हरियाणा सरकार ने पुलिस डिपार्टमेंट में बड़ा फेरबदल किया है। सरकार की ओर से 42 HPS ऑफिसर्स की ट्रांसफर लिस्ट जारी की गई है। इनमें 4 एसीपी की भी जिम्मेदारी बदली गई है। फरीदाबाद, गुरुग्राम के डीएसपी को दूसरे जिलों में भेजा गया है। वहीं एचपीएस सुशील कुमार को आईआरबी के डीएसपी से हटाकर सीएम सिटी करनाल का डीएसपी बनाया गया है। पुलिस डिपार्टमेंट में इस बदलाव के ऑर्डर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम डिपार्टमेंट के अनुराग रस्तोगी की ओर से जारी किए गए हैं। इस ट्रांसफर लिस्ट में तीन डीएसपी को एसीबी में शामिल किया गया है। यहां देखें ट्रांसफर लिस्ट… हरियाणा सरकार ने पुलिस डिपार्टमेंट में बड़ा फेरबदल किया है। सरकार की ओर से 42 HPS ऑफिसर्स की ट्रांसफर लिस्ट जारी की गई है। इनमें 4 एसीपी की भी जिम्मेदारी बदली गई है। फरीदाबाद, गुरुग्राम के डीएसपी को दूसरे जिलों में भेजा गया है। वहीं एचपीएस सुशील कुमार को आईआरबी के डीएसपी से हटाकर सीएम सिटी करनाल का डीएसपी बनाया गया है। पुलिस डिपार्टमेंट में इस बदलाव के ऑर्डर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम डिपार्टमेंट के अनुराग रस्तोगी की ओर से जारी किए गए हैं। इस ट्रांसफर लिस्ट में तीन डीएसपी को एसीबी में शामिल किया गया है। यहां देखें ट्रांसफर लिस्ट… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बागियों को मनाने निकले हरियाणा CM सैनी:अपनी ही बिरादरी का विरोध झेलना पड़ा, पूर्व मंत्री के घर भी पहुंचे; मीडिया से बात नहीं की
बागियों को मनाने निकले हरियाणा CM सैनी:अपनी ही बिरादरी का विरोध झेलना पड़ा, पूर्व मंत्री के घर भी पहुंचे; मीडिया से बात नहीं की बागियों को मनाने निकले हरियाणा के कार्यवाहक CM नायब सैनी आज महेंद्रगढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने नारनौल विधानसभा सीट पर भाजपा की एक रूठी कार्यकर्ता भारती सैनी को मनाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। बड़ी बात यह है कि नायब सैनी का उनके ही सैनी समाज के लोगों ने विरोध किया। जब CM सैनी को मीटिंग से खाली हाथ लौटना पड़ा तो उन्होंने बाहर खड़े मीडियाकर्मियों से भी कोई बात नहीं की। इतनी ही नहीं, भारती सैनी के समर्थकों ने नायब सैनी की गाड़ी के सामने खड़े होकर ही भारती के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की। इसके साथ ही नायब सैनी पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के भी घर पहुंचे। उन्होंने रामबिलास से नाराजगी भुलाने की प्रार्थना की और चुनाव में सहयोग करने के लिए मनाने की कोशिश की। टिकट कटने से नाराज हैं भारती सैनी
बता दें कि भारती सैनी भाजपा की टिकट पर नारनौल सीट से दावेदारी जता रही थीं, लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काटकर ओम प्रकाश यादव को अपनी उम्मीदवार बनाया है। इससे भारती सैनी नाराज हैं। उन्हें मनाने के लिए CM सैनी ने नारनौल में सैनी समाज के लोगों के साथ आज एक मीटिंग रखी थी। इस मीटिंग में सैनी समाज के स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ उनकी पसंदीदा उम्मीदवार भारती सैनी भी मौजूद थीं। नायब सैनी करीब ढाई बजे मीटिंग में पहुंचे और करीब 1 घंटे बाद साढ़े 3 बजे मीटिंग से बाहर निकले। इस 1 घंटे की मीटिंग में कोई बात नहीं बनी। लोगों के हाथ जोड़े, मीडिया को मना किया
जब CM सैनी बाहर आए तो उन्होंने पहले बाहर मौजूद लोगों को हाथ जोड़कर प्रणाम किया। इसी के साथ ही बाहर मौजूद मीडियाकर्मी CM सैनी के पास पहुंचने की कोशिश करने लगे तो CM सैनी ने उनके सामने हाथ हिलाकर उनसे बात करने से मना कर दिया। CM सैनी के साथ मीटिंग रूम से बाहर सैनी समाज के पदाधिकारी और खुद भारती सैनी भी आईं। भारती के आने के साथ ही उनके समर्थकों ने नायब सैनी के ही सामने नारेबाजी शुरू कर दी। वे जोरदार नारेबाजी से भारती सैनी का समर्थन कर नायब सैनी के खिलाफ विरोध जाहिर कर रहे थे। हालांकि, इस दौरान नायब सैनी हंसते रहे। जब वह गाड़ी में बैठने को जा रहे थे तो उनके पास भारती सैनी हाथ जोड़कर पहुंची। यहां नायब सैनी ने भारती के सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद भी दिया। इसके बाद नायब सैनी अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए और नारेबाजी जारी रही। अभी नहीं हुआ कोई फैसला
मुख्यमंत्री सैनी के जाने के बाद सैनी सभा के प्रधान बिशन सैनी ने बताया कि मुख्यमंत्री के सामने उन्होंने अपनी बात रखी है। मुख्यमंत्री ने भारती सैनी का नामांकन वापस लेने के लिए कहा है, लेकिन अभी सभा की ओर से इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अब सैनी सभा अपनी मीटिंग करेगी। इसके बाद कोई फैसला लिया जाएगा। वहीं, सैनी समाज के अन्य लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि CM सैनी या भाजपा ने भारती सैनी का नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया तो पूरा समाज कांग्रेस उम्मीदवार राव नरेंद्र सिंह का साथ देगा। बता दें कि भारती सैनी भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की जिला प्रधान थीं। पूर्व मंत्री की नाराजगी दूर करने का प्रयास
CM सैनी ने आज ही महेंद्रगढ़ में प्रोफेसर रामबिलास शर्मा से भी मिलने पहुंचे। रामबिलास शर्मा पूर्व मंत्री हैं। उन्होंने महेंद्रगढ़ से पार्टी के टिकट लिए दावेदारी पेश की थी। पूर्व मंत्री ने भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भी कर दिया था, लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। टिकट कटने के बाद रामबिलास शर्मा अपने समर्थकों के साथ भावुक हो गए थे। इसके बाद आज CM सैनी उन्हें मनाने के लिए उनके घर पहुंचे। यहां उन्होंने पूर्व मंत्री की नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया।
हरियाणा BJP का पूर्व CM हुड्डा को चैलेंज:30 MLA इकट्ठा करके दिखाएं; JJP के 10 विधायक भी लाएं, भाजपा के एग्रेशन की ये वजह
हरियाणा BJP का पूर्व CM हुड्डा को चैलेंज:30 MLA इकट्ठा करके दिखाएं; JJP के 10 विधायक भी लाएं, भाजपा के एग्रेशन की ये वजह हरियाणा सरकार के अल्पमत को लेकर कांग्रेस के दावे को BJP ने चैलेंज किया है। भाजपा नेता और CM के पब्लिसिटी एडवाइजर ने कहा है कि मैं भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चैलेंज करता हूं कि वह अपनी पार्टी के 30 विधायकों को एक जगह इकट्ठा करा लें। साथ ही जननायक जनता पार्टी (JJP) के 10 विधायक एक साथ आ जाएं तो मैं ये मान लूंगा कि हरियाणा में भाजपा सरकार अल्पमत में है। इसके बाद भाजपा पटल पर जाकर अपना बहुमत साबित करेगी। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ऐसी अफवाहें फैलाने के लिए हरियाणा के लोगों से माफी मांगें। हुड्डा ने मंगलवार को चंडीगढ़ में बीजेपी सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि प्रदेश सरकार अल्पमत में है। हमने पहले भी राज्यपाल को लिखा था और अब फिर राज्यपाल को लिखेंगे। उन्होंने कहा कि सुनने में आ रहा है कि ये (BJP), जननायक जनता पार्टी (JJP) के 2 विधायकों से इस्तीफा दिलवा देंगे। एक तरह से BJP वाले हॉर्स ट्रेडिंग में लगे हैं। इन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा के चैलेंज की ये 2 वजहें… कांग्रेस की गुटबाजी
भाजपा के द्वारा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ये चैलेंज देने की वजह सबसे बड़ी गुटबाजी है। 10 जून को पूर्व सीएम के द्वारा बुलाई गई कांग्रेस दल की मीटिंग में 27 विधायक ही पहुंचे। चूंकि वरुण चौधरी अब अंबाला से सांसद बन चुके हैं तो अभी सदन में कांग्रेस के पास 29 विधायक ही बचे हुए हैं। जबकि सीएलपी में तोशाम विधायक किरण चौधरी और सढौरा से विधायक रेनू वाला नहीं शामिल हुईं। ये विधायक एसआरके गुट के हैं। वह नहीं चाहते कि हुड्डा प्रदेश में कांग्रेस को लीड करें। भाजपा इसी गुटबाजी को अब हवा देने में लग गई है। जजपा में पड़ चुकी है फूट
भाजपा जानती है कि जजपा में फूट पड़ी हुई है। जजपा की ओर से हाल ही में विधानसभा स्पीकर के सामने ये याचिका लगाई है। याचिका में कहा गया है कि जींद के नरवाना से विधायक सुरजाखेड़ा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के के नामांकन में शामिल हुए थे, जबकि जोगीराम सिहाग ने हिसार सीट से बीजेपी कैंडिडेट रणजीत सिंह चौटाला के पक्ष में प्रचार किया। याचिका के साथ इन विधायकों के वीडियो को आधार बनाया गया है। पार्टी ने मांग की है कि इन विधायकों ने पार्टी विरोधी कार्य किए हैं, इसलिए उनकी सदस्यता भंग की जाए। ऐसे में यदि इनकी सदस्यता रद्द हो जाती है तो जजपा के पास 8 ही विधायक बचेंगे। इसके अलावा देवेंद्र बबली, राज कुमार गौतम भी खुलेआम बगावत कर रहे हैं। कांग्रेस क्यों कर रही है अल्पमत का दावा
हरियाणा के CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उपचुनाव जीतने के बाद भी BJP के पास सदन में बहुमत कम होने का कांग्रेस दावा कर रही है। कांग्रेस कह रही है कि हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी संयुक्त विपक्ष के सामने भाजपा बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दावा कर रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है, इसलिए विधानसभा भंग होनी चाहिए। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला भी राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। हरियाणा में ऐसे हालात बनने की ये हैं बड़ी वजहें.. भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, सीएम चेहरा बदला
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जजपा और भाजपा का गठबंधन टूट गया। इसके बाद जजपा सरकार से अलग हो गई। भाजपा के पास 41 विधायक थे, उन्होंने 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली। खट्टर की जगह नायब सैनी सीएम बने। 3 निर्दलीय विधायकों ने साथ छोड़ा
लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार को झटका लगा। सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने सीएम नायब सैनी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद सरकार के पास भाजपा के 40, हलोपा का एक और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन बचा। एक निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का मतदान के दिन निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में बदली स्थिति
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में और बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। भाजपा के पास 43, विपक्ष संयुक्त हुआ तो उनके 44 विधायक
मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक शामिल हैं। अगर ये सब एक साथ आ जाते हैं तो फिर सरकार अल्पमत में आ सकती है। हरियाणा में BJP सरकार और एकजुट विपक्ष का गणित समझें… क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है?
1. फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। 2. इसके साथ ही जजपा ने अपने 2 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर सरकार के पक्ष में 43 और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जिससे सरकार फिर बहुमत में ही रहेगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा से विधायक हैं। फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो BJP सरकार कैसे बचाएगी?
BJP के सूत्रों के मुताबिक सरकार को किसी कीमत पर गिरने की स्थिति तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो जजपा के 2 विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इस्तीफा दे सकते हैं। इन दोनों ने बागी होकर लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया था। ऐसी सूरत में विपक्ष के एकजुट होने पर भी उनके पास भाजपा के 43 के मुकाबले 42 ही विधायक रह जाएंगे।
करनाल लोकसभा सीट पर 1 बजे तक 35.69% वोटिंग:पानीपत में दिव्याशु बुद्धिराजा ने किया मतदान, उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी
करनाल लोकसभा सीट पर 1 बजे तक 35.69% वोटिंग:पानीपत में दिव्याशु बुद्धिराजा ने किया मतदान, उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी हरियाणा की सबसे हॉट सीटों में से एक करनाल लोकसभा सीट पर वोटिंग प्रक्रिया सुबह सात बजे से जारी है। यह शाम 6 बजे तक चलेगी। सुबह 9 बजे तक इस सीट पर 9.29 फीसदी वोटिंग हुई है। वहीं 11 बजे तक की वोटिंग प्रतिशत 22.04 फीसदी हुई है। दोपहर 1 बजे तक करनाल लोकसभा सीट पर कुल 35.69 वोटिंग हुई है। दोपहर के समय भी लोग वोटिंग के लिए घरों से निकल रहे हैं। यहां से भाजपा ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने उनके खिलाफ युवा नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा को टिकट दी है। इसके अलावा इनेलो के समर्थन से एनसीपी के वीरेंद्र मराठा चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि आज, 25 मई को करनाल विधानसभा की सीट पर भी उपचुनाव के लिए मतदान हो रहे हैं। भाजपा से सीएम नायब सैनी मैदान में हैं तो वहीं कांग्रेस ने त्रिलोचन सिंह को उतारा है। विधानसभा सीट की बात करें तो सुबह 11 बजे तक करनाल विधानसभा सीट पर 18 फीसदी वोटिंग हो चुकी है।