हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कर्नाटक वाला फॉर्मूला लागू करने जा रही है। दरअसल, इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी काफी उत्साहित दिख रही है। वह लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। लोकसभा में कांग्रेस ने राज्य की 9 सीटों पर चुनाव लड़कर 5 पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक हरियाणा विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के प्रचार को लेकर पार्टी ने रणनीति बदल दी है। लोकसभा चुनाव में धुआंधार प्रचार करने वाले राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी की जोड़ी को लेकर यह रणनीति बदली गई है। जहां एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी लगातार प्रचार कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने अपने चुनावी रणनीतिकार सुनील कोनूगोलू से मिले इनपुट के बाद स्थानीय नेताओं के सहारे ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है। श्रीनगर में अब्दुल्ला परिवार और हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के सहारे ही वह चुनाव प्रचार पर फोकस कर रही है। राहुल गांधी ने अब तक जम्मू-कश्मीर में एक दिन प्रचार किया है, जबकि हरियाणा में उन्होंने अब तक कोई सभा नहीं की है। प्रियंका गांधी भी अब तक हरियाणा से दूर हैं। कोनुगोलू की क्या है प्लानिंग दरअसल, कोनुगोलू की टीम को लगता है कि चुनाव राज्य का है, राज्य के स्थानीय मुद्दे हावी हैं, पीएम मोदी को तो सीएम बनना नहीं है, इसलिए चुनावों को न ही राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जाए और न ही इसे राहुल बनाम मोदी बनने दिया जाए। इसी फेहरिस्त में अमेरिका से लौटने के बाद पहली बार राहुल हरियाणा गए तो राज्य में बेरोजगारी के मुद्दे को गरम कर दिया। हरियाणा में अवैध रूप से लाखों देकर जान की बाजी लगाकर विदेश जाने को मजबूर युवाओं के ही मामले अमेरिका में मिले शख्स के परिवार से मिलने करनाल गए। लेकिन चुनाव प्रचार से दूर रहे, इसलिए राहुल-प्रियंका के प्रचार को सीमित किया गया है। विनेश के लिए बन रही स्पेशल प्लानिंग पार्टी सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में राहुल- प्रियंका का दोनों राज्यों में प्रचार का कार्यक्रम बन रहा है। हालांकि इन दोनों बड़े चेहरों की रैलियों की संख्या में कमी लाई गई है। जुलाना में विनेश फोगाट के लिए राहुल-प्रियंका के प्रचार का खास कार्यक्रम भी तैयार किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी ये जानती है कि रेसलर विनेश के साथ हुए पूरे घटनाक्रम को वह चुनाव में भुना सकती है, इसलिए जुलाना के अलावा भी दूसरी सीटों पर जहां खिलाड़ियों का अच्छा खास प्रभाव हैं, उन पर यूज किया जा सके। अब यहां जानते हैं कौन है कोनूगोलू कर्नाटक में जिता चुके हैं कोनूगोलू कर्नाटक के मूल निवासी सुनील कोनूगोलू भारत के सबसे लोकप्रिय चुनाव रणनीतिकारों में से एक हैं। उन्हें मई 2023 में कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की जीत का पूरा श्रेय दिया जाता है। तेलंगाना में कांग्रेस के चुनाव अभियान की योजना बनाने के पीछे कानुगोलू ही थे, जिन्होंने पार्टी को राज्य में प्रचंड बहुमत से जीत दिलाई। दो साल पहले कोनूगोलू को केसीआर ने एक बैठक के लिए हैदराबाद में अपने फार्म हाउस पर आमंत्रित किया था। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने उन्हें चुनावों के लिए चुनावी रणनीतिकार बनाने की पेशकश की, लेकिन कोनूगोलू ने इस प्रस्ताव को ठुकराकर कांग्रेस का साथ दिया। राहुल गांधी के करीबी हैं मीडिया हलकों में ऐसी चर्चा है कि कोनूगोलू वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भी सलाहकार हैं और उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के एक बड़े हिस्से की योजना बनाने का काम भी सौंपा गया था। कांग्रेस से पहले, चुनावी रणनीतिकार ने अन्नाद्रमुक, भाजपा और द्रमुक के साथ काम किया था। प्रशांत किशोर ने जब कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार बनने प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, तब कांग्रेस ने कोनूगोलू से संपर्क किया। उन्हें टास्क फोर्स 2024 के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। कभी प्रशांत किशोर की टीम का थे हिस्सा अपने शुरुआती दिनों में सुनील कोनूगोलपू 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाली प्रशांत किशोर की टीम का हिस्सा थे। उस समय नरेंद्र मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे। बाद में प्रशांत किशोर से अलग होकर उन्होंने अपनी एक टीम बनाई और कई पार्टियों के लिए रणनीति बनाने का काम किया। वैसे देखा जाए तो कोई भी रणनीतिकार सभी चुनावों में अपेक्षित रिजल्ट नहीं ला पाते हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कर्नाटक वाला फॉर्मूला लागू करने जा रही है। दरअसल, इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी काफी उत्साहित दिख रही है। वह लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। लोकसभा में कांग्रेस ने राज्य की 9 सीटों पर चुनाव लड़कर 5 पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक हरियाणा विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के प्रचार को लेकर पार्टी ने रणनीति बदल दी है। लोकसभा चुनाव में धुआंधार प्रचार करने वाले राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी की जोड़ी को लेकर यह रणनीति बदली गई है। जहां एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी लगातार प्रचार कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने अपने चुनावी रणनीतिकार सुनील कोनूगोलू से मिले इनपुट के बाद स्थानीय नेताओं के सहारे ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है। श्रीनगर में अब्दुल्ला परिवार और हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के सहारे ही वह चुनाव प्रचार पर फोकस कर रही है। राहुल गांधी ने अब तक जम्मू-कश्मीर में एक दिन प्रचार किया है, जबकि हरियाणा में उन्होंने अब तक कोई सभा नहीं की है। प्रियंका गांधी भी अब तक हरियाणा से दूर हैं। कोनुगोलू की क्या है प्लानिंग दरअसल, कोनुगोलू की टीम को लगता है कि चुनाव राज्य का है, राज्य के स्थानीय मुद्दे हावी हैं, पीएम मोदी को तो सीएम बनना नहीं है, इसलिए चुनावों को न ही राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जाए और न ही इसे राहुल बनाम मोदी बनने दिया जाए। इसी फेहरिस्त में अमेरिका से लौटने के बाद पहली बार राहुल हरियाणा गए तो राज्य में बेरोजगारी के मुद्दे को गरम कर दिया। हरियाणा में अवैध रूप से लाखों देकर जान की बाजी लगाकर विदेश जाने को मजबूर युवाओं के ही मामले अमेरिका में मिले शख्स के परिवार से मिलने करनाल गए। लेकिन चुनाव प्रचार से दूर रहे, इसलिए राहुल-प्रियंका के प्रचार को सीमित किया गया है। विनेश के लिए बन रही स्पेशल प्लानिंग पार्टी सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में राहुल- प्रियंका का दोनों राज्यों में प्रचार का कार्यक्रम बन रहा है। हालांकि इन दोनों बड़े चेहरों की रैलियों की संख्या में कमी लाई गई है। जुलाना में विनेश फोगाट के लिए राहुल-प्रियंका के प्रचार का खास कार्यक्रम भी तैयार किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी ये जानती है कि रेसलर विनेश के साथ हुए पूरे घटनाक्रम को वह चुनाव में भुना सकती है, इसलिए जुलाना के अलावा भी दूसरी सीटों पर जहां खिलाड़ियों का अच्छा खास प्रभाव हैं, उन पर यूज किया जा सके। अब यहां जानते हैं कौन है कोनूगोलू कर्नाटक में जिता चुके हैं कोनूगोलू कर्नाटक के मूल निवासी सुनील कोनूगोलू भारत के सबसे लोकप्रिय चुनाव रणनीतिकारों में से एक हैं। उन्हें मई 2023 में कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की जीत का पूरा श्रेय दिया जाता है। तेलंगाना में कांग्रेस के चुनाव अभियान की योजना बनाने के पीछे कानुगोलू ही थे, जिन्होंने पार्टी को राज्य में प्रचंड बहुमत से जीत दिलाई। दो साल पहले कोनूगोलू को केसीआर ने एक बैठक के लिए हैदराबाद में अपने फार्म हाउस पर आमंत्रित किया था। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने उन्हें चुनावों के लिए चुनावी रणनीतिकार बनाने की पेशकश की, लेकिन कोनूगोलू ने इस प्रस्ताव को ठुकराकर कांग्रेस का साथ दिया। राहुल गांधी के करीबी हैं मीडिया हलकों में ऐसी चर्चा है कि कोनूगोलू वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भी सलाहकार हैं और उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के एक बड़े हिस्से की योजना बनाने का काम भी सौंपा गया था। कांग्रेस से पहले, चुनावी रणनीतिकार ने अन्नाद्रमुक, भाजपा और द्रमुक के साथ काम किया था। प्रशांत किशोर ने जब कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार बनने प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, तब कांग्रेस ने कोनूगोलू से संपर्क किया। उन्हें टास्क फोर्स 2024 के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। कभी प्रशांत किशोर की टीम का थे हिस्सा अपने शुरुआती दिनों में सुनील कोनूगोलपू 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाली प्रशांत किशोर की टीम का हिस्सा थे। उस समय नरेंद्र मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे। बाद में प्रशांत किशोर से अलग होकर उन्होंने अपनी एक टीम बनाई और कई पार्टियों के लिए रणनीति बनाने का काम किया। वैसे देखा जाए तो कोई भी रणनीतिकार सभी चुनावों में अपेक्षित रिजल्ट नहीं ला पाते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा भाजपा में अंदरूनी कलह:हिसार में CM कार्यक्रम को हाईजैक करने का आरोप, महंत दर्शनगिरी की एंट्री रोकी, कुलदीप बिश्नोई नहीं पहुंचे
हरियाणा भाजपा में अंदरूनी कलह:हिसार में CM कार्यक्रम को हाईजैक करने का आरोप, महंत दर्शनगिरी की एंट्री रोकी, कुलदीप बिश्नोई नहीं पहुंचे हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने में 2 महीने बचे हैं। सत्तासीन भाजपा सरकार जनता के मुद्दों पर लड़ने की बजाय आपस में ही लड़ती नजर आ रही है। दो दिन पहले हिसार में हुए दक्ष प्रजापति सम्मेलन में प्रजापति समाज से चुने गए महंत दर्शन गिरी को प्रवेश नहीं दिया गया। भाजपा जिला सचिव महंत दर्शन गिरी बीसी रिजर्व से जिला पार्षद हैं। दर्शनगिरी ने अपने ही समाज के नेता डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा पर सरकारी कार्यक्रम को हाईजैक कर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है। दर्शनगिरी ने कहा कि वह वार्ड 20 से चुने गए हैं लेकिन वार्ड 19 के पार्षद को मंच पर जगह दी गई लेकिन उन्हें न तो आमंत्रित किया गया और न ही कार्यक्रम में प्रवेश करने दिया गया। दर्शनगिरी ने इसकी शिकायत जिला अध्यक्ष आशा खेदड़, प्रदेश महासचिव सुरेंद्र पूनिया और जिला प्रभारी जवाहर सैनी से की है। इसके अलावा भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई और भाजपा विधायक भव्य बिश्नोई भी हिसार में होने के बावजूद कार्यक्रम में नहीं आए। रणधीर पनिहार को फोटो फ्रेम से बाहर रखा गया भाजपा कार्यक्रम में दरार इतनी ज्यादा थी कि मंच पर मौजूद कुलदीप समर्थक रणधीर पनिहार को फोटो फ्रेम से बाहर रखा गया। उन्हें स्वागत माला में जगह नहीं दी गई। भाजपा नेताओं में चर्चा रही कि डिप्टी स्पीकर ने सरकारी कार्यक्रम को पूरी तरह से हाईजैक कर लिया। कई अन्य नेताओं को मंच पर सीएम तक पहुंचने नहीं दिया गया। बता दें कि नलवा विधानसभा में रणधीर पनिहार और रणबीर गंगवा एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। रणधीर पनिहार ने 2019 का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर लड़ा था। रणधीर पनिहार ने रणबीर गंगवा को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन हार गए थे। अब कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में आने से रणधीर पनिहार नलवा से मुख्य दावेदारों में से एक हैं। इस कारण डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा अपनी सीट असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। शिकायत में महंत दर्शनगिरी ने यह लिखा “गुरू दक्ष प्रजापति जयंती का कार्यक्रम समाज का था और सरकार ने पैसे लगाये थे पर एक आदमी ने हाई जैक कर रखा था। वैसे तो हिसार जिले में हम 3 जिला पार्षद हैं। 2 पार्षद भाई अन्य पार्टी की विचारधारा से जूडे हैं और मैं दर्शन गिरी महाराज बीजेपी विचारधारा से जुड़ा हूं। अन्य समाज के पार्षदों के नाम मंच से लिए जा रहे थे पर मुझे डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने VIP गेट पर रोका और कहा की आपको किसने बुलाया है। जब आपका नाम लिस्ट में नहीं तो गेट पर किस लिए खड़े हो। इस पर मेरी उनसे काफी बहस हुई। आधे घंटे लड़ाई झगड़ा करके मै अंदर गया। ये अपमान मेरा नहीं 11 गांवों की जनता जनार्दन का किया है। समय आने पर रणबीर गंगवा, ईश्वर मालवाल को इस अपमान का बदला आने वाली विधानसभा चुनाव में ब्याज सहित देंगे मैं ये उनको(रणबीर गंगवा) बोलकर आया हूं।” कौन हैं महंत दर्शनगिरी
महंत दर्शनगिरी वार्ड 19 से जिला पार्षद हैं और भाजपा से जुड़े हुए हैं। वह हिसार से पिछड़ा वर्ग (BC) के लिए आरक्षित सीट से जीतकर आए हैं। वह बरवाला हलके के गांव ढाणीगारण की गोशाला में रहते हैं और वही पर जन्मे हैं। दर्शनगिरी का इससे पहले जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग से भी जिला परिषद की ग्रांट को लेकर विवाद हो चुका है। वह BJP के चेयरमैन के खिलाफ ही दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए थे। दर्शन गिरी सम्मानित व्यक्ति : रणबीर गंगवा
वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों पर रणबीर गंगवा ने कहा कि दर्शन गिरी सम्मानित व्यक्ति हैं। वह पार्षद भी हैं और भगवाधारी साधु हैं। उनको पहले लिस्ट में नाम नहीं था। वह आ गए तब पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद उनको एंट्री दी गई थी। दर्शनगिरी को मंच पर बैठाया गया था। गंगवा ने कहा कि मैं दर्शन गिरी का सम्मान करता हूं।
करनाल में किडनैप हुए रोडवेज ड्राइवर को छुड़ाया:3 अपहरणकर्ता गिरफ्तार, 2 करोड़ की मांगी थी फिरौती, सोनीपत और हिसार के रहने वाले
करनाल में किडनैप हुए रोडवेज ड्राइवर को छुड़ाया:3 अपहरणकर्ता गिरफ्तार, 2 करोड़ की मांगी थी फिरौती, सोनीपत और हिसार के रहने वाले हरियाणा के करनाल जिले के नरूखेड़ी गांव से हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर के अपहरण की गुत्थी पुलिस ने 12 घंटों के अंदर ही सुलझा दी है। करनाल पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। बदमाशों द्वारा कल ड्राइवर का अपहरण करने के बाद परिवार से 2 करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। आज दोपहर बाद पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश कर 3 दिन के रिमांड लिया है। वहीं रोडवेज के ड्राइवर को बदमाशों से कब्जे से मुक्त करवा कर सकुशल परिजनों के हवाले कर दिया है। वहीं पुलिस को बदमाशों से दो अवैध हथियार, 3 जिंदा कारतूस और अपहरण के दौरान प्रयोग की गई गाड़ी को बरामद कर लिया है। अब रिमांड के दौरान पुलिस बदमाशों से गहनता से पूछताछ करेगी कि आखिर इस अपहरण के पीछे राज क्या है। गोहना क्षेत्र से किए गिरफ्तार पुलिस कप्तान गंगा राम पूनिया ने बताया कि कल दोपहर करीब 1 बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि गांव नरूखेड़ी निवासी हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर संदीप नरवाल का ओरा गाड़ी सवार तीन बदमाशों ने गांव के बस अड्डे से ही हथियारों के बल पर अपहरण कर लिया है। जिसके बाद पुलिस की कई टीमें जांच में जांच में जुट गई थी। बदमाशों को पीछा करते हुए पुलिस गोहाना क्षेत्र में पहुंची। जहां पर एक गांव के पास आरोपियों की गाड़ी पलट गई और वहां से सोनीपत निवासी सुरेंद्र, अक्षय और हिसार निवासी नरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया। पहले मांगी 2 करोड़ रुपए फिरौती हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर संदीप के पिता धर्मबीर ने बताया कि कल जब उसके बेटे का अपहरण हुआ तो पहले बदमाशों ने 2 करोड़ रुपए की डिमांड की। उन्होंने कहा कि अगर पैसे नहीं दिए तो वह उसे जान से मार देंगे। उसके बाद जब मैंने कहा कि मेरे पास इतने पैसे नहीं तो उन्होंने फिर डेढ़ करोड़ रुपए मांगे फिर आखिर में 80 लाख रुपए पर आ गए थे। इसी दौरान पुलिस भी आरोपियों के पीछे थी। पुलिस द्वारा बहुत ही कम समय में उसके बेटे को सकुशल अब हमारे हवाले कर दिया है। बेटी को छोड़ने के लिए गया था बस स्टैंड संदीप के पिता धर्मबीर ने बताया कि कल दोपहर 1 बजे संदीप अपनी बेटी को बस में छोड़ने के लिए गया था। जो करनाल में ट्यूशन पढ़ती है। बेटी को बस में बैठाने के बाद जब बस वहां से चली गई तो संदीप अपनी बाइक घुमाने लगा। इस दौरान उसकी बाइक के आगे बदमाशों ने गाड़ी लगा दी और बंदूक के बल पर उसे गाड़ी में बैठा लिया। रिमांड के दौरान करेंगे खुलासे CIA 2 के इंचार्ज प्रवीण कुमार ने बताया कि तीनों बदमाशों को तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान तीनों गहनता से पूछताछ की जाएगी कि उन्होंने संदीप का अपहरण क्यों किया, कितने दिन से रैकी कर रहे थे, इस मामले में और कौन कौन शामिल है। इन सब पहलुओं पर पुलिस जांच करेगी।
हरियाणा पुलिस में बड़ा फेरबदल:42 HPS ऑफिसर्स बदले गए; 4 ACP की जिम्मेदारी बदली, IRB के डीएसपी को CM सिटी की जिम्मेदारी
हरियाणा पुलिस में बड़ा फेरबदल:42 HPS ऑफिसर्स बदले गए; 4 ACP की जिम्मेदारी बदली, IRB के डीएसपी को CM सिटी की जिम्मेदारी हरियाणा सरकार ने पुलिस डिपार्टमेंट में बड़ा फेरबदल किया है। सरकार की ओर से 42 HPS ऑफिसर्स की ट्रांसफर लिस्ट जारी की गई है। इनमें 4 एसीपी की भी जिम्मेदारी बदली गई है। फरीदाबाद, गुरुग्राम के डीएसपी को दूसरे जिलों में भेजा गया है। वहीं एचपीएस सुशील कुमार को आईआरबी के डीएसपी से हटाकर सीएम सिटी करनाल का डीएसपी बनाया गया है। पुलिस डिपार्टमेंट में इस बदलाव के ऑर्डर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम डिपार्टमेंट के अनुराग रस्तोगी की ओर से जारी किए गए हैं। इस ट्रांसफर लिस्ट में तीन डीएसपी को एसीबी में शामिल किया गया है। यहां देखें ट्रांसफर लिस्ट…