हरियाणा के एग्जिट पोल में कांग्रेस को भले ही बहुमत मिल रहा हो लेकिन बहुमत के लिए जरूरी 46 से ज्यादा सीटें जीतने के लिए पार्टी को 40% वोट शेयर भी लेना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस ने जब 2005 में पूरी बहुमत की सरकार बनाई तो उसे 46 सीटें जीतने के बावजूद 42.46% ही वोट शेयर मिला था। 2009 में जब कांग्रेस को 35.08% वोट शेयर मिला तो वह बहुमत से चूक गई और 40 सीटों पर सिमट गई। जिसके बाद निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बनानी पड़ी। पिछले 4 चुनाव का ट्रेंड देखें तो कांग्रेस की सीटें तभी बढ़ी हैं, जब उनका वोट शेयर बढ़ा है। एक्सिस माय इंडिया के चेयरमैन प्रदीप गुप्ता के मुताबिक कांग्रेस का वोट शेयर इस साल तकरीबन 15 फीसदी बढ़ने का अनुमान है, जो 43 फीसदी तक पहुंच सकता है। वहीं, भाजपा का वोट शेयर 35 फीसदी के करीब रहने का अनुमान है। भाजपा ने 2014 में बनाई पूर्ण बहुमत की सरकार
2019 में भाजपा का वोट शेयर 36.49 फीसदी रहा था। पार्टी पूर्ण बहुमत पाने में असफल रही थी। जेजेपी के सहयोग से सरकार बनानी पड़ी थी। 2014 में भाजपा का वोट शेयर इससे भी कम था। 33.20 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन 47 जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। जजपा के वोटर कांग्रेस और इनेलो में बंटे
2019 में जजपा किंग मेकर रही, लेकिन इस बार के एग्जिट पोल में उसका सफाया होता दिख रहा है। एग्जिट पोल में जजपा 1 सीट पर मजबूत दिख रही है, लेकिन जीत वहां भी पक्की नहीं है। 2019 के चुनाव में जजपा को करीब 14.9 फीसदी वोट मिले थे। चर्चा है कि इस बार ये वोट कांग्रेस और इनेलो में शिफ्ट हुआ है। जजपा के कमजोर होने का फायदा इनेलो को होता दिख रहा है। इनेलो पिछले विधानसभा चुनाव में 1 सीट पर सिमटी थी, इस बार उसे 1 से 5 सीटें मिलती दिख रही हैं। 2019 में इनेलो को 2.5 और बसपा को 4.2 फीसदी वोट मिले थे। लेकिन इस बार इनेलो-बसपा गठबंधन को इससे अधिक वोट शेयर मिलने का अनुमान है। हरियाणा के एग्जिट पोल में कांग्रेस को भले ही बहुमत मिल रहा हो लेकिन बहुमत के लिए जरूरी 46 से ज्यादा सीटें जीतने के लिए पार्टी को 40% वोट शेयर भी लेना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस ने जब 2005 में पूरी बहुमत की सरकार बनाई तो उसे 46 सीटें जीतने के बावजूद 42.46% ही वोट शेयर मिला था। 2009 में जब कांग्रेस को 35.08% वोट शेयर मिला तो वह बहुमत से चूक गई और 40 सीटों पर सिमट गई। जिसके बाद निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बनानी पड़ी। पिछले 4 चुनाव का ट्रेंड देखें तो कांग्रेस की सीटें तभी बढ़ी हैं, जब उनका वोट शेयर बढ़ा है। एक्सिस माय इंडिया के चेयरमैन प्रदीप गुप्ता के मुताबिक कांग्रेस का वोट शेयर इस साल तकरीबन 15 फीसदी बढ़ने का अनुमान है, जो 43 फीसदी तक पहुंच सकता है। वहीं, भाजपा का वोट शेयर 35 फीसदी के करीब रहने का अनुमान है। भाजपा ने 2014 में बनाई पूर्ण बहुमत की सरकार
2019 में भाजपा का वोट शेयर 36.49 फीसदी रहा था। पार्टी पूर्ण बहुमत पाने में असफल रही थी। जेजेपी के सहयोग से सरकार बनानी पड़ी थी। 2014 में भाजपा का वोट शेयर इससे भी कम था। 33.20 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन 47 जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। जजपा के वोटर कांग्रेस और इनेलो में बंटे
2019 में जजपा किंग मेकर रही, लेकिन इस बार के एग्जिट पोल में उसका सफाया होता दिख रहा है। एग्जिट पोल में जजपा 1 सीट पर मजबूत दिख रही है, लेकिन जीत वहां भी पक्की नहीं है। 2019 के चुनाव में जजपा को करीब 14.9 फीसदी वोट मिले थे। चर्चा है कि इस बार ये वोट कांग्रेस और इनेलो में शिफ्ट हुआ है। जजपा के कमजोर होने का फायदा इनेलो को होता दिख रहा है। इनेलो पिछले विधानसभा चुनाव में 1 सीट पर सिमटी थी, इस बार उसे 1 से 5 सीटें मिलती दिख रही हैं। 2019 में इनेलो को 2.5 और बसपा को 4.2 फीसदी वोट मिले थे। लेकिन इस बार इनेलो-बसपा गठबंधन को इससे अधिक वोट शेयर मिलने का अनुमान है। हरियाणा | दैनिक भास्कर