हरियाणा की संयुक्त सचिव से राहत नहीं:1 लाख की रिश्वत लेने का मामला, हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

हरियाणा की संयुक्त सचिव से राहत नहीं:1 लाख की रिश्वत लेने का मामला, हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

हरियाणा के मत्स्य विभाग की संयुक्त सचिव मीनाक्षी दहिया को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। जस्टिस अनूप चितकारा की अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले के गंभीर तथ्यों को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती। इससे पहले, हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था, लेकिन अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच में मिले सबूतों के आधार पर कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। रिश्वत का मामला और एसीबी की कार्रवाई मीनाक्षी दहिया पर आरोप है कि उन्होंने एक चार्जशीट किए गए मत्स्य विभाग के अधिकारी को राहत देने के बदले 1 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। यह रिश्वत उनके स्टैनोग्राफर जोगिंद्र सिंह और सेवादार सत्येंद्र सिंह के जरिए ली गई। एसीबी ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ा था। मामले में शिकायतकर्ता, पंचकूला निवासी राजन खोड़ा ने आरोप लगाया था कि चार्जशीट को हटाने और पदोन्नति देने के लिए यह रिश्वत मांगी गई थी। पार्टी में दी पर्ची और स्कूटर से जुड़ी जांच हाईकोर्ट ने इस बात का भी उल्लेख किया कि शिकायतकर्ता को मीनाक्षी दहिया का फोन नंबर एक विदाई पार्टी के दौरान पर्ची पर दिया गया था। बाद में, रिश्वत की रकम लेने के लिए मीनाक्षी दहिया का सेवादार सत्येंद्र सिंह पंचकूला एडीसी सेक्टर-5 स्थित कार्यालय में चंडीगढ़ नंबर के स्कूटर पर पहुंचा था, जो जांच में मीनाक्षी दहिया का निकला। हाईकोर्ट का सख्त रुख हाईकोर्ट ने माना कि मामले की गंभीरता और जांच में मिले तथ्यों को देखते हुए इस स्तर पर अग्रिम जमानत देना उचित नहीं है। कोर्ट ने दहिया की भूमिका और मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी, जिससे उनके खिलाफ एसीबी की कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है। हरियाणा के मत्स्य विभाग की संयुक्त सचिव मीनाक्षी दहिया को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। जस्टिस अनूप चितकारा की अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले के गंभीर तथ्यों को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती। इससे पहले, हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था, लेकिन अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच में मिले सबूतों के आधार पर कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। रिश्वत का मामला और एसीबी की कार्रवाई मीनाक्षी दहिया पर आरोप है कि उन्होंने एक चार्जशीट किए गए मत्स्य विभाग के अधिकारी को राहत देने के बदले 1 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। यह रिश्वत उनके स्टैनोग्राफर जोगिंद्र सिंह और सेवादार सत्येंद्र सिंह के जरिए ली गई। एसीबी ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ा था। मामले में शिकायतकर्ता, पंचकूला निवासी राजन खोड़ा ने आरोप लगाया था कि चार्जशीट को हटाने और पदोन्नति देने के लिए यह रिश्वत मांगी गई थी। पार्टी में दी पर्ची और स्कूटर से जुड़ी जांच हाईकोर्ट ने इस बात का भी उल्लेख किया कि शिकायतकर्ता को मीनाक्षी दहिया का फोन नंबर एक विदाई पार्टी के दौरान पर्ची पर दिया गया था। बाद में, रिश्वत की रकम लेने के लिए मीनाक्षी दहिया का सेवादार सत्येंद्र सिंह पंचकूला एडीसी सेक्टर-5 स्थित कार्यालय में चंडीगढ़ नंबर के स्कूटर पर पहुंचा था, जो जांच में मीनाक्षी दहिया का निकला। हाईकोर्ट का सख्त रुख हाईकोर्ट ने माना कि मामले की गंभीरता और जांच में मिले तथ्यों को देखते हुए इस स्तर पर अग्रिम जमानत देना उचित नहीं है। कोर्ट ने दहिया की भूमिका और मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी, जिससे उनके खिलाफ एसीबी की कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर