हनीमून पर सिक्किम गए कपल का कुछ पता नहीं:प्रतापगढ़ में महामृत्युंजय जाप; हादसे में बचा लड़का बोला- खाई में गिरे

हनीमून पर सिक्किम गए कपल का कुछ पता नहीं:प्रतापगढ़ में महामृत्युंजय जाप; हादसे में बचा लड़का बोला- खाई में गिरे

‘कभी-कभी ऐसा होता है कि गाड़ी नीचे गिर रही हो और गेट खुल जाए। शायद ये लोग बाहर गिर गए हों। नदी का बहाव तेज था, तो शायद बहते हुए कहीं किनारे लग गए हों। स्थानीय लोग इन्हें ले जाकर कहीं इलाज करा रहे हों। अब तो ईश्वर से बस यही प्रार्थना है कि आज न सही, 10 दिन बाद ही सुरक्षित लौट आएं।’ यह कहना है प्रमोद सिंह का। प्रमोद प्रतापगढ़ से सिक्किम हनीमून पर गए कौशलेंद्र सिंह (32) के चाचा हैं। कौशलेंद्र के माता-पिता बेटे-बहू की सलामती के लिए महामृत्युंजय जाप करा रहे हैं। कौशलेंद्र और उनकी पत्नी अंकिता 29 मई से लापता हैं। वह जिस गाड़ी में सवार थे, वह खाई में गिर गई। उनके साथ 6 और लोगों का कुछ पता नहीं। बाकी लोगों के कपड़े और कुछ सामान मिले, लेकिन अंकिता और कौशलेंद्र का कुछ पता नहीं चला। करीब 10 दिन तक वहां तलाशने के बाद परिवार घर लौट आया है। मंदिर में महामृत्युंजय जाप हो रहा है। उम्मीद की जा रही कि दोनों जिंदा लौट आएं। दैनिक भास्कर की टीम प्रतापगढ़ पहुंची। इस पूरे मामले को शुरुआत से आखिर तक जाना। आइए सब कुछ एक तरफ से जानते हैं… आसपास के क्षेत्र में सबसे भव्य शादी हुई
प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर सांगीपुर थाना क्षेत्र में राहाटीकर गांव है। यहीं शेर बहादुर सिंह का घर है। उनके पास पेट्रोल टंकी, गैस एजेंसी और कई बीघे खेत है। आर्थिक रूप से संपन्न शेर बहादुर की एकमात्र संतान कौशलेंद्र सिंह उर्फ प्रिंस हैं। पिता चाहते थे कि कौशलेंद्र कारोबार संभालें। लेकिन, बेटे ने यूपीएससी की तैयारी करने की इच्छा जताई और दिल्ली में रहकर पढ़ाई करने लगे। शेर बहादुर ने बेटे की शादी पट्टी कोतवाली के धनगढ़ सराय छिवलहा गांव में कारोबारी विजय सिंह की बेटी अंकिता से तय की। अंकिता लखनऊ में मेदांता हॉस्पिटल के ICU में असिस्टेंट हैं। 5 मई को सराय छिवलहा गांव में दोनों की भव्य शादी हुई। अंकिता के भाई सौरभ सिंह कहते हैं- आसपास के 10-20 किलोमीटर के इलाके में ऐसी शादी नहीं हुई थी। बहन की शादी के लिए हमने वीआईपी टेंट लगवाए थे। गिफ्ट के रूप में हर सामान दिया गया। कौशलेंद्र को टॉप मॉडल स्कॉर्पियो दी गई। 50 लाख रुपए से ज्यादा इस शादी में खर्च हुआ था। जम्मू का प्लान टला, सिंगल टिकट पर सिक्किम गए
हम प्रतापगढ़ में सबसे पहले कौशलेंद्र के घर पहुंचे। यहां परिवार के सभी लोग गांव के ही एक मंदिर में महामृत्युंजय जाप कर रहे हैं। हमें यहां पता चला कि शादी से पहले कौशलेंद्र ने शादी के बाद जम्मू-कश्मीर जाने का प्लान बनाया था। लेकिन, भारत-पाकिस्तान के बीच हालात खराब थे। इसके चलते यह प्लान कैंसिल हो गया था। शादी के बाद कौशलेंद्र ने सिक्किम जाने का प्लान बनाया था। लेकिन, परिवार में इसके बारे में किसी को कुछ बताया नहीं। कौशलेंद्र के बड़े पापा (ताऊ) उम्मेद सिंह कहते हैं- इनके सिक्किम जाने के