के अनुसार पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के वारिस पंजाब दे के सदस्यों पर कट्टरपंथी गतिविधियों में भाग लेने के आरोप में कार्रवाई के दौरान उनके घर से हिरासत में लिया था। राउके के पिता चरहत सिंह को भी पंजाब के उग्रवाद के दौर में 25 मार्च 1993 को पुलिस ने हिरासत में लिया था। वे कभी घर नहीं लौटे। महा सिंह ने कहा- आज तक हमें नहीं पता कि उन्हें फर्जी मुठभेड़ में मारा गया या वे अभी भी जीवित हैं। हमारे पास उनकी मौत का कोई सबूत नहीं है। उन्हें पुलिस ले गई और वे कभी वापस नहीं आए। उनके पिता को भी 1987 में एनएसए के तहत जेल में रखा गया था। राउके के पिता भिंडरावाले के साथ आंदोलन में थे महा सिंह ने कहा- वे युवा अकाली दल के नेता थे और उन्हें पंजाब में जरनैल सिंह भिंडरावाले के खालिस्तान समर्थक आंदोलन का समर्थन करने के लिए हिरासत में लिया गया था। बाद में वे हमारे गांव के सरपंच भी बने और 25 मार्च 1993 को पुलिस उन्हें हमारे घर से जबरदस्ती ले गई। महा सिंह ने कहा- हमें नहीं पता कि उसके साथ क्या हुआ, क्योंकि हमें उसका शव कभी नहीं मिला। प्रधानमंत्री बाजेके ने भी किया चुनाव लड़ने का ऐलान भगवंत सिंह उर्फ प्रधान मंत्री बाजेके और अब राउके द्वारा चुनाव लड़ने का ऐलान किया गया है। भगवंत सिंह प्रधान मंत्री बाजेके ने इस सप्ताह की शुरुआत में मुक्तसर जिले की गिद्दड़बाहा सीट से उपचुनाव लड़ने की घोषणा की थी। ये घोषणा बाजेके के नाबालिग बेटे ने की थी। आप के बरनाला विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर के संगरूर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद बरनाला सीट पर उपचुनाव करवाया जाना है।
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फिरोजपुर के मुख्य कृषि अधिकारी सस्पेंड:निजी गोदाम में अवैध तरीके से रखा मिला डीएपी, नहीं की जांच-पड़ताल, फाजिल्का के अधिकारी को चार्ज पंजाब सरकार ने DAP की अवैध स्टोरेज से जुड़े एक मामले को लेकर फिरोजपुर के मुख्य कृषि अधिकारी जगीर सिंह को सस्पेंड किया है। इस दौरान वह कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के डायरेक्टर दफ्तर मोहाली में ड्यूटी देंगे। वहीं, फाजिल्का के मुख्य कृषि अधिकारी संदीप कुमार को अगले आदेश तक उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। कृषि मंत्री के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है। आदेश की कॉपी अधिकारी को सस्पेंड करने के विभाग ने दो कारण बताए हैं – अवैध तरीके से स्टोर की हुई थी DAP जानकारी के मुताबिक, फिरोजपुर के डीसी की तरफ से विभाग को इस बारे में सूचित किया गया था। उन्होंने पत्र में बताया था कि उप विभागीय मजिस्ट्रेट फिरोजपुर की देखरेख में मैसर्स सचदेवा ट्रेंड्स के विभिन्न गोदामों की जांच करने की गई। इस दौरान 161.8 मीट्रिक टन डीएपी खाद अवैध तरीके से स्टोर की हुई मिली। जांच के दौरान फर्म के मालिकों द्वारा इस संबंधी कोई रिकॉर्ड पेश नहीं किया। अफसर पर थी जांच की जिम्मेदारी जब डिप्टी कमिश्नर की तरफ से मुख्य खेतीबाड़ी अफसर जगीर सिंह से इस बारे में पूछा गया तो वह कोई तसलीबख्श जवाब नहीं दे पाया, जबकि डीएपी की कमी के मद्देनजर मुख्य खेतीबाड़ी अफसर को ही जांच के आदेश दिए गए हैं। इस गंभीर कोताही के चलते मुख्य खेतीबाड़ी अफसर के खिलाफ पंजाब सिविल सेवाएं सजा व अधीन नियम 1970 के नियम आठ अधीन चार्जशीट का फैसला लिया गया। इसके साथ ही उन्हें तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। सस्पेंशन के समय वह खेतीबाड़ी विभाग के मुख्यालय मोहाली में ड्यूटी देंगे। जबकि फाजिल्का के खेतीबाड़ी अफसर को फिरोजपुर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया।