हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान खरखौदा थाने के मालखाने में जब्त शराब को बेचने वाले कुख्यात शराब तस्कर भूपेंद्र सिंह दहिया को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। मालखाने से शराब बेचने के मामले में जमानत मिलने के बाद आरोपी फरार हो गया था। एसटीएफ करनाल की टीम ने उसे चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया। आज एसटीएफ ने उसे सोनीपत पुलिस के हवाले कर दिया। अब सोनीपत पुलिस आरोपी को कोर्ट में पेश कर आगे की कार्रवाई करेगी।। लॉकडाउन के दौरान चर्चा में आया कुख्यात अपराधी भूपेंद्र पर अकेले शराब तस्करी के 27 मामले चल रहे हैं। वर्ष 2020 में कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान वह करीब एक करोड़ रुपये की सीलबंद शराब बेचकर चर्चा में आया था। भूपेंद्र दहिया पहले भी कई बार अवैध शराब तस्करी में गिरफ्तार हो चुका है। उसके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। थाना प्रभारी को बर्खास्त कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के दौरान शराब माफिया और तस्कर भूपेंद्र ने आबकारी विभाग और पुलिस के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब को बेच दिया था। इसमें भूपेंद्र और उसके भाई जितेंद्र उर्फ धोला को भी गिरफ्तार किया गया था और तत्कालीन थाना प्रभारी को बर्खास्त कर दिया गया था। गैर जमानती वारंट जारी अब ये दोनों भाई उन मामलों में कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे। इनके खिलाफ कई मामलों में गैर जमानती वारंट जारी हो चुके थे। पुलिस की मानें तो भूपेंद्र ने अपने भाई जितेंद्र उर्फ धोला से वर्ष 2023 में पिपली ठेका के पास रामनिवास निवासी पिपली पर हमला करवाया था। इसमें भूपेंद्र मुख्य आरोपी था और इस मामले में उसे भगोड़ा घोषित किया गया था। इस मामले में सोनीपत पुलिस ने 5,000 रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस ने चलाया था संपत्ति पर बुलडोजर शराब तस्करी में वह बहुत संपत्ति कमा चुका था। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि सोनीपत के सिसाना गांव में साधारण किसान परिवार में जन्मे भूपेंद्र दहिया के पास खरखौदा में एक स्कूल है, जो उसकी मां के नाम पर है। एक ईंट भट्ठा, एक रेस्टोरेंट, खुद की जमीन, 2 लग्जरी गाड़ी हैं। वर्ष 2022 में प्रशासन ने नशे के कारोबार से खड़ी की गई उसकी संपत्ति पर बुलडोजर भी चलाया था। तब उसके 8 मकान और गोदाम तोड़े गए थे। पुलिस के साथ गहरा गठजोड़ अगर भूपेंद्र के पहले केस की बात करे तो वह 2014 में हुआ था। उसके खिलाफ अक्टूबर 2014 में शराब तस्करी का पहला केस दर्ज हुआ था। अब उस पर 27 केस दर्ज हैं। इनमें से एक में वह बरी हो चुका है, साथ ही कई केस बंद हो चुके हैं। पुलिस के साथ उसका जबरदस्त गठजोड़ रहा है। इसी के चलते वह अवैध शराब तस्करी का किंग बन बैठा। उसके गोदामों में 50 से 60 लाख रुपए की शराब बरामदगी अब आम बात है। सोनीपत पुलिस के किया हवाले STF करनाल के इंचार्ज दीपेंद्र राणा ने बताया कि भूपेंद्र दहिया कई साल से फरार था। जिसके बाद से ही पुलिस भूपेंद्र की तलाश में थी। STF करनाल को भूपेंद्र के चंडीगढ़ में होने के इनपुट मिले। जिसके बाद रात को ही पुलिस मौके पर पहुंची और भूपेंद्र दहिया को दबोच लिया। अब आरोपी को सोनीपत पुलिस को सौंपा जाएगा। ये भी पढ़ें…. हरियाणा पुलिस के रडार पर शराब माफिया:लॉकडाउन में 1 करोड़ की जब्त शराब बेची; 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