हरियाणा के सेक्टरों में बहुमंजिला इमारत बनाने की मंजूरी देने के फैसले पर सेक्टर वासी भड़क गए हैं। आज हिसार में हरियाणा स्टेट सेक्टर कन्फेडरेशन की स्टेट कार्यकारिणी की मीटिंग कम्युनिटी सेंटर सेक्टर 16-17 में रखी गई। कार्यकारिणी की मीटिंग में सभी 18 जिलों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसमें सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, रोहतक, भिवानी, रेवाड़ी, झज्जर, गुड़गांव, फरीदाबाद, सोनीपत, जींद, पानीपत, कैथल, पंचकूला, कुरूक्षेत्र के सेक्टर की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी सम्मिलित हुए। बैठक में सेक्टरों से संबंधित मुख्य समस्याओं पर चर्चा की गई। इसमें मुख्यतः पुराने सेक्टर में बहुमंजिला इमारत का निर्माण, सेक्टर में चार गुना पानी के रेट, इनहांसमेंट संबंधित मामले, सेक्टर के रेजिडेंट्स को स्कूल फीस में छूट दिए जाने के मामले पर विचार-विमर्श किया। हरियाणा स्टेट सेक्टर कन्फेडरेशन के संयोजक यशवीर मलिक ने बताया कि सेक्टर वासियों ने बैठक में तय में किया कि सरकार को जगाने के लिए जिला स्तर पर ज्ञापन दिए जाएंगे। इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो जींद में बड़ी रैली करेंगे] जिसमें प्रदेश के हर सेक्टर से लोग आएंगे और आगामी विधानसभा में सरकार का बहिष्कार कर सेक्टरों में घुसने पर रोक लगाएंगे। इसलिए विरोध कर रहे सेक्टर वासी
दरअसल, पुराने सेक्टरों में बहुमंजिला इमारत बनाने का ज्यादा विरोध हो रहा है। सेक्टर वासी चाहते हैं कि पुराने सेक्टरों में सरकार को यह नियम लागू नहीं करना चाहिए। इन सेक्टरों का बुनियादी ढांचा उस समय की जनसंख्या के अनुसार बनाया गया था। आज की परिस्थिति में जब आबादी कई गुना बढ़ चुकी है तो पुराना बुनियादी ढांचा अपर्याप्त है। यहां सीवर लाइनें करीब 30 से 35 साल पुरानी हो चुकी हैं। उस समय एक घर में तीन-चार लोग रहते थे। अब मल्टी स्टोरी बनने लगी हैं और एक-एक घर में कई-कई परिवार रह रहे हैं। इसका बोझ सीवर और पेयजल आपूर्ति प्रणाली पर पड़ रहा है। सीवर लाइनें छोटी होने के कारण ओवरफ्लो हो जाती हैं। इससे पुराने सेक्टरों में गंभीर समस्या पैदा हो गई है। पुरानी सीवर लाइनों को बदलना भी इतना आसान नहीं है। काफी बजट लगेगा और समय भी। इस दौरान सड़कें भी टूटेंगी और आमजन परेशान हो जाएंगे। चार मंजिल मकान बनाने से पड़ोसी के आगे कई परेशानी खड़ी हो रही हैं। इन मकानों में दरार आ रही हैं। अब बिल्डर भी पुराने सेक्टरों में मकान व प्लाट खरीदने में लगे हुए हैं। यदि जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया तो हालात खराब हो जाएंगे। बिल्डरों को फायदा पहुंचा रही सरकार : मलिक
हरियाणा स्टेट सेक्टर कन्फेडरेशन के संयोजक यशवीर मलिक ने बताया कि सरकार ने पुराने सेक्टरों में 4 मंजिला मकान और 1 बेसमैंट यानी 5 मंजिला मकान बनाने की मंजूरी दी है। सरकार ने बिल्डरों पर दबाव में नहीं, बिल्डरों से ले देकर यह स्कीम दोबारा थोंप दी। सेक्टरवासियों ने इसका पहले भी विरोध किया था। राज्यपाल को 2 लाख सेक्टरवासियों के हस्ताक्षर सौंपे थे। विधानसभा में इस मुद्दे पर बहस हुई थी। जांच कमेटी बनाई थी और स्कीम को बंद कर दिया गया था मगर अब उसी स्कीम को फिर से लागू कर दिया। यह साफ है कि बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का काम सरकार कर रही है। हमारा जीना दूभर हो गया है। तीन साल एन्हासमेंट का मुद्दा उठाया। सरकार ने तय किया था कि सेटलमेंट पर सेटलमेंट स्कीम ले आएंगे। एक एन्हासमेंट कोष बनाएंगे, मगर अब फिर सरकार एन्हासमेंट के नोटिस दे रही है। सेक्टरों में पानी के बिल चार गुना दिए जा रहे हैं, जबकि पानी वहीं पब्लिक हेल्थ के जरिये आता है। पब्लिक हेल्थ के बिलों से चार गुना एचएसवीपी बिल वसूल रहा है। जो सरासर गलत है। स्टेट कार्यकारिणी के सदस्यों ने दैनिक भास्कर से साझा की समस्या… हरियाणा के सेक्टरों में बहुमंजिला इमारत बनाने की मंजूरी देने के फैसले पर सेक्टर वासी भड़क गए हैं। आज हिसार में हरियाणा स्टेट सेक्टर कन्फेडरेशन की स्टेट कार्यकारिणी की मीटिंग कम्युनिटी सेंटर सेक्टर 16-17 में रखी गई। कार्यकारिणी की मीटिंग में सभी 18 जिलों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसमें सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, रोहतक, भिवानी, रेवाड़ी, झज्जर, गुड़गांव, फरीदाबाद, सोनीपत, जींद, पानीपत, कैथल, पंचकूला, कुरूक्षेत्र के सेक्टर की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी सम्मिलित हुए। बैठक में सेक्टरों से संबंधित मुख्य समस्याओं पर चर्चा की गई। इसमें मुख्यतः पुराने सेक्टर में बहुमंजिला इमारत का निर्माण, सेक्टर में चार गुना पानी के रेट, इनहांसमेंट संबंधित मामले, सेक्टर के रेजिडेंट्स को स्कूल फीस में छूट दिए जाने के मामले पर विचार-विमर्श किया। हरियाणा स्टेट सेक्टर कन्फेडरेशन के संयोजक यशवीर मलिक ने बताया कि सेक्टर वासियों ने बैठक में तय में किया कि सरकार को जगाने के लिए जिला स्तर पर ज्ञापन दिए जाएंगे। इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो जींद में बड़ी रैली करेंगे] जिसमें प्रदेश के हर सेक्टर से लोग आएंगे और आगामी विधानसभा में सरकार का बहिष्कार कर सेक्टरों में घुसने पर रोक लगाएंगे। इसलिए विरोध कर रहे सेक्टर वासी
दरअसल, पुराने सेक्टरों में बहुमंजिला इमारत बनाने का ज्यादा विरोध हो रहा है। सेक्टर वासी चाहते हैं कि पुराने सेक्टरों में सरकार को यह नियम लागू नहीं करना चाहिए। इन सेक्टरों का बुनियादी ढांचा उस समय की जनसंख्या के अनुसार बनाया गया था। आज की परिस्थिति में जब आबादी कई गुना बढ़ चुकी है तो पुराना बुनियादी ढांचा अपर्याप्त है। यहां सीवर लाइनें करीब 30 से 35 साल पुरानी हो चुकी हैं। उस समय एक घर में तीन-चार लोग रहते थे। अब मल्टी स्टोरी बनने लगी हैं और एक-एक घर में कई-कई परिवार रह रहे हैं। इसका बोझ सीवर और पेयजल आपूर्ति प्रणाली पर पड़ रहा है। सीवर लाइनें छोटी होने के कारण ओवरफ्लो हो जाती हैं। इससे पुराने सेक्टरों में गंभीर समस्या पैदा हो गई है। पुरानी सीवर लाइनों को बदलना भी इतना आसान नहीं है। काफी बजट लगेगा और समय भी। इस दौरान सड़कें भी टूटेंगी और आमजन परेशान हो जाएंगे। चार मंजिल मकान बनाने से पड़ोसी के आगे कई परेशानी खड़ी हो रही हैं। इन मकानों में दरार आ रही हैं। अब बिल्डर भी पुराने सेक्टरों में मकान व प्लाट खरीदने में लगे हुए हैं। यदि जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया तो हालात खराब हो जाएंगे। बिल्डरों को फायदा पहुंचा रही सरकार : मलिक
हरियाणा स्टेट सेक्टर कन्फेडरेशन के संयोजक यशवीर मलिक ने बताया कि सरकार ने पुराने सेक्टरों में 4 मंजिला मकान और 1 बेसमैंट यानी 5 मंजिला मकान बनाने की मंजूरी दी है। सरकार ने बिल्डरों पर दबाव में नहीं, बिल्डरों से ले देकर यह स्कीम दोबारा थोंप दी। सेक्टरवासियों ने इसका पहले भी विरोध किया था। राज्यपाल को 2 लाख सेक्टरवासियों के हस्ताक्षर सौंपे थे। विधानसभा में इस मुद्दे पर बहस हुई थी। जांच कमेटी बनाई थी और स्कीम को बंद कर दिया गया था मगर अब उसी स्कीम को फिर से लागू कर दिया। यह साफ है कि बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का काम सरकार कर रही है। हमारा जीना दूभर हो गया है। तीन साल एन्हासमेंट का मुद्दा उठाया। सरकार ने तय किया था कि सेटलमेंट पर सेटलमेंट स्कीम ले आएंगे। एक एन्हासमेंट कोष बनाएंगे, मगर अब फिर सरकार एन्हासमेंट के नोटिस दे रही है। सेक्टरों में पानी के बिल चार गुना दिए जा रहे हैं, जबकि पानी वहीं पब्लिक हेल्थ के जरिये आता है। पब्लिक हेल्थ के बिलों से चार गुना एचएसवीपी बिल वसूल रहा है। जो सरासर गलत है। स्टेट कार्यकारिणी के सदस्यों ने दैनिक भास्कर से साझा की समस्या… हरियाणा | दैनिक भास्कर