<p style=”text-align: justify;”><strong>Deepender Singh Hooda on Kangana Ranaut:</strong> मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानून को लेकर जो बयान दिया, उससे सियासी खलबली मच गई है. कंगना रनौत के बयान के बाद से कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर है. इसी बीच हरियाणा कांग्रेस के नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा, “750 किसानों ने अपनी शहादत देकर MSP और मंडी प्रणाली को भाजपा की तानशाही सरकार से बचाया है.”</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Deepender Singh Hooda on Kangana Ranaut:</strong> मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानून को लेकर जो बयान दिया, उससे सियासी खलबली मच गई है. कंगना रनौत के बयान के बाद से कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर है. इसी बीच हरियाणा कांग्रेस के नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा, “750 किसानों ने अपनी शहादत देकर MSP और मंडी प्रणाली को भाजपा की तानशाही सरकार से बचाया है.”</p> हरियाणा Bihar News: बिहार में मारे जाएंगे नीलगाय और जंगली सूअर, इन 5 जिलों में शुरू किया जाएगा अभियान
Related Posts
Punjab News: CM भगवंत मान बोले, ‘हठ छोड़कर MSP पर किसानों से बात करे केंद्र सरकार’
Punjab News: CM भगवंत मान बोले, ‘हठ छोड़कर MSP पर किसानों से बात करे केंद्र सरकार’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Punjab News:</strong> पंजाब के मुख्यमंत्री <a title=”भगवंत मान” href=”https://www.abplive.com/topic/bhagwant-mann” data-type=”interlinkingkeywords”>भगवंत मान</a> ने गुरुवार (19 सितंबर) को केंद्र से आग्रह किया कि वह अपनी ‘‘हठ’’ छोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत करे. सीएम मान ने कहा कि किसानों से बात करना केंद्र का कर्तव्य है और किसी भी मुद्दे का समाधान केवल बातचीत के जरिए ही हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘किसानों से बात करना केंद्र सरकार का कर्तव्य है. किसी भी मुद्दे का समाधान केवल बातचीत के जरिए ही हो सकता है. केंद्र सरकार को अपनी हठ छोड़ देनी चाहिए.’’ किसान अपने दिल्ली कूच को सुरक्षाबलों द्वारा रोके जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’तीन बार पैदल दिल्ली कूच करने का किया प्रयास'</strong><br />पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल केंद्र पर किसानों की मांगें मानने का दबाव बनाने के लिए 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर हैं. छह से 14 दिसंबर के बीच 101 किसानों के एक जत्थे ने तीन बार पैदल दिल्ली कूच करने का प्रयास किया, लेकिन हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’समस्याओं का निकालना चाहिए समाधान'</strong><br />हरियाणा के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता नायब सिंह सैनी ने बुधवार को कहा कि पंजाब की आप सरकार को राज्य के किसानों से बातचीत करनी चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए. पिछले सप्ताह सैनी ने कहा था कि हरियाणा में किसानों की सभी फसलों की खरीद एमएसपी पर की जा रही है और उन्होंने पंजाब सरकार से भी ऐसा ही करने का आग्रह किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नहीं होनी चाहिए कोई समस्या</strong><br />सैनी ने कहा था, ‘‘पंजाब सरकार को भी किसानों से एमएसपी पर फसल खरीदने का फैसला करना चाहिए. उन्हें इससे कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. जब पंजाब में किसान मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, तो पंजाब सरकार को घोषणा करनी चाहिए कि वह किसानों से सभी फसलों की खरीद एमएसपी पर करेगी.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Jagjit Singh Dallewal Health: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत गंभीर, अनशन के 24वें दिन हुए बेहोश” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/jagjit-singh-dallewal-health-updates-in-farmers-protest-in-khanauri-border-2845629″ target=”_self”>Jagjit Singh Dallewal Health: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत गंभीर, अनशन के 24वें दिन हुए बेहोश</a></strong></p>
44 घंटे बाद किसान नेता की पहली तस्वीर सामने आई:DMC अस्पताल के अंदर जाते दिखे डल्लेवाल; पुलिस ने हिरासत में ले रखा
44 घंटे बाद किसान नेता की पहली तस्वीर सामने आई:DMC अस्पताल के अंदर जाते दिखे डल्लेवाल; पुलिस ने हिरासत में ले रखा पंजाब पुलिस के खनौरी बॉर्डर से हिरासत में लिए गए किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की 44 घंटे बाद लुधियाना के DMC अस्पताल से पहली तस्वीर सामने आई है। इसमें वह डीएमसी के अंदर जाते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन उनके साथ पुलिसवाले भी मौजूद हैं। किसानों की तरफ से लगातार डल्लेवाल की हालत को लेकर चिंता जताई जा रही थी। हालांकि अभी भी डल्लेवाल से मुलाकात को लेकर पुलिस की तरफ से सख्ती है। वहीं बुधवार को खनौरी बॉर्डर पर पंजाब पुलिस के DIG मनदीप सिद्धू, पटियाला SSP नानक सिंह और इंटेलिजेंस के अधिकारी किसानों से मीटिंग करने पहुंचे। पुलिस चाहती थी कि किसान मरणव्रत पर न बैठें। मगर इसका कोई नतीजा नहीं निकला। किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि मीटिंग में डल्लेवाल का मुद्दा उठाया। इसमें साफ किया कि जब तक डल्लेवाल मोर्चे पर नहीं आते हैं, तब तक आगे की बातचीत नहीं होगी। इस पर पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उनकी बात सुन ली है। ये मैसेज उच्च अधिकारियों व सरकार तक पहुंचाया जाएगा। जल्दी ही इस बारे में सूचित किया जाएगा। किसानों ने साफ किया है कि अगर मरणव्रत के दौरान किसी नेता की मौत होती है तो उनका संस्कार नहीं होगा। दूसरा साथी आगे मरणव्रत पर बैठेगा। यह मरणव्रत उस समय तक चलेगा, जब तक मांगे पूरी नहीं की जाती हैं। वहीं हरियाणा BJP के अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने दिल्ली कूच पर कहा कि यह किसानों का फैसला है। किसानों को दिल्ली जाना चाहिए। दिल्ली किसानों की है। दिल्ली में भी किसान हैं। पंधेर बोले- सीएम भगवंत मान जवाब दें
उधर, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा- केंद्र सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है कि ये उनका हाथ नहीं है। अब पंजाब सरकार अपनी स्थिति साफ करे। सीएम भगवंत मान जवाब दें। एक सांसद डल्लेवाल से मिलने गए, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। हमें नजर आ रहा है कि दाल में कुछ काला है। किसान नेता सुखजीत सिंह हरदो झंडे ने मरणव्रत शुरू किया है सरकार डल्लेवाल को बांधकर, उनके नाक में नली लगाकर खुराक दे रही होगी, क्योंकि उन्होंने खुद कह रखा है कि मैं कुछ खाऊंगा-पिऊंगा नहीं। उनकी मौजूदा स्थिति के बारे में न अस्पताल बता रहा है और न ही कोई सरकार का प्रवक्ता बता रहा है। यह मानव अधिकारों का उल्लंघन है। जिस तरह के हालात पैदा किए जा रहे हैं, वह टकराव वाले हैं। इसी के साथ हम लगातार पूरे पंजाब में तैयारी कर रहे हैं। मोर्चे से अन्य नेताओं को उठाया जा सकता है। ऐसे में अधिक से अधिक संख्या में लोग मोर्चों पर पहुंचे। लुधियाना के DMC अस्पताल में भर्ती डल्लेवाल
पुलिस ने डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से उठाकर लुधियाना के DMC अस्पताल में भर्ती कराया है। अस्पताल में डल्लेवाल कुछ नहीं खा रहे हैं। उन्होंने सिर्फ पानी और कैंसर की दवा ली है। बुधवार सुबह उनका ब्लड शुगर का लेवल बढ़ गया। डॉक्टरों की टीम जांच करने के लिए आई तो उन्होंने मना कर दिया। मंगलवार रात को फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सर्बजीत सिंह खालसा उनसे मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। यहां पुलिस अधिकारियों ने उन्हें मिलने नहीं दिया। वहीं शंभू बॉर्डर पर 4 फुट रास्ता खोलने की तैयारी है, क्योंकि किसानों ने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। किसानों ने मंगलवार को एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें कुछ लोग सीमेंट की बैरिकेडिंग पर हथौड़ा मार रहे हैं। हालांकि, अभी काम रुका हुआ है। वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रधान अमन अरोड़ा ने कहा कि डल्लेवाल की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री से बात नहीं हो पाई है। रवनीत सिंह बिट्टू को किसानों और किसानी के संदर्भ में बोलने का अधिकार नहीं है। वह पिछले लंबे समय से किसानी, किसानों के प्रति अपशब्द बोलते आ रहे हैं। वह चुप्पी का दान दें। DIG बोले- प्रशासन को डल्लेवाल की उम्र-सेहत की चिंता
पटियाला रेंज के DIG मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि डल्लेवाल ने मरणव्रत की घोषणा की थी। उनकी उम्र और सेहत की वजह से प्रशासन चिंतित था। मरणव्रत के ऐलान के बाद भीड़ हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच पाती। इसी वजह से प्रशासन ने फैसला किया कि उनकी मेडिकल जांच कराई जाए। इसके लिए उन्हें लुधियाना डीएमसी लेकर आए हैं। सरकार को 10 दिन का दिया समय
जैसे ही मंगलवार सुबह किसान नेता डल्लेवाल को उठाया गया तो किसान भड़क गए। किसान नेता सरवन पंधेर ने मीटिंग कर अगली रणनीति बनाई। किसान नेताओं ने कहा है कि इस आंदोलन का यह दूसरा चरण है। उन्होंने केंद्र सरकार को 10 दिन का समय बातचीत के लिए दिया है। अगर इसमें कोई सहमति नहीं बनी तो किसान 6 दिसंबर को दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। किसानों का कहना है कि हमारे सुरक्षा पहरे में कोई कमी रह गई थी, जो पुलिस हमारे किसान नेता को उठाकर ले गई। इस बार उनका सुरक्षा पहरा मजबूत रहेगा। पुलिस मरणव्रत पर बैठे साथी तक नहीं पहुंच पाएगी। डल्लेवाल ने जमीन परिवार के नाम की
डल्लेवाल ने 4 नवंबर को ऐलान किया था कि पार्लियामेंट सेशन शुरू होते ही वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इसके बाद 6 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच करेंगे। 25 नवंबर को फरीदकोट में जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि वह सिर पर कफन बांधकर आमरण अनशन पर बैठने जा रहे हैं। केंद्र सरकार को उनकी मांगें पूरी करनी होंगी या फिर वह अपनी जान कुर्बान कर देंगे। उनकी मौत से भी आंदोलन नहीं रुकेगा। मौत के बाद दूसरे नेता आमरण अनशन शुरू करेंगे। इसलिए अपनी जमीन को पुत्र, पुत्रवधू और पौत्र के नाम करवा दिया है, ताकि कोई विवाद न रहे। बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली दिल्ली जाएंगे किसान
इधर, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने 18 नवंबर को ऐलान किया था कि किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा था कि 9 महीने से किसान चुप बैठे हैं, लेकिन सरकारों की ओर से हमारी उपेक्षा की जा रही है। इस कारण दिल्ली जाने का फैसला लिया है। इस बार किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के बजाय पैदल मार्च करेंगे। इसमें पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान शामिल होंगे। सरकार के पास 10 दिन का समय है। 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने निकले थे
फसलों पर MSP की गारंटी समेत दूसरी मांगों को लेकर पंजाब के किसान 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच करने के लिए निकले थे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर, खनौरी बॉर्डर और डबवाली बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इससे अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।
पंजाब के 8 सरकारी कॉलेजों का स्टेटस बदलने की तैयारी:ऑटोनोमस का देगी दर्जा; विपक्ष ने सरकार को घेरा, कहा- गरीब फीस कैसे देगा
पंजाब के 8 सरकारी कॉलेजों का स्टेटस बदलने की तैयारी:ऑटोनोमस का देगी दर्जा; विपक्ष ने सरकार को घेरा, कहा- गरीब फीस कैसे देगा पंजाब सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की मदद से ऑटोनोमस कॉलेजों के रूप में अपग्रेड करने के लिए 8 सरकारी कॉलेजों की पहचान की है। गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स लुधियाना, एससीडी गवर्नमेंट कॉलेज लुधियाना, सरकारी मोहिंदरा कॉलेज पटियाला, गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स पटियाला, एसआर गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वुमेन अमृतसर और मोहाली, मलेरकोटला व होशियारपुर में सरकारी कॉलेजों का नाम लिस्ट में शामिल है। इन कॉलेजों को अपने प्रस्ताव निदेशक, सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन कार्यालय को भेजने को कहा जा चुका है। फिर इन प्रस्तावों को “कॉलेजों को ऑटोनोमस दर्जा प्रदान करना और मानकों के रखरखाव के उपाय” विनियम, 2023 के तहत अंतिम विचार के लिए यूजीसी को भेजा जाएगा। ऑटोनोमस का मतलब यह होगा कि ये कॉलेज संबद्ध विश्वविद्यालय की अनुमति के बिना मौजूदा पाठ्यक्रमों की समीक्षा करने और नए पाठ्यक्रमों को फिर से डिजाइन करने के लिए स्वतंत्र होंगे। इन कॉलेजों को फीस संरचना तय करने की भी आजादी होगी। विपक्ष ने सरकार को घेरा इस निर्णय के बाहर आने के बाद अब विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। लुधियाना से सांसद और पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर इसका विरोध जताया है। राजा वड़िंग ने पोस्ट शेयर कर लिखा है- शिक्षा मॉडल के नाम पर बनी आम आदमी पार्टी की सरकार अब इसके खिलाफ काम कर रही है। पहले से चल रहे सरकारी कॉलेजों के निजीकरण की दिशा में ये कदम हमारे युवाओं और आने वाली पीढ़ियों के लिए घातक साबित होंगे। – गरीब छात्र इतनी मोटी फीस कैसे भरेंगे? – क्या शिक्षा केवल पैसे वालों का ही अधिकार है? लॉ एंड ऑर्डर पर भी सरकार को घेरा राजा वड़िंग ने मानसून सत्र से लौटते ही सरकार को घेरना शुरू किया है। उन्होंने एक अन्य मामले में सरकार को लॉ एंड ऑर्डर पर घेरा है। अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा- पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति इस हद तक खराब हो चुकी है कि दुकानदार दूसरे राज्यों में काम करने को मजबूर हैं। बरिंदर गोयल की फैक्ट्री में तीसरी बार चोरी हो गई है, लेकिन प्रशासन सो रहा है। पहले तो चोर नहीं छोड़ते और अगर कोई चार पैसे कमा ले तो फिरौती पीछा नहीं छोड़ती। खास ‘आम आदमी’ सरकार में असली ‘आम आदमी’ सुरक्षित क्यों नहीं?