हरियाणा में निकाय चुनाव से पहले वोटिंग के लिए आई EVM की बैटरियां बदली जा रही हैं। प्रदेश के 8 नगर निगमों के अलावा नगर परिषद और नगर पालिकाओं में भी फरवरी में चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले EVM से जुड़ी टेक्निकल टीम पूरे प्रदेश में इन EVM की बैटरियां बदल रही है। विधानसभा चुनाव में EVM की बैटरी बड़ा मुद्दा रही। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि जिन EVM की बैटरी 99% थी, उनमें भाजपा जीती। पूरे दिन यूज के बाद भी बैटरी 99% कैसे रह सकती है? हालांकि, आयोग ने बाद में इसे लेकर स्पष्टीकरण भी दिया था। पंचायत चुनाव वाली EVM यूज की जा रहीं
प्रदेश के 8 नगर निगमों फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, पानीपत, करनाल, मानेसर और यमुनानगर में पार्षद और मेयर के चुनाव होने हैं। इसके अलावा सोनीपत और अंबाला में मेयर का चुनाव होना है। इसके लिए यह EVM आई हैं। चुनाव से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक यह EVM पंचायत चुनाव में इस्तेमाल की गईं थी। तब उनकी बैटरियां लगभग खत्म हो गईं थी। हिसार नगर निगम की बात करें तो हैदराबाद से चुनाव आयोग की तरफ से 10 इंजीनियरों की टीम भेजी गई है। यह टीम 3 टेक्निकल कर्मचारियों को EVM चलाने का प्रशिक्षण देगी और ये 3 कर्मचारी आगे जिले में कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगे। 8 दिन तक EVM की जांच करेगी टीम
नगर निगम में आई टेक्निकल टीम 8 दिन तक फर्स्ट लेवल चेकिंग (FLC) करेगी। निगम इंजीनियरों के अनुसार इसके बाद द्वितीय लेवल चेकिंग शुरू की जाएगी। EVM का पुराना डेटा डिलीट किया जाएगा। उनके बटन काम कर रहे हैं या नहीं, यह भी चेक किया जाएगा। इसके अलावा टीम यह भी जांच कर रही है कि किसी EVM का बटन खराब या दूसरी कोई तकनीकी समस्या तो नहीं है। इसके बाद अधिकारियों के साइन करवाकर उनकी मौजूदगी में मशीनों को सील कर दिया जाएगा। हिसार से अंबाला, गुरुग्राम और सोनीपत भी भेजी EVM
निर्वाचन आयोग की ओर से हिसार के पंचायत भवन क्षेत्र में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी के अंतर्गत रखी EVM को अलग-अलग स्थानों पर भेजा गया है। हिसार में रखी EVM को निगम चुनावों के लिए प्रदेश के ओर भी जिलों में भेजा गया था। पंचायत भवन से हिसार नगर निगम में 1500 EVM (कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट) लाई गई थी। जिनकी अब फर्स्ट लेवल चेकिंग हो रही है। इनके अलावा हिसार से अंबाला में 400 EVM, सोनीपत में 450 EVM और गुरुग्राम में केवल 300 बैलट यूनिट भेजे गई थी। इसके अलावा फरीदाबाद से झज्जर, पलवल में EVM भेजी गई है। कांग्रेस ने EVM पर क्यों आरोप लगाए? चुनाव के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था कि 20 सीटों पर मतगणना के दौरान EVM में गड़बड़ी पाई गई थी। इन सीटों के उम्मीदवारों ने लिखित और मौखिक शिकायतें दर्ज की थीं। खेड़ा ने कहा था कि यह अजीब है कि जिन मशीनों में 99% बैटरी चार्ज रही, उन्हीं सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हारे। वहीं, 60-70% बैटरी चार्ज वाली मशीन वे हैं, जिन पर कांग्रेस उम्मीदवार जीते। मतगणना के दिन कुछ मशीनें 99% और बाकी सामान्य मशीनें 60-70% चार्ज थीं। इसे लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को शिकायत दी थी। चुनाव आयोग ने कहा- आरोप गलत और तथ्यहीन कांग्रेस की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने 1600 पेज का जवाब देते हुए आरोपों को निराधार, गलत और तथ्यहीन बताया था। आयोग ने कहा था, ‘मतदान और मतगणना जैसे संवेदनशील समय के दौरान गैरजिम्मेदाराना आरोप लगाने से अशांति और अराजकता पैदा हो सकती है। एक साल में 5 मामलों का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि आरोप लगाने में सावधानी बरतें और बिना किसी सबूत के इलेक्टोरल ऑपरेशन पर आदतन हमला करने से बचें। हरियाणा में निकाय चुनाव से पहले वोटिंग के लिए आई EVM की बैटरियां बदली जा रही हैं। प्रदेश के 8 नगर निगमों के अलावा नगर परिषद और नगर पालिकाओं में भी फरवरी में चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले EVM से जुड़ी टेक्निकल टीम पूरे प्रदेश में इन EVM की बैटरियां बदल रही है। विधानसभा चुनाव में EVM की बैटरी बड़ा मुद्दा रही। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि जिन EVM की बैटरी 99% थी, उनमें भाजपा जीती। पूरे दिन यूज के बाद भी बैटरी 99% कैसे रह सकती है? हालांकि, आयोग ने बाद में इसे लेकर स्पष्टीकरण भी दिया था। पंचायत चुनाव वाली EVM यूज की जा रहीं
प्रदेश के 8 नगर निगमों फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, पानीपत, करनाल, मानेसर और यमुनानगर में पार्षद और मेयर के चुनाव होने हैं। इसके अलावा सोनीपत और अंबाला में मेयर का चुनाव होना है। इसके लिए यह EVM आई हैं। चुनाव से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक यह EVM पंचायत चुनाव में इस्तेमाल की गईं थी। तब उनकी बैटरियां लगभग खत्म हो गईं थी। हिसार नगर निगम की बात करें तो हैदराबाद से चुनाव आयोग की तरफ से 10 इंजीनियरों की टीम भेजी गई है। यह टीम 3 टेक्निकल कर्मचारियों को EVM चलाने का प्रशिक्षण देगी और ये 3 कर्मचारी आगे जिले में कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगे। 8 दिन तक EVM की जांच करेगी टीम
नगर निगम में आई टेक्निकल टीम 8 दिन तक फर्स्ट लेवल चेकिंग (FLC) करेगी। निगम इंजीनियरों के अनुसार इसके बाद द्वितीय लेवल चेकिंग शुरू की जाएगी। EVM का पुराना डेटा डिलीट किया जाएगा। उनके बटन काम कर रहे हैं या नहीं, यह भी चेक किया जाएगा। इसके अलावा टीम यह भी जांच कर रही है कि किसी EVM का बटन खराब या दूसरी कोई तकनीकी समस्या तो नहीं है। इसके बाद अधिकारियों के साइन करवाकर उनकी मौजूदगी में मशीनों को सील कर दिया जाएगा। हिसार से अंबाला, गुरुग्राम और सोनीपत भी भेजी EVM
निर्वाचन आयोग की ओर से हिसार के पंचायत भवन क्षेत्र में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी के अंतर्गत रखी EVM को अलग-अलग स्थानों पर भेजा गया है। हिसार में रखी EVM को निगम चुनावों के लिए प्रदेश के ओर भी जिलों में भेजा गया था। पंचायत भवन से हिसार नगर निगम में 1500 EVM (कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट) लाई गई थी। जिनकी अब फर्स्ट लेवल चेकिंग हो रही है। इनके अलावा हिसार से अंबाला में 400 EVM, सोनीपत में 450 EVM और गुरुग्राम में केवल 300 बैलट यूनिट भेजे गई थी। इसके अलावा फरीदाबाद से झज्जर, पलवल में EVM भेजी गई है। कांग्रेस ने EVM पर क्यों आरोप लगाए? चुनाव के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था कि 20 सीटों पर मतगणना के दौरान EVM में गड़बड़ी पाई गई थी। इन सीटों के उम्मीदवारों ने लिखित और मौखिक शिकायतें दर्ज की थीं। खेड़ा ने कहा था कि यह अजीब है कि जिन मशीनों में 99% बैटरी चार्ज रही, उन्हीं सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हारे। वहीं, 60-70% बैटरी चार्ज वाली मशीन वे हैं, जिन पर कांग्रेस उम्मीदवार जीते। मतगणना के दिन कुछ मशीनें 99% और बाकी सामान्य मशीनें 60-70% चार्ज थीं। इसे लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को शिकायत दी थी। चुनाव आयोग ने कहा- आरोप गलत और तथ्यहीन कांग्रेस की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने 1600 पेज का जवाब देते हुए आरोपों को निराधार, गलत और तथ्यहीन बताया था। आयोग ने कहा था, ‘मतदान और मतगणना जैसे संवेदनशील समय के दौरान गैरजिम्मेदाराना आरोप लगाने से अशांति और अराजकता पैदा हो सकती है। एक साल में 5 मामलों का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि आरोप लगाने में सावधानी बरतें और बिना किसी सबूत के इलेक्टोरल ऑपरेशन पर आदतन हमला करने से बचें। हरियाणा | दैनिक भास्कर