हरियाणा में BJP की तीसरी बार सरकार बनने के बाद जींद में चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी (CRSU) और सिरसा में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय (CDLU) के कुलपतियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल अभी शेष था। माना जा रहा है कि दोनों से सरकार की ओर से इस्तीफा मांगा गया था। हालांकि कुलपतियों ने इस्तीफे के पीछे निजी कारण का हवाला दिया है। राज्यपाल की ओर से उनके इस्तीफे तुरंत प्रभाव से स्वीकार कर उनको कार्यभार से मुक्त कर दिया गया है। जानकारी अनुसार चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी में डॉ. रणपाल सिंह ने 10 जून 2022 को कुलपति के तौर पर जॉइन किया था। उनका कार्यकाल जून 2025 में समाप्त होना था, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। डॉ. रणपाल सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। डॉ. रणपाल इससे पहले डीएवी कॉलेज यमुनानगर के प्राचार्य भी रह चुके हैं। दुष्यंत चौटाला समर्थक थे डॉ. रणपाल से पहले प्रो. आरबी सोलंकी चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी के वीसी थे। उनका कार्यकाल 22 जनवरी 2022 को समाप्त हो गया था। इसके बाद नई नियुक्ति तक कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी के वीसी को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी 2014 में अस्तित्व में आई थी। सूत्रों की मानें तो दुष्यंत चौटाला ने डिप्टी सीएम रहते डॉ. रणपाल को वीसी लगवाया था। उनको दुष्यंत समर्थक माना जा रहा था। अजमेर सिंह मलिक को मिला था एक्सटेंशन
दूसरी तरफ सिरसा में चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उनका कार्यकाल 24 दिसंबर को पूर्ण होना था। 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने के बाद सरकार ने उनको एक साल का एक्सटेंशन दिया था। नियमानुसार नये कुलपति को लेकर प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने अपना त्याग पत्र दे दिया है। राज्यपाल ने इस्तीफा किया स्वीकार
इस बीच हरियाणा के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने सिरसा यूनिवर्सिटी के वीसी अजमेर सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उन्होंने 28 नवंबर को राज्यपाल को इस्तीफा भेजा था। राज्यपाल की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि हरियाणा सरकार की सिफारिश के परिणामस्वरूप, चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा अधिनियम, 2003 की धारा 11 की उपधारा (4) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते उनका इस्तीफा स्वीकार करते हैं। पत्र में लिखा गया है कि प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक को चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति के पद से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है। उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, नए पदाधिकारी के कार्यभार ग्रहण करने तक अपने वर्तमान कर्तव्यों के अलावा, तुरंत प्रभाव से चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। हरियाणा में BJP की तीसरी बार सरकार बनने के बाद जींद में चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी (CRSU) और सिरसा में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय (CDLU) के कुलपतियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल अभी शेष था। माना जा रहा है कि दोनों से सरकार की ओर से इस्तीफा मांगा गया था। हालांकि कुलपतियों ने इस्तीफे के पीछे निजी कारण का हवाला दिया है। राज्यपाल की ओर से उनके इस्तीफे तुरंत प्रभाव से स्वीकार कर उनको कार्यभार से मुक्त कर दिया गया है। जानकारी अनुसार चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी में डॉ. रणपाल सिंह ने 10 जून 2022 को कुलपति के तौर पर जॉइन किया था। उनका कार्यकाल जून 2025 में समाप्त होना था, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। डॉ. रणपाल सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। डॉ. रणपाल इससे पहले डीएवी कॉलेज यमुनानगर के प्राचार्य भी रह चुके हैं। दुष्यंत चौटाला समर्थक थे डॉ. रणपाल से पहले प्रो. आरबी सोलंकी चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी के वीसी थे। उनका कार्यकाल 22 जनवरी 2022 को समाप्त हो गया था। इसके बाद नई नियुक्ति तक कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी के वीसी को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी 2014 में अस्तित्व में आई थी। सूत्रों की मानें तो दुष्यंत चौटाला ने डिप्टी सीएम रहते डॉ. रणपाल को वीसी लगवाया था। उनको दुष्यंत समर्थक माना जा रहा था। अजमेर सिंह मलिक को मिला था एक्सटेंशन
दूसरी तरफ सिरसा में चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उनका कार्यकाल 24 दिसंबर को पूर्ण होना था। 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने के बाद सरकार ने उनको एक साल का एक्सटेंशन दिया था। नियमानुसार नये कुलपति को लेकर प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने अपना त्याग पत्र दे दिया है। राज्यपाल ने इस्तीफा किया स्वीकार
इस बीच हरियाणा के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने सिरसा यूनिवर्सिटी के वीसी अजमेर सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उन्होंने 28 नवंबर को राज्यपाल को इस्तीफा भेजा था। राज्यपाल की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि हरियाणा सरकार की सिफारिश के परिणामस्वरूप, चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा अधिनियम, 2003 की धारा 11 की उपधारा (4) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते उनका इस्तीफा स्वीकार करते हैं। पत्र में लिखा गया है कि प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक को चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति के पद से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है। उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, नए पदाधिकारी के कार्यभार ग्रहण करने तक अपने वर्तमान कर्तव्यों के अलावा, तुरंत प्रभाव से चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर