हरियाणा पुलिस प्रशासन में बड़ा फेरबदल हुआ है। जिसके तहत करीब साढ़े 4 साल तक सीआईडी प्रमुख रहे आलोक मित्तल का तबादला कर दिया गया है। अब उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) का एडीजीपी नियुक्त किया गया है। जबकि फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर आईपीएस सौरभ सिंह को सीआईडी प्रमुख नियुक्त किया गया है। आपको बता दें कि 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल जुलाई 2020 में सीआईडी के एडीजीपी बने थे। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार में सीआईडी प्रमुख बनाया गया था। तब से वह सीआईडी प्रमुख के पद पर थे। अब सैनी सरकार ने उन्हें सीआईडी के एडीजीपी पद से तबादला कर दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में अपनी प्रतिनियुक्ति पूरी कर लौटे हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस आलोक मित्तल को आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) का एडीजीपी बनाया गया। आलोक मित्तल का जन्म 1969 में हुआ था आपको बता दें कि आईपीएस आलोक मित्तल का जन्म वर्ष 1969 में इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग, उस्मानिया विश्वविद्यालय से पुलिस प्रबंधन में मास्टर डिग्री, नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ से साइबर लॉ में पीजी डिप्लोमा भी किया। वे 1993 में यूपीएससी परीक्षा पास कर आईपीएस बने। पुलिस में भर्ती होने से पहले उन्होंने जमशेदपुर में टाटा मोटर्स में करीब एक साल तक काम किया। आईपीएस आलोक वर्ष 2007 में फरीदाबाद में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में महिला पीसीआर शुरू करने वाले देश के पहले व्यक्ति थे। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रक्षित टंडन के साथ मिलकर उन्होंने गुड़गांव में साइबर सेफ अभियान की शुरुआत की थी। इसमें छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को साइबर सुरक्षा से जुड़े मामलों के बारे में शिक्षित किया गया था। उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है। एक महीने पहले फरीदाबाद का पुलिस कमिश्नर नियुक्त सीआईडी के एडीजीपी नियुक्त किए गए सौरभ सिंह 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे फिलहाल फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात थे। करीब एक महीने पहले नवंबर में उन्हें फरीदाबाद का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था। अब उन्हें फिर से सीआईडी चिप के पद पर ट्रांसफर कर दिया गया है। हरियाणा पुलिस प्रशासन में बड़ा फेरबदल हुआ है। जिसके तहत करीब साढ़े 4 साल तक सीआईडी प्रमुख रहे आलोक मित्तल का तबादला कर दिया गया है। अब उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) का एडीजीपी नियुक्त किया गया है। जबकि फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर आईपीएस सौरभ सिंह को सीआईडी प्रमुख नियुक्त किया गया है। आपको बता दें कि 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल जुलाई 2020 में सीआईडी के एडीजीपी बने थे। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार में सीआईडी प्रमुख बनाया गया था। तब से वह सीआईडी प्रमुख के पद पर थे। अब सैनी सरकार ने उन्हें सीआईडी के एडीजीपी पद से तबादला कर दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में अपनी प्रतिनियुक्ति पूरी कर लौटे हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस आलोक मित्तल को आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) का एडीजीपी बनाया गया। आलोक मित्तल का जन्म 1969 में हुआ था आपको बता दें कि आईपीएस आलोक मित्तल का जन्म वर्ष 1969 में इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग, उस्मानिया विश्वविद्यालय से पुलिस प्रबंधन में मास्टर डिग्री, नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ से साइबर लॉ में पीजी डिप्लोमा भी किया। वे 1993 में यूपीएससी परीक्षा पास कर आईपीएस बने। पुलिस में भर्ती होने से पहले उन्होंने जमशेदपुर में टाटा मोटर्स में करीब एक साल तक काम किया। आईपीएस आलोक वर्ष 2007 में फरीदाबाद में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में महिला पीसीआर शुरू करने वाले देश के पहले व्यक्ति थे। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रक्षित टंडन के साथ मिलकर उन्होंने गुड़गांव में साइबर सेफ अभियान की शुरुआत की थी। इसमें छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को साइबर सुरक्षा से जुड़े मामलों के बारे में शिक्षित किया गया था। उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है। एक महीने पहले फरीदाबाद का पुलिस कमिश्नर नियुक्त सीआईडी के एडीजीपी नियुक्त किए गए सौरभ सिंह 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे फिलहाल फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात थे। करीब एक महीने पहले नवंबर में उन्हें फरीदाबाद का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था। अब उन्हें फिर से सीआईडी चिप के पद पर ट्रांसफर कर दिया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सोनीपत की महिला तस्कर रोहतक में गिरफ्तार:सड़क किनारे बेच रही थी हेरोइन; HSNCB ने लोगों से सूचना देने की अपील की
सोनीपत की महिला तस्कर रोहतक में गिरफ्तार:सड़क किनारे बेच रही थी हेरोइन; HSNCB ने लोगों से सूचना देने की अपील की हरियाणा राज्य नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएसएनसीबी) यूनिट रोहतक ने सोनीपत के खरखौदा में मटिंडू चौक बरौनी रोड से एक महिला नशा तस्कर को हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है। रोहतक यूनिट के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर जयबीर सिंह ने बताया कि एएसआई रोहताश अपनी टीम के साथ मादक पदार्थ तस्करी की रोकथाम के संबंध में मटिंडू चौक खरखौदा पर मौजूद थे। इसी दौरान खास मुखबिर ने सूचना दी कि सोनीपत के गांव छोटा निवासी ममता मादक पदार्थ हेरोइन बेचती है। महिला बरौना रोड पर मादक पदार्थ हेरोइन बेच रही है। इस सूचना पर एएसआई रोहताश अपनी टीम के साथ मौके पर गए और आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया। राजपत्रित अधिकारी की मौजूदगी में महिला पुलिस कर्मचारी ने नियमानुसार तलाशी ली। तलाशी के दौरान महिला के कब्जे से मादक पदार्थ हेरोइन बरामद हुई। इसका वजन 18 ग्राम 43 मिलीग्राम था। वहीं, महिला के खिलाफ सोनीपत के खरखौदा थाने में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। जनता भी दे नशे के बारे में सूचना यूनिट रोहतक के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर जयबीर सिंह ने जनता से अपील करते हुए कहा कि अगर कहीं भी नशे की बिक्री, सेवन या तस्करी की सूचना है तो वे बिना किसी चिंता के एनसीबी के टोल फ्री नंबर 90508-91508 पर सूचना दे सकते हैं। सूचना देने वाले का नाम व पता किसी भी सूरत में उजागर नहीं किया जाएगा। जनता के सहयोग से ही नशा मुक्त हरियाणा को नशा मुक्त भारत बनाया जा सकता है। एचएसएनसीबी प्रमुख/पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के निर्देशानुसार तथा पुलिस अधीक्षक मोहित हांडा व पंखुड़ी कुमार के नेतृत्व में पूरे हरियाणा में नशा तस्करों के खिलाफ विशेष अभियान “नशा मुक्त हरियाणा-नशा मुक्त भारत” के तहत कार्रवाई की जा रही है।
हरियाणा में छात्राओं की 6 लाख फीस लेकर प्रिंसिपल फरार:3 दिन से गायब, मोबाइल स्विच ऑफ, 12वीं की 600 छात्राओं की परीक्षा पर संकट गहराया
हरियाणा में छात्राओं की 6 लाख फीस लेकर प्रिंसिपल फरार:3 दिन से गायब, मोबाइल स्विच ऑफ, 12वीं की 600 छात्राओं की परीक्षा पर संकट गहराया हरियाणा के फरीदाबाद में सरकारी स्कूल का प्रिंसिपल 12वीं क्लास की 600 छात्राओं की 6 लाख रुपए फीस लेकर फरार हो गया। प्रिंसिपल छत्रपाल का पिछले 3 दिन से कोई अता-पता नहीं है। प्रिंसिपल ने किसी अधिकारी या टीचर को इसकी सूचना तक नहीं दी। उसके 2 मोबाइल भी स्विच ऑफ हैं। ऐसे में फीस जमा न होने से स्कूल की छात्राओं की बोर्ड परीक्षा पर संकट आ गया है। इसका खुलासा होने पर शिक्षा विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि प्रिंसिपल जानबूझकर गायब हुआ या उसके साथ कोई वारदात हुई है। छात्राओं से जुर्माने समेत वसूली थी फीस
यह मामला फरीदाबाद में बल्लभगढ़ स्थित राजकीय आदर्श कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल का है। यहां करीब 12वीं क्लास 609 छात्राएं हैं। इनकी फीस 4 लाख 57 हजार 100 रुपए फीस बनती थी। हालांकि जिन छात्राओं ने देरी से फीस भरी, उनसे जुर्माना भी वसूला गया। ऐसे में प्रिंसिपल के पास 6 लाख से ज्यादा रुपए जमा हो गए। प्रिंसिपल ने किसी को कुछ नहीं बताया
फीस जमा होने के बाद 3 दिन से प्रिंसिपल स्कूल नहीं आ रहा। प्रिंसिपल के बारे में स्कूल के बाकी टीचरों, स्टाफ और शिक्षा अधिकारियों के पास भी कोई सूचना नहीं है। जब प्रिंसिपल लगातार स्कूल नहीं आए तो टीचरों ने उनके 2 मोबाइल पर कॉल की लेकिन वह भी स्विच ऑफ मिले। टीचरों ने अधिकारियों को सूचना दी
इसके बाद परेशान होकर टीचरों ने बल्लभगढ़ के खंड शिक्षा अधिकारी, फरीदाबाद के जिला शिक्षा अधिकारी और हरियाणा बोर्ड के अधिकारियों को इसकी सूचना दी। अधिकारियों ने अपने स्तर पर भी प्रिंसिपल के बारे में छानबीन की लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। जिसके बाद हरियाणा बोर्ड ने प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उससे फीस की रिकवरी के आदेश जारी कर दिए हैं। स्कूल इंचार्ज बोलीं- छात्राओं को दिक्कत नहीं होगी
प्रिंसिपल के गायब होने के बाद स्कूल इंचार्ज बनाई गईं टीचर पुष्पा ने पुष्टि की कि प्रिंसिपल बच्चों की फीस लेकर गायब हो गए हैं। उनका कोई पता भी नहीं चल रहा। पुष्पा ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने उन्हें कहा है कि छात्राओं को परीक्षा देने में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। उनकी फीस विभाग के पास जमा न होने की वजह से उन्हें परीक्षा देने से न रोका जाए।
हरियाणा के पूर्व मंत्री केआर पूनिया का निधन:पंचकूला में अंतिम संस्कार; IAS-IPS के पद पर रहे, पहला चुनाव जीते तो देवीलाल ने मंत्री बनाया
हरियाणा के पूर्व मंत्री केआर पूनिया का निधन:पंचकूला में अंतिम संस्कार; IAS-IPS के पद पर रहे, पहला चुनाव जीते तो देवीलाल ने मंत्री बनाया हरियाणा के पूर्व मंत्री कृपाराम पूनिया का निधन हो गया है। 89 साल की उम्र में उन्होंने अपने पंचकूला निवास पर आखिरी सांस ली। पूनिया लंबे समय से बीमार चल थे। वह मूल रूप से झज्जर के साल्हावास गांव के रहने वाले थे। कृपाराम पुनिया के 5 बेटे और एक बेटी है। उनके भाई बी एल पूनिया राज्यसभा सांसद हैं। उनके बेटे सुनील ने ही मीडिया को पिता के निधन की जानकारी दी थी। देवीलाल सरकार में पहली बार में ही वो चुनाव जीतकर उद्योग मंत्री बन गए थे। सुनील ने बताया कि उसके पिता 1964 में पंजाब हरियाणा के सबसे पहले डायरेक्ट IPS अधिकारी नियुक्त हुए थे। निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार आज 2:00 बजे मनी माजरा स्थित शिवपुरी क्रिमिनेशन ग्राउंड में किया गया। दिसंबर के पहले हफ्ते में अस्पताल में भर्ती हुए
डॉक्टर पूनिया दिसंबर के पहले हफ्ते से पंचकूला स्थित पारस हॉस्पिटल में आईसीयू में भर्ती थे। बीती रात उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली। डॉ. पूनिया की बहू और जननायक जनता पार्टी (JJP) की अंबाला सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र की पूर्व प्रत्याशी डॉ. किरण पूनिया ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि डॉ. पूनिया ने रात को लगभग 9:30 बजे अंतिम सांस ली। डॉक्टर उन्हें बचाने के प्रयास करते रहे लेकिन आखिर में हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। हरियाणा के पहले डायरेक्ट IAS बने थे कृपाराम पूनिया
पूर्व मंत्री कृपाराम पूनिया हरियाणा प्रदेश के बनने के बाद 1967 में पहले डायरेक्ट IAS बने थे। उन्होंने SDM के पद पर कार्यभार संभाला और 1970 में जींद डीसी के पद पर कार्य किया। उसके बाद वे कोऑपरेटिव सोसाइटी के रजिस्ट्रार के रूप में कार्यरत रहे और सोशल वेलफेयर में उन्होंने कार्यभार संभाला। उनके बेटे सुनील ने बताया कि उसके बाद वे 1982 में हिसार में कमिश्नर के पद पर भी नियुक्त हुए। कृपाराम पूनिया का राजनीतिक सफर… पहली बार चुनाव जीते, मंत्रीपद मिला
कृपाराम पूनिया ने अपना राजनीतिक सफर 1986 में शुरू किया था। उन्होंने देवीलाल सरकार के समय कमिश्नर पद से इस्तीफा दे दिया और राजनीति में पहला कदम रखा।
1987 में उन्होंने देवीलाल की पार्टी लोकदल से बरोदा से चुनाव लड़ा, इस चुनाव में उन्होंने 50,882 वोट हासिल जीत दर्ज की और पहले ही चुनाव में विधानसभा में पहुंच गए। विधायक बनते ही देवीलाल सरकार में उन्हें उद्योग मंत्रालय, खदान मंत्रालय और टूरिज्म सोशल मंत्रालय सौंपा गया। 1989 में ओम प्रकाश चौटाला द्वारा दिए गए एक भाषण के विरोध में कई मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था इसमें कृपाराम भी शामिल थे। पहले कांग्रेस और फिर बसपा में गए
पुनिया पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद के करीबी थे। साथ ही 1991 में नरसिम्हा राव की सरकार में मंत्री बनाए गए कांग्रेसी नेता माधवराव सिंधिया के साथ भी उनकी अच्छी दोस्ती थी। जिसके कारण 1991 में कृपाराम कांग्रेस में शामिल हो गए। 2005 में, उन्होंने बड़ौदा विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में हरियाणा विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन इस चुनाव को वो जीत नहीं पाए वह चौथे स्थान पर रहे थे। 2017 में फिर उन्होंने कांग्रेस छोड़ बहुजन समाज पार्टी जॉइन की थी। हालांकि एक साल बाद ही यानी 2018 में उन्होंने बसपा को भी अलविदा कह दिया। 2018 के बाद से वो किसी भी पार्टी में शामिल नहीं हुए।