हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर लोकसभा सीट पर मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। इसके बाद दोपहर 1 बजे तक हार-जीत की स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है। सबसे पहले गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल हमीरपुर में रिटर्निंग ऑफिसर की मौजूदगी में सर्विस और पोस्टल बैलेट की गणना होगी। इसकी गणना पूरी होते ही पहला चुनावी रुझान सुबह 9 बजे तक आ जाएगा। इसके बाद EVM में मतगणना शुरू होगी। इस सीट के अधीन 17 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें हमीरपुर, नादौन, सुजानपुर, बड़सर, भोरंज, गगरेट, चिंतपूर्णी, ऊना, कुटलैहड़, हरौली, बिलासपुर, घुमारवीं, श्री नयना देवी, झंडुता, धर्मपुर, देहरा और जसवां-परागपुर शामिल हैं। मतगणना के लिए 12 लोकेशन पर 19 काउंटिंग सेंटर बनाए गए हैं। इनमें 500 से अधिक कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इस सीट पर भाजपा के अनुराग ठाकुर और कांग्रेस के सतपाल रायजादा के बीच मुख्य मुकाबला है। यहां कुल 12 दावेदार चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर इस बार 71.56 प्रतिशत वोटिंग हुई है। हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर लोकसभा सीट पर मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। इसके बाद दोपहर 1 बजे तक हार-जीत की स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है। सबसे पहले गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल हमीरपुर में रिटर्निंग ऑफिसर की मौजूदगी में सर्विस और पोस्टल बैलेट की गणना होगी। इसकी गणना पूरी होते ही पहला चुनावी रुझान सुबह 9 बजे तक आ जाएगा। इसके बाद EVM में मतगणना शुरू होगी। इस सीट के अधीन 17 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें हमीरपुर, नादौन, सुजानपुर, बड़सर, भोरंज, गगरेट, चिंतपूर्णी, ऊना, कुटलैहड़, हरौली, बिलासपुर, घुमारवीं, श्री नयना देवी, झंडुता, धर्मपुर, देहरा और जसवां-परागपुर शामिल हैं। मतगणना के लिए 12 लोकेशन पर 19 काउंटिंग सेंटर बनाए गए हैं। इनमें 500 से अधिक कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इस सीट पर भाजपा के अनुराग ठाकुर और कांग्रेस के सतपाल रायजादा के बीच मुख्य मुकाबला है। यहां कुल 12 दावेदार चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर इस बार 71.56 प्रतिशत वोटिंग हुई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल की राजधानी से कटा अपर शिमला-किन्नौर:300 से ज्यादा गाड़ियां फंसी; पुलिस ने 100 वाहनों को बचाया; किसान-बागवान समेत पर्यटन कारोबारियों में उत्साह
हिमाचल की राजधानी से कटा अपर शिमला-किन्नौर:300 से ज्यादा गाड़ियां फंसी; पुलिस ने 100 वाहनों को बचाया; किसान-बागवान समेत पर्यटन कारोबारियों में उत्साह हिमाचल प्रदेश में ताजा हिमपात के बाद अप्पर शिमला और किन्नौर जिला पूरी तरह राजधानी से कट चुका है। शिमला-नारकंडा नेशनल हाईवे, ठियोग-रोहड़ू एनएच और ठियोग-चौपाल हाईवे समेत 90 से ज्यादा सड़कें वाहनों के लिए बंद हो गई है। बर्फबारी के बाद इन सड़कों के किनारे 300 से ज्यादा बसें और छोटे वाहन जगह-जगह फंसे हुए हैं। कुफरी में शिमला पुलिस ने सुबह से 100 से ज्यादा वाहनों और इनमें फंसे लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर दिया है। मगर बर्फबारी जारी रहने से सड़कों पर चार से पांच इंच तक की मोटी बर्फ की परत बिछ चुकी है। इसमें वाहनों को निकालना मुश्किल हो गया है। टूरिस्ट और लोकल को सरकार की एडवाइजरी बर्फबारी को देखते हुए सरकार ने लोकल समेत टूरिस्टों को भी एडवाइज़री जारी की है। लोगों को अधिक ऊंचे क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि सड़कों पर बर्फ जमने से फिसलन काफी ज्यादा बढ़ गई है। इससे जगह जगह गाड़ियां फिसल रही है। शिमला-किन्नौर NH कुफरी-नारकंडा में बंद शिमला-रामपुर-किन्नौर एनएच छराबड़ा से फागू के बीच पूरी तरह बंद हो गया है। ठियोग-रोहड़ू नैशनल हाइवे भी खड़ापत्थर और ठियोग-चौपाल हाईवे भी चौपाल के खिड़की में बंद हो गया है। इसे देखते हुए शिमला से भी अप्पर शिमला और किन्नौर के लिए बसे नहीं भेजी जा रही। जो बसें सुबह के वक्त शिमला से भेजी गई थी, वह भी जगह जगह फंस गई है। बर्फबारी के बाद अकेले शिमला जिला में 100 से ज्यादा रूटों पर बस सेवा बाधित हुई है। बर्फ की वजह से विभिन्न रूटों पर आज बसे नहीं भेजी जा सकी। इससे लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है। किसान-बागवान और पर्यटन कारोबारियों के चेहरे खिल उठे मौसम विभाग के अनुसार, आज और कल भी बर्फबारी का दौर जारी रह सकता है। पहाड़ों पर गिरी बर्फ देखकर किसान-बागवान और पर्यटन कारोबारियों के चेहरे खिल उठे है, क्योंकि प्रदेश में तीन महीने से सूखे जैसी स्थिति बनी हुई है।
हिमाचल में एडवेंचर एक्टिविटी तरह रोक:15 जुलाई से 15 सितंबर तक नहीं होगी इजाजत; मानसून के खतरे को देखते हुए निर्णय
हिमाचल में एडवेंचर एक्टिविटी तरह रोक:15 जुलाई से 15 सितंबर तक नहीं होगी इजाजत; मानसून के खतरे को देखते हुए निर्णय हिमाचल प्रदेश में मानसून के खतरों को देखते हुए साहसिक गतिविधियों (एडवेंचर एक्टिविटी) पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। सरकार के आदेशानुसार, 15 जुलाई से पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, वाटर स्पोर्ट्स और विविध साहसिक गतिविधियों की इजाजत नहीं होगी। इन साहसिक गतिविधियों के न केवल देश बल्कि विदेशों से भी लोग पहाड़ों पर पहुंचते हैं। मगर पहाड़ों पर बरसात में जोखिम कई गुणा बढ़ जाता है। लैंड स्लाइड और धुंध में हर की वजह से हर वक्त रास्ता भटकने का भय रहता है। इसी तरह नदियों में बरसात के दौरान जल स्तर कई गुणा बढ़ जाता है। ऐसे में रिवर राफ्टिंग की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसे देखते हुए सरकार ने अगले दो महीने के लिए यानी 15 सितंबर तक रोक लगा दी है। यह रोक हर साल साहसिक गतिविधियों पर रोक लगाती है। साहसिक गतिविधियों पर रोक के साथ ही पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग ने चोरी-छिपे पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, वाटर स्पोर्ट्स व ट्रेकिंग करने वालों पर नजर रखने के निर्देश दिए है। साहसिक गतिविधियों पर रोक: मनोज डिप्टी डायरेक्टर पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग मंडी मनोज कुमार ने बताया कि पर्यटन विकास और रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत साहसिक गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। इस अवधि में किसी को भी इन गतिविधियों की इजाजत नहीं दी जाएगी, क्योंकि ऐसा करना जोखिमभरा हो सकता है। उन्होंने बताया कि यदि कोई भी व्यक्ति अवैध और अनधिकृत साहसिक गतिविधियों के आयोजन में शामिल पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कानून के प्रावधान के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। कहां क्या गतिविधि होती है? हिमाचल की विभिन्न नदियों में रिवर राफ्टिंग, कांगड़ा, शिमला, मंडी, बिलासपुर और कुल्लू जिला में पैराग्लाइडिंग, किन्नौर, लाहौल स्पीति, कुल्लू, कांगड़ा, चंबा और मंडी जिला में ट्रेकिंग होती है। मगर अब इसके लिए दो महीने का इंतजार करना होगा।
पूरे हिमाचल में मानसून की एंट्री आज:7 जिलों में कल दस्तक दे चुका; शुरुआत में ही कमजोर पड़ने लगा, ऑरेंज की जगह अब येलो-अलर्ट
पूरे हिमाचल में मानसून की एंट्री आज:7 जिलों में कल दस्तक दे चुका; शुरुआत में ही कमजोर पड़ने लगा, ऑरेंज की जगह अब येलो-अलर्ट हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में मानसून पिछले कल दस्तक दे चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, आज सभी 12 जिलों में इसकी मानसून पहुंच सकता है। मगर एंट्री के साथ ही मानसून कमजोर पड़ने लगा है। हालांकि ऊना के भरवाई और शिमला में मानसून ने धमाकेदार एंट्री की है। भरवाई में बीते 24 घंटे के दौरान 70 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। शिमला में भी रात 10 बजे से तीन घंटे तक निरंतर तेज बारिश हुई। वहीं सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, मंडी व हमीरपुर में भी हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग (IMD) की माने तो अगले छह यानी 3 जुलाई तक प्रदेशभर में बारिश के आसार है। इसे देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि दो दिन पहले IMD ने 29 व 30 जून को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। मगर अब भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट हटाकर येलो अलर्ट दिया गया है। शिमला समेत प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में आज सुबह से ही मौसम साफ बना हुआ है। छह दिन येलो अलर्ट मौसम विभाग ने आज से अगले छह दिन के लिए किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य 10 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। आज बारिश के साथ-साथ कुछ जगहों पर 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का भी पूर्वानुमान हैं। IMD की माने तो, पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने की वजह से ऑरेंज की जगह अब येलो अलर्ट की चेतावनी दी गई है। शिमला में मूसलाधार बारिश IMD के अनुसार, बीते 24 घंटे के दौरान ऊना के भरवाई में 70 MM, अंब में 42 MM, मंडी के जोगेंद्रनगर में 7.2 MM, पालमपुर में 19.3 MM बारिश और सोलन, सिरमौर व हमीरपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में भी 2 से 15 MM तक बारिश हुई है। शिमला भी रात तीन घंटे तक मूसलाधार बारिश से रास्ते व सड़कें पानी से लबालब हो गई। कई शहरों का पारा 9 डिग्री तक लुढ़का प्रदेश में मानसून की एंट्री के साथ ही तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। ऊना जिला तापमान 39.2 डिग्री से कम होकर 33.8 डिग्री सेल्सियस रह गया है। बिलासपुर के तापमान में सबसे ज्यादा 8.8 डिग्री की कमी गिरावट आई है। इसके बाद बिलासपुर का पारा 38.3 डिग्री से कम होकर 29.5 डिग्री रह गया है। हमीरपुर के तापमान में भी 7.1 डिग्री की कमी आई है। हमीरपुर का पारा 36.6 डिग्री से कम होकर 29.5 डिग्री रह गया है। शिमला का पारा 23.2 डिग्री, धर्मशाला 30 डिग्री, नाहन 33.3 डिग्री, सोलन 27.5 डिग्री, मनाली 25.8 डिग्री, मंडी 30.8 डिग्री, बिलासपुर 29.5 डिग्री, कुफरी 19.6 डिग्री, रिकांगपियो 29.6 डिग्री, सियोबाग 29.1 डिग्री और नारकंडा का अधिकतम तापमान 23.7 डिग्री सेल्सियस रह गया है। दो दिन देरी से आया मानसून IMD की माने तो हिमाचल में अगले छह दिनों तक निरंतर बारिश होगी। इसे देखते हुए 1 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया गया है। अमूमन 22 से 25 जून के बीच मानसून दस्तक देता है। प्रदेश में इस बार नॉर्मल डेट से दो दिन देरी से मानसून पहुंचा है। साल 2002 में 4 जुलाई को पहुंचा मानसून प्रदेश में पहले भी कई बार मानसून देरी से आया है। साल 2002 में चार जुलाई को सबसे देरी से मानसून हिमाचल आया था। बीते साल की बात करें तो 24 जून को मानसून हिमाचल पहुंचा है। साल 2019, 2017 में भी जुलाई महीने में मानसून ने दस्तक दी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि आमतौर पर प्रदेश में मानसून 22 से 25 जून के बीच पहुंचता है। इस बार मई माह में ‘रेमल’ चक्रवात के कारण थोड़ी देरी हुई है। उन्होंने बताया कि हिंद महासागर और अरब सागर से चलने वाली हवाओं का दबाव भी नहीं बन पाया। इस कारण मानसून बीच में ही रुक गया था। पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों को एडवाइजरी हिमाचल में बारिश के येलो अलर्ट को देखते हुे मौसम विभाग ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को भी अधिक ऊंचाई वाले, लैंड स्लाइड संभावित क्षेत्रों और नदी-नालों के आसपास नहीं जाने की एडवाइजरी जारी की है। कई शहरों में प्री-मानसून की बौछारें प्रदेश के कई क्षेत्रों में प्री-मानसून की बारिश बीते तीन दिन से हो रही है। इससे प्रदेशवासियों ने भीषम गर्मी से राहत की सांस जरूर ली है। मगर ऊना सहित दूसरे शहरों का तापमान अभी भी नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। जाने कब जारी होता है येलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट IMD के मुताबिक, 24 घंटे में 0-64 मिलीमीटर (MM) बारिश का पूर्वानुमान होने पर येलो अलर्ट जारी किया जाता है, जबकि 65 से 114 MM बारिश होने पर ऑरेंज अलर्ट और 115 MM से ज्यादा बारिश 24 घंटे में होने के पूर्वानुमान पर रेड अलर्ट जारी किया जाता है।