हरियाणा के सोनीपत में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र पंवार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला आने के 24 घंटे बाद भी जेल से रिहा नहीं हो सके हैं। बताया जा रहा है कि जज द्वारा ED केस खत्म करने का ऑर्डर अभी जारी नहीं हुआ है। मंगलवार को वकील दिन भर कोर्ट से ऑर्डर निकलवाने में लगे रहे। पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने कहा कि कोर्ट केस को रद्द कर चुकी है। अब फैसले की प्रोसेसिंग में समय लग रहा है। वे फिलहाल नहीं बता सकते कि पंवार कब तक जेल से रिहा होंगे। बता दें कि एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने सोनीपत के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को 20 अगस्त को अवैध माइनिंग और मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही वे जेल में है। सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई सुनवाई हुई। इसमें जज महावीर सिंह सिंधु ने सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन पर दर्ज केस को रद कर दिया था। उम्मीद थी कि सुरेंद्रपंवार मंगलवार सुबह तक जेल से रिहा हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पंवार के वकील ने ये दी जानकारी सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने मंगलवार शाम को भास्कर रिपोर्टर से बातचीत में कहा कि अभी सुरेंद्र पंवार को रिहा नहीं किया जा सका है। कोर्ट ने केस को रद कर दिया है, लेकिन अभी पंवार की रिहाई के ऑर्डर अपलोड नहीं हुए हैं। इसको लेकर प्रोसेसिंग चल रही है। फैसला लिखने के बाद जज के साइन होंगे, इसके बाद आदेश जारी होंगे। सुरेंद्र पंवार कब तक जेल से बाहर होंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तक ऑर्डर उनके हाथ नहीं आ जाते, तब तक वे कुछ नहीं कह सकते। वकील बोले- कोई अड़चन नहीं किसी तरह की अड़चन के सवाल पर मुकेश पन्नालाल ने कहा कि कोई अड़चन नहीं है, कोर्ट में प्रोसेसिंग जारी है, इसमें कई बार समय लग जाता है। हाईकोर्ट में मामले को लेकर 3 से 4 दिन तक बहस हुई। 16 सितंबर को बहस पूरी हुई थी। इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसले के लिए 23 सितंबर की तारीख तय की गई थी। इस पर सोमवार को महावीर सिंह संधू की कोर्ट ने केस रद्द करने का फैसला सुनाया था। 3 महीने से अंबाला जेल में बंद हैं पंवार सुरेंद्र पंवार को ED ने 20 जुलाई काे गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह अंबाला जेल में हैं। सुरेंद्र पंवार 2019 में कांग्रेस की टिकट पर सोनीपत से विधायक बने थे। अब कांग्रेस ने उनको दोबारा से टिकट दी है। सुरेंद्र पंवार ने कांग्रेस की टिकट मिलने के बाद 12 सितंबर को सोनीपत में पुलिस कस्टडी में ही नामांकन किया था। पंवार के बाहर आने से रोचक होगा मुकाबला भाजपा ने सोनीपत में कांग्रेस के बागी नगर निगम के मेयर निखिल मदान को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी यहां अभी गुटबाजी का सामना कर रहे हैं। वहीं सुरेंद्र पंवार के जेल में होने की वजह से उनका चुनाव प्रचार भी यहां प्रभावित हो रहा था। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी पुत्रवधू समीक्षा पंवार ही मैदान में डटी हुई थी। सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी भी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में पहुंचे हुए थे, लेकिन इन सबके बावजूद सुरेंद्र पंवार की कमी यहां खल रही है। हरियाणा के सोनीपत में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र पंवार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला आने के 24 घंटे बाद भी जेल से रिहा नहीं हो सके हैं। बताया जा रहा है कि जज द्वारा ED केस खत्म करने का ऑर्डर अभी जारी नहीं हुआ है। मंगलवार को वकील दिन भर कोर्ट से ऑर्डर निकलवाने में लगे रहे। पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने कहा कि कोर्ट केस को रद्द कर चुकी है। अब फैसले की प्रोसेसिंग में समय लग रहा है। वे फिलहाल नहीं बता सकते कि पंवार कब तक जेल से रिहा होंगे। बता दें कि एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने सोनीपत के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को 20 अगस्त को अवैध माइनिंग और मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही वे जेल में है। सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई सुनवाई हुई। इसमें जज महावीर सिंह सिंधु ने सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन पर दर्ज केस को रद कर दिया था। उम्मीद थी कि सुरेंद्रपंवार मंगलवार सुबह तक जेल से रिहा हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पंवार के वकील ने ये दी जानकारी सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने मंगलवार शाम को भास्कर रिपोर्टर से बातचीत में कहा कि अभी सुरेंद्र पंवार को रिहा नहीं किया जा सका है। कोर्ट ने केस को रद कर दिया है, लेकिन अभी पंवार की रिहाई के ऑर्डर अपलोड नहीं हुए हैं। इसको लेकर प्रोसेसिंग चल रही है। फैसला लिखने के बाद जज के साइन होंगे, इसके बाद आदेश जारी होंगे। सुरेंद्र पंवार कब तक जेल से बाहर होंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तक ऑर्डर उनके हाथ नहीं आ जाते, तब तक वे कुछ नहीं कह सकते। वकील बोले- कोई अड़चन नहीं किसी तरह की अड़चन के सवाल पर मुकेश पन्नालाल ने कहा कि कोई अड़चन नहीं है, कोर्ट में प्रोसेसिंग जारी है, इसमें कई बार समय लग जाता है। हाईकोर्ट में मामले को लेकर 3 से 4 दिन तक बहस हुई। 16 सितंबर को बहस पूरी हुई थी। इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसले के लिए 23 सितंबर की तारीख तय की गई थी। इस पर सोमवार को महावीर सिंह संधू की कोर्ट ने केस रद्द करने का फैसला सुनाया था। 3 महीने से अंबाला जेल में बंद हैं पंवार सुरेंद्र पंवार को ED ने 20 जुलाई काे गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह अंबाला जेल में हैं। सुरेंद्र पंवार 2019 में कांग्रेस की टिकट पर सोनीपत से विधायक बने थे। अब कांग्रेस ने उनको दोबारा से टिकट दी है। सुरेंद्र पंवार ने कांग्रेस की टिकट मिलने के बाद 12 सितंबर को सोनीपत में पुलिस कस्टडी में ही नामांकन किया था। पंवार के बाहर आने से रोचक होगा मुकाबला भाजपा ने सोनीपत में कांग्रेस के बागी नगर निगम के मेयर निखिल मदान को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी यहां अभी गुटबाजी का सामना कर रहे हैं। वहीं सुरेंद्र पंवार के जेल में होने की वजह से उनका चुनाव प्रचार भी यहां प्रभावित हो रहा था। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी पुत्रवधू समीक्षा पंवार ही मैदान में डटी हुई थी। सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी भी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में पहुंचे हुए थे, लेकिन इन सबके बावजूद सुरेंद्र पंवार की कमी यहां खल रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
रोहतक में पुरानी रंजिश में पहलवान को मारी गोली:6 साल पहले हुआ विवाद, दादी बोली- थारा शेर मार दिया, अब परिवार की बारी
रोहतक में पुरानी रंजिश में पहलवान को मारी गोली:6 साल पहले हुआ विवाद, दादी बोली- थारा शेर मार दिया, अब परिवार की बारी रोहतक के गांव गांधरा निवासी पहलवान को दौड़ा-दौड़ाकर गोली मारने वाले आरोपी नामजद हो गए हैं। हमलावरों में शामिल 3 नामजद आरोपी गांव के ही रहने वाले हैं। जिनके खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी। यह वारदात वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई थी। जिसमें आरोपी पीछा करके हमला करते हुए दिखाई दे रहे थे। पुलिस के अनुसार आरोपियों का घायल पहलवान के साथ करीब 6 साल पहले 2018 में गांव गांधरा निवासी राजीव और मुनीम को झगड़ा हुआ था। जिसके बाद अब मुनीम के बेटों और परिवार पर ही आरोप है कि उन्होंने राजीव पर हमला किया है। घायल के भाई व पिता पर भी की फायरिंग
रोहतक के गांव गांधरा निवासी धर्मेंद्र उर्फ मोनू ने सांपला थाना में शिकायत दी। शिकायत में बताया कि शुक्रवार को वह अपने भाई राजीव उर्फ ढिला पहलवान और पिता महाबीर के साथ बस स्टैंड के पास खेत से आए थे। अचानक एक ब्लैक रंग की गाड़ी आकर रुकी। उसमें से गांव के ही दिपांशु, हिमांशु और सुनील सहित एक सांपला गांव का युवक तथा 6-7 नौजवान लड़के थे। आरोपियों ने राजीव उर्फ ढिला पहलवान पर अपने हथियारों से गोली मारने लगे। जब वह और उसके पिता बचाने के लिए दौड़े तो हमलावरों ने उन पर भी फायरिंग कर दी। चौक पर ज्यादा लोग होने से वे गोली लगने से बच गए। पुरानी रंजिश में मारी गोली
उन्होंने कहा कि आरोपियों की दादी ने धमकी दी कि थारा शेर मार दिया, बाकि परिवार वालों को भी नहीं छोड़ेंगे। आरोपियों ने पुरानी रंजिश रखते हुए उसके भाई राजीव उर्फ ढिला पहलवान पर हमला किया है। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने बताया कि उसका भाई राजीव उर्फ ढिला कुश्ती का खिलाड़ी रहा है और फिलहाल गांव में अपना अखाड़ा चलाता है। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज
सांपला थाना प्रभार बिजेंद्र सिंह ने कहा कि घायल राजीव के भाई धर्मेंद्र के बयान दर्ज किए हैं। जिसके आधार पर गांव के ही हिमांशु, दीपांशु और सुनील सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल बयानों की जांच की जा रही है। वहीं आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आरोपी गिरफ्तार होने के बाद ही मामला स्पष्ट हो पाएगा।
हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री पर आरोप तय:जूनियर महिला कोच का यौन शोषण केस; चंडीगढ़ कोर्ट में अब गवाहों के बयान दर्ज होंगे
हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री पर आरोप तय:जूनियर महिला कोच का यौन शोषण केस; चंडीगढ़ कोर्ट में अब गवाहों के बयान दर्ज होंगे हरियाणा में 3 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले BJP नेता पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जूनियर महिला कोच के यौन शोषण मामले में चंडीगढ़ की कोर्ट ने उन पर आरोप तय कर दिए हैं। संदीप सिंह के खिलाफ कोर्ट ने IPC की धारा 354, 354 A, 354 B, 506 और 509 के तहत किए गए आरोप तय किए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी। इसी दिन गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे। इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की आरोपों को हटाने की याचिका और पीड़िता की ओर रेप की कोशिश की धारा जोड़ने की याचिका खारिज कर दी थी। बता दें कि कोच के आरोपों के बाद संदीप सिंह से खेल विभाग वापस ले लिया गया था। हालांकि तत्कालीन सीएम मनोहर लाल की कैबिनेट में वह मंत्री बने रहे। हालांकि खट्टर की जगह नायब सैनी के CM बनने के बाद संदीप को दोबारा मंत्री नहीं बनाया गया। महिला कोच के संदीप पर लगाए 5 गंभीर आरोप 1. मंत्री ने स्नैपचैट व इंस्टाग्राम पर मैसेज भेजे
जूनियर महिला कोच ने आरोप लगाया था कि 2016 रियो ओलिंपिक में हिस्सा लेने के बाद वह खेल विभाग में जूनियर कोच के तौर पर भर्ती हुई थी। जिसके बाद खेल मंत्री संदीप सिंह ने इंस्टाग्राम और स्नैपचैट पर उसको मैसेज भेजे। फिर मुझे चंडीगढ सेक्टर 7 लेक साइड मिलने के लिए बुलाया। मैं नहीं गई तो वे मुझे इंस्टाग्राम पर ब्लॉक और अनब्लॉक करते रहे। महिला कोच के आरोपों के मुताबिक 1 जुलाई को मंत्री ने उसे स्नैपचैट कॉल किया। जिसमें डॉक्यूमेंट्स वैरिफिकेशन के लिए मुझे सेक्टर 7, चंडीगढ़ में अपने आवास पर आने के लिए कहा। 2. मंत्री ने कहा- तुम मुझे खुश रखो, मैं तुम्हें खुश रखूंगा
महिला कोच ने कहा कि इसके बाद वह मंत्री के सरकारी घर पर पहुंची। वहां वे कैमरा वाले ऑफिस में नहीं बैठना चाहते थे। वह मुझे अलग केबिन में लेकर गए। वहां मेरे पैर पर हाथ रखा। मंत्री ने कहा कि तुम मुझे खुश रखो, मैं तुम्हें खुश रखूंगा। मेरी बात मानने पर आपको सभी सुविधाएं और मनचाही जगह पोस्टिंग मिलेगी। 3. मेरी टी-शर्ट फट गई
महिला कोच ने संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि शाम करीब 6.50 बजे मंत्री संदीप सिंह ने उससे छेड़छाड़ की। इस दौरान महिला कोच की टी-शर्ट फट गई। किसी तरह वह उनके चंगुल से छूटकर बाहर गई। 4. बात नहीं मानी तो ट्रांसफर कर दिया
महिला कोच ने आरोप लगाया कि जब मैंने मंत्री की बात नहीं मानी तो मेरी ट्रांसफर कर दी गई। मेरी ट्रेंनिग तक रोक दी गई। मैंने घटना की शिकायत के लिए DGP कार्यालय, CM हाउस और तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज समेत हर स्तर पर प्रयास किया, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। 5. रेप की कोशिश के भी लगाए थे आरोप
इसके बाद महिला कोच ने दावा किया था कि संदीप सिंह ने उसे डॉक्यूमेंट चेक करने के लिए चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास बुलाकर रेप करने की कोशिश की थी। वह उनके घर पहुंची और स्टाफ से वॉशरूम पूछा। स्टाफ ने उसे बैडरुम के वॉशरूम में भेज दिया। जब वह बाहर आई तो मंत्री उसके सामने खड़ा हुआ था। उसने अचानक मेरा हाथ पकड़ कर सामने पड़े बेड पर पुश कर दिया। इसके बाद मैं बेड पर गिर गई और वह भी इस दौरान बेड पर आ गया। कोच ने दावा किया कि उसने उसकी टी-शर्ट पकड़कर ऊपर करने की कोशिश की। इसके बाद मेरे नजदीक आने और मुझे किस करने की कोशिश की। उसने यह भी दावा किया था कि उसके द्वारा मंत्री से छोड़ने की काफी रिक्वेस्ट की गई, लेकिन मंत्री उसे जबरन बाथरुम में लेकर गया, जहां उसने अपना लोअर भी उतार दिया। साथ ही मुझे काफी फोर्स से अपनी ओर खींचा। इस दौरान मंत्री ने बाथरुम की कुंडी भी लगा दी। जब मैंने इसका विरोध किया गया तो वह मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा। जब मंत्री नहीं माना तो मैंने उनको थप्पड़ मार दिया। इसके बाद मंत्री ने भी मुझे भी थप्पड़ मारा। इस पर मैं रोने लगी। तब मंत्री कहने लगा कि स्पोर्ट्स वाली लड़कियां वर्जिन नहीं होती हैं। मंत्री संदीप ने कहा था- आरोप गलत, ट्रांसफर किया तो साजिश
खेल मंत्री रहते संदीप ने इन सब आरोपों को खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है। जिसमें उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला कोच पंचकूला में रहने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है। उन्होंने महिला कोच का ट्रांसफर झज्जर कर दिया और वह पंचकूला रहना चाहती थी, इसलिए ऐसे आरोप लगा रही है। आरोप तय होने में डेढ़ साल का समय लगा
संदीप सिंह के खिलाफ आरोप तय करने की कार्रवाई में ही लगभग डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय लगा है। 26 दिसंबर 2022 को जूनियर महिला कोच ने हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न सहित अन्य आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दी थी। जांच के बाद 31 दिसंबर की रात 11 बजे सेक्टर-26 थाने में संदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 354, 354ए, 354बी, 506 के तहत पुलिस ने केस दर्ज किया था। चंडीगढ़ पुलिस की SIT ने की जांच
इस मामले की जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने DSP पलक गोयल के सुपरविजन में मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई थी। इसमें साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीत सिंह, महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर उषा और एक महिला एसआई को शामिल किया गया था। एसआईटी की जांच के बाद संदीप सिंह के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 509 भी जोड़ी थी।
गुरुग्राम UPSC एग्जाम-मां बेहोश, पिता का रोकर बुरा हाल:छात्रा को नहीं मिली परीक्षा केंद्र में एंट्री; समझाने में लगी रही बेटी, दिया शाप
गुरुग्राम UPSC एग्जाम-मां बेहोश, पिता का रोकर बुरा हाल:छात्रा को नहीं मिली परीक्षा केंद्र में एंट्री; समझाने में लगी रही बेटी, दिया शाप हरियाणा के गुरुग्राम में UPSC परीक्षा एग्जाम सेंटर के बाहर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये वीडियो 16 जून संडे का है। इसमें एक महिला स्कूल के बाहर बेसुध हालत में पड़ी है। छात्रा का पिता भी रोआंसा है। पास बैठी बेटी दोनों को सांत्वना देने में लगी है। दरअसल बेटी यहां UPSC की परीक्षा देने आयी थी, लेकिन उसे अंदर नहीं जाने दिया गया। इसके बाद उसके माता पिता रोने लगे। संडे को पूरे देश में UPSC के एग्जाम था। गुरुग्राम के एसडी आदर्श विद्यालय में भी UPSC परीक्षा का एग्जाम सेंटर था। एक छात्रा सुबह 9 बजे स्कूल के गेट के बाहर पहुंच गई थी और साढ़े 9 बजे एग्जाम होना था। उसको परीक्षा केंद्र के अंदर नहीं जाने दिया गया। हालाकि UPSC का नियम है कि परीक्षा शुरू होने से आधे घंटे पहले गेट बंद करना पड़ता है। पुलिस ने समझा-बुझा कर भेजा वापस छात्रा को स्कूल के परीक्षा केंद्र के अंदर नही घुसने दिया तो छात्रा के माता पिता का सब्र का बांध टूट गया और वे स्कूल के बाहर बैठक कर रोने लगे। वे चीखते रहे, चिलाते रहे कि उनकी बेटी को एग्जाम में बैठने दिया जाए, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नही था। इस दौरान छात्रा की माता स्कूल के गेट के बाहर बेहोश हो जाती है। सेंटर के बाहर भीड़ इकट्ठी हो जाती है। सूचना के बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंचती है और छात्रा व उसके माता पिता को समझा कर वापस भेज देती है। एक साल गया बाबू हमारा सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में छात्रा की मां बेहोश पड़ी है और पिता फूट फूट के रो रहे हैं। इस दौरान छात्रा अपने पिता से कहती है की पापा पानी पियो, मैं अगले साल परीक्षा दे दूंगी और ये एग्जाम ऐसा नही है कि मैं पास न हो पाऊं। फिर छात्रा के पिता कहते हैं कि एक साल गया बाबू हमारा। फिर छात्रा कहती है कि कोई बात नही, मेरी उम्र नही निकली जा रही। सुन लो, शाप लगेगा माता पिता का रो रो कर बुरा हाल, लेकिन सुनने वाला कोई नही। इसके बाद छात्रा के पिता स्कूल के गेट पर खड़े हो कर रोते हुए स्कूल वालों को कहते हैं की सुन लो, शाप लगेगा तुम्हे। उसके बाद छात्रा अपने पिता का हाथ पकड़ कर कहती है कि पापा क्यों कर रहे हो ऐसे। उसके बाद बाप और बेटी दोनों बेहोश मां को उठाते हैं और चलने के लिए कहते हैं। लेकिन मां रोते हुए कहती है कि मैं नही जाऊंगी। वीडियो में स्कूल के गेट के बाहर छात्रा के माप बाप का रो रो कर बुरा हाल हो जाता है, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नही होता।