कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के नाम पर हुए विकास कार्यों में की गई अनियमितताओं की जांच शुरू हो गई है। इसको लेकर शासन की अंकुश समिति ने मंडलायुक्त को जांच सौंपी है। स्मार्ट सिटी के तहत हुए कार्यों में घोटाले और सरकारी धन की लूट की शिकायत की जांच के लिए गठित समिति एक वर्ष बाद भी जांच रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई है। मंडलायुक्त से मांगी गई रिपोर्ट
यही नहीं नगर निगम के आईटी स्पेशलिस्ट भी 15 अप्रैल को हुई शासन की बैठक में जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने मंडलायुक्त कानपुर को पत्र भेजकर गठित जांच समिति की रिपोर्ट तत्काल मांगी है। दर्जनों विकास कार्य जांच के दायरे में
कानपुर स्मार्ट सिटी में नए कार्यों के लिए फंड आना बंद हो गया है। स्मार्ट सिटी के तहत कराए गए दर्जनों विकास कार्यों की शिकायत के बाद जांच शुरू की गई है। इसके साथ ही एक काम के दो बार भुगतान संबंधी शिकायत को शासन ने संज्ञान में लिया है। एक वर्ष बाद भी जांच नहीं हुई पूरी
इस संबंध में विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने एक वर्ष पहले कानपुर मंडलायुक्त को जांच के निर्देश दिए थे। इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों की समिति गठित कर जांच रिपोर्ट मांगी गई थी। लेकिन, एक वर्ष बीतने के बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है। मंडलायुक्त से मांगी गई रिपोर्ट
28 अप्रैल को विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने मंडलायुक्त को पत्र भेजकर कहा है कि 15 अप्रैल को बापू भवन में इस संबंध में बैठक हुई। जिसमें कानपुर नगर निगम के आईटी स्पेशलिस्ट आशुतोष ने भाग लिया। लेकिन वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। पत्र के जरिए उन्होंने निर्देश दिये कि शिकायती पत्र में प्रतिकूल तथ्यों की जांच कराकर तत्काल जांच आख्या उपलब्ध कराई जाए। विधान परिषद में पार्षद ने की है शिकायत
विधान परिषद की विधान प्राधिकरणों, आवास एवं विकास परिषद, नगर निगम में व्याप्त अनियमितताओं की जांच करने वाली समिति को शहर के वार्ड 39 के पार्षद मनीष मिश्रा ने स्मार्ट सिटी द्वारा कराए गए कार्यों की शिकायत की है। पार्षद ने शिकायत में लगाए ये आरोप
पार्षद ने नगर निगम के खंभों पर स्मार्ट सिटी का बोर्ड लगाकर दो बार भुगतान होने, परशुराम वाटिका में हुये कार्यों का भी दो बार भुगतान करने, स्मार्ट सिटी द्वारा कई वार्डों की उपेक्षा करने, मानक के विपरीत कार्य होने, अपने चहेते 4-5 ठेकेदारों से कार्य कराने, झकरकटी तालाब सुंदरीकरण कार्य में फर्जी तरह से टेंडर देने, पार्कों का अधूरा विकास कर पैसा हड़पने समेत कई आरोप लगाए हैं। इन बिंदुओं पर मांगी गई रिपोर्ट
विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने मंडलायुक्त कानपुर के विजयेंद्र पांडियन को पत्र लिखकर तीन बिंदुओं के आधार पर स्पष्ट रिपोर्ट मांगी है। ताकि, समिति के सामने रखी जा सके। उन्होंने कहा कि क्या प्रकरण में शिकायतकर्ता को सुना गया? यदि नहीं तो शिकायतकर्ता को सुना जाये और साक्ष्य कलेक्ट किये जाये। दोहरे भुगतान के आरोप पर भुगतान स्त्रोत के संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुये प्रमाणित रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के नाम पर हुए विकास कार्यों में की गई अनियमितताओं की जांच शुरू हो गई है। इसको लेकर शासन की अंकुश समिति ने मंडलायुक्त को जांच सौंपी है। स्मार्ट सिटी के तहत हुए कार्यों में घोटाले और सरकारी धन की लूट की शिकायत की जांच के लिए गठित समिति एक वर्ष बाद भी जांच रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई है। मंडलायुक्त से मांगी गई रिपोर्ट
