भारत की पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयर स्ट्राइक पर हरियाणा के करनाल के नेवी लेफ्टिनेंट के माता-पिता ने खुशी व्यक्त की है। यह एयर स्ट्राइक पहलगाम आतंकी हमले के बदले में हुई। इसी हमले में लेफ्टिनेंट नरवाल की उनकी पत्नी हिमांशी के सामने शादी के 7वें दिन 3 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। लेफ्टिनेंट के पिता राजेश नरवाल ने एयर स्ट्राइक का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखने को सही बताया। उन्होंने कहा- हमारी बेटियों-बहनों के सामने उनके पतियों की निर्मम हत्या की गई। उनका धर्म पूछा गया, कलमा तक पढ़वाया गया। ऑपरेशन सिंदूर, नाम से पहलगाम हमले में मरने वाले 26 लोगों के परिवारों सांत्वना मिलेगी वहीं लेफ्टिनेंट की मां आशा ने कहा- मैं बहुत ही खुश हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदला लिया है। इस बदले से पहलगाम आतंकी हमले में मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि मिली है और उन्हें न्याय मिला है। उधर, विनय की पत्नी हिमांशी नरवाल के पिता सुनील कुमार ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत विनय नरवाल की शहादत को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई है। दोषियों को सरकार ने सजा दे दी है। एयर स्ट्राइक पर लेफ्टिनेंट के पिता की 4 अहम बातें.. एयर स्ट्राइक पर विनय की बुआ माया की 2 अहम बातें… 1. यह आतंकियों के मुंह पर जोरदार तमाचा
विनय की बुआ माया ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हुई कार्रवाई को लेकर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हमें इसका ही इंतजार था और हमें पता था कि ऐसा होगा, क्योंकि हम डिफेंस से जुड़े हुए हैं, मेरे पति एयरफोर्स से रिटायर्ड हैं। हमारा खानदान आर्मी से जुड़ा हुआ है। यह आतंकियों के मुंह पर जोरदार तमाचा है। हमें अपनी सेना पर गर्व है। उन्होंने मोदी सरकार की सराहना की और कहा कि जब-जब गद्दारों ने देश में घुसने की कोशिश की, तब-तब मोदी सरकार ने मुंहतोड़ जवाब दिया। 2. आज विनय खुश हो रहा होगा
माया ने आगे कहा- जो हमारा नुकसान हुआ है वह कभी पूरा नहीं हो सकता, हमारा बेटा वापस नहीं आ सकता। विनय वापस नहीं आएगा, लेकिन और लाल ऐसे न खपें, बस यही होना चाहिए। मैं सेना से कहना चाहती हूं कि अगर मैं भी देश के काम आऊं तो मेरे लिए बड़ी बात होगी। आज कुछ श्रद्धांजलि मिली है। कुछ बदला लिया गया है, ऐसा ही और भी होना चाहिए। ‘सिंदूर’ नाम रखा गया, यह बहुत ही अच्छा नाम रखा गया, क्योंकि जो बहन-बेटियों के सिंदूर उजड़ गए, उनका बदला लिया गया। भारतीय सेना को संदेश यही है कि लगे रहो। आज विनय खुश हो रहा होगा कि हमारी सेना ने बदला लिया है। शादी के 7वें दिन हुई थी विनय की हत्या
विनय नरवाल मूल रूप से करनाल के भुसली गांव के रहने वाले थे। मगर, 15 साल से उनका परिवार सेक्टर-7 में रह रहा है। उन्होंने दिल्ली से B.Tech किया। विनय का परिवार आर्मी से जुड़ा हुआ है। उनके नाना और ताऊजी आर्मी में थे। दादा हवा सिंह भी BSF में रहे। विनय ने स्कूल टाइम से कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (CDS) की तैयारी की, लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ। इसके बाद सशस्त्र सीमा बल (SSB) की तैयारी की। 3 साल पहले वे नेवी लेफ्टिनेंट भर्ती हो गए। उनकी ड्यूटी केरल के कोच्चि में थी। 28 मार्च को विनय शादी के लिए छुट्टी लेकर कोच्चि से घर आए। 16 अप्रैल को मसूरी में डेस्टिनेशन वेडिंग हुई। इसके बाद उनका यूरोप में हनीमून का प्लान था। मगर, उन्हें नेवी से NOC नहीं मिली, तो वे 21 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम चले गए। 22 अप्रैल को वे पत्नी संग घूमने निकले तो आतंकी हमला हो गया और पत्नी हिमांशी के सामने ही उनकी हत्या कर दी गई। भारत की पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयर स्ट्राइक पर हरियाणा के करनाल के नेवी लेफ्टिनेंट के माता-पिता ने खुशी व्यक्त की है। यह एयर स्ट्राइक पहलगाम आतंकी हमले के बदले में हुई। इसी हमले में लेफ्टिनेंट नरवाल की उनकी पत्नी हिमांशी के सामने शादी के 7वें दिन 3 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। लेफ्टिनेंट के पिता राजेश नरवाल ने एयर स्ट्राइक का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखने को सही बताया। उन्होंने कहा- हमारी बेटियों-बहनों के सामने उनके पतियों की निर्मम हत्या की गई। उनका धर्म पूछा गया, कलमा तक पढ़वाया गया। ऑपरेशन सिंदूर, नाम से पहलगाम हमले में मरने वाले 26 लोगों के परिवारों सांत्वना मिलेगी वहीं लेफ्टिनेंट की मां आशा ने कहा- मैं बहुत ही खुश हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदला लिया है। इस बदले से पहलगाम आतंकी हमले में मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि मिली है और उन्हें न्याय मिला है। उधर, विनय की पत्नी हिमांशी नरवाल के पिता सुनील कुमार ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत विनय नरवाल की शहादत को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई है। दोषियों को सरकार ने सजा दे दी है। एयर स्ट्राइक पर लेफ्टिनेंट के पिता की 4 अहम बातें.. एयर स्ट्राइक पर विनय की बुआ माया की 2 अहम बातें… 1. यह आतंकियों के मुंह पर जोरदार तमाचा
विनय की बुआ माया ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हुई कार्रवाई को लेकर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हमें इसका ही इंतजार था और हमें पता था कि ऐसा होगा, क्योंकि हम डिफेंस से जुड़े हुए हैं, मेरे पति एयरफोर्स से रिटायर्ड हैं। हमारा खानदान आर्मी से जुड़ा हुआ है। यह आतंकियों के मुंह पर जोरदार तमाचा है। हमें अपनी सेना पर गर्व है। उन्होंने मोदी सरकार की सराहना की और कहा कि जब-जब गद्दारों ने देश में घुसने की कोशिश की, तब-तब मोदी सरकार ने मुंहतोड़ जवाब दिया। 2. आज विनय खुश हो रहा होगा
माया ने आगे कहा- जो हमारा नुकसान हुआ है वह कभी पूरा नहीं हो सकता, हमारा बेटा वापस नहीं आ सकता। विनय वापस नहीं आएगा, लेकिन और लाल ऐसे न खपें, बस यही होना चाहिए। मैं सेना से कहना चाहती हूं कि अगर मैं भी देश के काम आऊं तो मेरे लिए बड़ी बात होगी। आज कुछ श्रद्धांजलि मिली है। कुछ बदला लिया गया है, ऐसा ही और भी होना चाहिए। ‘सिंदूर’ नाम रखा गया, यह बहुत ही अच्छा नाम रखा गया, क्योंकि जो बहन-बेटियों के सिंदूर उजड़ गए, उनका बदला लिया गया। भारतीय सेना को संदेश यही है कि लगे रहो। आज विनय खुश हो रहा होगा कि हमारी सेना ने बदला लिया है। शादी के 7वें दिन हुई थी विनय की हत्या
विनय नरवाल मूल रूप से करनाल के भुसली गांव के रहने वाले थे। मगर, 15 साल से उनका परिवार सेक्टर-7 में रह रहा है। उन्होंने दिल्ली से B.Tech किया। विनय का परिवार आर्मी से जुड़ा हुआ है। उनके नाना और ताऊजी आर्मी में थे। दादा हवा सिंह भी BSF में रहे। विनय ने स्कूल टाइम से कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (CDS) की तैयारी की, लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ। इसके बाद सशस्त्र सीमा बल (SSB) की तैयारी की। 3 साल पहले वे नेवी लेफ्टिनेंट भर्ती हो गए। उनकी ड्यूटी केरल के कोच्चि में थी। 28 मार्च को विनय शादी के लिए छुट्टी लेकर कोच्चि से घर आए। 16 अप्रैल को मसूरी में डेस्टिनेशन वेडिंग हुई। इसके बाद उनका यूरोप में हनीमून का प्लान था। मगर, उन्हें नेवी से NOC नहीं मिली, तो वे 21 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम चले गए। 22 अप्रैल को वे पत्नी संग घूमने निकले तो आतंकी हमला हो गया और पत्नी हिमांशी के सामने ही उनकी हत्या कर दी गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
