हरियाणा में कुरुक्षेत्र जिले की थानेसर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा की जीत पर सवाल उठ गए हैं। चुनाव हारे पूर्व मंत्री सुभाष सुधा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव परिणाम को चुनौती दी है। इस मामले में आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। हरियाणा में 5 अक्टूबर 2024 को विधानसभा के चुनाव हुए थे। इसमें कुरुक्षेत्र जिले की थानेसर विधानसभा सीट पर चुनाव मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी अशोक अरोड़ा और भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री सुभाष सुधा के बीच था। इसमें अरोड़ा ने बीजेपी के उम्मीदवार सुधा पर 3243 वोटों से हराया था। चुनाव में अशोक कुमार अरोड़ा को 70076 वोट मिले, जबकि सुभाष सुधा को 66833 वोट मिले थे। भाजपा प्रत्याशी सुभाष सुधा ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कांग्रेस विधायक की जीत को चुनौती थी है। उनका कहना है कि चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। सबसे बड़ा आरोप यह है कि विदेश में रहने वाले NRI मतदाताओं की ओर से फर्जी वोटिंग कराई गई। सुधा का दावा है कि अरोड़ा के समर्थकों ने उन NRI मतदाताओं के नाम पर वोट डाले, जो वास्तव में चुनाव के समय भारत में मौजूद भी नहीं थे। हाईकोर्ट ने सुभाष सुधा की याचिका को स्वीकार कर लिया है। वहीं, निर्वाचन आयोग हरियाणा ने सुरक्षा के मद्देनजर संबंधित EVM मशीनों को थानेसर में सुरक्षित रखने का निर्णय लिया है। यह मामला न केवल कुरुक्षेत्र की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता के सवालों को भी उठाता है। हरियाणा में कुरुक्षेत्र जिले की थानेसर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा की जीत पर सवाल उठ गए हैं। चुनाव हारे पूर्व मंत्री सुभाष सुधा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव परिणाम को चुनौती दी है। इस मामले में आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। हरियाणा में 5 अक्टूबर 2024 को विधानसभा के चुनाव हुए थे। इसमें कुरुक्षेत्र जिले की थानेसर विधानसभा सीट पर चुनाव मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी अशोक अरोड़ा और भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री सुभाष सुधा के बीच था। इसमें अरोड़ा ने बीजेपी के उम्मीदवार सुधा पर 3243 वोटों से हराया था। चुनाव में अशोक कुमार अरोड़ा को 70076 वोट मिले, जबकि सुभाष सुधा को 66833 वोट मिले थे। भाजपा प्रत्याशी सुभाष सुधा ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कांग्रेस विधायक की जीत को चुनौती थी है। उनका कहना है कि चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। सबसे बड़ा आरोप यह है कि विदेश में रहने वाले NRI मतदाताओं की ओर से फर्जी वोटिंग कराई गई। सुधा का दावा है कि अरोड़ा के समर्थकों ने उन NRI मतदाताओं के नाम पर वोट डाले, जो वास्तव में चुनाव के समय भारत में मौजूद भी नहीं थे। हाईकोर्ट ने सुभाष सुधा की याचिका को स्वीकार कर लिया है। वहीं, निर्वाचन आयोग हरियाणा ने सुरक्षा के मद्देनजर संबंधित EVM मशीनों को थानेसर में सुरक्षित रखने का निर्णय लिया है। यह मामला न केवल कुरुक्षेत्र की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता के सवालों को भी उठाता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में हरियाणा सचिवालय में आग लगी:तीसरी मंजिल से धुआं निकलते ही बाहर भगदड़ मची; बिल्डिंग में कई जरूरी फाइलें जलीं
चंडीगढ़ में हरियाणा सचिवालय में आग लगी:तीसरी मंजिल से धुआं निकलते ही बाहर भगदड़ मची; बिल्डिंग में कई जरूरी फाइलें जलीं चंडीगढ़ के सेक्टर-17 स्थित हरियाणा सचिवालय में आज अचानक आग लग गई। घटना शाम 4 बजे के आसपास की बताई जा रही है। जैसे ही बिल्डिंग में आग लगी, वैसे ही बाहर मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई। बिल्डिंग से धुआं निकलता हुआ देखते ही लोगों ने इसकी सूचना अग्निशमन विभाग को दे दी थी। इसके बाद कुछ ही देर में अग्निशमन वाहन मौके पर पहुंचे, और करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। बिल्डिंग में आग लगने के PHOTOS… दमकल की 5 गाड़ियां आग बुझाने पहुंचीं
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि आज शाम करीब 4 बजकर 10 मिनट पर हरियाणा के नव सचिवालय भवन (सेक्टर-17) से धुआं निकलते हुए देखा गया। धुआं बिल्डिंग की तीसरी मंजिल से निकल रहा था। लोगों ने इसकी सूचना संबंधित पुलिस थाने में दी। इसके बाद मैसेज अग्निशमन विभाग को भेजा गया। आग बुझाने के लिए पहले एक वाहन ही मौके पर पहुंचा था। इसके बाद चार और गाड़ियों को मौके पर बुलाया गया। अग्निशमन अधिकारियों का कहना है कि आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। रविवार की छुट्टी के चलते अधिकारी मौजूद नहीं थे
आज रविवार की छुट्टी होने के कारण ऑफिस में कोई कर्मचारी या अधिकारी नहीं था, जिसके कारण कोई बड़ा हादसा होने से बच गया। इस बिल्डिंग में लेबर कमिश्नर, चुनाव आयोग, उद्योग विभाग जैसे प्रमुख ऑफिस हैं। इसके अलावा चंडीगढ़ प्रशासन के भी कुछ ऑफिस इसी बिल्डिंग में संचालित किए जाते हैं।
सैलजा गुट के निशाने पर आए पूर्व सीएम:गोगी ने हुड्डा पर फोड़ा हार का ठीकरा, बोले-बदलाव की जरूरत, एक बिरादरी से नहीं बनती सरकार
सैलजा गुट के निशाने पर आए पूर्व सीएम:गोगी ने हुड्डा पर फोड़ा हार का ठीकरा, बोले-बदलाव की जरूरत, एक बिरादरी से नहीं बनती सरकार हरियाणा विधानसभा चुनाव में हैरानजनक हार के बाद कांग्रेस नेताओं के बयान सामने आने लगे है। कुमारी सैलजा के बाद अब उनके गुट से ही असंध से कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी का भी बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कांग्रेस की हार का पूरा ठीकरा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर फोड़ा है। गोगी ने यहां तक कह दिया कि कभी भी एक बिरादरी से सरकार नहीं बनती, सभी को साथ लेकर चलना होता है। हरियाणा कांग्रेस में अब बदलाव की जरूरत है। गोगी ने यह भी कहा कि अगर शीर्ष नेतृत्व ने बैठक बुलाई तो वहां पर सब बातों को प्रमुखता से रखा जाएगा। 2306 वोट से हारे शमशेर गोगी हरियाणा विधानसभा में बीजेपी को 48, कांग्रेस को 37, इनेलो को 2 और आजाद प्रत्याशियों को 3 सीटें मिली। शमशेर सिंह गोगी असंध से कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवार थे। यहां की सीट भी कांग्रेस ने खो दी। गोगी यहां पर 2306 वोटों से योगेंद्र राणा से हार गए। बीएसपी-इनेलो के उम्मीदवार गोपाल राणा तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। गोगी ने अपनी और कांग्रेस की हार का ठीकरा भूपेंद्र हुड्डा पर ही फोडा और हरियाणा कांग्रेस में बदलाव की बात कह दी। कल सैलजा हार के बाद ये दिया था बयान 8 अक्तूबर को ही हरियाणा के सबसे बड़े दलित चेहरे सांसद कुमारी सैलजा का भी बयान सामने आया था। सैलजा ने कहा था कि हमारे कार्यकर्ताओं ने पिछले 10 सालों में कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत कुछ सहा है, लेकिन अब हमें इन सब बातों से पीछे हटते हुए एक नए सिरे से आगे सोचना होगा क्योंकि जैसे अभी चल रहा है वो ऐसे ही तो नहीं चलेगा। कुमारी सैलजा ने कहा कि पार्टी को किस तरह से राज्य में सींचा नहीं गया, तालमेल नहीं रखा गया, कौन से लोग थे जो सबको साथ लेकर चलने के जिम्मेदार थे। ये भी बातें हैं। राज्य में क्या संदेश गया है। किसलिए लोग कांग्रेस की सरकार बनाते हुए पीछे हट गए? ये सब बातें देखनी पड़ेंगी। कांग्रेस को भीतरघात खत्म करने की जरूरत राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो हरियाणा में कांग्रेस ने टिकटों का बंटवारा सही नहीं किया। कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा की नाराजगी से भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचा। अब एक एक करके कांग्रेस के नेताओं के बयान सामने आने शुरू हो गए है। ऐसे में आगे और क्या कुछ सामने आता है, वह भी देखना होगा। इतना तो जरूर है कि कांग्रेस को आगे एकजुट होकर चलने और अपने भीतरघात को खत्म करने की जरूरत है।
गुरुग्राम में निर्दलीय नवीन ने बढ़ाई BJP की दिक्कत:केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने चुनाव से हटने को कहा; वैश्य समाज में नाराजगी
गुरुग्राम में निर्दलीय नवीन ने बढ़ाई BJP की दिक्कत:केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने चुनाव से हटने को कहा; वैश्य समाज में नाराजगी हरियाणा में बीजेपी में टिकट वितरण के बाद बागियों के तीखे तेवर ने पार्टी शीर्ष नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। गुरुग्राम सीट इस समय हॉट बनी हुई है और बागी नवीन गोयल के धुंआधार प्रचार ने बीजेपी की नींद उड़ा रखी है। वैश्य समाज के नवीन के पाले में जाने से बीजेपी ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की सदर बाजार में जनसभा आहूत की। इसमें केंद्रीय मंत्री ने नवीन गोयल को बैठने की चेतावनी देते हुए कहा कि आज रात तक वह पीछे हट जाएं वरना फिर बीजेपी के दरवाजे उनके लिए हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे। इस पर नवीन गोयल ने पलटवार करते हुए कहा कि अब वह बीजेपी नहीं, जनता के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और पीछे हटने का तो सवाल ही नहीं उठता है। जातिगत समीकरण भाजपा पर भारी गुरुग्राम सीट पर जातिगत आंकड़ों में बीजेपी उलझती नजर आ रही है। उसने पहली बार ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाया, लेकिन यह उल्टा पड़ता नजर आ रहा है। कारण ब्राह्मण चेहरे जीएल शर्मा की टिकट कटने पर कई संगठन अब नवीन के पाले में नजर आ रहे हैं। वहीं नवीन गोयल को ब्राह्मण के साथ ही पूरी तरह वैश्य समाज सपोर्ट करता दिख रहा है। पंजाबी नेताओं ने खुलकर नवीन गोयल को मदद करने का वादा करते हुए उनकी कई सभाएं अपने एरिया में करा दी। इसके चलते बीजेपी प्रत्याशी मुकेश शर्मा की धड़कन बढ़ी हुई हैं। बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ के पूर्व संयोजक नवीन गोयल के बागी सुर ने बीजेपी शीर्ष नेतृत्व को भी परेशानी में डाल दिया है। वैश्य समाज बीजेपी का मूल कैडर वोटर्स हैं, लेकिन जब नवीन गोयल की उपेक्षा हुई तो समाज भी आहत हुआ। एक रणनीति के तहत बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की सदर बाजार में गुरुवार को जनसभा कराई। हालांकि इसमें व्यापारी वर्ग कम संख्या में पहुंचे लेकिन मंच से केंद्रीय मंत्री की चेतावनी ने सियासी पारा जरूर चढ़ा दिया है। इस पूरे मामले पर जब नवीन गोयल से बात की गई तो वो बेफिक्र दिखे। उन्होंने कहा कि वे भारत माता के पुजारी हैं और गुरुग्राम के सेवक हैं। ये चुनाव उन्हें गुरुग्राम की जनता लड़ा रही है। गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के वे बड़े प्रशंसक रहे हैं और उनकी नीतियों का न सिर्फ प्रचार किया है, बल्कि उनके पदचिन्हों पर चलने का काम किया है। पीयूष गोयल देश के बड़े नेता हैं, हमारे समाज के भी नेता हैं इसलिए हम उनका सम्मान करते हैं लेकिन जहां तक बीजेपी में वापसी की बात है तो ये सब वक्त और परिस्थितियों के हिसाब से तय होता है। केंद्रीय मंत्री की चेतावनी से वैश्य समाज में नाराजगी
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने नवीन गोयल को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने आज रात तक अपना नाम वापस लेकर मुकेश शर्मा को समर्थन नहीं दिया, तो बीजेपी के दरवाज़े उनके लिए सदा के लिए बंद हो जाएंगे। राष्ट्रीय स्तर के नेता और खुद वैश्य समुदाय से संबंध रखने वाले पीयूष गोयल का ये बयान सभा में मौजूद वैश्य समुदाय के लोगों को नागवार लगा। सोशल मीडिया पर और सदर बाजार की दुकानों पर भी मंत्री का ये बयान चर्चा का विषय बन गया और लोग कहने लगे कि बीजेपी नवीन गोयल के चुनाव लड़ने से बीजेपी बेहद दबाव में है, इसलिए उन्हें डराने धमकाने और प्रेशर डालने की कोशिश हो रही है। नवीन गोयल बोले- बीजेपी प्रत्याशी की वायरल वीडियो सुने पीयूष गोयल
नवीन गोयल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को बीजेपी प्रत्याशी मुकेश शर्मा का इतिहास जानने के साथ ही उनकी वायरल वीडियो जरूर सुनना चाहिए। जिसने 2014 में बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा, मंच से बीजेपी नेताओं को अपशब्द कहें, यहां तक तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष प्रो. रामबिलास शर्मा, स्व. सुषमा स्वराज पर आर्थिक सौदा करने के आरोप लगाए यहां तक पीएम, गृहमंत्री तक के नाम का जिक्र किया वह कैसे सच्चे बीजेपी कार्यकर्ता हो सकते हैं। बावजूद पार्टी ने उनको टिकट दी तो फिर नवीन गोयल की घर वापसी में क्या दिक्कत है। गोयल ने कहा कि वह बीजेपी व पार्टी नेताओं का सम्मान करते हैं लेकिन 11 साल से लोगों की सेवा के बदले जनता उनको चुनाव लड़ा रही है, तो वह अब अपने कदम पीछे नहीं खींच सकते। अब नाम वापस लेने या चुनाव में बैठने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है।