हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन 288 साल पुरानी परंपरा तोड़ बाहर निकलेंगे:रथ, हाथी-घोड़े पर सवार होकर राम मंदिर पहुंचेंगे; 51 जगह पुष्प वर्षा

हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन 288 साल पुरानी परंपरा तोड़ बाहर निकलेंगे:रथ, हाथी-घोड़े पर सवार होकर राम मंदिर पहुंचेंगे; 51 जगह पुष्प वर्षा

अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के गद्दीनशीन 288 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए आज पहली बार धार्मिक यात्रा पर निकलेंगे। हनुमानगढ़ी से निकलकर रामलला का दर्शन करने जाएंगे। हनुमानगढ़ी का एक संविधान है कि गद्दीनशीन यानी मुख्य पुजारी 52 बीघा में फैले मंदिर परिसर से बाहर नहीं जा सकते। संविधान तोड़ते हुए पहली बार धार्मिक यात्रा पर इसलिए निकल रहे कि सपने में हनुमान जी आए। उन्होंने रामलला का दर्शन करने का आदेश दिया। इसके बाद अखाड़े के सभी सदस्यों की 21 अप्रैल को बैठक बुलाई गई। बैठक में फैसला हुआ, फिर आज हनुमानगढ़ी की 4 पट्‌टी के 4 महंत अपने प्रमुख गद्दीनशीन महंत प्रेमदास सहित सैकड़ों अनुयायियों के साथ रथ, हाथी, घोड़े पर सवार होकर निकलेंगे। अक्षय तृतीया ये जुड़ी अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉक गुजर जाइए… अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के गद्दीनशीन 288 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए आज पहली बार धार्मिक यात्रा पर निकलेंगे। हनुमानगढ़ी से निकलकर रामलला का दर्शन करने जाएंगे। हनुमानगढ़ी का एक संविधान है कि गद्दीनशीन यानी मुख्य पुजारी 52 बीघा में फैले मंदिर परिसर से बाहर नहीं जा सकते। संविधान तोड़ते हुए पहली बार धार्मिक यात्रा पर इसलिए निकल रहे कि सपने में हनुमान जी आए। उन्होंने रामलला का दर्शन करने का आदेश दिया। इसके बाद अखाड़े के सभी सदस्यों की 21 अप्रैल को बैठक बुलाई गई। बैठक में फैसला हुआ, फिर आज हनुमानगढ़ी की 4 पट्‌टी के 4 महंत अपने प्रमुख गद्दीनशीन महंत प्रेमदास सहित सैकड़ों अनुयायियों के साथ रथ, हाथी, घोड़े पर सवार होकर निकलेंगे। अक्षय तृतीया ये जुड़ी अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉक गुजर जाइए…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर