हरियाणा सरकार की भर्तियों के लिए हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी है। एचएसएससी की ओर से इस मामले में 4 अपीलें दायर की गई हैं। इनकी आज मेशनिंग होगी। मेशनिंग पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए डेट तय करेगा। इसके बाद तय होगा कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लग सकती है या नहीं? सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण को लेकर जारी विस्तृत आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि यह एक प्रकार से आरक्षण देने जैसा है। जब आर्थिक पिछड़ा वर्ग के तहत राज्य सरकार ने आरक्षण का लाभ दिया है तो क्यों यह आर्टिफिशियल श्रेणी बनाई जा रही है। HC ने फैसले को असंवैधानिक कहा था हाईकोर्ट ने कहा था कि यह लाभ देने से पहले न तो कोई डाटा एकत्रित किया गया और न ही कोई आयोग बनाया गया। इस प्रकार, पहले सीईटी में 5 अंकों का और फिर भर्ती परीक्षा में 2.5 अंकों का लाभ तो भर्ती का परिणाम पूरी तरह से बदल देगा। इन अंकों का लाभ देते हुए केवल पीपीपी धारकों को ही योग्य माना गया है जो संविधान के अनुसार सही नहीं है। नियुक्ति में किसी लाभ को राज्य के लोगों तक सीमित नहीं रखा जा सकता है। एक बार अनुच्छेद 15 और 16 तथा नीति निर्देशक सिद्धांत पूरे भारत में लागू होते हैं। जहां सभी नागरिक रोजगार पाने के हकदार हों वहां राज्य सरकार को सार्वजनिक रोजगार में नागरिकता के आधार पर विशेष आरक्षण लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ये दिए थे सरकार को आदेश हाईकोर्ट ने सभी पदों के लिए नए सिरे से आवेदन मांगने और 6 माह के भीतर भर्ती पूरी करने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश से नियुक्ति पा चुके 23000 कर्मचारियों को नए सिरे आयोजित होने वाली भर्ती पूरी होने तक सेवा में बनाए रखने का आदेश दिया था यदि वे दोबारा आयोजित परीक्षा में पास होकर अपना स्थान नहीं बना पाते हैं तो उन्हें बर्खास्त करने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। इन्हें दी जा चुकी है नियुक्ति हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ग्रुप सी और ग्रुप डी भर्ती के लिए कुल 401 श्रेणियों की भर्ती निकाली गई थी। समान प्रकार की भर्तियों को क्लब करते हुए आयोग ने इन श्रेणियों के कुल 63 ग्रुप बनाए थे। ग्रुप सी के 32 हजार पद, इसी श्रेणी में टीजीटी के 7471 पद शामिल हैं। इनके अलावा, ग्रुप डी के 13 हजार से अधिक पद हैं। इनमें से ग्रुप सी के 10 हजार और ग्रुप डी के 13 पदों पर अंतिम परिणाम जारी करने के बाद इनको नियुक्ति भी दी जा चुकी है। आदेश के इस हिस्से को भी चुनौती हाईकोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए अब हरियाणा के मुख्य सचिव को परीक्षा आयोजित करने में अनुभवी व्यक्ति को कर्मचारी चयन आयोग का सचिव नियुक्त करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सुझाव देते हुए कहा कि किसी यूनिवर्सिटी के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पारदर्शिता और एकरूपता बनाए रखने के लिए हाईकोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है कि वह अपने अधिकारियों व सदस्यों को अपनी मर्जी से निर्णय लेने का कोई अधिकार न देते हुए अपनी परीक्षाओं के संचालन के लिए नियम बनाए। हरियाणा सरकार की भर्तियों के लिए हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी है। एचएसएससी की ओर से इस मामले में 4 अपीलें दायर की गई हैं। इनकी आज मेशनिंग होगी। मेशनिंग पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए डेट तय करेगा। इसके बाद तय होगा कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लग सकती है या नहीं? सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण को लेकर जारी विस्तृत आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि यह एक प्रकार से आरक्षण देने जैसा है। जब आर्थिक पिछड़ा वर्ग के तहत राज्य सरकार ने आरक्षण का लाभ दिया है तो क्यों यह आर्टिफिशियल श्रेणी बनाई जा रही है। HC ने फैसले को असंवैधानिक कहा था हाईकोर्ट ने कहा था कि यह लाभ देने से पहले न तो कोई डाटा एकत्रित किया गया और न ही कोई आयोग बनाया गया। इस प्रकार, पहले सीईटी में 5 अंकों का और फिर भर्ती परीक्षा में 2.5 अंकों का लाभ तो भर्ती का परिणाम पूरी तरह से बदल देगा। इन अंकों का लाभ देते हुए केवल पीपीपी धारकों को ही योग्य माना गया है जो संविधान के अनुसार सही नहीं है। नियुक्ति में किसी लाभ को राज्य के लोगों तक सीमित नहीं रखा जा सकता है। एक बार अनुच्छेद 15 और 16 तथा नीति निर्देशक सिद्धांत पूरे भारत में लागू होते हैं। जहां सभी नागरिक रोजगार पाने के हकदार हों वहां राज्य सरकार को सार्वजनिक रोजगार में नागरिकता के आधार पर विशेष आरक्षण लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ये दिए थे सरकार को आदेश हाईकोर्ट ने सभी पदों के लिए नए सिरे से आवेदन मांगने और 6 माह के भीतर भर्ती पूरी करने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश से नियुक्ति पा चुके 23000 कर्मचारियों को नए सिरे आयोजित होने वाली भर्ती पूरी होने तक सेवा में बनाए रखने का आदेश दिया था यदि वे दोबारा आयोजित परीक्षा में पास होकर अपना स्थान नहीं बना पाते हैं तो उन्हें बर्खास्त करने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। इन्हें दी जा चुकी है नियुक्ति हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ग्रुप सी और ग्रुप डी भर्ती के लिए कुल 401 श्रेणियों की भर्ती निकाली गई थी। समान प्रकार की भर्तियों को क्लब करते हुए आयोग ने इन श्रेणियों के कुल 63 ग्रुप बनाए थे। ग्रुप सी के 32 हजार पद, इसी श्रेणी में टीजीटी के 7471 पद शामिल हैं। इनके अलावा, ग्रुप डी के 13 हजार से अधिक पद हैं। इनमें से ग्रुप सी के 10 हजार और ग्रुप डी के 13 पदों पर अंतिम परिणाम जारी करने के बाद इनको नियुक्ति भी दी जा चुकी है। आदेश के इस हिस्से को भी चुनौती हाईकोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए अब हरियाणा के मुख्य सचिव को परीक्षा आयोजित करने में अनुभवी व्यक्ति को कर्मचारी चयन आयोग का सचिव नियुक्त करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सुझाव देते हुए कहा कि किसी यूनिवर्सिटी के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पारदर्शिता और एकरूपता बनाए रखने के लिए हाईकोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है कि वह अपने अधिकारियों व सदस्यों को अपनी मर्जी से निर्णय लेने का कोई अधिकार न देते हुए अपनी परीक्षाओं के संचालन के लिए नियम बनाए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा चुनाव तारीख़ बदलने पर फ़ैसला नहीं:आयोग का BJP को झटका; पहले कांग्रेस समेत बाकी दलों से भी चर्चा होगी हरियाणा विधानसभा चुनाव की तिथि में बदलाव की मांग ने जोर पकड़ लिया है, लेकिन चुनाव आयोग इस पर कोई भी अंतिम फैसला लेने से पहले राज्य के अन्य दलों से भी राय लेने की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही वह इस मुद्दे पर अन्य राजनीतिक दलों से भी चर्चा करेगा। विधानसभा चुनाव की तिथि में बदलाव की इस मांग ने उस समय जोर पकड़ लिया, जब भाजपा ने मतदान की तिथि से पहले और बाद में छुट्टियों का हवाला देते हुए चुनाव आयोग के समक्ष बदलाव की मांग रखी। भाजपा का तर्क था कि लंबी छुट्टियों के कारण लोग घूमने जा सकते हैं। ऐसे में मतदान प्रतिशत कम हो सकता है। इनेलो ने भी इसका समर्थन किया। आयोग सभी दलों की सहमति होने पर ही कार्यक्रम में बदलाव पर आगे बढ़ेगा। सूत्रों की मानें तो आयोग भी इन दलों से सहमत है, लेकिन वह इस मुद्दे पर राज्य के अन्य दलों की राय भी जानना चाहता है। अगर सभी दल इस पर सहमत होते हैं, तो बदलाव किया जा सकता है। जहां तक कम मतदान का सवाल है, तो इसका असर सभी दलों पर पड़ेगा। भाजपा, इनेलो और बिश्नोई महासभा की तारीख बदलने की मांग 1. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली
25 अक्टूबर को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को लेटर भेजा था। जिसमें उन्होंने लिखा कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है। बड़ौली ने लेटर में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की जनसंख्या अधिक है। इसका असर भी वोटिंग पर हो सकता है। 2. INLD के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की BJP की मांग का समर्थन किया। उन्होंने लेटर में लिखा कि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है। इसके अलावा चुनाव के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ चुनाव की तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हरियाणा में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने और मतदान प्रतिशत को अधिकतम करने के लिए मतदान की तारीख/दिन को एक या दो सप्ताह तक आगे बढ़ाया जाए। 3. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनाव की तारीख बदलने के लिए लेटर लिखा। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की डेट बदली जाए। राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां आसोज अमावस्या पर मेला लगता है। इस बार आसोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी और 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी। चुनाव की तारीख बदलने के विरोध में कांग्रेस-जेजेपी 1. हरियाणा कांग्रेस बोली- BJP को हार का डर
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रेवाड़ी में दशहरा उत्सव आज:शहर में 60-60 फीट के दो जलेंगे पुतले, बेरली कलां में 125 फीट ऊंचा रावण का दहन होगा
रेवाड़ी में दशहरा उत्सव आज:शहर में 60-60 फीट के दो जलेंगे पुतले, बेरली कलां में 125 फीट ऊंचा रावण का दहन होगा हरियाणा के रेवाड़ी जिले में आज यानी शनिवार 12 अक्टूबर को विजयदशमी पर्व मनाया जाएगा। इस बार जिले के बेरली कलां गांव में 125 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा। वहीं शहर के हूडा ग्राउंड में 60-60 फीट ऊंचे रावण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाएगा। दहशरा पर्व को देखते हुए पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई है। शाम को जिला सचिवालय के पीछे हुडा ग्राउंड में होने वाले मुख्य कार्यक्रम स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों की तैनाती की जाएगी। शाम के वक्त ट्रैफिक को भी इस रूट पर डायवर्ट किया जाएगा। शहर में रावण दहन का कार्यक्रम श्री घंटेश्वर महादेव मंदिर आदर्श रामलील कमेटी और मक्खन लाल धर्मशाला रामलीला कमेटी द्वारा किया जाएगा। वहीं बेरली कलां गांव में सर छोटेलाल रामलीला क्लब द्वारा रावण दहन किया जाएगा। रावण का दहन दशहरे के दिन गोधुली बेला में होगा। यानी शाम साढ़े 5 बजे के बाद का समय रखा गया है। इससे पहले भगवान राम-लक्ष्मण अपनी सेना के साथ रावण से युद्ध करते हुए शहर के बाजार से होते हुए हुडा ग्राउंड तक पहुंचेंगे। उसके बाद भगवान राम की तरफ से रावण की नाभि में तीर मारा जाएगा और बुराई के प्रतीक रावण का अंत होगा। पुतले में ग्रीन पटाखे इस्तेमाल होंगे श्री घंटेश्वर महादेव मंदिर आदर्श रामलीला कमेटी के प्रवक्ता याद के सुगंध ने बताया कि रावण का पुतला रोहतक से तैयार कराया गया है। समिति की तरफ से हर बार लगभग इतने ऊंचे ही रावण के पुतले का दहन किया जाता है। पुतले में कम से कम पटाखे और वह भी ग्रीन पटाखे ही प्रयोग किए गए हैं। पुतला बनवाने में कम से कम 60 हजार रुपए का खर्चा आता है। पहले 5 हजार रुपए में पुतला तैयार हो जाता था लेकिन अब समय के अनुसार खर्च ज्यादा बढ़ गया है।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मिली मनु भाकर:बोली- जाते हुए भी कहा था ऑल द बेस्ट; अब मेडल के साथ मिलकर लगा अच्छा
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मिली मनु भाकर:बोली- जाते हुए भी कहा था ऑल द बेस्ट; अब मेडल के साथ मिलकर लगा अच्छा पेरिस ओलिंपिक में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाली हरियाणा की बेटी मनु भाकर ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। मनोहर लाल जब हरियाणा के सीएम थे, उन्होंने तब भी प्रदेश के तमाम खिलाड़ियों से मुलाकात की थी। अब केंद्र में जाने के बाद भी उन्होंने खिलाड़ियों से मेल जोल बनाए रखा है। इसी क्रम में उन्होंने मनु भाकर से दिल्ली स्थित अपने आवास पर मुलाकात की है। उनसे मुलाकात के बाद मनु ने कहा कि “मैं उनसे (मनोहर लाल खट्टर) मिलती रहती हूं। ओलिंपिक के लिए रवाना होने से पहले भी मैं उनसे मिली थी, उन्होंने मुझे शुभकामनाएं दी थीं और परिणाम वाकई अच्छा रहा। उनसे मिलकर अच्छा लगता है, वे मुझे आगे और मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मनु के लिए कहा कि हरियाणा की बेटी मनु भाकर ने इस बार ओलिंपिक में शूटिंग में 2 कांस्य पदक जीतकर लाई हैं। उन्होंने देश का नाम ऊंचा किया है। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां आगे भी इसी तरह प्रदेश का नाम रोशन करती रहेंगी। उन्होंने मनु भाकर को गुलदस्ता देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस दौरान मनु भाकर के माता पिता भी मौजूद रहे। मनु भाकर ने कहा- भविष्य में भी करती रहेंगी मेहनत मनोहर लाल से मिलने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मनु भाकर ने कहा कि सभी खिलाड़ी पदक जीतने के लिए काफी मेहनत करते हैं। उन्हें अगर भविष्य में एक ही ओलिंपिक में दो से ज्यादा पद मिलते हैं, तो यह उनके लिए बेहतर रहेगा। उन्होंने कहा कि वह कड़ी मेहनत करना चाहती हैं ताकि वह भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करें। ओलिंपिक समापन समारोह से लौटने के बाद कहा कि मैं भविष्य में भारत के लिए और ओलिंपिक पदक जीतना चाहती हूं। आगे भी करेंगे गौरवान्वित मनु भाकर ने मनोहर लाल खट्टर के लिए कहा कि वह उनसे मिलती रहती हैं। ओलिंपिक में जाने से पहले भी मनु भाकर उनसे मिली थी। उस दौरान मनु भाकर को मनोहर लाल खट्टर ने जीत के लिए शुभकामनाएं दी थीं। मनु का कहना है कि वह अक्सर उन्हें मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। उनसे मिलकर मनु भाकर को अच्छा लगता है। मनु की मां सुमेधा भाकर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि खिलाड़ी और पदक जीतकर भविष्य में अपनी मां और देश को गौरवान्वित करते रहेंगे ।