हरियाणा के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता मनीष ग्रोवर अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। वह रोहतक से 5 बार भाजपा प्रत्याशी रह चुके हैं और एक बार विधायक (2014 से 2019 तक) बने और भाजपा सरकार में सहकारिता मंत्री बनाए गए। हालांकि, 2019 का विधानसभा चुनाव वह हार गए थे। अब उन्होंने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि वह अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह उनका निजी फैसला है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके परिवार से कोई भी चुनाव नहीं लड़ेगा। मनीष ग्रोवर ने कहा कि वह अब संगठन में रहकर पार्टी को हरियाणा में तीसरी बार जिताने और सीएम नायब सैनी को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने बताया कि वह 1971 से भाजपा से जुड़े हैं। उस दौरान उन्हें बूथ पर्ची की ड्यूटी दी गई थी। इसके बाद वह वार्ड पार्षद बने। इसके बाद वह मंडल महामंत्री, मंडल अध्यक्ष, जिला महामंत्री, जिला अध्यक्ष रहे। इसके बाद वह प्रदेश मंत्री, स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री रहे। इसके बाद वे विधायक बने और मंत्री भी बनाए गए। वे पिछले 50 सालों से इसी विचारधारा से जुड़े हैं। वे आखिरी सांस तक भाजपा में ही रहेंगे। उन्होंने इच्छा जताई कि वे संगठन में ही रहेंगे और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का विरोध करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी रहे हैं। मनोहर लाल साढ़े 9 साल तक मुख्यमंत्री रहे और मनीष ग्रोवर उनके सबसे करीबी लोगों में से एक माने जाते थे। 2019 के चुनाव में भी वे विधायक नहीं बन पाए, लेकिन सरकार और संगठन में उनकी अच्छी पकड़ थी। लोग अपने काम को लेकर उनके पास जाते रहे हैं। पूर्व सांसद के साथ रहा है 36 का आंकड़ा रोहतक के पूर्व सांसद डॉ. अरविंद शर्मा और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के बीच 36 का आंकड़ा रहा है। एक ही पार्टी में होने के बावजूद दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। मनीष ग्रोवर पर लोकसभा चुनाव 2024 में मदद न करने का भी आरोप लगा। इन आरोपों पर मनीष ग्रोवर ने कहा कि उन्होंने डॉ. अरविंद शर्मा को लोकसभा चुनाव जिताने के लिए हर संभव प्रयास किया। नतीजा यह रहा कि अरविंद शर्मा रोहतक विधानसभा से बहुत कम अंतर से हार गए। हरियाणा के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता मनीष ग्रोवर अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। वह रोहतक से 5 बार भाजपा प्रत्याशी रह चुके हैं और एक बार विधायक (2014 से 2019 तक) बने और भाजपा सरकार में सहकारिता मंत्री बनाए गए। हालांकि, 2019 का विधानसभा चुनाव वह हार गए थे। अब उन्होंने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि वह अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह उनका निजी फैसला है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके परिवार से कोई भी चुनाव नहीं लड़ेगा। मनीष ग्रोवर ने कहा कि वह अब संगठन में रहकर पार्टी को हरियाणा में तीसरी बार जिताने और सीएम नायब सैनी को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने बताया कि वह 1971 से भाजपा से जुड़े हैं। उस दौरान उन्हें बूथ पर्ची की ड्यूटी दी गई थी। इसके बाद वह वार्ड पार्षद बने। इसके बाद वह मंडल महामंत्री, मंडल अध्यक्ष, जिला महामंत्री, जिला अध्यक्ष रहे। इसके बाद वह प्रदेश मंत्री, स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री रहे। इसके बाद वे विधायक बने और मंत्री भी बनाए गए। वे पिछले 50 सालों से इसी विचारधारा से जुड़े हैं। वे आखिरी सांस तक भाजपा में ही रहेंगे। उन्होंने इच्छा जताई कि वे संगठन में ही रहेंगे और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का विरोध करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी रहे हैं। मनोहर लाल साढ़े 9 साल तक मुख्यमंत्री रहे और मनीष ग्रोवर उनके सबसे करीबी लोगों में से एक माने जाते थे। 2019 के चुनाव में भी वे विधायक नहीं बन पाए, लेकिन सरकार और संगठन में उनकी अच्छी पकड़ थी। लोग अपने काम को लेकर उनके पास जाते रहे हैं। पूर्व सांसद के साथ रहा है 36 का आंकड़ा रोहतक के पूर्व सांसद डॉ. अरविंद शर्मा और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के बीच 36 का आंकड़ा रहा है। एक ही पार्टी में होने के बावजूद दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। मनीष ग्रोवर पर लोकसभा चुनाव 2024 में मदद न करने का भी आरोप लगा। इन आरोपों पर मनीष ग्रोवर ने कहा कि उन्होंने डॉ. अरविंद शर्मा को लोकसभा चुनाव जिताने के लिए हर संभव प्रयास किया। नतीजा यह रहा कि अरविंद शर्मा रोहतक विधानसभा से बहुत कम अंतर से हार गए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रोहतक NHM कर्मचारियों ने जलाया वित्त विभाग का पत्र:बायलॉज फ्रीज करने के लिए किया था जारी, हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हरियाणा के रोहतक में स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कर्मचारियों ने बुधवार को वित्त विभाग द्वारा जारी किए गए पत्र की कॉपी जलाई। यह पत्र एनएचएम कर्मचारियों के बायलॉज फ्रीज करने के लिए जारी किया गया था। जिसका सभी ने विरोध किया। वहीं एनएचएम कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल 2 अगस्त तक बढ़ा दी है। एनएचएम कर्मचारी यूनियन की जिला प्रधान रेनू कंबोज ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती वे हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल के कारण बच्चों का टीकाकरण, जच्चा-बच्चा की देखरेख, स्कूली बच्चों का टीकाकारण, दिव्यांगता के बोर्ड के कार्य, ई-संजीवनी पोर्टल, एनीमिया भारत अभियान, एनसीडी की स्क्रीनिंग, टीबी कार्यक्रम आदि प्रभावित हो रहे हैं। जिस कारण लोगों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं मिल पा रही। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग खुद बीमार है, फिर भी अधिकारियों को अहंकार है और एनएचएम कर्मचारियों की मांग ना मानकर हड़ताल करने पर मजबूर कर रहा है। सरकार पक्का नहीं करेगी तो नहीं देंगे वोट
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने एक शपथ ली। जिसमें 18000 कर्मचारियों द्वारा यह शपथ ली गई कि अगर सरकार उन्हें पक्का करती है, रेगुलराइज करती है तो हम सभी मिलकर परिवार व रिश्तेदार सहित सरकार को पक्का करवाएंगे। अगर सरकार हमें पक्का नहीं करती तो हम सरकार को वोट नहीं करेंगे। एनएचएम कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सांझा मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी जिला अध्यक्ष फरीदाबाद धर्मेंद्र सिंह ने कहा सरकार की अनदेखी के विरोध में एनएचएम के तहत चलने वाली सभी सेवाएं पूर्ण रूप से बाधित रही।
हरियाणा में पूर्व BJP विधायक ने अफसरों को लुटेरा बताया:कहा- जो भी आता है, अब्दाली की तरह लूटकर जाता है; राव इंद्रजीत के विरोधी
हरियाणा में पूर्व BJP विधायक ने अफसरों को लुटेरा बताया:कहा- जो भी आता है, अब्दाली की तरह लूटकर जाता है; राव इंद्रजीत के विरोधी हरियाणा के गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट से विधायक रहे राव नरबीर सिंह ने गुरुग्राम की बदहाली के लिए यहां के अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही उन्होंने गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत का नाम लिए बिना उन पर भी निशाना साधा। राव नरबीर ने गुरुग्राम के अफसरों की तुलना अहमद शाह अब्दाली से की। नरबीर ने अफसरों को लुटेरा बताया और कहा कि जो यहां आता है, लूट कर ले जाता है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अफसर किसी की सुन नहीं रहे, और उनकी खिंचाई करने वाला कोई नहीं है। राव नरबीर ने 2014 से 2019 के बीच उनके कार्यकाल का उदाहरण देते हुए बताया कि जब उनके हाथ कमान थी, तब सभी काम पूरे होते थे। अधिकारी बात मानते थे और सबकी सुनते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें 40 साल का राजनीति का अनुभव है। अफसरों से काम कैसे करवाया जाता है, वह अच्छी तरह जानते हैं। राव नरबीर अफसरों के लिए यह बोले
गुरुग्राम में हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे राव नरबीर ने कहा, “जैसे हम हिस्ट्री में पढ़ते थे कि अब्दाली आता था लुटेरे आते थे, हिंदुस्तान को लूटकर चले जाते थे। उसी तरह गुरुग्राम का हाल हुआ। जो आया, लूटकर लेकर चला गया। लेकिन, आप दिल पर हाथ रखो कि 2014 से 2019 तक लूट थी क्या? भाई सरकार वही, मुख्यमंत्री वही, पार्टी वही और गुरुग्राम बदहाल, सोचो क्यों? सिर्फ नरबीर सिंह नहीं था इसलिए। हरियाणा में अफसर 2 आदमियों की मानते हैं, जो मेरा 40 साल का राजनीतिक तजुर्बा है। 30% तो मानेंगे जो उन्हें लेकर आया है, और 70% उसकी मानेंगे जो उन्हें बदलवा सके। मेरे लिए सोचते थे कि यह बदलवा सकता है, इसलिए 100% काम होते थे। आज कोई न लगवाने वाला है न बदलवाने वाला। इसलिए 1% भी नहीं मानता अधिकारी।’ कौन हैं राव नरबीर
राव नरबीर खट्टर सरकार में PWD मिनिस्टर रहे हैं। 2014 में गुरुग्राम की बादशाहपुर सीट से वह भाजपा के विधायक चुने गए थे। उन्होंने 1987 में जटूसाना (हरियाणा) और 1996 में सोहना (हरियाणा) से विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा। इससे पहले उन्होंने 1987 में राज्य गृहमंत्री और 1996 में हरियाणा सरकार में परिवहन, खाद्य एवं आपूर्ति व सहकारिता मंत्री का पद संभाला था। वह 26 वर्ष की आयु में राज्य गृह मंत्रालय का पद संभालने वाले देश के सबसे युवा निर्वाचित प्रतिनिधि बने। 1996 में उनके पास खेल और मुद्रण एवं स्टेशनरी मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी था। उन्होंने 2009 में गुरुग्राम से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे। राव इंद्रजीत के विरोधियों में गिनती
राव नरबीर सिंह की गिनती सांसद राव इंद्रजीत सिंह के विरोधियों में होती है। वह राव को अपना राजनीतिक धुर विरोधी मानते हैं। 2019 में बादशाहपुर सीट से टिकट कटने का कारण वह राव इंद्रजीत को मानते हैं। हरियाणा में आगामी 3 महीने में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में वह अपने पिछले हिसाब-किताब चुकता करने का मन बनाकर दोबारा फील्ड में उतरे हैं और आक्रामक बयानबाजी कर रहे हैं। गुरुग्राम की बदहाली का कारण वह मौजूदा सांसद को मानते हैं। हालांकि, वह प्रत्यक्ष रूप से राव इंद्रजीत का नाम लेने से हमेशा बचते रहे हैं। राव नरबीर का भाजपा ने काट दिया था
2014 में नरबीर सिंह ने राकेश दौलताबाद को लगभग 18 हजार मतों से मात दी थी, और खट्टर की पहली सरकार में मंत्री बने थे। 2019 में भाजपा ने नरबीर सिंह का टिकट काट दिया। इससे नाराज नरबीर चुनाव में निष्क्रिय रहे। भाजपा ने नरबीर का टिकट काटकर मनीष यादव को दिया, लेकिन वह निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद से 10 हजार वोटों से हार गए।
हरियाणा में पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़:JJP नेता की हत्या में शामिल तीन शूटरों को गोलियां लगीं; अब तक 8 आरोपी गिरफ्तार
हरियाणा में पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़:JJP नेता की हत्या में शामिल तीन शूटरों को गोलियां लगीं; अब तक 8 आरोपी गिरफ्तार हरियाणा के हांसी में मंगलवार-बुधवार देर रात पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़ हुई। उमरा रोड पर दोनों तरफ से हुई फायरिंग में 3 बदमाशों को पैर में गोलियां लगीं। तीनों को हांसी के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, तीनों बदमाश JJP नेता रविंद्र सैनी की हत्या में शामिल थे। बदमाशों की पहचान जींद के रहने वाले सचिन उर्फ मगतू, रोहतक के खरक जाटान निवासी योगेश उर्फ सुक्खा और भिवानी के पिजोखरा के रहने वाले विकास उर्फ काशी के रूप में हुई है। पुलिस के अधिकारी अस्पताल में पहुंचे हैं। अधिकारी मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी जाएगी। रविंद्र सैनी हत्याकांड में पुलिस इससे पहले मास्टरमाइंड विकास उर्फ विक्की नेहरा समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस का मानना है कि इस हत्याकांड में 10 से ज्यादा लोग शामिल है। रविंद्र सैनी की हत्या पुरानी रंजिश में की गई थी। 10 जुलाई को हुई थी हत्या हांसी में हीरो एजेंसी के मालिक और JJP नेता रविंद्र सैनी की 10 जुलाई की शाम 6 बजे शोरूम के बाहर 3 शूटरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। शूटरों का एक साथी कुछ दूरी पर बाइक पर इंतजार कर रहा था। इनके भागने की CCTV फुटेज भी सामने आई थी। व्यापारियों ने हत्या के विरोध में हांसी बंद का आह्वान किया। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान हांसी की वकील कॉलोनी निवासी प्रवीन (32), राजस्थान के खिवाड़ा पानी निवासी प्रवीन (40), हांसी के सिसाय कालीरावण निवासी रविंद्र (29) और नारनौंद निवासी रमेश उर्फ योगी शिवनाथ (40) के रूप में हुई। इसके बाद पुलिस मास्टरमाइंड विकास नेहरा को जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई। जेल में विकास से मिले थे सभी आरोपी
SIT इंचार्ज DSP मुख्यालय हांसी धीरज कुमार ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गत दिनों पहले जेल में बंद विकास उर्फ विक्की नेहरा से मुलाकात के दौरान रविन्द्र सैनी की हत्या करने की साजिश रची थी। CM के आश्वासन पर हुआ अंतिम संस्कार रविंद्र सैनी की हत्या के विरोध में शुक्रवार 12 जुलाई को हांसी बंद रहा था। 12 जुलाई को ही सुबह से चंडीगढ़ में प्रतिनिधि मंडल की मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ बैठक हुई। मामले में मुख्यमंत्री द्वारा परिवार की 3 मांगों पर सहमति पर शव लेने पर सहमति बनी। 48 घंटे बाद शव का अंतिम संस्कार 12 जुलाई को शाम को कर दिया गया। रविंद्र सैनी की अंतिम शव यात्रा में शहर के सभी संगठनों के लोगों सहित हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए थे। रविंद्र के बेटे नवदीप ने अपने पिता रविंद्र सैनी की चिता को मुखाग्नि दी थी। सभी व्यापारी संगठन के लोग व परिवार के लोग रविंद्र के परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी, मुआवजा व आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पूरी नहीं होने तक शव का अंतिम संस्कार न करने पर अड़े हुए थे।