हरियाणा में संगठन को लेकर कांग्रेस के भीतर ही घमासान मचने लगा है। कांग्रेस के सीनियर विधायक अशोक अरोड़ा ने पार्टी को चेताया कि लंबे समय तक संगठन न होना कांग्रेस के लिए खतरनाक है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी इसका नुकसान हुआ। प्रदेश में कांग्रेस का संगठन 10 साल से नहीं बना है। इस दौरान 2 अध्यक्ष इस्तीफा दे चुके। वहीं मौजूदा अध्यक्ष को पौने 3 साल हो चुके हैं। हालांकि, विधानसभा चुनाव में हार के बाद उनसे पूछा गया तो उन्होंने हाईकमान के नियुक्त प्रभारी दीपक बाबरिया पर ही ठीकरा फोड़ दिया। वहीं कांग्रेस के सहप्रभारी जितेंद्र बघेल का कहना है कि संगठन जल्दी ही बनेगा। इसके लिए पार्टी की तरफ से जल्द ही सूची जारी कर दी जाएगी। सबसे पहले जिला प्रभारियों की सूची जारी होगी। सभी नेताओं से रायशुमारी कर ही सूची को जारी किया जाएगा। 3 अध्यक्षों के कार्यकाल में कांग्रेस संगठन न बनने की कहानी… तंवर की हुड्डा से खींचतान रही, इस्तीफा दिया
अशोक तंवर फरवरी 2014 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने थे। तब वे सिरसा से सांसद भी थे। तंवर के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से खींचतान रही। जिससे वह संगठन नहीं बना सके। 2016 में दिल्ली में एक रैली में हुड्डा समर्थकों की तंवर से झड़प हो गई। 2019 में टिकट वितरण में नहीं चली तो तंवर ने कांग्रेस छोड़ दी। सैलजा ने भी सोनिया गांधी को इस्तीफा सौंपा
2019 में तंवर के इस्तीफे के बाद कुमारी सैलजा को कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया। सैलजा ने अध्यक्ष बनने के बाद कई मीटिेंग बुलाईं लेकिन उसमें न तो भूपेंद्र हुड्डा आए और न ही कोई विधायक आता था। 2019 में कांग्रेस के चुने 31 विधायकों में से 25 हुड्डा के करीबी थे। यहां हालात देख साल 2022 के अप्रैल महीने में ही सैलजा ने सोनिया गांधी को इस्तीफा सौंप दिया। उदयभान ने प्रभारी पर ठीकरा फोड़ दिया
27 अप्रैल 2022 को उदयभान नए प्रधान बने। उसके बाद पौने 3 साल बीत गए लेकिन कांग्रेस का संगठन नहीं बनाया गया। इस बारे में कुछ दिन पहले उदयभान ने कहा कि हमने कई बार पार्टी पदाधिकारियों की सूची पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया को सौंपी। मगर, वह उन्हें हाईकमान को भेजने के बजाय दबाकर बैठे रहे। उदयभान ने कहा कि 7 अगस्त 2023 को बाबरिया ने राहुल गांधी के सामने 10 सितंबर 2023 तक संगठन बनाने का दावा किया था लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। प्रधान पद न मिलने पर कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस छोड़ गए
कुमारी सैलजा के इस्तीफे के बाद पूर्व CM भजनलाल के विधायक बेटे कुलदीप बिश्नोई ने अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश कर दी। वह दावा कर रहे थे कि अध्यक्ष बनकर जल्द संगठन खड़ा कर देंगे। हालांकि भूपेंद्र हुड्डा ने दलित चेहरा उदयभान को अध्यक्ष बनवा दिया। इससे नाराज कुलदीप ने राहुल गांधी से मिलने का टाइम मांगा लेकिन उन्हें मुलाकात का समय नहीं मिला। तब कुलदीप ने कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन को वोट नहीं दिया। जिस वजह से कांग्रेस ने उन्हें सभी पदों से हटा दिया। कुलदीप ने 3 अगस्त 2022 को कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। संगठन को लेकर अब तक किस कांग्रेस नेता ने क्या कहा… थानेसर से MLA अशोक अरोड़ा ने कहा- किसी भी पार्टी की ताकत उसका संगठन होता है। पार्टी का संगठन लंबे समय से न होना, यह कांग्रेस के लिए बहुत खतरनाक है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में संगठन होता तो इससे भी बेहतर रिजल्ट आ सकते थे। पार्टी हाईकमान भी कह रहा है कि संगठन बनाएं। संगठन बनेगा, तभी पार्टी आगे बढ़ेगी। सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा– सैलजा ने कहा कि संगठन से कार्यकर्ताओं की पहचान होती है। कांग्रेस का राज्य स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक संगठन नहीं था। संगठन से पार्टी का काम होता है। पूर्व विधायक शमशेर गोगी ने कहा– विधानसभा चुनाव में हार में संगठन न होना एक बड़ा कारण है। हमारा और हमारी पार्टी का भी दुर्भाग्य है कि पिछले 15 साल से हमारा संगठन ही नहीं है। अब संगठन बनाना है और बनना चाहिए। हरियाणा में संगठन को लेकर कांग्रेस के भीतर ही घमासान मचने लगा है। कांग्रेस के सीनियर विधायक अशोक अरोड़ा ने पार्टी को चेताया कि लंबे समय तक संगठन न होना कांग्रेस के लिए खतरनाक है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी इसका नुकसान हुआ। प्रदेश में कांग्रेस का संगठन 10 साल से नहीं बना है। इस दौरान 2 अध्यक्ष इस्तीफा दे चुके। वहीं मौजूदा अध्यक्ष को पौने 3 साल हो चुके हैं। हालांकि, विधानसभा चुनाव में हार के बाद उनसे पूछा गया तो उन्होंने हाईकमान के नियुक्त प्रभारी दीपक बाबरिया पर ही ठीकरा फोड़ दिया। वहीं कांग्रेस के सहप्रभारी जितेंद्र बघेल का कहना है कि संगठन जल्दी ही बनेगा। इसके लिए पार्टी की तरफ से जल्द ही सूची जारी कर दी जाएगी। सबसे पहले जिला प्रभारियों की सूची जारी होगी। सभी नेताओं से रायशुमारी कर ही सूची को जारी किया जाएगा। 3 अध्यक्षों के कार्यकाल में कांग्रेस संगठन न बनने की कहानी… तंवर की हुड्डा से खींचतान रही, इस्तीफा दिया
अशोक तंवर फरवरी 2014 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने थे। तब वे सिरसा से सांसद भी थे। तंवर के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से खींचतान रही। जिससे वह संगठन नहीं बना सके। 2016 में दिल्ली में एक रैली में हुड्डा समर्थकों की तंवर से झड़प हो गई। 2019 में टिकट वितरण में नहीं चली तो तंवर ने कांग्रेस छोड़ दी। सैलजा ने भी सोनिया गांधी को इस्तीफा सौंपा
2019 में तंवर के इस्तीफे के बाद कुमारी सैलजा को कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया। सैलजा ने अध्यक्ष बनने के बाद कई मीटिेंग बुलाईं लेकिन उसमें न तो भूपेंद्र हुड्डा आए और न ही कोई विधायक आता था। 2019 में कांग्रेस के चुने 31 विधायकों में से 25 हुड्डा के करीबी थे। यहां हालात देख साल 2022 के अप्रैल महीने में ही सैलजा ने सोनिया गांधी को इस्तीफा सौंप दिया। उदयभान ने प्रभारी पर ठीकरा फोड़ दिया
27 अप्रैल 2022 को उदयभान नए प्रधान बने। उसके बाद पौने 3 साल बीत गए लेकिन कांग्रेस का संगठन नहीं बनाया गया। इस बारे में कुछ दिन पहले उदयभान ने कहा कि हमने कई बार पार्टी पदाधिकारियों की सूची पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया को सौंपी। मगर, वह उन्हें हाईकमान को भेजने के बजाय दबाकर बैठे रहे। उदयभान ने कहा कि 7 अगस्त 2023 को बाबरिया ने राहुल गांधी के सामने 10 सितंबर 2023 तक संगठन बनाने का दावा किया था लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। प्रधान पद न मिलने पर कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस छोड़ गए
कुमारी सैलजा के इस्तीफे के बाद पूर्व CM भजनलाल के विधायक बेटे कुलदीप बिश्नोई ने अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश कर दी। वह दावा कर रहे थे कि अध्यक्ष बनकर जल्द संगठन खड़ा कर देंगे। हालांकि भूपेंद्र हुड्डा ने दलित चेहरा उदयभान को अध्यक्ष बनवा दिया। इससे नाराज कुलदीप ने राहुल गांधी से मिलने का टाइम मांगा लेकिन उन्हें मुलाकात का समय नहीं मिला। तब कुलदीप ने कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन को वोट नहीं दिया। जिस वजह से कांग्रेस ने उन्हें सभी पदों से हटा दिया। कुलदीप ने 3 अगस्त 2022 को कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। संगठन को लेकर अब तक किस कांग्रेस नेता ने क्या कहा… थानेसर से MLA अशोक अरोड़ा ने कहा- किसी भी पार्टी की ताकत उसका संगठन होता है। पार्टी का संगठन लंबे समय से न होना, यह कांग्रेस के लिए बहुत खतरनाक है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में संगठन होता तो इससे भी बेहतर रिजल्ट आ सकते थे। पार्टी हाईकमान भी कह रहा है कि संगठन बनाएं। संगठन बनेगा, तभी पार्टी आगे बढ़ेगी। सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा– सैलजा ने कहा कि संगठन से कार्यकर्ताओं की पहचान होती है। कांग्रेस का राज्य स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक संगठन नहीं था। संगठन से पार्टी का काम होता है। पूर्व विधायक शमशेर गोगी ने कहा– विधानसभा चुनाव में हार में संगठन न होना एक बड़ा कारण है। हमारा और हमारी पार्टी का भी दुर्भाग्य है कि पिछले 15 साल से हमारा संगठन ही नहीं है। अब संगठन बनाना है और बनना चाहिए। हरियाणा | दैनिक भास्कर