भास्कर न्यूज | जालंधर वीरवार को एक तरफ कांग्रेस के पंजाब महासचिव और जालंधर कैंट के विधायक परगट सिंह ने ट्वीट कर पंजाब सरकार पर जलाशय सुरक्षा कानून के मुद्दे पर केंद्र का साथ देने के आरोप लगाए गए, दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ लीडरशिप ने पानी के मुद्दे पर ही केंद्र सरकार को सवालों के घेरे में लिया। बाबू जगजीवन राम चौक में धरने के दौरान बागवानी एवं रक्षा सेवाएं कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत ने केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के हिस्से का पानी हरियाणा को देने के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह फैसला पंजाब के लोगों के हितों पर बड़ा प्रहार होगा। धरने के दौरान जिला योजना कमेटी के चेयरमैन अमृतपाल सिंह ने कहा कि यह फैसला पंजाब के अधिकारों पर डकैती है और यह राज्य की स्वायत्तता के अधिकार पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा राज्य सरकार पंजाब के पानी को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। उधर, कैबिनेट मंत्री भगत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गैर भाजपा शासित राज्यों में भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। पंजाब का पानी पंजाबियों का है। उन्होंने कहा कि हम हरियाणा को पानी की एक भी अतिरिक्त बूंद नहीं देंगे, क्योंकि हरियाणा को उसके हिस्से का पानी पहले से ही मिल रहा है। बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध-प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी के मंत्री और विधायक पूरे राज्य में धरना और प्रदर्शन कर रहे हैं। यह केवल विरोध-प्रदर्शन नहीं, बल्कि हमारे अधिकारों की लड़ाई है। और आम आदमी पार्टी पंजाब के हितों की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। जालंधर| भाखड़ा नहर से पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच खींचतान शुरू हो गई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस बीजेपी के साथ सूबे की आप सरकार को भी घेर रही है। वीरवार को विधायक परगट सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान, आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल सहित आप के कई नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। पत्रकार वार्ता में उन्होंने केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यसभा मैंबर डॉ. संदीप पाठक और सुशील गुप्ता की वीडियो दिखाते हुए पानी पर दिए ब्यान को के बारे में बताया। सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि कभी सरकार धरना-प्रदर्शन नहीं करती, बल्कि एक्शन लेती है, जो पिछले तीन साल से सरकार नहीं कर पाई। साल 2021 में जब डैम सेफ्टी एक्ट पास हुआ, तब भगवंत मान संसद के सदस्य थे, लेकिन तब उन्होंने इसका विरोध नहीं किया। बिल को तीन साल हो चुके हैं, लेकिन आज तक पंजाब विधानसभा में इसे रद्द करने की सिफारिश नहीं की गई। उन्होंने कहा राज्य सरकार केवल सोशल मीडिया की सरकार साबित हो रही है। पानी हमेशा से राज्य का मुद्दा रहा है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और केंद्र का कोई हस्ताक्षेप नहीं है। हरियाणा और राजस्थान जरूरत से ज्यादा पानी ले चुके हैं। इस समय पंजाब पानी के गंभीर संकट से जूझ रहा है और अब पंजाब ज्यादा पानी देने के योग्य नहीं है। इससे हमारे किसान पानी से वंचित हो जाएंगे। परगट सिंह ने कहा कि डैम सेफ्टी एक्ट की धारा 78, 79, 80 को रद्द करना जरूरी है, जिसके लिए पंजाब सरकार को जल्द से जल्द सत्र बुलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब के पानी के मुद्दे पर सभी को एकजुट होकर खड़ा होना होगा। कांग्रेस इस पर अपना स्पष्ट स्टैंड बता चुकी है। इस मौके पर पूर्व विधायक व जिला शहरी कांग्रेस कमेटी के प्रधान राजिंदर बेरी भी मौजूद रहे। भास्कर न्यूज | जालंधर वीरवार को एक तरफ कांग्रेस के पंजाब महासचिव और जालंधर कैंट के विधायक परगट सिंह ने ट्वीट कर पंजाब सरकार पर जलाशय सुरक्षा कानून के मुद्दे पर केंद्र का साथ देने के आरोप लगाए गए, दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ लीडरशिप ने पानी के मुद्दे पर ही केंद्र सरकार को सवालों के घेरे में लिया। बाबू जगजीवन राम चौक में धरने के दौरान बागवानी एवं रक्षा सेवाएं कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत ने केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के हिस्से का पानी हरियाणा को देने के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह फैसला पंजाब के लोगों के हितों पर बड़ा प्रहार होगा। धरने के दौरान जिला योजना कमेटी के चेयरमैन अमृतपाल सिंह ने कहा कि यह फैसला पंजाब के अधिकारों पर डकैती है और यह राज्य की स्वायत्तता के अधिकार पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा राज्य सरकार पंजाब के पानी को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। उधर, कैबिनेट मंत्री भगत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गैर भाजपा शासित राज्यों में भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। पंजाब का पानी पंजाबियों का है। उन्होंने कहा कि हम हरियाणा को पानी की एक भी अतिरिक्त बूंद नहीं देंगे, क्योंकि हरियाणा को उसके हिस्से का पानी पहले से ही मिल रहा है। बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध-प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी के मंत्री और विधायक पूरे राज्य में धरना और प्रदर्शन कर रहे हैं। यह केवल विरोध-प्रदर्शन नहीं, बल्कि हमारे अधिकारों की लड़ाई है। और आम आदमी पार्टी पंजाब के हितों की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। जालंधर| भाखड़ा नहर से पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच खींचतान शुरू हो गई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस बीजेपी के साथ सूबे की आप सरकार को भी घेर रही है। वीरवार को विधायक परगट सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान, आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल सहित आप के कई नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। पत्रकार वार्ता में उन्होंने केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यसभा मैंबर डॉ. संदीप पाठक और सुशील गुप्ता की वीडियो दिखाते हुए पानी पर दिए ब्यान को के बारे में बताया। सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि कभी सरकार धरना-प्रदर्शन नहीं करती, बल्कि एक्शन लेती है, जो पिछले तीन साल से सरकार नहीं कर पाई। साल 2021 में जब डैम सेफ्टी एक्ट पास हुआ, तब भगवंत मान संसद के सदस्य थे, लेकिन तब उन्होंने इसका विरोध नहीं किया। बिल को तीन साल हो चुके हैं, लेकिन आज तक पंजाब विधानसभा में इसे रद्द करने की सिफारिश नहीं की गई। उन्होंने कहा राज्य सरकार केवल सोशल मीडिया की सरकार साबित हो रही है। पानी हमेशा से राज्य का मुद्दा रहा है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और केंद्र का कोई हस्ताक्षेप नहीं है। हरियाणा और राजस्थान जरूरत से ज्यादा पानी ले चुके हैं। इस समय पंजाब पानी के गंभीर संकट से जूझ रहा है और अब पंजाब ज्यादा पानी देने के योग्य नहीं है। इससे हमारे किसान पानी से वंचित हो जाएंगे। परगट सिंह ने कहा कि डैम सेफ्टी एक्ट की धारा 78, 79, 80 को रद्द करना जरूरी है, जिसके लिए पंजाब सरकार को जल्द से जल्द सत्र बुलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब के पानी के मुद्दे पर सभी को एकजुट होकर खड़ा होना होगा। कांग्रेस इस पर अपना स्पष्ट स्टैंड बता चुकी है। इस मौके पर पूर्व विधायक व जिला शहरी कांग्रेस कमेटी के प्रधान राजिंदर बेरी भी मौजूद रहे। पंजाब | दैनिक भास्कर