यही नहीं नगर निगम के आईटी स्पेशलिस्ट भी 15 अप्रैल को हुई शासन की बैठक में जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने मंडलायुक्त कानपुर को पत्र भेजकर गठित जांच समिति की रिपोर्ट तत्काल मांगी है। दर्जनों विकास कार्य जांच के दायरे में
कानपुर स्मार्ट सिटी में नए कार्यों के लिए फंड आना बंद हो गया है। स्मार्ट सिटी के तहत कराए गए दर्जनों विकास कार्यों की शिकायत के बाद जांच शुरू की गई है। इसके साथ ही एक काम के दो बार भुगतान संबंधी शिकायत को शासन ने संज्ञान में लिया है। एक वर्ष बाद भी जांच नहीं हुई पूरी
इस संबंध में विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने एक वर्ष पहले कानपुर मंडलायुक्त को जांच के निर्देश दिए थे। इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों की समिति गठित कर जांच रिपोर्ट मांगी गई थी। लेकिन, एक वर्ष बीतने के बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है। मंडलायुक्त से मांगी गई रिपोर्ट
28 अप्रैल को विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने मंडलायुक्त को पत्र भेजकर कहा है कि 15 अप्रैल को बापू भवन में इस संबंध में बैठक हुई। जिसमें कानपुर नगर निगम के आईटी स्पेशलिस्ट आशुतोष ने भाग लिया। लेकिन वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। पत्र के जरिए उन्होंने निर्देश दिये कि शिकायती पत्र में प्रतिकूल तथ्यों की जांच कराकर तत्काल जांच आख्या उपलब्ध कराई जाए। विधान परिषद में पार्षद ने की है शिकायत
विधान परिषद की विधान प्राधिकरणों, आवास एवं विकास परिषद, नगर निगम में व्याप्त अनियमितताओं की जांच करने वाली समिति को शहर के वार्ड 39 के पार्षद मनीष मिश्रा ने स्मार्ट सिटी द्वारा कराए गए कार्यों की शिकायत की है। पार्षद ने शिकायत में लगाए ये आरोप
पार्षद ने नगर निगम के खंभों पर स्मार्ट सिटी का बोर्ड लगाकर दो बार भुगतान होने, परशुराम वाटिका में हुये कार्यों का भी दो बार भुगतान करने, स्मार्ट सिटी द्वारा कई वार्डों की उपेक्षा करने, मानक के विपरीत कार्य होने, अपने चहेते 4-5 ठेकेदारों से कार्य कराने, झकरकटी तालाब सुंदरीकरण कार्य में फर्जी तरह से टेंडर देने, पार्कों का अधूरा विकास कर पैसा हड़पने समेत कई आरोप लगाए हैं। इन बिंदुओं पर मांगी गई रिपोर्ट
विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने मंडलायुक्त कानपुर के विजयेंद्र पांडियन को पत्र लिखकर तीन बिंदुओं के आधार पर स्पष्ट रिपोर्ट मांगी है। ताकि, समिति के सामने रखी जा सके। उन्होंने कहा कि क्या प्रकरण में शिकायतकर्ता को सुना गया? यदि नहीं तो शिकायतकर्ता को सुना जाये और साक्ष्य कलेक्ट किये जाये। दोहरे भुगतान के आरोप पर भुगतान स्त्रोत के संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुये प्रमाणित रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
स्मार्ट सिटी में अनियमितताओं की जांच शुरू:शासन की अंकुश समिति ने शुरू की जांच; दर्जनों विकास कार्य जांच के दायरे में आए
