हरियाणा में 2023-24 में पुरस्कार और छात्रवृति से वंचित खिलाड़ियों को सरकार ने एक और अवसर दिया है। ऐसे खिलाड़ी विभाग की वेबसाइट पर जाकर 10 जनवरी तक पुरस्कार और छात्रवृति के लिए आवेदन कर सकते हैं। सोनीपत के डीसी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि 1 जनवरी 2023 से 31 मार्च 2024 के दौरान खेल उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता /प्रतिभागी खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार और छात्रवृति प्रदान करने हेतु पूर्व वर्षों की तरह आवेदन आमंत्रित किये गाए थे, जिसकी अंतिम तिथि 30 जुलाई 2024 निर्धारित की गई थी। इस दौरान कई खिलाड़ी वंचित रह गए। उन्होंने बताया कि पुरस्कार व छात्रवृति के लिए आवेदन पत्र का नमूना विभाग की वेबसाईट www.haryanasports.gov.in पर उपलब्ध है। पात्र खिलाड़ी पूर्ण रूप से आवेदन पत्र भरकर सभी आवश्यक दस्तावेजों सहित आगामी 10 जनवरी 2025 को शाम 5 बजे तक स्थानीय सुभाष स्टेडियम में स्थित जिला खेल कार्यालय में जमा करवा सकते है। इस निर्धारित तिथि के पश्चात किसी भी खिलाड़ी का आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जायेगा। हरियाणा में 2023-24 में पुरस्कार और छात्रवृति से वंचित खिलाड़ियों को सरकार ने एक और अवसर दिया है। ऐसे खिलाड़ी विभाग की वेबसाइट पर जाकर 10 जनवरी तक पुरस्कार और छात्रवृति के लिए आवेदन कर सकते हैं। सोनीपत के डीसी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि 1 जनवरी 2023 से 31 मार्च 2024 के दौरान खेल उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता /प्रतिभागी खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार और छात्रवृति प्रदान करने हेतु पूर्व वर्षों की तरह आवेदन आमंत्रित किये गाए थे, जिसकी अंतिम तिथि 30 जुलाई 2024 निर्धारित की गई थी। इस दौरान कई खिलाड़ी वंचित रह गए। उन्होंने बताया कि पुरस्कार व छात्रवृति के लिए आवेदन पत्र का नमूना विभाग की वेबसाईट www.haryanasports.gov.in पर उपलब्ध है। पात्र खिलाड़ी पूर्ण रूप से आवेदन पत्र भरकर सभी आवश्यक दस्तावेजों सहित आगामी 10 जनवरी 2025 को शाम 5 बजे तक स्थानीय सुभाष स्टेडियम में स्थित जिला खेल कार्यालय में जमा करवा सकते है। इस निर्धारित तिथि के पश्चात किसी भी खिलाड़ी का आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जायेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
रेवाड़ी में आरोपी को 7 साज की सजा:बच्ची के साथ की थी अश्लील हरकत, 7 हजार का लगाया जुर्माना
रेवाड़ी में आरोपी को 7 साज की सजा:बच्ची के साथ की थी अश्लील हरकत, 7 हजार का लगाया जुर्माना हरियाणा के रेवाड़ी जिले में फास्ट ट्रैक कोर्ट के ASJ लोकेश गुप्ता की अदालत ने दोषी को सात साल की सजा सुनाई है। और अदालत ने दोषी पर सात हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को सात महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। व्यक्ति ने देख पुलिस को किया सूचित मिली जानकारी के अनुसार धारूहेड़ा क्षेत्र में एक व्यक्ति नाबालिग बच्चों को उठाकर एक खंडहर फैक्ट्री में लेकर गया और उसके साथ अश्लील हरकत की थी। धारूहेड़ा थाना पुलिस ने मई 2022 में मामले में एक एफआईआर दर्ज की थी। एक व्यक्ति बच्ची के साथ अश्लील हरकतें कर रहा था। इसी दौरान वहां से गुजर रहे एक व्यक्ति ने आरोपी को देख लिया था और पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर आरोपी को मौके पर ही काबू कर लिया था। जुर्माना ना भरने पर भुगतनी होगी अतिरिक्त सजा आरोपी की पहचान मध्यप्रदेश के जिला सीधी के गांव बड़ेसर निवासी कपूर चंद्र के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ थाना धारूहेड़ा में पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज करके जांच की। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया। फास्ट ट्रैक कोर्ट के ASJ लोकेश गुप्ता की अदालत ने आरोपी कपूर चंद्र को दोषी करार देते हुए सात साल के कठोर कारावास व सात हजार रुपए जुर्माने की सजा दी है। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को सात महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
यूपी में पानीपत और हिसार के कांवड़ियों में टकराव:झांकी वाली कांवड़ पर वाहन की टक्कर से विवाद; होमगार्ड के साथ भी धक्का-मुक्की
यूपी में पानीपत और हिसार के कांवड़ियों में टकराव:झांकी वाली कांवड़ पर वाहन की टक्कर से विवाद; होमगार्ड के साथ भी धक्का-मुक्की उत्तर प्रदेश के शामली शहर में शिव चौक पर हरियाणा के पानीपत और हिसार के कांवड़ियों के बीच टकराव हो गया। यहां रेहड़ी पर झांकी वाली कांवड़ में कांवड़ियों के वाहन की टक्कर लगने से दो पक्षों में विवाद गहरा गया। मौके पर पुलिस की भी मौजूदगी थी। बीच-बचाव में आए होमगार्ड के जवान के साथ भी धक्का-मुक्की हो गई। इसके बाद मौके पर पुलिस दलबल पहुंचा। किसी तरह दोनों पक्षों में बीच-बचाव किया गया। इतना ही नहीं, पुलिस दोनों पक्षों के साथ-साथ चली और यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर छोड़ कर वापस लौटी। पिकअप चालक की पानीपत के कांवड़ियों ने की थी पिटाई मामला बुधवार का है। जहां शहर के शिव चौक पर हिसार जिले के कांवड़िए पिकअप वाहन से जा रहे थे। उनके आगे ट्रैक्टर-ट्रॉली पर पानीपत के कांवड़िए चल रहे थे। कांवड़िए रेहड़े में झांकी वाली कांवड़ लेकर जा रहे थे। शहर के शिव चौक के पास पिकअप का पहिया कांवड़ की झांकी वाले रेहड़े से टकरा गया। इस पर पानीपत के कांवड़ियों ने पिकअप चालक की पिटाई कर दी। यह देख हिसार के युवक भड़क गए और दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। बाद में पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन युवकों ने हंगामा कर दिया। एक होमगार्ड के साथ धक्का-मुक्की की गई। मामले की सूचना पर शामली पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत कराया। इसके बाद पुलिस की निगरानी में दोनों पक्षों को यूपी की सीमा से बाहर ले जाया गया। एएसपी संतोष कुमार का कहना है कि मारपीट के बाद कांवड़ियों को समझाकर भेज दिया गया है। किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
कैथल के मोहित ने UPSC में हासिल किया दूसरा स्थान:मजदूरी करते थे पिता, बेटे को पढ़ाने के साथ खुद भी बने सरकारी टीचर
कैथल के मोहित ने UPSC में हासिल किया दूसरा स्थान:मजदूरी करते थे पिता, बेटे को पढ़ाने के साथ खुद भी बने सरकारी टीचर कैथल में 29 वर्षीय मोहित धीमान ने यूपीएससी द्वारा आयोजित भू-वैज्ञानिक परीक्षा में ऑल इंडिया स्तर पर दूसरा स्थान हासिल किया है। मोहित धीमान कलायत के रहने वाले हैं और उनके पिता पेशे से एक मजदूर थे और राज मिस्त्री का काम करते थे।
कुलदीप धीमान ने अपने दोनों बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ खुद भी कला शिक्षक का कोर्स पूरा किया। आर्थिक तंगी और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने मोहित और उनके भाई को बेहतर शिक्षा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वर्ष 2014 में कुलदीप को कला शिक्षक के तौर पर सरकारी स्कूल में नौकरी मिली, जो उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। शिक्षा की नींव और संघर्ष का सफर
मोहित ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में की, जहां वे हर कक्षा में अव्वल रहे। ग्यारहवीं और बारहवीं की पढ़ाई उन्होंने कलायत के शिक्षा भारती स्कूल से पूरी की। इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से फिजिक्स में बीएससी और एमएससी की डिग्री हासिल की। पिता द्वारा कमाए गए हर पैसे की अहमियत उन्हें हमेशा प्रेरित करती रही। परिणाम ने माता-पिता की आंखों में ला दिए खुशी के आंसू
यूपीएससी की भू-वैज्ञानिक परीक्षा में फरवरी 2024 में प्री-एग्जाम, जून में मेंस, और दिसंबर में साक्षात्कार हुआ। जब परिणाम घोषित हुआ और मोहित ने अपना नाम दूसरे स्थान पर देखा, तो माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे। मोहित ने कहा, “यह मेरी मेहनत और माता-पिता के बलिदान का फल है। अब मेरा उद्देश्य अपने कर्तव्यों का संजीदगी से निर्वहन करते हुए देश की सेवा करना है।” “बचपन से ही रही पढ़ाई में गहरी रुचि”
मोहित के माता-पिता बताते हैं कि वह बचपन से ही पढ़ाई में गहरी रुचि रखते थे। जेब खर्च से बचाए हुए पैसों से किताबें खरीदने और उन्हें पढ़ने में उनकी रुचि थी। उनका समर्पण और अनुशासन ही उनकी सफलता की मुख्य कुंजी बना।