प्लान के बारे में किसी को नहीं पता था। भतीजे और बहू ने प्लान बनाया, फिर अपनी बुआ आशा सिंह को इसके बारे में बताया। उनसे कहा कि पापा को कह दीजिए कि हमें जाने दें। छोटे भाई (कौशलेंद्र के पिता) को जब यह पता चला तो उन्होंने कहा, अरे सिक्किम कहां जाओगे, कहीं और जाने का देख लो। अंकिता के भाई सौरभ ने बताया कि 24 मई को सिर्फ सिक्किम जाने का एक ही टिकट कंफर्म हुआ था। कौशलेंद्र ने जाने का प्लान बना लिया था। इसलिए दोनों लोग एक ही टिकट पर गंगटोक के लिए निकल गए। पीछे आ रही गाड़ी की लाइट बंद हो गई तो शक हुआ
26 मई को कौशलेंद्र और अंकिता गंगटोक पहुंच गए। यहां 3 दिन 2 रात का स्टे था। 28 मई को दोनों गंगटोक से लाचेन के लिए निकले। लाचेन और लाचुंग में भी उनका पैकेज 3 दिन का था। 28 की रात को दोनों लाचेन में रुके। 29 की रात को लाचुंग में रुकना था। इसलिए दोनों लोग ट्रैवलर गाड़ी से वहां के लिए निकले। कुल 20 लोगों का ग्रुप था इसलिए दो गाड़ियां थीं। जिस गाड़ी पर कौशलेंद्र और अंकिता बैठे थे, उसमें 6 लोग ओडिशा के और 2 लोग त्रिपुरा के भी बैठे थे। ओडिशा वाली फैमिली के 5 लोग दूसरी गाड़ी में बैठे थे। कौशलेंद्र और अंकिता को सर्च करने प्रतापगढ़ से उनके चाचा दिनेश सिंह भी गए थे। वह उस घटना को लेकर कहते हैं- 2 गाड़ियां आगे-पीछे चल रही थीं। कुछ देर बाद पीछे आ रही गाड़ी की लाइट दिखनी बंद हो गई। जो लोग गाड़ी में थे, उन्होंने ड्राइवर से कहा कि पीछे वाली गाड़ी कहां है? उसके बारे में पता करिए। उसने फोन लगाया, तो ड्राइवर का फोन बंद आया। लोगों ने ड्राइवर से तुरंत गाड़ी वापस लेने को कहा। गाड़ी लौटी, तो आईटीबीपी की चौकी मिली। उनसे गाड़ी के बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा कि 2 गाड़ियां इधर से गईं, आप अकेले वापस आए हैं। इससे यह चीज कंफर्म हो गई कि वह गाड़ी खाई में चली गई है। तुरंत ही पुलिस प्रशासन को फोन किया गया। 12 से 1 बजे के बीच रेस्क्यू टीम पहुंची। 150 फिट नीचे गई, तो गाड़ी से छिटककर गिरे दो लड़के मिले। एक की उम्र 15 साल और दूसरे की 17 साल थी। दोनों गंभीर रूप से घायल थे। उन्हें गंगटोक के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। घायल लड़के ने कहा- कौशलेंद्र और अंकिता गाड़ी में थे
31 मई को कौशलेंद्र और अंकिता के परिवार वाले जब गंगटोक पहुंचे, तो सबसे पहले उन 2 लड़कों सैराज जेना और सुप्रतिम नायक से मिलने एसएन हॉस्पिटल पहुंचे। यही दोनों उस गाड़ी में सवार थे और बच गए थे। इसमें एक वेंटिलेटर पर था और दूसरा आईसीयू में भर्ती था। आईसीयू वाले लड़के को कौशलेंद्र और अंकिता की तस्वीर दिखाई गई। उसने इशारे में बताया कि हां, ये लोग गाड़ी में थे। परिवार के लोगों ने सोचा कि अभी लड़के की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। थोड़ा और ठीक हो फिर पूछा जाए। 4 दिन बाद आईसीयू में भर्ती लड़के को जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया। तब कौशलेंद्र और अंकिता की तस्वीर दिखाई गई। उसने बताया कि हां ये लोग बीच वाली सीट पर बीच में ही बैठे थे। एक तरफ मेरी मां और दूसरी तरफ मेरी बुआ बैठी थीं। उसके इस जवाब से प्रतापगढ़ से गए 6 लोगों की उम्मीद को झटका लगा। लेकिन, उम्मीद नहीं टूटी और वह रेस्क्यू टीम के साथ कौशलेंद्र और अंकिता को खोजते रहे। दोनों के नंबर एक साथ बंद हुए
परिवार के लोग सिक्किम में एसपी-डीएम से लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री तक से मिले। लोकेशन निकलवाई। कौशलेंद्र और अंकिता के मोबाइल नंबर की डिटेल निकलवाई। पता चला कि रात 8 बजकर 7 मिनट पर दोनों का फोन एक साथ बंद हुआ। गाड़ी में जो जीपीएस लगा था वह भी 8 बजकर 7 मिनट पर ही बंद हो गया। अंकिता ने 8 बजे के करीब अपनी मां को फोन किया था। 30 सेकेंड की बातचीत में बताया था कि डिनर कर लिया है, अब निकल रहे हैं। अंकिता के भाई ने कहा कि उस वक्त वह गाड़ी में थी या फिर नहीं, इस बारे में बात नहीं हुई। मां की स्थिति भी नहीं कि वह बता पाएं। कौशलेंद्र के चाचा प्रमोद कहते हैं- हम घटनास्थल पर गए थे। वहां सब कुछ देखा। उसी गाड़ी में सवार 2 लोग बचे भी हैं। हो सकता है, गाड़ी किसी पत्थर से टकराई हो और गेट खुल गया हो। दोनों लोग गाड़ी से बाहर गिर गए हों। नदी में बहते हुए कहीं दूर निकल गए हों। स्थानीय लोगों को मिल गए हों और वहां इलाज चल रहा हो। बेटे की सलामती के लिए महामृत्युंजय जाप हो रहा
30 मई को सिक्किम गए परिवार से 6 लोग 10 जून को वापस आ गए हैं। 11 जून से मंदिर में 51 हजार महामृत्युंजय जाप शुरू हुआ है। 5 पुजारी इस अनुष्ठान को पूरा करवा रहे हैं। शेर बहादुर सिंह और उनकी पत्नी बेबी सिंह इस जाप में बैठे हैं। बेबी सिंह पूजा-पाठ के बीच ही रोने लग जाती हैं। आस-पास बैठी महिलाओं की भी आंखें यह सब देखकर भर आती हैं। यह अनुष्ठान 15 जून तक चलेगा। इसे पूरा करवा रहे पुजारी धर्मेंद्र शुक्ल से हमारी बात हुई। वह कहते हैं- 51 हजार महामृत्युंजय जाप का संकल्प हुआ है। सुबह 8 बजे से यह शुरू होता है और शाम 6 बजे खत्म होता है। उसके बाद आरती होती है। 12 बजे रात तक भजन चलता है। परिवार और गांव के लोग इसमें शामिल होते हैं। हम सब भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं, ताकि हमारी खुशी लौट आए। हमारे लोगों के बीच कौशलेंद्र और अंकिता वापस आ जाएं। फिलहाल पूरा परिवार इस वक्त भगवान के दरबार में बैठा है। प्रार्थना कर रहा है। सिक्किम में रेस्क्यू कर रही टीम के संपर्क में है। हर दिन का अपडेट ले रहे हैं। अंदर से एक उम्मीद है कि काश कौशलेंद्र और अंकिता घर लौट आएं। कल पढ़ें : प्रतापगढ़ से गए 6 लोगों ने 11 दिन में क्या देखा? कौशलेंद्र-अंकिता को खोजने के लिए क्या-क्या हुआ? ———————— ये खबर भी पढ़ें… सांसद चंद्रशेखर ‘खामोश’, रोहिणी बोली- जान को खतरा, कई लड़कियों के साथ गलत किया, एक्शन लूंगी यूपी के बिजनौर की नगीना सीट से सांसद पर आरोपों की बौछार करने वाली रोहिणी घावरी का कहना है कि चंद्रशेखर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही हूं। मैंने अपने वकीलों से बात की है, वो एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई कर रहे हैं। मूलरूप से इंदौर की रहने वाली रोहिणी स्विटजरलैंड में हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में सांसद चंद्रशेखर पर कई गंभीर आरोप लगाए। पढ़ें पूरी खबर ‘कभी-कभी ऐसा होता है कि गाड़ी नीचे गिर रही हो और गेट खुल जाए। शायद ये लोग बाहर गिर गए हों। नदी का बहाव तेज था, तो शायद बहते हुए कहीं किनारे लग गए हों। स्थानीय लोग इन्हें ले जाकर कहीं इलाज करा रहे हों। अब तो ईश्वर से बस यही प्रार्थना है कि आज न सही, 10 दिन बाद ही सुरक्षित लौट आएं।’ यह कहना है प्रमोद सिंह का। प्रमोद प्रतापगढ़ से सिक्किम हनीमून पर गए कौशलेंद्र सिंह (32) के चाचा हैं। कौशलेंद्र के माता-पिता बेटे-बहू की सलामती के लिए महामृत्युंजय जाप करा रहे हैं। कौशलेंद्र और उनकी पत्नी अंकिता 29 मई से लापता हैं। वह जिस गाड़ी में सवार थे, वह खाई में गिर गई। उनके साथ 6 और लोगों का कुछ पता नहीं। बाकी लोगों के कपड़े और कुछ सामान मिले, लेकिन अंकिता और कौशलेंद्र का कुछ पता नहीं चला। करीब 10 दिन तक वहां तलाशने के बाद परिवार घर लौट आया है। मंदिर में महामृत्युंजय जाप हो रहा है। उम्मीद की जा रही कि दोनों जिंदा लौट आएं। दैनिक भास्कर की टीम प्रतापगढ़ पहुंची। इस पूरे मामले को शुरुआत से आखिर तक जाना। आइए सब कुछ एक तरफ से जानते हैं… आसपास के क्षेत्र में सबसे भव्य शादी हुई
प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर सांगीपुर थाना क्षेत्र में राहाटीकर गांव है। यहीं शेर बहादुर सिंह का घर है। उनके पास पेट्रोल टंकी, गैस एजेंसी और कई बीघे खेत है। आर्थिक रूप से संपन्न शेर बहादुर की एकमात्र संतान कौशलेंद्र सिंह उर्फ प्रिंस हैं। पिता चाहते थे कि कौशलेंद्र कारोबार संभालें। लेकिन, बेटे ने यूपीएससी की तैयारी करने की इच्छा जताई और दिल्ली में रहकर पढ़ाई करने लगे। शेर बहादुर ने बेटे की शादी पट्टी कोतवाली के धनगढ़ सराय छिवलहा गांव में कारोबारी विजय सिंह की बेटी अंकिता से तय की। अंकिता लखनऊ में मेदांता हॉस्पिटल के ICU में असिस्टेंट हैं। 5 मई को सराय छिवलहा गांव में दोनों की भव्य शादी हुई। अंकिता के भाई सौरभ सिंह कहते हैं- आसपास के 10-20 किलोमीटर के इलाके में ऐसी शादी नहीं हुई थी। बहन की शादी के लिए हमने वीआईपी टेंट लगवाए थे। गिफ्ट के रूप में हर सामान दिया गया। कौशलेंद्र को टॉप मॉडल स्कॉर्पियो दी गई। 50 लाख रुपए से ज्यादा इस शादी में खर्च हुआ था। जम्मू का प्लान टला, सिंगल टिकट पर सिक्किम गए
हम प्रतापगढ़ में सबसे पहले कौशलेंद्र के घर पहुंचे। यहां परिवार के सभी लोग गांव के ही एक मंदिर में महामृत्युंजय जाप कर रहे हैं। हमें यहां पता चला कि शादी से पहले कौशलेंद्र ने शादी के बाद जम्मू-कश्मीर जाने का प्लान बनाया था। लेकिन, भारत-पाकिस्तान के बीच हालात खराब थे। इसके चलते यह प्लान कैंसिल हो गया था। शादी के बाद कौशलेंद्र ने सिक्किम जाने का प्लान बनाया था। लेकिन, परिवार में इसके बारे में किसी को कुछ बताया नहीं। कौशलेंद्र के बड़े पापा (ताऊ) उम्मेद सिंह कहते हैं- इनके सिक्किम जाने के प्लान के बारे में किसी को नहीं पता था। भतीजे और बहू ने प्लान बनाया, फिर अपनी बुआ आशा सिंह को इसके बारे में बताया। उनसे कहा कि पापा को कह दीजिए कि हमें जाने दें। छोटे भाई (कौशलेंद्र के पिता) को जब यह पता चला तो उन्होंने कहा, अरे सिक्किम कहां जाओगे, कहीं और जाने का देख लो। अंकिता के भाई सौरभ ने बताया कि 24 मई को सिर्फ सिक्किम जाने का एक ही टिकट कंफर्म हुआ था। कौशलेंद्र ने जाने का प्लान बना लिया था। इसलिए दोनों लोग एक ही टिकट पर गंगटोक के लिए निकल गए। पीछे आ रही गाड़ी की लाइट बंद हो गई तो शक हुआ
26 मई को कौशलेंद्र और अंकिता गंगटोक पहुंच गए। यहां 3 दिन 2 रात का स्टे था। 28 मई को दोनों गंगटोक से लाचेन के लिए निकले। लाचेन और लाचुंग में भी उनका पैकेज 3 दिन का था। 28 की रात को दोनों लाचेन में रुके। 29 की रात को लाचुंग में रुकना था। इसलिए दोनों लोग ट्रैवलर गाड़ी से वहां के लिए निकले। कुल 20 लोगों का ग्रुप था इसलिए दो गाड़ियां थीं। जिस गाड़ी पर कौशलेंद्र और अंकिता बैठे थे, उसमें 6 लोग ओडिशा के और 2 लोग त्रिपुरा के भी बैठे थे। ओडिशा वाली फैमिली के 5 लोग दूसरी गाड़ी में बैठे थे। कौशलेंद्र और अंकिता को सर्च करने प्रतापगढ़ से उनके चाचा दिनेश सिंह भी गए थे। वह उस घटना को लेकर कहते हैं- 2 गाड़ियां आगे-पीछे चल रही थीं। कुछ देर बाद पीछे आ रही गाड़ी की लाइट दिखनी बंद हो गई। जो लोग गाड़ी में थे, उन्होंने ड्राइवर से कहा कि पीछे वाली गाड़ी कहां है? उसके बारे में पता करिए। उसने फोन लगाया, तो ड्राइवर का फोन बंद आया। लोगों ने ड्राइवर से तुरंत गाड़ी वापस लेने को कहा। गाड़ी लौटी, तो आईटीबीपी की चौकी मिली। उनसे गाड़ी के बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा कि 2 गाड़ियां इधर से गईं, आप अकेले वापस आए हैं। इससे यह चीज कंफर्म हो गई कि वह गाड़ी खाई में चली गई है। तुरंत ही पुलिस प्रशासन को फोन किया गया। 12 से 1 बजे के बीच रेस्क्यू टीम पहुंची। 150 फिट नीचे गई, तो गाड़ी से छिटककर गिरे दो लड़के मिले। एक की उम्र 15 साल और दूसरे की 17 साल थी। दोनों गंभीर रूप से घायल थे। उन्हें गंगटोक के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। घायल लड़के ने कहा- कौशलेंद्र और अंकिता गाड़ी में थे
31 मई को कौशलेंद्र और अंकिता के परिवार वाले जब गंगटोक पहुंचे, तो सबसे पहले उन 2 लड़कों सैराज जेना और सुप्रतिम नायक से मिलने एसएन हॉस्पिटल पहुंचे। यही दोनों उस गाड़ी में सवार थे और बच गए थे। इसमें एक वेंटिलेटर पर था और दूसरा आईसीयू में भर्ती था। आईसीयू वाले लड़के को कौशलेंद्र और अंकिता की तस्वीर दिखाई गई। उसने इशारे में बताया कि हां, ये लोग गाड़ी में थे। परिवार के लोगों ने सोचा कि अभी लड़के की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। थोड़ा और ठीक हो फिर पूछा जाए। 4 दिन बाद आईसीयू में भर्ती लड़के को जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया। तब कौशलेंद्र और अंकिता की तस्वीर दिखाई गई। उसने बताया कि हां ये लोग बीच वाली सीट पर बीच में ही बैठे थे। एक तरफ मेरी मां और दूसरी तरफ मेरी बुआ बैठी थीं। उसके इस जवाब से प्रतापगढ़ से गए 6 लोगों की उम्मीद को झटका लगा। लेकिन, उम्मीद नहीं टूटी और वह रेस्क्यू टीम के साथ कौशलेंद्र और अंकिता को खोजते रहे। दोनों के नंबर एक साथ बंद हुए
परिवार के लोग सिक्किम में एसपी-डीएम से लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री तक से मिले। लोकेशन निकलवाई। कौशलेंद्र और अंकिता के मोबाइल नंबर की डिटेल निकलवाई। पता चला कि रात 8 बजकर 7 मिनट पर दोनों का फोन एक साथ बंद हुआ। गाड़ी में जो जीपीएस लगा था वह भी 8 बजकर 7 मिनट पर ही बंद हो गया। अंकिता ने 8 बजे के करीब अपनी मां को फोन किया था। 30 सेकेंड की बातचीत में बताया था कि डिनर कर लिया है, अब निकल रहे हैं। अंकिता के भाई ने कहा कि उस वक्त वह गाड़ी में थी या फिर नहीं, इस बारे में बात नहीं हुई। मां की स्थिति भी नहीं कि वह बता पाएं। कौशलेंद्र के चाचा प्रमोद कहते हैं- हम घटनास्थल पर गए थे। वहां सब कुछ देखा। उसी गाड़ी में सवार 2 लोग बचे भी हैं। हो सकता है, गाड़ी किसी पत्थर से टकराई हो और गेट खुल गया हो। दोनों लोग गाड़ी से बाहर गिर गए हों। नदी में बहते हुए कहीं दूर निकल गए हों। स्थानीय लोगों को मिल गए हों और वहां इलाज चल रहा हो। बेटे की सलामती के लिए महामृत्युंजय जाप हो रहा
30 मई को सिक्किम गए परिवार से 6 लोग 10 जून को वापस आ गए हैं। 11 जून से मंदिर में 51 हजार महामृत्युंजय जाप शुरू हुआ है। 5 पुजारी इस अनुष्ठान को पूरा करवा रहे हैं। शेर बहादुर सिंह और उनकी पत्नी बेबी सिंह इस जाप में बैठे हैं। बेबी सिंह पूजा-पाठ के बीच ही रोने लग जाती हैं। आस-पास बैठी महिलाओं की भी आंखें यह सब देखकर भर आती हैं। यह अनुष्ठान 15 जून तक चलेगा। इसे पूरा करवा रहे पुजारी धर्मेंद्र शुक्ल से हमारी बात हुई। वह कहते हैं- 51 हजार महामृत्युंजय जाप का संकल्प हुआ है। सुबह 8 बजे से यह शुरू होता है और शाम 6 बजे खत्म होता है। उसके बाद आरती होती है। 12 बजे रात तक भजन चलता है। परिवार और गांव के लोग इसमें शामिल होते हैं। हम सब भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं, ताकि हमारी खुशी लौट आए। हमारे लोगों के बीच कौशलेंद्र और अंकिता वापस आ जाएं। फिलहाल पूरा परिवार इस वक्त भगवान के दरबार में बैठा है। प्रार्थना कर रहा है। सिक्किम में रेस्क्यू कर रही टीम के संपर्क में है। हर दिन का अपडेट ले रहे हैं। अंदर से एक उम्मीद है कि काश कौशलेंद्र और अंकिता घर लौट आएं। कल पढ़ें : प्रतापगढ़ से गए 6 लोगों ने 11 दिन में क्या देखा? कौशलेंद्र-अंकिता को खोजने के लिए क्या-क्या हुआ? ———————— ये खबर भी पढ़ें… सांसद चंद्रशेखर ‘खामोश’, रोहिणी बोली- जान को खतरा, कई लड़कियों के साथ गलत किया, एक्शन लूंगी यूपी के बिजनौर की नगीना सीट से सांसद पर आरोपों की बौछार करने वाली रोहिणी घावरी का कहना है कि चंद्रशेखर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही हूं। मैंने अपने वकीलों से बात की है, वो एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई कर रहे हैं। मूलरूप से इंदौर की रहने वाली रोहिणी स्विटजरलैंड में हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में सांसद चंद्रशेखर पर कई गंभीर आरोप लगाए। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर