हरियाणा सरकार में डिप्टी कमिश्नरों की मीटिंग बुलाने को लेकर 2 विभागों में टकराव हो गया है। उद्योग विभाग के IAS अधिकारी ने मीटिंग बुलाई तो श्रम विभाग के अधिकारी ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए उन्हें चिट्ठी लिख दी। उन्होंने मीटिंग को कैंसिल करने के लिए तक कह दिया। यह मीटिंग इंडस्ट्री और कंन्स्ट्रक्शन साइट के वर्करों की सुरक्षा को लेकर बुलाई गई थी। इसी को लेकर उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक सीजी रजनी कांतन और श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण आमने-सामने हो गए। हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी में अब 2 सीनियर IAS की पावर स्ट्रगल की लड़ाई की खूब चर्चा है। हालांकि औपचारिक तौर पर दोनों अधिकारी इसको लेकर खुलकर कुछ नहीं कह रहे। सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें 2 IAS अधिकारियों की लड़ाई… 1. उद्योग एवं वाणिज्य विभाग महानिदेशक ने बुलाई मीटिंग
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक सीजी रजनी कांतन की तरफ से HEPC, हरियाणा के डिप्टी चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर के लिए सहायक निदेशक ( एचईपीसी ) ने 22 जुलाई , 2024 को पत्र जारी किया था। इसमें कहा गया था, हरियाणा राज्य में अभी हाल में इंडस्ट्रियल एंड कंस्ट्रक्शन स्थलों की दुर्घटनाओं की रिपोर्टिग ध्यान में आई है। इस संबंध में इंडस्ट्रियल एंड कंस्ट्रक्शन एस्टेबलिशमेंट्स के लिए एक विशेष जागरूकता अभियान विभागों और इंडस्ट्रियल एसोसिएशंस के साथ पूरे राज्य में चलाया जाना है। 2. मीटिंग में 8 विभागों के अफसर और 8 जिलों के DC भी बुलाए
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक की अध्यक्षता में 25 जुलाई को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए यह मीटिंग बुलाई गई थी। पत्र में कहा गया था कि जागरूकता अभियान के मद्देनजर संबंधित जिला अधिकारी मीटिंग अटैंड करें। इन अधिकारियों में जिला राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, फायर एंड इमरजेंसी सेवाएं विभाग, चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टोरेट, एचएसआईआईडीसी, बॉक्लर इंस्पेक्टोरेट, श्रम विभाग, पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन (PESO), इंडस्ट्रियल एसोसिएशंस के प्रतिनिधि शामिल हो चुके हैं। यह पत्र 10 जिलों पंचकूला, नूह, अंबाला, सिरसा, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जींद, पलवल, फतेहाबाद के डिप्टी कमिश्नरों को भी भेजा गया था। जिसमें उन्हें जरूरी तौर पर मीटिंग अटैंड करने को कहा गया था। 3. श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा- यह आपके अधिकार में नहीं
इसके बाद श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग महानिदेशक को चिट्ठी भेजी। जिसमें लिखा कि श्रम विभाग के अधिकारियों की तरफ से मेरे संज्ञान में एक पत्र लाया गया है। पत्र में 8 अफसरों की एक टीम द्वारा इंडस्ट्रियल एंड कंस्ट्रक्शन एस्टेबलिशमेंट्स के लिए एक विशेष सुरक्षा जागरूकता अभियान के बारे में लिखा गया है। यह पत्र श्रम विभाग के साथ चर्चा किए बगैर जारी किया गया है, चूंकि कंस्ट्रक्शन साइट्स उद्योग विभाग के अधीन नहीं आती हैं। इसलिए इस पत्र को संशोधित किया जाए या इसे श्रम विभाग के साथ चर्चा होने तक होल्ड कर लिया जाए। 4. जब तक चिट्ठी लिखी, मीटिंग निपट चुकी थी
मजे की बात यह है कि जब तक श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने यह लेटर लिखा, मीटिंग निपट चुकी थी। जिसमें उनके बुलाए अधिकारी भी शामिल हुए थे। अब सरकार की नाक तले 2 सीनियर अधिकारियों की इस तरह की लड़ाई को लेकर खूब चर्चा हो रही है। सूत्रों के अनुसार सरकार भी इस मामले में सक्रिय हो चुकी है। हालांकि मामला टॉप ब्यूरोक्रेसी से जुड़े होने की वजह से सार्वजनिक तौर पर कुछ भी कहने से बचा जा रहा है। हरियाणा सरकार में डिप्टी कमिश्नरों की मीटिंग बुलाने को लेकर 2 विभागों में टकराव हो गया है। उद्योग विभाग के IAS अधिकारी ने मीटिंग बुलाई तो श्रम विभाग के अधिकारी ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए उन्हें चिट्ठी लिख दी। उन्होंने मीटिंग को कैंसिल करने के लिए तक कह दिया। यह मीटिंग इंडस्ट्री और कंन्स्ट्रक्शन साइट के वर्करों की सुरक्षा को लेकर बुलाई गई थी। इसी को लेकर उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक सीजी रजनी कांतन और श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण आमने-सामने हो गए। हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी में अब 2 सीनियर IAS की पावर स्ट्रगल की लड़ाई की खूब चर्चा है। हालांकि औपचारिक तौर पर दोनों अधिकारी इसको लेकर खुलकर कुछ नहीं कह रहे। सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें 2 IAS अधिकारियों की लड़ाई… 1. उद्योग एवं वाणिज्य विभाग महानिदेशक ने बुलाई मीटिंग
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक सीजी रजनी कांतन की तरफ से HEPC, हरियाणा के डिप्टी चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर के लिए सहायक निदेशक ( एचईपीसी ) ने 22 जुलाई , 2024 को पत्र जारी किया था। इसमें कहा गया था, हरियाणा राज्य में अभी हाल में इंडस्ट्रियल एंड कंस्ट्रक्शन स्थलों की दुर्घटनाओं की रिपोर्टिग ध्यान में आई है। इस संबंध में इंडस्ट्रियल एंड कंस्ट्रक्शन एस्टेबलिशमेंट्स के लिए एक विशेष जागरूकता अभियान विभागों और इंडस्ट्रियल एसोसिएशंस के साथ पूरे राज्य में चलाया जाना है। 2. मीटिंग में 8 विभागों के अफसर और 8 जिलों के DC भी बुलाए
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक की अध्यक्षता में 25 जुलाई को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए यह मीटिंग बुलाई गई थी। पत्र में कहा गया था कि जागरूकता अभियान के मद्देनजर संबंधित जिला अधिकारी मीटिंग अटैंड करें। इन अधिकारियों में जिला राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, फायर एंड इमरजेंसी सेवाएं विभाग, चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टोरेट, एचएसआईआईडीसी, बॉक्लर इंस्पेक्टोरेट, श्रम विभाग, पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन (PESO), इंडस्ट्रियल एसोसिएशंस के प्रतिनिधि शामिल हो चुके हैं। यह पत्र 10 जिलों पंचकूला, नूह, अंबाला, सिरसा, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जींद, पलवल, फतेहाबाद के डिप्टी कमिश्नरों को भी भेजा गया था। जिसमें उन्हें जरूरी तौर पर मीटिंग अटैंड करने को कहा गया था। 3. श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा- यह आपके अधिकार में नहीं
इसके बाद श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग महानिदेशक को चिट्ठी भेजी। जिसमें लिखा कि श्रम विभाग के अधिकारियों की तरफ से मेरे संज्ञान में एक पत्र लाया गया है। पत्र में 8 अफसरों की एक टीम द्वारा इंडस्ट्रियल एंड कंस्ट्रक्शन एस्टेबलिशमेंट्स के लिए एक विशेष सुरक्षा जागरूकता अभियान के बारे में लिखा गया है। यह पत्र श्रम विभाग के साथ चर्चा किए बगैर जारी किया गया है, चूंकि कंस्ट्रक्शन साइट्स उद्योग विभाग के अधीन नहीं आती हैं। इसलिए इस पत्र को संशोधित किया जाए या इसे श्रम विभाग के साथ चर्चा होने तक होल्ड कर लिया जाए। 4. जब तक चिट्ठी लिखी, मीटिंग निपट चुकी थी
मजे की बात यह है कि जब तक श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने यह लेटर लिखा, मीटिंग निपट चुकी थी। जिसमें उनके बुलाए अधिकारी भी शामिल हुए थे। अब सरकार की नाक तले 2 सीनियर अधिकारियों की इस तरह की लड़ाई को लेकर खूब चर्चा हो रही है। सूत्रों के अनुसार सरकार भी इस मामले में सक्रिय हो चुकी है। हालांकि मामला टॉप ब्यूरोक्रेसी से जुड़े होने की वजह से सार्वजनिक तौर पर कुछ भी कहने से बचा जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर