हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने अराजकीय अस्थाई मान्यता प्राप्त सैकेंडरी और सीनियर सैकेंडरी स्कूलों के लिए वार्षिक परीक्षा फरवरी-मार्च 2025 के लिए फॉर्म भरने की आखिरी तारीख बढ़ा दी है। बोर्ड सचिव अजय चोपड़ा ने बताया कि अब छात्र 17 जनवरी 2025 तक बिना किसी विलंब शुल्क के आवेदन कर सकते हैं। विलंब शुल्क के साथ फॉर्म भरने का शेड्यूल इस प्रकार है। 18 से 20 जनवरी तक 300 रुपए और 21 से 23 जनवरी तक 1000 रुपए विलंब शुल्क देना होगा। यह सुविधा केवल अराजकीय अस्थाई मान्यता प्राप्त विद्यालयों के छात्रों के लिए है। स्कूलों को आवेदन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर करना होगा। सचिव ने स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि वे छात्रों का विवरण स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार सही-सही भरें। फॉर्म में किसी भी तरह की गलती के लिए स्कूल प्रमुख खुद जिम्मेदार होंगे। परीक्षा शुरू होने के बाद फोटो या हस्ताक्षर में सुधार नहीं किया जाएगा। तकनीकी समस्या आने पर स्कूल हेल्पलाइन नंबर 01664-254300 मान्यता पर संपर्क कर सकते हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने अराजकीय अस्थाई मान्यता प्राप्त सैकेंडरी और सीनियर सैकेंडरी स्कूलों के लिए वार्षिक परीक्षा फरवरी-मार्च 2025 के लिए फॉर्म भरने की आखिरी तारीख बढ़ा दी है। बोर्ड सचिव अजय चोपड़ा ने बताया कि अब छात्र 17 जनवरी 2025 तक बिना किसी विलंब शुल्क के आवेदन कर सकते हैं। विलंब शुल्क के साथ फॉर्म भरने का शेड्यूल इस प्रकार है। 18 से 20 जनवरी तक 300 रुपए और 21 से 23 जनवरी तक 1000 रुपए विलंब शुल्क देना होगा। यह सुविधा केवल अराजकीय अस्थाई मान्यता प्राप्त विद्यालयों के छात्रों के लिए है। स्कूलों को आवेदन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर करना होगा। सचिव ने स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि वे छात्रों का विवरण स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार सही-सही भरें। फॉर्म में किसी भी तरह की गलती के लिए स्कूल प्रमुख खुद जिम्मेदार होंगे। परीक्षा शुरू होने के बाद फोटो या हस्ताक्षर में सुधार नहीं किया जाएगा। तकनीकी समस्या आने पर स्कूल हेल्पलाइन नंबर 01664-254300 मान्यता पर संपर्क कर सकते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 24 घंटे में गिरने लगा पारा:रात-दिन के तापमान में करीब 1 डिग्री की गिरावट; 24 से बढ़ेगी ठंड, 8 डिग्री तक कमी आएगी
हरियाणा में 24 घंटे में गिरने लगा पारा:रात-दिन के तापमान में करीब 1 डिग्री की गिरावट; 24 से बढ़ेगी ठंड, 8 डिग्री तक कमी आएगी हरियाणा में तेजी से मौसम में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। 24 घंटे में दिन और रात दोनों में तापमान में गिरावट देखने को मिली है। दिन के तापमान में 0.9 डिग्री की गिरावट आई है। वहीं न्यूनतम तापमान में करीब 0.5 के करीब कमी आई है। अच्छी बात यह है कि हरियाणा में इस बार मौसम पाकिस्तान की ओर से 24 अक्टूबर को चलने वाली उत्तर पश्चिमी हवाओं से बदलेगा। इससे पहाड़ों में बर्फवारी और हरियाणा के मैदानी इलाकों में पाला पड़ेगा। इससे रात और दिन के तापमान में जबरदस्त गिरावट आएगी। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो दिन के तापमान में 7 से 8 डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी। हालांकि तब तक मौसम साफ रहने के आसार हैं। तब तक साफ रहेगा मौसम मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा में 24 अक्टूबर तक मौसम साफ रहेगा। बारिश होने के कोई आसार नहीं हैं। हालांकि मौसम में जो बदलाव हो रहे हैं, उससे रात के समय पाला गिरेगा, जिससे सुबह और शाम हल्की ठंड महसूस होगी। मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि आने वाले दिनों में दिन के साथ रात के तापमान में भी गिरावट आएगी। खराब होने लगी शहरों की हवा वहीं पराली जलाने से हरियाणा की आबोहवा काफी खराब हो रही है। दिल्ली से लगते सूबे के अधिकांश जिलों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) काफी खराब श्रेणी में पहुंच गया है। 24 घंटे के दौरान कैथल, करनाल जिले की हवा सबसे खराब रही। यहां का एक्यूआई 300 से अधिक रिकॉर्ड किया गया है। वहीं पानीपत, यमुनानगर, बहादुरगढ़, फरीदाबाद, गुरुग्राम जिलों में भी एक्यूआई 200 से अधिक दर्ज किया गया। मानसून ने नहीं किया निराश राज्य में मानसून का प्रदर्शन अब तक संतोषजनक रहा है। कुल मिलाकर अब तक 424.6 मिमी बारिश के मुकाबले 406.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से महज 4% कम है। यानी बारिश का कोटा लगभग पूरा हो चुका है।दूसरी ओर, अगर जिले के हिसाब से बारिश की स्थिति देखें तो 10 जिले ऐसे हैं, जिनमें 10 से 38% कम बारिश दर्ज की गई है। 12 जिलों में सामान्य से 10 से 71% अधिक बारिश हुई है।
हरियाणा में रणजीत चौटाला Vs गोपाल कांडा:बिजली मंत्री बोले- देवीलाल का बेटा, 90 सीटों पर जनाधार, हलोपा नेता का जबाव- आपका इन सब पर बंटाधार
हरियाणा में रणजीत चौटाला Vs गोपाल कांडा:बिजली मंत्री बोले- देवीलाल का बेटा, 90 सीटों पर जनाधार, हलोपा नेता का जबाव- आपका इन सब पर बंटाधार हरियाणा के रानियां विधानसभा को लेकर भाजपा नेता रणजीत चौटाला और उसकी सहयोगी पार्टी हलोपा के नेता गोपाल कांडा आमने-सामने आ गए हैं। रणजीत चौटाला ने इसकी शुरुआत तब की जब हलोपा ने रानिया सीट से प्रत्याशी घोषित किया। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए चौटाला ने कहा था कि हलोपा का कोई जनाधार नहीं है। रणजीत चौटाला ने कहा कि हलोपा के गोपाल कांडा तो सिरसा सीट पर भी मुश्किल से जीत रहे हैं और मैं देवीलाल का बेटा हूं प्रदेश की 90 सीटों पर हार जीत का दम रखता हूं। रणजीत चौटाला की तीखी बयानबाजी पर गोपाल कांडा ने वीडियो संदेश जारी कर पलटवार किया। गोपाल कांडा ने कहा कि रणजीत सिंह का 90 सीटों पर जनाधार नहीं बल्कि बंटाधार है। भाजपा ने इन पर विश्वास किया और उन्हें हिसार लोकसभा सीट से उतारा था लेकिन उन्होंने जीती हुई सीट हरा दी। इसके बाद में कह रहे हैं कुलदीप ने हरवा दिया, कैप्टन ने हरवा दिया। कांडा ने कहा कि रणजीत सिंह का कोई जनाधार नहीं है। अगर वे रानियां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हैं तो उनकी जमानत भी जब्त हो जाएगी। कांडा ने कहा- 8 चुनाव हारने के बाद परिवार ने मदद की तब जीते विधायक गोपाल कांडा ने कहा कि 8 चुनाव हारने के बाद अजय सिंह, अभय सिंह और पूरे परिवार ने पिछले चुनाव में मेरी मदद की, जिसकी बदौलत रणजीत चौटाला जीते। सीएलयू संबंधित बयान पर गोपाल कांडा ने कहा कि मनोहर लाल के कार्यकाल में रणजीत सिंह मेरा एक भी CLU साबित कर दें, तो वो मैं वो CLU उन्हीं के नाम कर दूंगा। गोपाल कांडा ने कहा कि दूसरों के लिए भविष्यवाणी करने की बजाय रणजीत सिंह को अपने बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा से बातचीत चल रही है। फैसला होने के बाद उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। सिरसा के लोगों के हमेशा साथ खड़ा रहा हूं
गोपाल कांडा ने कहा कि सिरसा की जनता सच्चाई जानती है कि उनका कौन है। गोपाल कांडा और कांडा परिवार हमेशा सिरसा की जनता के लिए तत्पर रहा है। कोरोना संकट के दौरान कहानियां बनाने वाले लोग अपने घरों में दरवाजे बंद करके बैठे थे, जबकि गोपाल कांडा और उनका परिवार इस संकट में सिरसा की जनता के साथ खड़ा है। कांडा और रणजीत के बीच विवाद क्यों बढ़ा?
दरअसल, रणजीत चौटाला ने रानिया से निर्दलीय विधायक का चुनाव जीता था। इसके बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें हिसार से लोकसभा उम्मीदवार बनाया। लेकिन रणजीत चौटाला कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी से हार गए। रणजीत चौटाला ने लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा पद से इस्तीफा दे दिया था। हार के बाद रणजीत चौटाला फिर से रानिया की जनता के बीच गए। इसके बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई। गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा ने भाजपा नेता गोबिंद कांडा के बेटे धवल कांडा को रानिया से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। इससे रणजीत चौटाला भड़क गए और तब से वे कांडा परिवार पर निशाना साध रहे हैं। रणजीत के पाला बदलने की चर्चा, बोले- मैं भाजपा में रहूंगा
भाजपा की सहयोगी पार्टी हलोपा द्वारा रानिया सीट से प्रत्याशी उतारे जाने से रणजीत चौटाला बेचैन हैं और उन्होंने इसकी शिकायत दिल्ली दरबार तक कर दी है। इसके बाद कांडा भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मिलने दिल्ली भी गए थे। लेकिन कांडा ने धवल कांडा की उम्मीदवारी बरकरार रखी, जिससे रणजीत चौटाला और भड़क गए। वहीं भाजपा की ओर से जारी 3 कमेटियों की सूची में भी उनका नाम नहीं है। ऐसे में रणजीत चौटाला के खेमे से खबरें आ रही हैं कि रणजीत चौटाला पाला बदलकर कांग्रेस में जा सकते हैं। लेकिन वह खुद इस बात से इनकार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मैं भाजपा में हूं और 100 फीसदी रानिया से हूं। रणजीत चौटाला ने गोपाल कांडा को लेकर क्या कहा…
रणजीत चौटाला ने सोमवार को रानिया हलके में वर्कर मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि मैं 100 प्रतिशत रानियां से चुनाव लड़ूंगा। हलोपा से रानियां से उम्मीदवार उतारे जाने पर रणजीत सिंह ने कहा कि अकाली दल पुरानी पार्टी है बादल साहब 25 साल मुख्यमंत्री रहे और उसके बाद उसके बाद अकाली दल भी 2 विधानसभा सीटों पर चली गई। उतर प्रदेश में मायावती ने सिंगल पार्टी की सरकार बनाई थी। बिहार देख लो सब जगह ले लो क्षेत्रीय दल खत्म होते जा रहे हैं मैं नहीं मानता हलोपा की सिरसा सीट भी निकलेगी। आज के दिन वह कहीं फाइट में नहीं है। रीजनल पार्टियों का काम एक है कि अपना लाईसेंस ले लो, एमएलए बन जाओ और सीएलयू पास करवाओ। इनका(हलोपा) ना तो मेरे हलके रानियां में कोई रोल है और ना कहीं और इनकी तो सिरसा में भी हालात खराब हैं। चौटाला ने कहा कि मेरी शीर्ष नेतृत्व से बात हुई है हलोपा को सिर्फ एक सीट मिलेगी वो भी तब जब बीजेपी ज्वाईन करेगा तब। वो भी सिरसा सीट ही मिलेगी। मैं 100 प्रतिशत आश्वस्त हूं कि मुझे भाजपा से टिकट मिलेगा। इसलिए रानियां पर अड़े हैं रणजीत
रणजीत चौटाला अपने जीवन के अधिकांश चुनाव रानियां और पूर्व में रोड़ी विधानसभा से लड़े हैं। रानियां चौटाला परिवार की सीट मानी जाती रही है। रानियां से रणजीत चौटाला कई बार चुनाव हारे मगर उन्होंने कभी सीट नहीं छोड़ी 2019 में रणजीत चौटाला ने कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर दी और खुद निर्दलीय ही खड़े हो गए और चुनाव जीत गए। चुनाव जीतने के बाद मनोहर सरकार में बिजली मंत्री बन गए। इसके बाद लोकसभा चुनाव लड़े मगर हार गए। इस लिए रणजीत चौटाला रानियां नहीं छोड़ रहे। इसलिए वह रानियां सीट को लेकर लगातार भाजपा पर दवाब बना रहे हैं और बयानबाजी कर रहे हैं।
फतेहाबाद में दिव्यांग मर्डर केस में भाई को फांसी:मकान के विवाद में काटा था गला, कोर्ट ने माना रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस
फतेहाबाद में दिव्यांग मर्डर केस में भाई को फांसी:मकान के विवाद में काटा था गला, कोर्ट ने माना रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस हरियाणा के फतेहाबाद की जिला एवं सत्र न्यायालय ने दिव्यांग भाई के हत्यारे को फांसी की सजा सुनाई है। मामला 18 जून 2020 का है। जब मकान विवाद में आरोपी अशोक ने अपने दिव्यांग भाई दीपक की बेरहमी से हत्या कर दी थी। आरोपी ने न सिर्फ अपने भाई का गला रेत दिया, बल्कि उसकी गर्दन को धड़ से अलग कर दिया और उसे बैग में रखकर फरार हो गया। बाद में पुलिस ने जांच के दौरान गर्दन और अन्य सबूत बरामद किए। जज दीपक अग्रवाल ने मामले को विरलतम श्रेणी में रखते हुए यह फैसला सुनाया है। पीड़ित की बहन सुषमा देवी के अनुसार, उनकी मां ने करीब 10 साल पहले टोहाना स्थित गोगामेड़ी के पास का मकान दिव्यांग दीपक के नाम कर दिया था। इसी बात से नाराज अशोक ने अपने 40 वर्षीय भाई की हत्या कर दी, जो पहले से ही तलाकशुदा था और पिछले 3-4 सालों से दिव्यांग था। हत्या के दो दिन बाद गिरफ्तार किया था आरोपी पुलिस ने हत्या के दो दिन बाद आरोपी को टोहाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया था। तब आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया था। तब आरोपी ने रिमांड के दौरान बताया था कि उसने भाई की हत्या कर सारी रात वहीं बैठा रहा। वह दीपक का एक सोने का कड़ा, 60 हजार रुपए की नगदी व दो मोबाइल भी अपने साथ ले गया। पहले उसने दीपक के कटे सिर को एक पॉलिथीन बैग में डालकर वहीं खूंटी पर टांग दिया था। सुबह 5 बजे वह सिर और सामान लेकर वहां से चला गया था। अदालत ने आईपीसी की धारा 302 के तहत फांसी की सजा के साथ 20 हजार रुपए का जुर्माना और धारा 457, 506, 201 में 5-5 साल की कैद व 5-5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला उप न्यायवादी अरुण कुमार ने इस मामले में सफल पैरवी की।