हरियाणा के सोनीपत में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र पंवार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला आने के 24 घंटे बाद भी जेल से रिहा नहीं हो सके हैं। बताया जा रहा है कि जज द्वारा ED केस खत्म करने का ऑर्डर अभी जारी नहीं हुआ है। मंगलवार को वकील दिन भर कोर्ट से ऑर्डर निकलवाने में लगे रहे। पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने कहा कि कोर्ट केस को रद्द कर चुकी है। अब फैसले की प्रोसेसिंग में समय लग रहा है। वे फिलहाल नहीं बता सकते कि पंवार कब तक जेल से रिहा होंगे। बता दें कि एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने सोनीपत के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को 20 अगस्त को अवैध माइनिंग और मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही वे जेल में है। सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई सुनवाई हुई। इसमें जज महावीर सिंह सिंधु ने सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन पर दर्ज केस को रद कर दिया था। उम्मीद थी कि सुरेंद्रपंवार मंगलवार सुबह तक जेल से रिहा हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पंवार के वकील ने ये दी जानकारी सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने मंगलवार शाम को भास्कर रिपोर्टर से बातचीत में कहा कि अभी सुरेंद्र पंवार को रिहा नहीं किया जा सका है। कोर्ट ने केस को रद कर दिया है, लेकिन अभी पंवार की रिहाई के ऑर्डर अपलोड नहीं हुए हैं। इसको लेकर प्रोसेसिंग चल रही है। फैसला लिखने के बाद जज के साइन होंगे, इसके बाद आदेश जारी होंगे। सुरेंद्र पंवार कब तक जेल से बाहर होंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तक ऑर्डर उनके हाथ नहीं आ जाते, तब तक वे कुछ नहीं कह सकते। वकील बोले- कोई अड़चन नहीं किसी तरह की अड़चन के सवाल पर मुकेश पन्नालाल ने कहा कि कोई अड़चन नहीं है, कोर्ट में प्रोसेसिंग जारी है, इसमें कई बार समय लग जाता है। हाईकोर्ट में मामले को लेकर 3 से 4 दिन तक बहस हुई। 16 सितंबर को बहस पूरी हुई थी। इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसले के लिए 23 सितंबर की तारीख तय की गई थी। इस पर सोमवार को महावीर सिंह संधू की कोर्ट ने केस रद्द करने का फैसला सुनाया था। 3 महीने से अंबाला जेल में बंद हैं पंवार सुरेंद्र पंवार को ED ने 20 जुलाई काे गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह अंबाला जेल में हैं। सुरेंद्र पंवार 2019 में कांग्रेस की टिकट पर सोनीपत से विधायक बने थे। अब कांग्रेस ने उनको दोबारा से टिकट दी है। सुरेंद्र पंवार ने कांग्रेस की टिकट मिलने के बाद 12 सितंबर को सोनीपत में पुलिस कस्टडी में ही नामांकन किया था। पंवार के बाहर आने से रोचक होगा मुकाबला भाजपा ने सोनीपत में कांग्रेस के बागी नगर निगम के मेयर निखिल मदान को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी यहां अभी गुटबाजी का सामना कर रहे हैं। वहीं सुरेंद्र पंवार के जेल में होने की वजह से उनका चुनाव प्रचार भी यहां प्रभावित हो रहा था। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी पुत्रवधू समीक्षा पंवार ही मैदान में डटी हुई थी। सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी भी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में पहुंचे हुए थे, लेकिन इन सबके बावजूद सुरेंद्र पंवार की कमी यहां खल रही है। हरियाणा के सोनीपत में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र पंवार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला आने के 24 घंटे बाद भी जेल से रिहा नहीं हो सके हैं। बताया जा रहा है कि जज द्वारा ED केस खत्म करने का ऑर्डर अभी जारी नहीं हुआ है। मंगलवार को वकील दिन भर कोर्ट से ऑर्डर निकलवाने में लगे रहे। पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने कहा कि कोर्ट केस को