हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 1.80 लाख वार्षिक आय वाले 40 लाख परिवारों को बड़ी राहत दी है। सीएम सैनी ने घोषणा की है कि इन परिवारों को 500 रुपए में गैस सिलेंडर दिया जाएगा। इसके अलावा 5105 बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए 20 करोड़ 28 लाख रुपए का श्रण भी सरकार देगी। सीएम सैनी ने यह घोषणा जींद में हरियाणा तीज पर आयोजित एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में की। सीएम ने सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं का रिवॉल्विंग फंड 20000 से बढ़ाकर 30000 किया। साथ ही सेल्फ हेल्प ग्रुप की समूह सखी का मानदेय 150 से बढ़ाकर 500 रुपए किए जाने का सीएम ने ऐलान किया। उन्होंने इस मौके पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज मुझे बहुत खुशी हो रही है कि आप सब यहां इस कार्यक्रम में शामिल होने आए हैं। मैं आज आप सभी की कोथली देकर बहुत आनंदित महसूस कर रहा हूं। कोथली की परंपरा हरियाणा में बहुत पुरानी है, जो बरसों से चली आ रही है। हरियाणा में फर्स्ट फेज में बनेगी 62 हजार लखपति दीदी सीएम ने कहा कि प्रथम चरण में हमारा लक्ष्य 62 हजार लखपति दीदी बनाने का है। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 10 सालों में 32 कन्या महाविद्यालय खोले, ताकि बेटियों को उच्च शिक्षा की सुविधा मिल सके। आइटीआइ में पढ़ने वाली बेटियों को 500 रुपये प्रति माह स्कालरशिप की जा रही है। बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। राजनीति के क्षेत्र में भी महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है। CM ने ये भी घोषणाएं की – सीएम सैनी द्वारा 100 करोड़ की धनराशि स्वयं सहायता समूह को आवंटित की गई – 10 सबसे कम लिंगनुपात वाले जिलों में जागरूकता के लिए मोबाइल वैन की शुरुआत – 1.80 लाख रुपए वार्षिक आय वाले परिवार की लड़कियों को स्नातक तक फ्री शिक्षा – स्वयं सहायता समूह कि महिलाओं को बस अड्डा परिसर में शॉप आवंटन – 1581 गरीब विधवाओं को 9 करोड़ 38 लाख ब्याज रहित ऋण देने का भरोसा – 487 महिला उद्यमियों को 8 करोड़ 70 लाख का ऋण 7% ब्याज पर दिया – मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना में 41000 से बढ़ाकर 71000 तक – महिला पुलिस कर्मियों कि संख्या 15% तक बढ़ाने का फैसला – PM मातृत्व योजना में 8 लाख 45000 गर्भवतियों को 346 करोड़ रुपए की सहायता राशि – मुख्यमंत्री डूंगर उपहार योजना में 10 लाख बच्चों को फॉर्टफाइड दूध – 3 लाख महिला एवं किशोरी योजना में छात्राओं को सैनेटरी पैड देगी सरकार – मिशन इंद्रधनुष अभियान में 3 लाख 33000 महिलाएं टीकाकरण करने का काम करेंगी हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 1.80 लाख वार्षिक आय वाले 40 लाख परिवारों को बड़ी राहत दी है। सीएम सैनी ने घोषणा की है कि इन परिवारों को 500 रुपए में गैस सिलेंडर दिया जाएगा। इसके अलावा 5105 बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए 20 करोड़ 28 लाख रुपए का श्रण भी सरकार देगी। सीएम सैनी ने यह घोषणा जींद में हरियाणा तीज पर आयोजित एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में की। सीएम ने सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं का रिवॉल्विंग फंड 20000 से बढ़ाकर 30000 किया। साथ ही सेल्फ हेल्प ग्रुप की समूह सखी का मानदेय 150 से बढ़ाकर 500 रुपए किए जाने का सीएम ने ऐलान किया। उन्होंने इस मौके पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज मुझे बहुत खुशी हो रही है कि आप सब यहां इस कार्यक्रम में शामिल होने आए हैं। मैं आज आप सभी की कोथली देकर बहुत आनंदित महसूस कर रहा हूं। कोथली की परंपरा हरियाणा में बहुत पुरानी है, जो बरसों से चली आ रही है। हरियाणा में फर्स्ट फेज में बनेगी 62 हजार लखपति दीदी सीएम ने कहा कि प्रथम चरण में हमारा लक्ष्य 62 हजार लखपति दीदी बनाने का है। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 10 सालों में 32 कन्या महाविद्यालय खोले, ताकि बेटियों को उच्च शिक्षा की सुविधा मिल सके। आइटीआइ में पढ़ने वाली बेटियों को 500 रुपये प्रति माह स्कालरशिप की जा रही है। बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। राजनीति के क्षेत्र में भी महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है। CM ने ये भी घोषणाएं की – सीएम सैनी द्वारा 100 करोड़ की धनराशि स्वयं सहायता समूह को आवंटित की गई – 10 सबसे कम लिंगनुपात वाले जिलों में जागरूकता के लिए मोबाइल वैन की शुरुआत – 1.80 लाख रुपए वार्षिक आय वाले परिवार की लड़कियों को स्नातक तक फ्री शिक्षा – स्वयं सहायता समूह कि महिलाओं को बस अड्डा परिसर में शॉप आवंटन – 1581 गरीब विधवाओं को 9 करोड़ 38 लाख ब्याज रहित ऋण देने का भरोसा – 487 महिला उद्यमियों को 8 करोड़ 70 लाख का ऋण 7% ब्याज पर दिया – मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना में 41000 से बढ़ाकर 71000 तक – महिला पुलिस कर्मियों कि संख्या 15% तक बढ़ाने का फैसला – PM मातृत्व योजना में 8 लाख 45000 गर्भवतियों को 346 करोड़ रुपए की सहायता राशि – मुख्यमंत्री डूंगर उपहार योजना में 10 लाख बच्चों को फॉर्टफाइड दूध – 3 लाख महिला एवं किशोरी योजना में छात्राओं को सैनेटरी पैड देगी सरकार – मिशन इंद्रधनुष अभियान में 3 लाख 33000 महिलाएं टीकाकरण करने का काम करेंगी हरियाणा | दैनिक भास्कर
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76KG भारवर्ग की पहली भारतीय ओलिंपियन रीतिका हुड्डा:कॉमनवेल्थ व एशियन में हारी तो छोड़ना चाहती थी कुश्ती, माता-पिता की प्रेरणा से ओलिंपिक में पहुंची रोहतक के गांव खरकड़ा हाल अस्थल बोहर की रहने वाली कुश्ती खिलाड़ी रीतिका हुड्डा पेरिस ओलिंपिक के 76 किलोग्राम भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली खिलाड़ी हैं। जिन्होंने करीब करीब 9 साल पहले कुश्ती खेलना शुरू किया था। वहीं 2022 में ऐसा दौर आया जब कॉमनवेल्थ व एशियन खेलों में चयन नहीं हुआ तो कुश्ती खेल तक छोड़ने का फैसला ले लिया था। लेकिन माता-पिता की प्रेरणा से उन्होंने दोबारा खेलना शुरू किया। कड़ी मेहनत के बल पर वे ओलिंपिक तक का सफर तय करने में सफल रही। वहीं ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के सपने को पूरा करने के लिए वे स्पेशल रणनीति के तहत मैदान में उतरेंगी। जिसके लिए वे पेरिस के समय अनुसार हर रोज करीब 7 घंटे पसीना बहाती हैं। वहीं रीतिका ने इस ओलिंपिक के लिए फैसला लिया है कि वे दिमाग पर किसी का भी बोझ नहीं रखेंगी ओर खुलकर खेलेंगी। स्पीड वर्क व स्मार्ट वर्क पर भी फोकस
रीतिका हुड्डा ने कहा कि ओलिंपिक में चयन से वे काफी खुश हैं। वे पहली महिला हैं, जो ओलिंपिक में 76 किलोग्राम भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। ओलिंपिक के लिए कड़ा अभ्यास किया है। हार्ड वर्क के साथ-साथ स्पीड वर्क व स्मार्ट वर्क पर भी फोकस रहा है। अब तो यही सपना है कि ओलिंपिक में बेस्ट प्रदर्शन करें। यहां तक पहुंचाने में कोच व माता-पिता का अहम योगदान
रीतिका हुड्डा ने कहा कि यहां तक पहुंचने के लिए उनके कोच व माता-पिता का अहम योगदान रहा है। उनके खाने पीने का सामान व खेल संबंधित सामान है, वह पिता जगबीर हुड्डा लेकर आते हैं। वहीं उनकी मां नीलम खान-पान का ध्यान रखती हैं। मैदान में उनके कोच मंदीप अच्छे से ट्रेनिंग देते हैं। आसपास के लोग भी पूरा सहयोग करते हैं। सभी को उम्मीद है कि बेटी गोल्ड लेकर आएगी। इस पर रीतिका ने कहा कि वे ओलंपिक में अपना बेस्ट देकर आएंगी। बाकी जो भगवान देगा उसमें खुश हूं। 2015 में शुरू की थी कुश्ती
रीतिका हुड्डा ने 2015 में कुश्ती खेल की शुरूआत की थी। रीतिका ने कहा कि उस समय खुद नहीं सोचा था कि कभी ओलिंपिक में क्वालीफाई करुंगी और भारत की पहली महिला बनूंगी। आज इस मुकाम पर पहुंचकर काफी खुश हूं। भगवान ने इतना जल्दी मेहनत का रिजल्ट दिया। आज मेहनत सफल होने जा रही है। बस अब मेडल लेकर आना है। हर खिलाड़ी के लिए अलग रणनीति
रीतिका हुड्डा ने कहा कि ओलिंपिक में कई देशों के खिलाड़ी भाग लेंगे। उनको हराने के लिए अलग-अलग स्ट्रेटजी रहती है। सभी की बाउट देखी हैं और उन पर काम किया है। किसी के साथ अटैक करना है तो किसी के साथ डिफेंस। सभी के साथ अच्छा प्रदर्शन करने की तैयारी की हुई है। 2022 में कुश्ती छोड़ने का मन बना तो माता-पिता ने बढ़ाया हौसला
उन्होंने बताया कि यहां तक का सफर परेशानियों भरा रहा है। खेल के दौरान इंजरी से भी गुजरी हैं। एक समय था, जब उन्होंने हार मान ली थी। क्योंकि 2022 के दौरान कॉमनवेल्थ गेम्स की ट्रायल, सीनियर वर्ल्ड व एशियन गेम्स इन सभी में हार हो गई थी। इस हार के बाद कुश्ती नहीं करने का फैसला किया था। लेकिन परिवार वालों का पूरा सहयोग था। माता-पिता ने कहा कि अपनी प्रैक्टिस पर लगी रह, खाने-पीने का ध्यान हम रखेंगे। इसके बाद दौबारा से खेलने का मन बनाया और आज यहां तक पहुंची हैं। ओलिंपिक में खुलकर खेलेंगे रीतिका
रीतिका हुड्डा ने बताया कि ओलिंपिक में वे एक बात का विशेष ध्यान रखेंगी कि किसी को भी माइंड (दिमाग) पर हैवी नहीं होने देना। इसलिए वे किसी को भी अपने माइंड पर हैवी नहीं होने देंगी। वहीं ओलिंपिक में खुलकर खेलेंगी। उनका लक्ष्य यह है कि गोल्ड लेकर आना है। ओलिंपिक के हिसाब से उन्होंने यहां पर अभ्यास किया है। जिसके लिए वे सुबह-शाम को साढ़े 3-साढ़े 3 घंटे अभ्यास किया है। मां बोली- बेटी से गोल्ड की उम्मीद
रीतिका हुड्डा की मां नीलम हुड्डा ने कहा कि कोई भी खिलाड़ी हो, उसके लिए परिवार के सभी लोगों को संघर्ष करना पड़ता है। आज गर्व महसूस कर रहे हैं कि आज बेटी ओलिंपिक में भाग लेने जा रही है। अभी तक 76 किलोग्राम भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व कोई नहीं करता था। बेटी की महनत को देखकर हमें गोल्ड की उम्मीद है, बाकी भगवान के हाथ में हैं। रीतिका प्रैक्टिस पर विशेष ध्यान दे रही है, इसलिए अब पेरिस में जा रही हैं। अन्यथा इनके साथ की खिलाड़ी दो दिन पहले ही जा चुकी हैं। हमारा घर ज्यादा अमीर तो नहीं हैं, लेकिन रीतिका के पिता ने आर्थित परेशानी झेली। हमें तो रीतिका के पिता ने हर चीज लाकर दी है। अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनी थी रीतिका
रीतिका हुड्डा वर्ल्ड चैंपियनशिप के अंडर-23 वर्ग में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहवान हैं। उन्होंने दिसंबर 2023 में अल्बानिया की राजधानी तिराणा में आयोजित अंडर-23 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में बेहतर प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता था। जिसकी बदौलत रीतिका भारत की पहली महिला पहलवान बन गई, जिन्होंने अंडर 23 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। इससे पहले भारत के केवल एक पुरुष पहलवान ने ही अंडर 23 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था।
हरियाणा में लगाए जाएंगे वेस्ट-टू-चारकोल प्लांट:गुरुग्राम-मानेसर और फरीदाबाद में स्थापित होंगे, प्रदेश के अन्य शहरों में भी विस्तार की योजना
हरियाणा में लगाए जाएंगे वेस्ट-टू-चारकोल प्लांट:गुरुग्राम-मानेसर और फरीदाबाद में स्थापित होंगे, प्रदेश के अन्य शहरों में भी विस्तार की योजना हरियाणा में जल्द ही कचरे से चारकोल बनाने वाले प्लांट लगेंगे, जिन्हें ग्रीन कोल प्लांट भी कहा जाता है। इस प्लांट के लिए एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (NVVNL) और हरियाणा सरकार के बीच जल्द ही समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। गुरुग्राम-मानेसर और फरीदाबाद में प्लांट स्थापित करने के बाद इस पहल का विस्तार हरियाणा के अन्य शहरों में भी किया जाएगा। केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी मामले मंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रयासों से यह योजना सिरे चढ़ाई जा रही है। एनवीवीएनएल के अधिकारी जल्द ही हरित कोयला संयंत्र (ग्रीन कोल प्लांट) स्थापित करने के लिए कुछ स्थलों का दौरा करेंगे। इन संयंत्रों को क्रियान्वित करने के लिए श्रम शक्ति भवन, नई दिल्ली में मनोहर लाल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें हरियाणा सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। शहरों में ठोस कचरे से मिलेगी निजात
शहरों में लगातार बढ़ते ठोस कचरे से निजात पाने के लिए नगर निगम में ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन पर विस्तृत कार्य योजना बनाई जा रही है। बैठक के दौरान ठोस अपशिष्ट से ग्रीन कोल बनाने की एनवीवीएनएल की पहल पर विस्तृत चर्चा की गई। उल्लेखनीय है कि ग्रीन कोल, जिसे जैव-कोयला भी कहा जाता है, पारंपरिक अपशिष्ट का एक स्थायी विकल्प है, क्योंकि इसे थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए नियमित कोयले के साथ मिश्रित किया जा सकता है। वाराणसी में एक संयंत्र स्थापित किया
एनवीवीएनएल ने हाल ही में ठोस अपशिष्ट से ग्रीन कोल बनाने के लिए वाराणसी में एक संयंत्र स्थापित किया है। यह संयंत्र 600 टन अपशिष्ट का उपभोग करेगा और 200 टन ग्रीन कोल का उत्पादन करेगा, जिससे बहुत कम अवशेष बचेगा। एनवीवीएनएल हल्द्वानी, वडोदरा, नोएडा, गोरखपुर और भोपाल में भी ग्रीन कोल संयंत्र स्थापित करने के लिए विभिन्न चरणों में कार्य कर रहा है। खट्टर हरियाणा में लगाना चाहते हैं प्लांट
बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने निर्देश दिए कि हरियाणा के विभिन्न जिलों में हरित कोयला परियोजनाएं स्थापित की जाएं। नगर निगम आयुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने बताया कि नगर निगम ने पहले ही इस प्रक्रिया को शुरू की दी है और एनवीवीएनएल अधिकारियों के साथ गुरुग्राम में कुछ साइट्स दिखाई हैं। प्रतिदिन 1200 टन कचरे का निपटान होगा
केंद्रीय मंत्री ने निर्देश दिए कि नगर निगम एनवीवीएनएल के साथ मिलकर बंधवाड़ी या गुरुग्राम व मानेसर के आसपास वैकल्पिक स्थलों पर एक ग्रीन कोल प्लांट स्थापित करे। उन्होंने कहा कि यह प्लांट प्रतिदिन लगभग 1200 टन ठोस अपशिष्ट का निपटान करने में सक्षम होना चाहिए। इसी प्रकार, फरीदाबाद नगर निगम को एनवीवीएनएल के साथ मिलकर गांव मोठूका में उपलब्ध भूमि पर 1000 टन प्रतिदिन क्षमता का प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। गुरुग्राम-मानेसर व फरीदाबाद में वेस्ट-टू-ग्रीन कोल प्लांट स्थापित करने से न केवल अपशिष्ट समस्या का स्थायी समाधान होगा, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
फरीदाबाद में शिक्षा मंत्री आवास पर की सड़क जाम:पानी-सीवर ओवरफ्लो से लोग परेशान, जमकर किया प्रदर्शन
फरीदाबाद में शिक्षा मंत्री आवास पर की सड़क जाम:पानी-सीवर ओवरफ्लो से लोग परेशान, जमकर किया प्रदर्शन हरियाणा के जिले फरीदाबाद के सेक्टर 21 में आज पीने के पानी और सीवर ओवरफ्लो की समस्या से परेशान होकर हरियाणा की शिक्षा मंत्री का के निवास का घेराव करते हुए परेशान लोगों ने सड़क जाम कर दिया और जोरदार प्रदर्शन किया। इस मौके पर स्थानीय लोगों ने यह गंभीर आरोप लगाए कि हरियाणा में शिक्षा मंत्री होने के बावजूद सीमा त्रिखा अपने इलाके की मूलभूत सुविधाओं को पूरा नहीं कर पा रही है। 6 दिनों से एमसीएफ के काट रहे चक्कर प्रदर्शन कर रही महिला गीता, सीमा और गायत्री ने बताया कि पिछले लगभग एक महीने से वह लोग पीने के पानी और सीवर की समस्या से जूझ रहे हैं। सीवर का पानी उनके घरों में घुस रहा है, जिसके चलते बच्चे बीमार हो रहे हैं। आज तो हद हो गई, एक महिला को सीवर के पानी घर के अंदर घुसने के चलते करंट लग गया। गनीमत रही कि समय रहते बिजली काट दी गई अन्यथा पूरा परिवार बिजली की चपेट में आ सकता था। सीमा ने बताया कि वह लोग पिछले 6 दिनों से एमसीएफ के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन एमवीएफ ने कोई सुनवाई नहीं की। एमसीएफ में जाने के बाद उन्हें कहा गया कि कोर्ट में जाइए, कोर्ट में गए, तो वहां किसी ने सुनवाई नहीं की। 3-3 मंत्री होने के बाद भी स्मार्ट सिटी का बुरा हाल इसकी शिकायत को लेकर डीसी के पास पहुंचे, डीसी के यहां भी उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला। इसके बाद लोग आज परेशान होकर सड़क पर उतरे है, क्योंकि यह वह इलाका है, जिसे स्मार्ट सिटी कहा जाता है। जब फरीदाबाद में तीन-तीन मंत्री होने के बाद स्मार्ट सिटी का यह हाल है, तो फरीदाबाद के अलग-अलग इलाकों का क्या हाल होगा, जो स्मार्ट सिटी में शामिल नहीं है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है। पीड़ित महिलाओं ने बताया कि वह लोग सेक्टर 21 की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहते हैं और वह लोग डेवलपमेंट चार्ज के अलावा सभी प्रकार के टैक्स देते हैं। लेकिन बावजूद उनके फरीदाबाद में तीन-तीन मंत्रियों के होने के बावजूद भी मूलभूत सुविधाओं की परेशानी से जूझना पड़ रहा है और लोगों को जल भराव जैसी समस्याओं की परेशानी झेलनी पड़ रही है।