हमीरपुर के पुरुषोत्तम बने मुख्य वन संरक्षक:मध्य प्रदेश में हुई तैनाती, डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय से की पढ़ाई

हमीरपुर के पुरुषोत्तम बने मुख्य वन संरक्षक:मध्य प्रदेश में हुई तैनाती, डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय से की पढ़ाई

हिमाचस प्रदेश के हमीरपुर जिले के सठवीं ग्राम पंचायत से ताल्लुक रखने वाले पुरुषोत्तम धीमान मध्य प्रदेश के भोपाल में प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट बने हैं। बीते रोज उनका प्रमोशन हुआ है। वह पिछले लंबे समय से मध्य प्रदेश में ही फॉरेस्ट विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन हिमाचल के हमीरपुर जिले के लोगों के लिए उनकी यह तैनाती नौजवानों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। महारल सरकारी स्कूल में की मैट्रिक पुरुषोत्तम धीमान ने मैट्रिक की परीक्षा गवर्नमेंट हाई स्कूल महारल से पास की। उसके बाद बीएससी फॉरेस्ट्री डॉक्टर वाईएस परमार यूनिवर्सिटी सोलन से पास की। एमएससी करने के लिए 1992 में आईएफएस में इन्होंने ज्वाइनिंग की। उसके बाद अब मध्य प्रदेश के भोपाल में प्रधान मुख्य संरक्षक वन के पद पर प्रमोशन हुआ है। पिछड़ी पंचायत के निवासी सठवीं ग्राम पंचायत जिला की पिछड़ी पंचायत में गिनी जाती है। लेकिन जिस मुकाम पर पुरुषोत्तम ने अब खुद को पाया है, वह बेहद सराहनीय है। इसीलिए इलाके में पुरुषोत्तम की खूब प्रशंसा हो रही है। उनके भाई सुरेंद्र धीमान हमीरपुर में जल शक्ति विभाग से चीफ इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। हिमाचस प्रदेश के हमीरपुर जिले के सठवीं ग्राम पंचायत से ताल्लुक रखने वाले पुरुषोत्तम धीमान मध्य प्रदेश के भोपाल में प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट बने हैं। बीते रोज उनका प्रमोशन हुआ है। वह पिछले लंबे समय से मध्य प्रदेश में ही फॉरेस्ट विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन हिमाचल के हमीरपुर जिले के लोगों के लिए उनकी यह तैनाती नौजवानों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। महारल सरकारी स्कूल में की मैट्रिक पुरुषोत्तम धीमान ने मैट्रिक की परीक्षा गवर्नमेंट हाई स्कूल महारल से पास की। उसके बाद बीएससी फॉरेस्ट्री डॉक्टर वाईएस परमार यूनिवर्सिटी सोलन से पास की। एमएससी करने के लिए 1992 में आईएफएस में इन्होंने ज्वाइनिंग की। उसके बाद अब मध्य प्रदेश के भोपाल में प्रधान मुख्य संरक्षक वन के पद पर प्रमोशन हुआ है। पिछड़ी पंचायत के निवासी सठवीं ग्राम पंचायत जिला की पिछड़ी पंचायत में गिनी जाती है। लेकिन जिस मुकाम पर पुरुषोत्तम ने अब खुद को पाया है, वह बेहद सराहनीय है। इसीलिए इलाके में पुरुषोत्तम की खूब प्रशंसा हो रही है। उनके भाई सुरेंद्र धीमान हमीरपुर में जल शक्ति विभाग से चीफ इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।   हिमाचल | दैनिक भास्कर