​​​​​​​स्वामी नरेंद्रानंद ने अखिलेश पर साधा निशाना:बोले- 144 साल की तिथि को साधु-संतों ने निकाला; कुछ धर्म विरोधियों को बात पच नहीं रही

​​​​​​​स्वामी नरेंद्रानंद ने अखिलेश पर साधा निशाना:बोले- 144 साल की तिथि को साधु-संतों ने निकाला; कुछ धर्म विरोधियों को बात पच नहीं रही

जगद्गुरु नरेंद्रानंद सरस्वती ने सपा प्रमुख पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा- 144 की तिथि को साधु-संतों ने बैठकर निकाला है। जनता को बरगलाया नहीं गया है। कुछ धर्म विरोधियों को यह बात पच नहीं रही है। जो साधु-संतों पर लाठी चार्ज कराता हो, धर्मद्रोही हो उससे मिलन नहीं चाहिए। उन्होंने कहा- कुंभ एकता का परिचय है। वहां पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। महाशिवरात्रि की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को एक दिन के दौरे पर श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती वाराणसी पहुंचे। उन्होंने कहा- सनातन के ज्वार को कोई रोक नहीं सकता है। कुंभ की भीड़ को देखकर विपक्षी घबरा गए हैं। राष्ट्रद्रोही मानसिकता वाले कितनी भी चाल चल लें वह कुछ नहीं कर पाएंगे। मांस-मदिरा मुक्त हो काशी की पंचक्रोशी मार्ग
स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा- महाकुंभ में हुई बैठक में काशी को धार्मिक नगरी की तर्ज पर सनातन धर्म नगर घोषित करने की मांग की गई है। साथ ही पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग के साथ चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग को व्यवस्थित करने की मांग की गई है। काशी की पंचक्रोशी मार्ग को मांस और मदिरा से मुक्त रखा जाए। पढ़िए क्या है 5 बड़ी मांगें… स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा- 5 बड़ी मांगों को महाकुंभ की बैठक में उठाया गया है। जिस पर आगे काम किया जाएगा। ………………………… ये खबर भी पढ़िए… महाकुंभ से वाराणसी ही क्यों जाते हैं नागा साधु;12 साल में दो ही ऐसे मौके; महाशिवरात्रि और मसाने की होली से क्या है संबंध प्रयागराज महाकुंभ में तीन अमृत स्नान के बाद सभी 7 शैव यानी संन्यासी अखाड़े वाराणसी कूच कर गए हैं। अब काशी के घाटों और मठों में नागा संन्यासियों के दर्शन हो रहे हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर अखाड़ों के नागा साधु और महामंडलेश्वर अपने मठ-मंदिर में लौटने की जगह काशी ही क्यों जाते हैं, वहां क्या करेंगे, ऐसा क्या रहस्य और परंपरा है? पढ़िए पूरी खबर जगद्गुरु नरेंद्रानंद सरस्वती ने सपा प्रमुख पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा- 144 की तिथि को साधु-संतों ने बैठकर निकाला है। जनता को बरगलाया नहीं गया है। कुछ धर्म विरोधियों को यह बात पच नहीं रही है। जो साधु-संतों पर लाठी चार्ज कराता हो, धर्मद्रोही हो उससे मिलन नहीं चाहिए। उन्होंने कहा- कुंभ एकता का परिचय है। वहां पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। महाशिवरात्रि की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को एक दिन के दौरे पर श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती वाराणसी पहुंचे। उन्होंने कहा- सनातन के ज्वार को कोई रोक नहीं सकता है। कुंभ की भीड़ को देखकर विपक्षी घबरा गए हैं। राष्ट्रद्रोही मानसिकता वाले कितनी भी चाल चल लें वह कुछ नहीं कर पाएंगे। मांस-मदिरा मुक्त हो काशी की पंचक्रोशी मार्ग
स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा- महाकुंभ में हुई बैठक में काशी को धार्मिक नगरी की तर्ज पर सनातन धर्म नगर घोषित करने की मांग की गई है। साथ ही पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग के साथ चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग को व्यवस्थित करने की मांग की गई है। काशी की पंचक्रोशी मार्ग को मांस और मदिरा से मुक्त रखा जाए। पढ़िए क्या है 5 बड़ी मांगें… स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा- 5 बड़ी मांगों को महाकुंभ की बैठक में उठाया गया है। जिस पर आगे काम किया जाएगा। ………………………… ये खबर भी पढ़िए… महाकुंभ से वाराणसी ही क्यों जाते हैं नागा साधु;12 साल में दो ही ऐसे मौके; महाशिवरात्रि और मसाने की होली से क्या है संबंध प्रयागराज महाकुंभ में तीन अमृत स्नान के बाद सभी 7 शैव यानी संन्यासी अखाड़े वाराणसी कूच कर गए हैं। अब काशी के घाटों और मठों में नागा संन्यासियों के दर्शन हो रहे हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर अखाड़ों के नागा साधु और महामंडलेश्वर अपने मठ-मंदिर में लौटने की जगह काशी ही क्यों जाते हैं, वहां क्या करेंगे, ऐसा क्या रहस्य और परंपरा है? पढ़िए पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर