हरियाणा के 2020 में मानेसर के नगर निगम बनने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। 4 साल पहले बने नगर निगम की आबादी को लेकर कानूनी विश्लेषकों ने सवाल उठाए हैं। दरअसल, हरियाणा में किसी भी नगर निगम को बनने के लिए कम से कम 3 लाख की आबादी होनी जरूरी है, लेकिन मानेसर की जनसंख्या अभी सिर्फ 1 लाख 60 हजार 786 के करीब है। यह खुलासा सरकार के द्वारा 20 दिसंबर 2024 को जारी गजट नोटिफिकेशन में हुआ है। इसके बाद सूबे के कानूनी विश्लेषकों के द्वारा इसकी शिकायत सूबे के गवर्नर बंडारु दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री नायब सैनी को भेजी है। इस शिकायत में उल्लेख किया गया है कि जनवरी-फरवरी में इस नगर निगम में चुनाव प्रस्तावित है, जो कानूनी रूप से गलत है। दिसंबर 2020 में मानेसर निगम बना हरियाणा की भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार ने दिसंबर 2020 में मानेसर को नगर निगम बनाने का फैसला लिया था। मानेसर प्रदेश का 11वां नगर निगम है। मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली पूर्व भाजपा सरकार द्वारा बनाया जाने वाला यह दूसरा निगम है। इस नगर निगम में जिले के 29 गांवों को भी मिलाया गया था। इससे पहले खट्टर सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में सोनीपत नगर परिषद को अपग्रेड करके नगर निगम बनाया था। इस नियम के तहत उठ रहे सवाल हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 ( धारा 3 की उपधारा 2 के परन्तुक) के अनुसार प्रदेश में नगर निगम स्थापित करने और कायम रखने के लिए उस निगम क्षेत्र में न्यूनतम तीन लाख की जनसंख्या होना आवश्यक है। 2002 से पहले हालांकि जनसंख्या की यह सीमा न्यूनतम 5 लाख होती थी, लेकिन तत्कालीन पूर्व सीएम ओपी चौटाला ने इस एक्ट की कानूनी धारा में हरियाणा विधानसभा के मार्फत संशोधन कर उस सीमा को 5 लाख से घटाकर न्यूनतम तीन लाख कर दिया था। 20 दिसंबर के नोटिफिकेशन में जनसंख्या 1.60 लाख हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा 20 दिसंबर 2024 को प्रदेश के शासकीय राजपत्र (गजट) में प्रकाशित एक नोटिफिकेशन ( कॉपी संलग्न) में मानेसर नगर निगम के अंतर्गत पड़ने वाले क्षेत्र की कुल जनसंख्या 1 लाख 60 हजार 786 दर्शाई गई अर्थात वह कानूनन आवश्यक न्यूनतम सीमा तीन लाख से लगभग आधी है। जिसके फलस्वरूप मानेसर नगर निगम कानूनी अस्तित्व पर ही सवाल उठता है। नोटिफिकेशन में और क्या हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा प्रकाशित नोटिफिकेशन में मानेसर नगर निगम के वार्डों की ताजा संख्या 20 निर्धारित की गई है। नोटिफिकेशन में उल्लेख है कि हरियाणा परिवार पहचान कानून, 2021 के अंतर्गत स्थापित परिवार सूचना डाटा कोष से प्राप्त की गई जनसंख्या या संबंधित नगर निगम क्षेत्र के पंजीकृत मतदाताओं के 140 प्रतिशत में से, जो भी अधिक हो, के अनुसार मानेसर नगर निगम की कुल जनसंख्या 1 लाख 60 हजार 786 है। जिसमें बीसी (पिछड़ा वर्ग ) ब्लाक ए की आबादी 8 हज़ार 659 दर्शाई गई है। इसी के साथ दर्शाया गया है कि वर्ष 2011 में हुई पिछली जनगणना के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मानेसर क्षेत्र की आबादी 1 लाख 11 हजार 163 दर्शाई गई है। तब उसमें से एससी (अनुसूचित जाति) की आबादी 17 हजार 67 थी। गवर्नर-CM के पास पहुंचा मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील और कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार ने इस पूरे मामले को लेकर सूबे के गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री नायब सैनी, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता को शिकायत भेजी है। शिकायत में कहा गया है कि, मानेसर में चुनाव प्रस्तावित है, लेकिन जनसंख्या को लेकर उठ रहे कानूनी सवाल का संज्ञान लेना भी जरूरी है। हरियाणा के 2020 में मानेसर के नगर निगम बनने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। 4 साल पहले बने नगर निगम की आबादी को लेकर कानूनी विश्लेषकों ने सवाल उठाए हैं। दरअसल, हरियाणा में किसी भी नगर निगम को बनने के लिए कम से कम 3 लाख की आबादी होनी जरूरी है, लेकिन मानेसर की जनसंख्या अभी सिर्फ 1 लाख 60 हजार 786 के करीब है। यह खुलासा सरकार के द्वारा 20 दिसंबर 2024 को जारी गजट नोटिफिकेशन में हुआ है। इसके बाद सूबे के कानूनी विश्लेषकों के द्वारा इसकी शिकायत सूबे के गवर्नर बंडारु दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री नायब सैनी को भेजी है। इस शिकायत में उल्लेख किया गया है कि जनवरी-फरवरी में इस नगर निगम में चुनाव प्रस्तावित है, जो कानूनी रूप से गलत है। दिसंबर 2020 में मानेसर निगम बना हरियाणा की भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार ने दिसंबर 2020 में मानेसर को नगर निगम बनाने का फैसला लिया था। मानेसर प्रदेश का 11वां नगर निगम है। मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली पूर्व भाजपा सरकार द्वारा बनाया जाने वाला यह दूसरा निगम है। इस नगर निगम में जिले के 29 गांवों को भी मिलाया गया था। इससे पहले खट्टर सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में सोनीपत नगर परिषद को अपग्रेड करके नगर निगम बनाया था। इस नियम के तहत उठ रहे सवाल हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 ( धारा 3 की उपधारा 2 के परन्तुक) के अनुसार प्रदेश में नगर निगम स्थापित करने और कायम रखने के लिए उस निगम क्षेत्र में न्यूनतम तीन लाख की जनसंख्या होना आवश्यक है। 2002 से पहले हालांकि जनसंख्या की यह सीमा न्यूनतम 5 लाख होती थी, लेकिन तत्कालीन पूर्व सीएम ओपी चौटाला ने इस एक्ट की कानूनी धारा में हरियाणा विधानसभा के मार्फत संशोधन कर उस सीमा को 5 लाख से घटाकर न्यूनतम तीन लाख कर दिया था। 20 दिसंबर के नोटिफिकेशन में जनसंख्या 1.60 लाख हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा 20 दिसंबर 2024 को प्रदेश के शासकीय राजपत्र (गजट) में प्रकाशित एक नोटिफिकेशन ( कॉपी संलग्न) में मानेसर नगर निगम के अंतर्गत पड़ने वाले क्षेत्र की कुल जनसंख्या 1 लाख 60 हजार 786 दर्शाई गई अर्थात वह कानूनन आवश्यक न्यूनतम सीमा तीन लाख से लगभग आधी है। जिसके फलस्वरूप मानेसर नगर निगम कानूनी अस्तित्व पर ही सवाल उठता है। नोटिफिकेशन में और क्या हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा प्रकाशित नोटिफिकेशन में मानेसर नगर निगम के वार्डों की ताजा संख्या 20 निर्धारित की गई है। नोटिफिकेशन में उल्लेख है कि हरियाणा परिवार पहचान कानून, 2021 के अंतर्गत स्थापित परिवार सूचना डाटा कोष से प्राप्त की गई जनसंख्या या संबंधित नगर निगम क्षेत्र के पंजीकृत मतदाताओं के 140 प्रतिशत में से, जो भी अधिक हो, के अनुसार मानेसर नगर निगम की कुल जनसंख्या 1 लाख 60 हजार 786 है। जिसमें बीसी (पिछड़ा वर्ग ) ब्लाक ए की आबादी 8 हज़ार 659 दर्शाई गई है। इसी के साथ दर्शाया गया है कि वर्ष 2011 में हुई पिछली जनगणना के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मानेसर क्षेत्र की आबादी 1 लाख 11 हजार 163 दर्शाई गई है। तब उसमें से एससी (अनुसूचित जाति) की आबादी 17 हजार 67 थी। गवर्नर-CM के पास पहुंचा मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील और कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार ने इस पूरे मामले को लेकर सूबे के गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री नायब सैनी, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता को शिकायत भेजी है। शिकायत में कहा गया है कि, मानेसर में चुनाव प्रस्तावित है, लेकिन जनसंख्या को लेकर उठ रहे कानूनी सवाल का संज्ञान लेना भी जरूरी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में महिला संदिग्ध हालत में लापता:पति काम से लौटा तो बेटी ने बताया मां सुबह से गायब, नकदी और आभूषण भी ले गई हरियाणा में करनाल के निसिंग थाना क्षेत्र के गांव से विवाहिता संदिग्ध हालातों में लापता हुई है। विवाहिता अपने साथ अलमारी में रखे 10 हजार रुपए व सोने चांदी के जेवरात निकालकर ले गई है। पति ने मामले की शिकायत निसिंग थाना पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। पीड़ित पति ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसकी 38 वर्षीय पत्नी सुबह करीब 8:30 बजे घर से निकली थी और तब से अब तक वापस नहीं लौटी है। शिकायत में बताया कि वह सुबह अपने काम पर गया था और शाम करीब 5:30 बजे जब घर लौटा तो उसकी बेटी ने बताया कि मम्मी सुबह से गायब है। नहीं लगा कोई सुराग पति ने अपने स्तर पर अपने मित्र प्यारे और रिश्तेदारों से पत्नी की तलाश की, लेकिन कहीं भी उनका पता नहीं चल सका। पत्नी के मोबाइल फोन नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन फोन बंद आ रहा है। पति ने बताया कि उसकी पत्नी की उम्र 38 साल है, कद 5 फुट है, रंग साफ और शरीर भारी है। वह लाल रंग का सूट और पैरों में चप्पल पहने हुए थी। 10 हजार की नकदी व जेवरात लेकर गई पत्नी पुलिस को दी शिकायत में पति ने बताया कि घर की अलमारी में रखे 10,000 रुपये और कुछ जेवरात भी गायब हैं, जिन्हें उसकी पत्नी अपने साथ ले गई है। इस संबंध में उसने पुलिस से उनकी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने की अपील की है। पुलिस कर रही मामले की जांच निसिंग थाना के SHO संजय ने बताया कि पति की शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है और महिला की तलाश के लिए सभी संभावित स्थानों पर सूचना भेजी गई है। पुलिस ने आम जनता से भी अनुरोध किया है कि यदि किसी को महिला के बारे में कोई जानकारी मिले तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या जोनी से संपर्क करें। लापता महिला की तलाश में जुटी पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि वे जल्द ही महिला का पता लगाने की पूरी कोशिश करेंगे।
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अंबानी-अडाणी के बाद सावित्री जिंदल देश में सबसे अमीर:एक महीने में 1 करोड़ संपत्ति बढ़ी, 3 दिन पहले हिसार से विधायक बनीं जिंदल परिवार की मुखिया एवं जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल देश में तीसरे नंबर पर सबसे अमीर हैं। उनसे आगे अंबानी और अडानी हैं। सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिला भी हैं। सावित्री जिंदल हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं और स्टील किंग स्वर्गीय ओपी जिंदल की पत्नी हैं। इनके बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद हैं। वह खुद 3 दिन पहले ही हिसार से विधायक बनी हैं। फोर्ब्स की रिपोर्ट इंडियाज 100 रिचेस्ट 2024 के मुताबिक, टॉप-100 में 80 प्रतिशत से ज्यादा अमीर भारतीय पहले से ज्यादा अमीर हो गए। 10.03 लाख करोड़ रुपए के साथ मुकेश अंबानी पहले और 9.74 लाख करोड़ रुपए के साथ गौतम अडाणी दूसरे स्थान पर हैं। इसके बाद तीसरे नंबर पर सावित्री जिंदल हैं। 2020 की तुलना में दोगुनी हुई संपत्ति
देश के टॉप 100 अमीरों की संपत्ति इस साल पहली बार 90 लाख करोड़ रुपए से ऊपर निकल गई है। एक साल में इनकी संपत्ति 40 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 93.64 लाख करोड़ रुपए हो गई। 2020 की तुलना में इन अमीरों की संपत्ति दोगुनी से ज्यादा हो गई है। 2023 के मुकाबले इनकी संपत्ति में 26.50 लाख करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। खास बात है कि इनकी संपत्ति बढ़ने में भारतीय शेयर बाजार का अहम योगदान है। सावित्री की एक महीने में 0.9 लाख करोड़ संपत्ति बढ़ी
एक महीने पहले सावित्री जिंदल देश में चौथे नंबर पर सबसे अमीर थी। फॉर्च्यून इंडिया ने सबसे अमीर लोगों की सूची जारी की थी। जिसके मुताबिक 74 वर्षीय सावित्री देवी जिंदल लगभग 2.77 लाख करोड़ रुपए की मालकिन थी। टॉप 10 में इकलौती महिला होने के साथ वह चौथे स्थान पर थीं। अब एक महीने में वह चौथे से तीसरे पायदान पर आ गई हैं। उनकी संपत्ति 0.9 लाख करोड़ रुपए बढ़कर 3.67 लाख करोड़ हो गई है। पति ओपी जिंदल ने कोलकाता में लगाई पहली फैक्ट्री
हिसार के गांव नलवा में जन्मे ओपी जिंदल किसान परिवार से आते थे। छठी कक्षा तक पढ़े ओपी जिंदल अपने भाइयों की तरह ही बाहर जाकर कमाना चाहते थे। दूसरे विश्व युद्ध के अंतिम समय में असम अमेरिकी फौजियों का बड़ा गढ़ था। इसलिए युद्ध के बाद लोहे और इस्पात से बना बहुत सा माल वे यहीं छोड़ गए थे। ओपी जिंदल को यहीं से व्यापार करने का आइडिया आया। साल 1952 में जिंदल ने कोलकाता के पास लिलुआ में पाइप बेंड और सॉकेट बनाने की फैक्ट्री लगाई। उन्होंने इस फैक्ट्री का नाम जिंदल इंडिया लिमिटेड रखा। यहीं से उनके सफर की शुरुआत हुई। ओपी जिंदल असम के बाजारों से नीलामी में पुराने पाइप खरीदते थे और उन्हें कोलकाता में बेचते थे। टाटा और कलिंग के बाद भारत में यह तीसरी इस किस्म की फैक्ट्री थी। इसके बाद 1960 में ओपी जिंदल अपने पैतृक जिले हिसार में वापस आ गए। हिसार में बाल्टी बनाने का काम शुरू किया
ओपी जिंदल ने हिसार आकर सबसे पहले बाल्टी बनाने की फैक्ट्री लगाई। इससे आमदनी शुरू हुई तो 1962 में जिंदल इंडिया लिमिटेड की हिसार में भी फैक्ट्री खोल दी। इसके बाद 1969 में जिंदल स्ट्रिप्स लिमिटेड के नाम से फैक्ट्री खोली। आज इसका नाम स्टेनलेस है। अब जिंदल ग्रुप का देश विदेश में इस्पात, बिजली, सीमेंट और बुनियादी ढांचे में निवेश है। साल 2005 में हेलिकॉप्टर क्रैश में ओपी जिंदल की मौत के बाद जिंदल समूह की कंपनियों का 4 बेटों में बंटवारा हो गया। उनमें से एक बिजनेस टाइकून सज्जन जिंदल हैं, जो JSW स्टील चलाते हैं। 15 साल की उम्र में 6 बच्चों के पिता से शादी की
सावित्री जिंदल का जन्म असम के तिनसुकिया में 20 मार्च 1950 को हुआ था। उनकी 15 साल की उम्र में ओपी जिंदल से शादी हो गई। ओपी जिंदल की यह दूसरी शादी थी। जिंदल को पहले पत्नी विद्या देवी से 6 बच्चे हैं। नवीन जिंदल सावित्री जिंदल का बेटे हैं और नवीन की 3 और बहने भी हैं। सावित्री ने 2005 में पति की मौत के बाद बिजनेस संभाला और राजनीति में भी हाथ आजमाए। सावित्री जिंदल ने पति की मौत के बाद 2005 में हिसार से उपचुनाव लड़ा और जीतकर राजनीति में एंट्री की। लगातार 2 चुनाव जीतकर हरियाणा कैबिनेट में मंत्री बनी। 2024 में हिसार से फिर चुनाव लड़ा और निर्दलीय जीतकर विधायक बनी हैं।
रोहतक में 2 महिलाओं से साइबर ठगी:बैंक खातों से निकले रुपए, एक से 74 हजार तो दूसरी से 60 हजार की धोखाधड़ी
रोहतक में 2 महिलाओं से साइबर ठगी:बैंक खातों से निकले रुपए, एक से 74 हजार तो दूसरी से 60 हजार की धोखाधड़ी रोहतक में 2 महिलाओं से साइबर ठगी होने का मामला सामने आया है। जिनके बैंक खातों से धोखधड़ी करके रुपए निकले गए हैं। जब इस ठगी का पता लगा तो पीड़ित महिलाओं ने मामले की शिकायत आर्य नगर थाना पुलिस को दे दी। एक महिला से करीब 74 हजार तो दूसरी महिला से 60 हजार रुपए की ठगी हुई है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी। पहला मामला : 60 हजार खाते से निकले
रोहतक की कनाल कॉलोनी निवासी रेनू शर्मा ने आर्य नगर थाने में शिकायत दी। जिसमें उन्होंने बताया कि 15 अक्टूबर को उसके साथ साइबर ठगी हुई है। उसके बैंक खाते से चार ट्रांजेक्शन हुई। चारों ट्रांजेक्शन में कुल 60 हजार 700 रुपए (50 हजार, 9 हजार, 900 रुपए व 800 रुपए) की ठगी हुई है। पीड़िता ने बताया कि उसने कोई भी लेनदेन नहीं किया, लेकिन उसके साथ ठगी की गई है। जिसके बाद उन्होंने बैंक के टोल फ्री नंबर व साइबर क्राइम के हेल्प लाइन नंबर पर भी शिकायत दी। इधर, पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। वहीं मामले की जांच की जा रही है। दूसरा मामला : 74 हजार की ठगी
रोहतक की डीएलएफ कॉलोनी निवासी नेहा बतरा ने आर्य नगर पुलिस थाने में साइबर ठगी की शिकायत दी। शिकायत में उन्होंने बताया कि उनके पीएनबी के अकाउंट से कुल 74 हजार 352 रुपए निकाल लिए गए है। उसके साथ धोखाधड़ी करके आरोपियों द्वारा यह ठगी की गई। इसका पता लगने के बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।