हरियाणा पुलिस द्वारा वीरता पुरस्कारों के लिए भेजे गए पुलिस अधिकारियों के नामों पर विवाद गहरा गया है। इस मामले में किसान संगठन पहले ही विरोध कर रहे थे। वहीं, अब पंजाब के विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पंजाब के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि जो नाम हरियाणा पुलिस ने वीरता पुरस्कारों के लिए भेजे हैं, उन पर पुनर्विचार किया जाए। क्योंकि इन अफसरों ने शंभू बार्डर पर संघर्ष कर रहे किसानों को दिल्ली जाने से रोका था। उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोई भी फैसला लेने से पहले पहले शंभू में पंजाब- हरियाणा सरहद पर बने हालातों को ध्यान में रखा जाए। किसानों की मांगों का करते हैं समर्थन संधवां ने पत्र में लिखा है कि, वह किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं। हरियाणा के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस द्वारा हाल ही में शंभू बार्डर पर किसानों के मार्च को रोकने में शामिल छह पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारियों को बहादुरी के पुरस्कार देने की सिफारिश पर गहरी चिंता जताते हुए निंदा की है। वहीं, उन्होंने पत्र में पीएम को नई सरकार बनाने के लिए बधाई दी। साथ ही उनकी तंदुरुस्ती की कामना की है। फरवरी से किसान चल रहे हैं संघर्ष पर दरअसल, फसलों की एमएसपी की लीगल गारंटी की मांग को लेकर किसान 13 फरवरी 2024 से संघर्ष कर रहे हैं। इस दौरान हरियाणा पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर को बैरिकेट्स लगाकर बंद कर दिया था। इस दौरान पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले तक भी छोडे़ थे। कई किसान घायल हुए थे, जबकि एक किसान शुभकरन की मौत तक हो गई थी। यह मामला अभी तक गहराया हुआ है। वहीं, किसान अभी भी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। हरियाणा पुलिस द्वारा वीरता पुरस्कारों के लिए भेजे गए पुलिस अधिकारियों के नामों पर विवाद गहरा गया है। इस मामले में किसान संगठन पहले ही विरोध कर रहे थे। वहीं, अब पंजाब के विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पंजाब के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि जो नाम हरियाणा पुलिस ने वीरता पुरस्कारों के लिए भेजे हैं, उन पर पुनर्विचार किया जाए। क्योंकि इन अफसरों ने शंभू बार्डर पर संघर्ष कर रहे किसानों को दिल्ली जाने से रोका था। उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोई भी फैसला लेने से पहले पहले शंभू में पंजाब- हरियाणा सरहद पर बने हालातों को ध्यान में रखा जाए। किसानों की मांगों का करते हैं समर्थन संधवां ने पत्र में लिखा है कि, वह किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं। हरियाणा के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस द्वारा हाल ही में शंभू बार्डर पर किसानों के मार्च को रोकने में शामिल छह पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारियों को बहादुरी के पुरस्कार देने की सिफारिश पर गहरी चिंता जताते हुए निंदा की है। वहीं, उन्होंने पत्र में पीएम को नई सरकार बनाने के लिए बधाई दी। साथ ही उनकी तंदुरुस्ती की कामना की है। फरवरी से किसान चल रहे हैं संघर्ष पर दरअसल, फसलों की एमएसपी की लीगल गारंटी की मांग को लेकर किसान 13 फरवरी 2024 से संघर्ष कर रहे हैं। इस दौरान हरियाणा पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर को बैरिकेट्स लगाकर बंद कर दिया था। इस दौरान पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले तक भी छोडे़ थे। कई किसान घायल हुए थे, जबकि एक किसान शुभकरन की मौत तक हो गई थी। यह मामला अभी तक गहराया हुआ है। वहीं, किसान अभी भी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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