जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए हमीरपुर जिले के हथोल गांव के सिपाही अरविंद सिंह का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंच गया है। अरविंद शुक्रवार को आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए थे। आज उनके घर पर ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। अरविंद का पार्थिव शरीर शनिवार शाम सेना के वाहन से पालमपुर पहुंचा था। लेकिन वहां से उसे आज सेना के वाहन से हथोल गांव लाया गया है। जहां उनके पैतृक श्मशान घाट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। गौरतलब है कि अरविंद जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ इलाके के छात्रु में शहीद हुए थे। आतंकियों से मुठभेड़ में अरविंद के अलावा एक अन्य सिपाही भी शहीद हुआ था। अरविंद की शहादत की खबर मिलते ही पैतृक गांव में मातम छा गया। परिवार के लोग और क्षेत्र के लोग अंतिम संस्कार की तैयारी में जुट हुए हैं। मुठभेड़ छात्रु इलाके में हुई किश्तवाड़ के छात्रु इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के कुल दो जवान शहीद हो गए। इसके अलावा गंभीर रूप से घायल दो अन्य जवानों को एयरलिफ्ट कर उधमपुर के कमांड अस्पताल पहुंचाया गया। दरअसल, शनिवार दोपहर तक अंदाजा लगाया जा रहा था कि अरविंद का पार्थिव शरीर तीन या चार बजे तक घर पहुंच जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उनका पार्थिव शरीर शाम करीब 5:00 बजे पालमपुर पहुंचा। इसलिए सेना के अधिकारी और अन्य जवान रात को वहीं रुके रहे। डीसी अमरजीत सिंह ने बताया कि दुख की इस घड़ी में प्रशासन और सरकार अरविंद के परिवार के साथ है। पूरा जिला प्रशासन अंतिम संस्कार में हिस्सा ले रहा है। अरविंद का छोटा भाई भी अपने भाई की शहादत की खबर मिलते ही शनिवार सुबह घर पहुंच गया। वह भी जम्मू-कश्मीर में तैनात है। जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए हमीरपुर जिले के हथोल गांव के सिपाही अरविंद सिंह का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंच गया है। अरविंद शुक्रवार को आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए थे। आज उनके घर पर ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। अरविंद का पार्थिव शरीर शनिवार शाम सेना के वाहन से पालमपुर पहुंचा था। लेकिन वहां से उसे आज सेना के वाहन से हथोल गांव लाया गया है। जहां उनके पैतृक श्मशान घाट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। गौरतलब है कि अरविंद जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ इलाके के छात्रु में शहीद हुए थे। आतंकियों से मुठभेड़ में अरविंद के अलावा एक अन्य सिपाही भी शहीद हुआ था। अरविंद की शहादत की खबर मिलते ही पैतृक गांव में मातम छा गया। परिवार के लोग और क्षेत्र के लोग अंतिम संस्कार की तैयारी में जुट हुए हैं। मुठभेड़ छात्रु इलाके में हुई किश्तवाड़ के छात्रु इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के कुल दो जवान शहीद हो गए। इसके अलावा गंभीर रूप से घायल दो अन्य जवानों को एयरलिफ्ट कर उधमपुर के कमांड अस्पताल पहुंचाया गया। दरअसल, शनिवार दोपहर तक अंदाजा लगाया जा रहा था कि अरविंद का पार्थिव शरीर तीन या चार बजे तक घर पहुंच जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उनका पार्थिव शरीर शाम करीब 5:00 बजे पालमपुर पहुंचा। इसलिए सेना के अधिकारी और अन्य जवान रात को वहीं रुके रहे। डीसी अमरजीत सिंह ने बताया कि दुख की इस घड़ी में प्रशासन और सरकार अरविंद के परिवार के साथ है। पूरा जिला प्रशासन अंतिम संस्कार में हिस्सा ले रहा है। अरविंद का छोटा भाई भी अपने भाई की शहादत की खबर मिलते ही शनिवार सुबह घर पहुंच गया। वह भी जम्मू-कश्मीर में तैनात है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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नेहा दीक्षित का जन्म हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के उपमंडल ठियोग के क्यारकोटी में एक साधारण परिवार में हुआ है। पिता डेयरी का काम करते है और मां गृहणी है। नेहा की शुरुआती शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से हुई है, उन्होंने संगीत की शिक्षा नहीं ली। सबसे पहले उन्होंने स्कूल टूर्नामेंट में गाना शुरू किया, शुरुआत में उनके माता पिता उनके संगीत के पक्ष में नहीं थे लेकिन शिक्षकों के कहने पर उन्होंने अनुमति दी। वहीं से उनके संगीत का सफर शुरू हुआ। 2015 में प्रोफेशनल संगीत की शुरुआत
नेहा ने साल 2015 में शिमला में स्थित राजकीय कन्या महाविद्यालय (RKMV) में ग्रेजुएशन के लिए दाखिला लिया और यहीं से उनके संगीत के प्रोफेशन में सफर की शुरुआत हुई। यहां उन्होंने कॉलेज प्रोफेसर गोपाल भारद्वाज से संगीत के गुण सिखे और इसके बाद संगीत की विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया। वॉइस ऑफ शिमला की विजेता हैं नेहा
नेहा दीक्षित शिमला के अंतरराष्ट्रीय समर फेस्टिवल 2024 में पहली बार अयोजित की गई वॉइस ऑफ शिमला प्रतियोगिता का खिताब भी अपने नाम कर चुकी हैं। फिलहाल नेहा संगीत के प्रोफेसर डॉक्टर टिंकू कॉल से संगीत की शिक्षा ले रही हैं।
हिमाचल में राजभवन के पास लेपर्ड कैट:तेंदुए का शावक बताकर वायरल किया जा रहा VIDEO; DFO शिमला ने की पुष्टि, लोगों में हड़कंप
हिमाचल में राजभवन के पास लेपर्ड कैट:तेंदुए का शावक बताकर वायरल किया जा रहा VIDEO; DFO शिमला ने की पुष्टि, लोगों में हड़कंप हिमाचल की राजधानी शिमला स्थित राजभवन से कुछ दूरी पर एक तेंदुआ बिल्ली (लेपर्ड कैट) का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया में इसे लेकर तेदुएं का शावक बताकर वायरल किया जा रहा है। हालांकि वीडियो में तेंदुआ बिल्ली है, जो कि रात के अंधेरे में गाड़ी देखकर सड़क पर दौड़ती हुई नजर आ रही है। इसकी पुष्टि DFO शिमला शहरी अनिता भारद्वाज ने की है। सूचना के अनुसार, यह वीडियो शुक्रवार देर रात का है। गाड़ी में राजभवन से गुजर रहे किसी व्यक्ति ने तेंदुआ बिल्ली का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। देखने में यह तेंदुए जैसा लग रही है। राजभवन के आसपास पहले भी देखा जा चुका तेंदुआ राजभवन के आसपास पहले भी कई बार तेंदुआ देखा जा चुका है। इससे शिमला के रिहायशी इलाके में तेंदुए की खबर सुनकर लोग दहशत में आ गए, क्योंकि राजभवन के आसपास नव बहार चौक और मच्छी वाली कोठी साइड से लगी काफी बस्तियां है। 2 मासूमो को पहले शिकार बना चुके तेंदुएं शिमला में 17 ग्रीन बेल्ट है। इनमें तेंदुआ दिखना आम बात हो गई है। बीते कुछ सालों के दौरान तेंदुआ तीन-चार सालों के दौरान तेंदुए 2 मासूम बच्चों को अपना शिकार बना चुके है। लोगों के पालतू और आवारा कुत्तों पर तेंदुए के हमले आम बात हो गए हैं। क्या होती है लेपर्ड कैट तेंदुआ बिल्ली एक छोटी जंगली बिल्ली है। यह देखने में तेंदुए जैसी नजर आती है। तेंदुआ बिल्ली तेंदुए जैसी खरतनाक नहीं होती और न ही आकार में तेंदुए जैसी बड़ी होती है। तेंदुआ बिल्ली लोगों पर भी हमला नहीं करती। हालांकि यह छोटे कुत्तों को अपना शिकार बना देती है। इसके पैर लंबे होते हैं और इसके पंजों के बीच जाल होते हैं। इसके छोटे सिर पर दो प्रमुख गहरे रंग की धारियां और एक छोटा और संकीर्ण सफ़ेद थूथन होता है। आंखों से कानों तक 2 गहरे रंग की धारियां और आंखों से नाक तक छोटी सफ़ेद धारी होती हैं। यह तेंदुए की ही एक प्रजाति मानी जाती है।