रद्द कर चुकी है। अब फैसले की प्रोसेसिंग में समय लग रहा है। वे फिलहाल नहीं बता सकते कि पंवार कब तक जेल से रिहा होंगे। बता दें कि एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने सोनीपत के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को 20 अगस्त को अवैध माइनिंग और मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही वे जेल में है। सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई सुनवाई हुई। इसमें जज महावीर सिंह सिंधु ने सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन पर दर्ज केस को रद कर दिया था। उम्मीद थी कि सुरेंद्रपंवार मंगलवार सुबह तक जेल से रिहा हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पंवार के वकील ने ये दी जानकारी सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने मंगलवार शाम को भास्कर रिपोर्टर से बातचीत में कहा कि अभी सुरेंद्र पंवार को रिहा नहीं किया जा सका है। कोर्ट ने केस को रद कर दिया है, लेकिन अभी पंवार की रिहाई के ऑर्डर अपलोड नहीं हुए हैं। इसको लेकर प्रोसेसिंग चल रही है। फैसला लिखने के बाद जज के साइन होंगे, इसके बाद आदेश जारी होंगे। सुरेंद्र पंवार कब तक जेल से बाहर होंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तक ऑर्डर उनके हाथ नहीं आ जाते, तब तक वे कुछ नहीं कह सकते। वकील बोले- कोई अड़चन नहीं किसी तरह की अड़चन के सवाल पर मुकेश पन्नालाल ने कहा कि कोई अड़चन नहीं है, कोर्ट में प्रोसेसिंग जारी है, इसमें कई बार समय लग जाता है। हाईकोर्ट में मामले को लेकर 3 से 4 दिन तक बहस हुई। 16 सितंबर को बहस पूरी हुई थी। इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसले के लिए 23 सितंबर की तारीख तय की गई थी। इस पर सोमवार को महावीर सिंह संधू की कोर्ट ने केस रद्द करने का फैसला सुनाया था। 3 महीने से अंबाला जेल में बंद हैं पंवार सुरेंद्र पंवार को ED ने 20 जुलाई काे गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह अंबाला जेल में हैं। सुरेंद्र पंवार 2019 में कांग्रेस की टिकट पर सोनीपत से विधायक बने थे। अब कांग्रेस ने उनको दोबारा से टिकट दी है। सुरेंद्र पंवार ने कांग्रेस की टिकट मिलने के बाद 12 सितंबर को सोनीपत में पुलिस कस्टडी में ही नामांकन किया था। पंवार के बाहर आने से रोचक होगा मुकाबला भाजपा ने सोनीपत में कांग्रेस के बागी नगर निगम के मेयर निखिल मदान को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी यहां अभी गुटबाजी का सामना कर रहे हैं। वहीं सुरेंद्र पंवार के जेल में होने की वजह से उनका चुनाव प्रचार भी यहां प्रभावित हो रहा था। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी पुत्रवधू समीक्षा पंवार ही मैदान में डटी हुई थी। सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी भी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में पहुंचे हुए थे, लेकिन इन सबके बावजूद सुरेंद्र पंवार की कमी यहां खल रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में घर से वोट की ECI ने उम्र बढ़ाई:85+ एज के 2.5 लाख वोटर; तैयारियों पर मुहर लगाई, कभी भी डेट का ऐलान हरियाणा विधानसभा चुनाव को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) की टीम ने चंडीगढ़ दौरे के दौरान कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई। राजनीतिक दलों की मांग को देखते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने घर से वोट करने वाले बुजुर्गों के लिए 5 साल उम्र बढ़ाने का फैसला किया। हरियाणा में यह पहली बार होगा कि सूबे के 85+ एज के सीनियर सिटीजन घर से वोट डाल सकेंगे। इसके अलावा 40% बेंचमार्क विकलांगता वाले PwD को वोट देने का विकल्प दिया जाएगा। इसके अलावा यदि कोई वोटर शारीरिक रूप से वोट डालने के लिए सक्षम नहीं है तो उसके लिए वोटिंग के लिए जरूरी सुविधाएं दी जाएंगी। दो दिन चंडीगढ़ में चली मीटिंग के दौरान आयोग की टीम ने हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर अपनी मुहर लगाई। साथ ही यह संकेत भी दिए कि अब कभी भी चुनाव की डेट का ऐलान हो जाएगा। 27 अगस्त को पब्लिश होगी लास्ट वोटर लिस्ट मीटिंग में तय किया गया कि हरियाणा की लास्ट वोटर लिस्ट 27 अगस्त 2024 को पब्लिश की जाएगी, जिसकी एक प्रति सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को फ्री में दी जाएगी। आयोग ने मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद और पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के साथ भी बैठक की। उन्होंने डीजीपी को पुलिस के द्वारा पूरी चुनाव तैयारियों और कानून-व्यवस्था मामलों की समीक्षा करने के निर्देश दिए। इस दौरान हरियाणा सीईओ पंकज अग्रवाल के साथ डीईओ और एसपी ने आयोग के समक्ष विस्तृत प्रस्तुति दी। हरियाणा में 95 लाख महिला वोटर सीईओ हरियाणा ने मीटिंग में बताया कि 2 अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट इलेक्टोरल के अनुसार राज्य में चल रहे दूसरे एसएसआर के दौरान कुल 2.01 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं। इसमें 1.06 करोड़ पुरुष, 0.95 करोड़ महिला मतदाता हैं। 4.52 लाख से अधिक पहली बार मतदाता (18-19 वर्ष) वोट करेंगे। राज्य में 2.55 लाख 85+ वरिष्ठ नागरिक और 1.5 लाख PwD मतदाता पंजीकृत हैं। 10,000 से अधिक मतदाता 100 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। ये राजनीतिक दल मीटिंग में पहुंचे चुनाव आयोग की टीम में चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू भी शामिल हैं। वे सोमवार को चंडीगढ़ पहुंचे थे। चुनाव तैयारियों की समीक्षा के दौरान के दौरान चुनाव आयोग की टीम ने आम आदमी पार्टी (AAP), भाजपा, सीपीआई (M), कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) और जननायक जनता पार्टी (JJP) जैसे राष्ट्रीय और राज्य दलों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। राजनीतिक दलों ने उठाए ये 8 मुद्दे 1. सरकार के दुरुपयोग के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग 2. संवेदनशील मतदान केंद्रों पर पर्याप्त केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग 3. मतदाता सूची से मृत एवं स्थानांतरित मतदाताओं को हटाए जाने की मांग 4. मतदान केंद्रों के संबंध में बीच की दूरी कम करने का अनुरोध किया गया 5. मतदान केंद्रों और बुजुर्गों और महिला मतदाताओं के लिए सुविधाओं में सुधार 6. शहरी क्षेत्रों में मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार से मीटर से 50 मीटर तक की जाए 6. चुनाव पर्यवेक्षकों के समय पर न पहुंच पाने को लेकर भी चिंता जताई गई 7. वोटिंग के लिए घर जाने से पहले राजनीतिक दलों को सूचना दी जाए 8. उम्मीदवारों के लिए व्यय सीमा में वृद्धि का भी अनुरोध किया
अमित शाह आज हरियाणा में:लोकसभा में 5 सीटें हारी भाजपा; 46 विधानसभा सीटों पर पिछड़ी, 11% वोट शेयर गंवाया, हैट्रिक की चुनौती
अमित शाह आज हरियाणा में:लोकसभा में 5 सीटें हारी भाजपा; 46 विधानसभा सीटों पर पिछड़ी, 11% वोट शेयर गंवाया, हैट्रिक की चुनौती केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज हरियाणा दौरे पर हैं। वह पचंकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में सुबह 11 बजे बैठक करेंगे। इसमें करीब 4500 कार्यकर्ताओं हिस्सा लेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री नायब सैनी, केंद्रीय मंत्री एवं चुनाव प्रभारी धमेंद्र प्रधान, सह प्रभारी बिप्लब कुमार देब, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल भी शामिल होंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। साथ ही वह लोकसभा चुनाव में हरियाणा की स्थिति पर भी चर्चा करेंगे। चुनाव में हरियाणा में भाजपा सिर्फ 5 लोकसभा सीट ही जीत पाई थी। 90 विधानसभाओं में भाजपा 42 सीटों पर ही आगे रही। भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं, जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है। भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले वोट प्रतिशत को मजबूत करना चाहती है। दूसरे सत्र में कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे शाह कार्यकर्ताओं से बैठक करने के बाद अमित शाह 1 बजे से शाम 5 बजे तक विस्तृत प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होंगे। इसमें हर विधानसभा क्षेत्र से 50-50 कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया है। इनमें जिला अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष, मोर्चा के जिला अध्यक्ष, विभागों के संयोजक, सह संयोजक, सांसद, विधायक, पूर्व सांसद एवं पूर्व विधायक, चेयरमैन, पूर्व चेयरमैन, एमसी, बीडीसी सदस्य, 2014, 2019 और 2024 में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी भी शामिल होंगे। बैठक में मुख्यमंत्री से लेकर मंडल अध्यक्ष तक वर्करों की एंट्री पहचान पत्र से होगी। इस पहचान पत्र पर सबका अलग सीरियल नंबर होगा। इसमें नाम, विधानसभा और पद लिखा होगा। इन कारणों से भाजपा हरियाणा में 5 सीटें हारी… 1. सत्ता विरोधी लहर राज्य में 10 साल से सत्तारूढ़ भाजपा की सरकार के प्रति लोगों में जबरदस्त एंटी इनकंबेंसी है, ये लोकसभा चुनाव नतीजों ने साबित कर दिया। जनता अपनी नाराजगी जगह-जगह खुलकर जाहिर भी करती रही लेकिन राज्य इकाई के नेता बिल्ली को देखकर आंखें बंद कर लेने वाले कबूतर की तरह उसकी अनदेखी करते रहे। ऐसे में जैसे ही मौका मिला, पब्लिक ने वोटों के जरिये अपनी बात कह दी। 2. जाटों-किसानों की नाराजगी हरियाणा के जाट और किसान भाजपा से नाराज हैं। इस फैक्ट से वाकिफ होने के बावजूद, राज्य सरकार में न केवल इन दोनों वर्गों की अनदेखी जारी रही, बल्कि गैर जाट की राजनीति को बढ़ावा देते हुए एक तरह से इनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम भी किया गया। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सिरसा संसदीय हलके समेत कई दूसरी जगहों पर BJP नेताओं का विरोध करने वाले किसानों पर धड़ाधड़ मुकदमे दर्ज कराए गए। इसका नुकसान सिरसा, हिसार, अंबाला और कुछ हद तक कुरुक्षेत्र में पार्टी को चुकाना पड़ा। 3. चेहरे बदलने के दांव खारिज लोकसभा चुनाव की घोषणा से महीनेभर पहले BJP के केंद्रीय नेतृत्व को हरियाणा की ग्राउंड रिएलिटी का इनपुट मिल गया था। इसके बाद पार्टी ने सिरसा, सोनीपत और करनाल में अपने सिटिंग सांसदों के टिकट काट दिए। राज्य में CM चेहरा भी बदल दिया गया लेकिन हालात से निपटने के इन टेंपरेरी तौर-तरीकों को लोगों ने खारिज कर दिया। 4. बेरोजगारी की मार बढ़ती बेरोजगारी इस चुनाव में भाजपा कैंडिडेट्स पर भारी पड़ी। बेरोजगारी दर में हरियाणा देशभर के राज्यों में टॉप पर पहुंच गया। 21 जुलाई 2023 को खुद मोदी सरकार ने संसद में स्वीकार किया कि हरियाणा में बीते 8 बरसों में बेरोजगारी दर 3 गुना बढ़ चुकी है।तत्कालीन श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने संसद में बताया कि हरियाणा में वर्ष 2013-14 (प्रदेश में तब कांग्रेस की सरकार थी) में बेरोजगारी दर 2.9% थी जो 2021-22 में बढ़कर 9% पर पहुंच गई। इसी टाइम पीरियड में राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 4.1% थी। इसके अलावा पिछले साढ़े 9 बरसों में राज्य की मनोहर सरकार ने जो भर्तियां निकालीं, उनमें से ज्यादातर कोर्ट-कचहरी के कारण सिरे नहीं चढ़ पाई। कांग्रेस नेता इसे सही तरह भुनाने में कामयाब रहे। 5. पोर्टल राज से परेशानी हरियाणा में BJP के साढ़े 9 साल के शासनकाल में सरकारी स्कीम्स को ऑनलाइन करने और करप्शन रोकने के नाम पर धड़ाधड़ पोर्टल शुरू किए गए। CM रहते हुए मनोहर लाल खट्टर का इस पर खास जोर रहा। आज राज्य में लगभग हर सरकारी योजना से जुड़ा अलग पोर्टल है। 13 सितंबर 2023 को तो खट्टर ने एक साथ 6 स्कीम शुरू करते हुए उनके पोर्टल शुरू कर दिए थे। इनमें CM आवास योजना व पोर्टल, नो-लिटिगेशन पोर्टल, प्रो-ओबीसी प्रमाण पत्र पोर्टल, ई-रवन्ना पोर्टल व ई-भूमि का पोर्टल शामिल था।खेतीबाड़ी करने वालों को बीज लेने से लेकर फसल बेचने और खराब फसलों के मुआवजे के लिए भी पोर्टल पर अप्लाई करना अनिवार्य बना दिया गया। इससे करप्शन तो कम हुआ लेकिन इंटरनेट कनेक्टिवटी और दूसरे इश्यूज के कारण बहुत सारे लोग परेशान भी होने लगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह मुद्दा लगातार उठाया। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि हरियाणा में सरकार की जगह पोर्टल-राज चल रहा है। 6. अग्निवीर का मुद्दा हरियाणा से हर साल बड़ी संख्या में नौजवान सेना में जाते हैं। राज्य के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, झज्जर, रोहतक, भिवानी, सोनीपत से बड़ी संख्या में लोग सेना में जाते हैं। दक्षिणी हरियाणा खासकर अहीरवाल में सेना की वर्दी पहनने को लेकर खास तरह का दीवानापन दिखता है। मोदी सरकार ने जब सेना में भर्ती से जुड़ी अग्निवीर स्कीम लॉन्च की, उस समय अकेले अहीरवाल में लगभग 50 हजार युवा आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे थे। जाहिर है कि ये युवा और इनके परिवार वाले अग्निवीर स्कीम के खिलाफ थे। इस नाराजगी को भाजपा ने गंभीरता से नहीं लिया जबकि कांग्रेस ने इसे अच्छी तरह भुनाया। 7. विधायकों-मंत्रियों का वर्किंग स्टाइल हरियाणा में BJP विधायकों और मंत्रियों के वर्किंग स्टाइल को लेकर भी लोगों में नाराजगी रही। यही वजह रही कि पार्टी ने जब मनोहर लाल को हटाकर नायब सिंह सैनी को CM बनाया तो ज्यादातर मंत्री भी बदल डाले। हालांकि इससे कोई खास फायदा पार्टी को होता हुआ नजर नहीं आया।
रोहतक में नशा तस्कर की गिरफ्तारी पर बवाल:पुलिस से भिड़े परिजन, बेटे व पत्नी ने अरेस्ट करने से रोका, गाली-गलौज करके धमकाया
रोहतक में नशा तस्कर की गिरफ्तारी पर बवाल:पुलिस से भिड़े परिजन, बेटे व पत्नी ने अरेस्ट करने से रोका, गाली-गलौज करके धमकाया रोहतक के गांव निडाना में नशा तस्करी के आरोपी को गिरफ्तार करने आई पुलिस के साथ आरोपी के परिजन भिड़ गए। जिन्होंने आरोपी को गिरफ्तार करने से पुलिस को रोका। वहीं गाली-गलौज करके जान से मारने की धमकी भी दी। स्थिति इतनी ज्यादा बिगड़ गई कि थाने से अतिरिक्त पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी। इसके बाद आरोपी के दो बेटों व पत्नी के खिलाफ बहू अकबरपुर थाना में केस दर्ज करवाया गया है। मामला सोमवार शाम का है और देर रात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (HSNCB) स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर कर्मबीर सिंह ने बहू अकबरपुर थाना में सरकारी कार्य में बाधा डालने, जान से मारने की धमकी देने व गाली-गलौज करने की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में बताया रोहतक के गांव निडाना निवासी अश्वनी उर्फ बिट्टू के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत जिला झज्जर के साल्हावास थाना में केस दर्ज है। आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए वे अपनी टीम के साथ उसके घर पहुंचे। इस दौरान अश्वनी वहां मौके पर मिला। पत्नी व बेटों ने पुलिस को धमकाया उन्होंने कहा कि, जब वे अश्वनी को गिरफ्तार करके गाड़ी में ले जाने लगे तो उसकी पत्नी व उसका बेटा आरोपी को छुड़वाने लगे और रास्ता रोक लिया। आरोपी का लड़का वीडियो बनाने लगा और कहने लगा कि उसके पिता अश्वनी को छोड़ दो नहीं तो जान से मार देंगे। इसके बाद बहू अकबरपुर थाना एसएचओ को घटना की सूचना दी। जिन्होंने ईआरवी टीम को मौके पर भेजा। वहीं, आरोपी अश्वनी को गिरफ्तार करके थाना में लाए। इसके बाद आरोपी अश्वनी के दो बेटों व पत्नी के खिलाफ थाने में शिकायत दी। वहीं बहू अकबरपुर थाना पुलिस ने गांव निडाना निवासी अश्विनी की पत्नी सरोज, बेटे अमित व आशीष के खिलाफ सरकारी कार्यालय में बाधा डालने सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया।