हरियाणा के अमन सेहरावत रेसलिंग सेमीफाइनल में:पेरिस ओलिंपिक में 12-0 से क्वार्टर फाइनल जीता; अंशु मलिक ओपनिंग मुकाबला हारीं

हरियाणा के अमन सेहरावत रेसलिंग सेमीफाइनल में:पेरिस ओलिंपिक में 12-0 से क्वार्टर फाइनल जीता; अंशु मलिक ओपनिंग मुकाबला हारीं

हरियाणा के रेसलर में अमन सेहरावत पेरिस ओलिंपिक में सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में 57 किलोग्राम वर्ग में अल्बानिया के पहलवान को 12-0 से पटखनी दी। इससे पहले उन्होंने मैक्डोनिया के व्लादिमीर ईगोरोव को 10-0 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। उनका सेमीफाइनल मुकाबला आज रात को करीब साढ़े 9 बजे होगा। 21 वर्षीय अमन सहरावत पेरिस ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले एकमात्र पुरुष पहलवान हैं। इसके अलावा रेसलर अंशु मलिक अपना पहला मुकाबला हार गई हैं। उन्हें मेरिका की हेलेन लुईस मारौलिस 7-2 से मात मिली। अंशु 57 किलोग्राम भार वर्ग में कुश्ती का मुकाबला खेल रही थीं। वह ओपनिंग बाउट में क्वार्टर फाइनल में जगह नहीं बना पाईं। अंशु मलिक हारीं, रेपचेंज राउंड से मेडल की उम्मीद बरकरार
अंशु मलिक भले ही पहला ही मैच हार गई हैं, लेकिन उनके मेडल जीतने की उम्मीद अब भी कायम है। कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल के लिए रेपचेज राउंड खेला जाता है। कुश्ती के इवेंट में जो खिलाड़ी फाइनल में पहुंचते हैं, उनसे हारने वाले खिलाड़ियों को रेपचेज राउंड में मौका दिया जाता है। रेपचेज राउंड जीतने वाले पहलवान को ब्रॉन्ज मेडल मिलता है। अंशु लगातार दूसरी बार ओलिंपिक में खेल रहीं
हरियाणा की 22 वर्षीय पहलवान अंशु मलिक लगातार दूसरी बार ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। अंशु के छोटे भाई शुभम ने बताया, “हमारे परिवार में शुरू से ही कुश्ती का माहौल रहा है। मैंने 9 साल की उम्र में कुश्ती शुरू की थी। मुझे देखकर दीदी ने भी 11 साल की उम्र में कुश्ती शुरू कर दी। शुरुआत में पापा ने खुद मुझे गांव में ट्रेनिंग दिलवाई। पापा और ताऊ दोनों ही पहलवान रहे हैं। इसलिए घर से हमें पूरा सहयोग मिला। दीदी ने अपना पहला पदक 2016 में एशियाई कैडेट चैंपियनशिप में जीता, जहां उन्होंने रजत पदक जीता। 2016 में उन्होंने विश्व कैडेट चैंपियनशिप में कांस्य पदक भी जीता। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।” अमन अपने दिवंगत पिता का सपना पूरा करना चाहते हैं
अमन की मौसी सुमन ने बताया, अमन के पिता का सपना था कि परिवार में कोई कुश्ती करे और भारत के लिए पदक जीते। अमन जब 11 साल के थे, तब उनकी मां इस दुनिया से चली गईं। उनके पिता ने उन्हें कुश्ती में आगे बढ़ाया, ताकि वह डिप्रेशन में न जाएं, लेकिन 6 महीने बाद उनके पिता की भी मौत हो गई। अमन ने कहा था कि वह अपने पिता का सपना जरूर पूरा करेंगे। दीक्षा डागर, जिन्होंने बुधवार को पहला राउंड खेला
दीक्षा डागर और अदिति अशोक बुधवार को पेरिस 2024 ओलिंपिक में महिला गोल्फ़ स्पर्धा के पहले राउंड के बाद क्रमशः T7 और T13 पर रहीं। गोल्फ़ नेशनल में प्रतिस्पर्धा करते हुए, दीक्षा डागर ने 1-अंडर 71 का स्कोर बनाया और पांच अन्य खिलाड़ियों के साथ सातवें स्थान पर रहीं। पेरिस 2024 में महिला गोल्फ़ में 60 गोल्फ़र शामिल हैं जो चार दिनों में चार राउंड में प्रतिस्पर्धा करेंगी। प्रत्येक राउंड में 18 होल होते हैं। इस बीच, भारत की नंबर 1 गोल्फर अदिति अशोक ने पहले नौ होल में दो बर्डी के साथ अच्छी शुरुआत की। टोक्यो ओलिंपियन दीक्षा और अदिति के पास लीडरबोर्ड पर चढ़ने के लिए अभी भी तीन राउंड बचे हैं, क्योंकि ओलिंपिक में गोल्फ के लिए कोई कट नहीं है। हरियाणा के रेसलर में अमन सेहरावत पेरिस ओलिंपिक में सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में 57 किलोग्राम वर्ग में अल्बानिया के पहलवान को 12-0 से पटखनी दी। इससे पहले उन्होंने मैक्डोनिया के व्लादिमीर ईगोरोव को 10-0 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। उनका सेमीफाइनल मुकाबला आज रात को करीब साढ़े 9 बजे होगा। 21 वर्षीय अमन सहरावत पेरिस ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले एकमात्र पुरुष पहलवान हैं। इसके अलावा रेसलर अंशु मलिक अपना पहला मुकाबला हार गई हैं। उन्हें मेरिका की हेलेन लुईस मारौलिस 7-2 से मात मिली। अंशु 57 किलोग्राम भार वर्ग में कुश्ती का मुकाबला खेल रही थीं। वह ओपनिंग बाउट में क्वार्टर फाइनल में जगह नहीं बना पाईं। अंशु मलिक हारीं, रेपचेंज राउंड से मेडल की उम्मीद बरकरार
अंशु मलिक भले ही पहला ही मैच हार गई हैं, लेकिन उनके मेडल जीतने की उम्मीद अब भी कायम है। कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल के लिए रेपचेज राउंड खेला जाता है। कुश्ती के इवेंट में जो खिलाड़ी फाइनल में पहुंचते हैं, उनसे हारने वाले खिलाड़ियों को रेपचेज राउंड में मौका दिया जाता है। रेपचेज राउंड जीतने वाले पहलवान को ब्रॉन्ज मेडल मिलता है। अंशु लगातार दूसरी बार ओलिंपिक में खेल रहीं
हरियाणा की 22 वर्षीय पहलवान अंशु मलिक लगातार दूसरी बार ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। अंशु के छोटे भाई शुभम ने बताया, “हमारे परिवार में शुरू से ही कुश्ती का माहौल रहा है। मैंने 9 साल की उम्र में कुश्ती शुरू की थी। मुझे देखकर दीदी ने भी 11 साल की उम्र में कुश्ती शुरू कर दी। शुरुआत में पापा ने खुद मुझे गांव में ट्रेनिंग दिलवाई। पापा और ताऊ दोनों ही पहलवान रहे हैं। इसलिए घर से हमें पूरा सहयोग मिला। दीदी ने अपना पहला पदक 2016 में एशियाई कैडेट चैंपियनशिप में जीता, जहां उन्होंने रजत पदक जीता। 2016 में उन्होंने विश्व कैडेट चैंपियनशिप में कांस्य पदक भी जीता। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।” अमन अपने दिवंगत पिता का सपना पूरा करना चाहते हैं
अमन की मौसी सुमन ने बताया, अमन के पिता का सपना था कि परिवार में कोई कुश्ती करे और भारत के लिए पदक जीते। अमन जब 11 साल के थे, तब उनकी मां इस दुनिया से चली गईं। उनके पिता ने उन्हें कुश्ती में आगे बढ़ाया, ताकि वह डिप्रेशन में न जाएं, लेकिन 6 महीने बाद उनके पिता की भी मौत हो गई। अमन ने कहा था कि वह अपने पिता का सपना जरूर पूरा करेंगे। दीक्षा डागर, जिन्होंने बुधवार को पहला राउंड खेला
दीक्षा डागर और अदिति अशोक बुधवार को पेरिस 2024 ओलिंपिक में महिला गोल्फ़ स्पर्धा के पहले राउंड के बाद क्रमशः T7 और T13 पर रहीं। गोल्फ़ नेशनल में प्रतिस्पर्धा करते हुए, दीक्षा डागर ने 1-अंडर 71 का स्कोर बनाया और पांच अन्य खिलाड़ियों के साथ सातवें स्थान पर रहीं। पेरिस 2024 में महिला गोल्फ़ में 60 गोल्फ़र शामिल हैं जो चार दिनों में चार राउंड में प्रतिस्पर्धा करेंगी। प्रत्येक राउंड में 18 होल होते हैं। इस बीच, भारत की नंबर 1 गोल्फर अदिति अशोक ने पहले नौ होल में दो बर्डी के साथ अच्छी शुरुआत की। टोक्यो ओलिंपियन दीक्षा और अदिति के पास लीडरबोर्ड पर चढ़ने के लिए अभी भी तीन राउंड बचे हैं, क्योंकि ओलिंपिक में गोल्फ के लिए कोई कट नहीं है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर