हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड (HBSE) द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के दौरान बड़े पैमाने पर नकल और पेपर लीक के मामलों के सामने आने के बाद 139 अध्यापकों को ड्यूटी से हटाया गया था। एजुकेशन बोर्ड अब कार्रवाई के नाम पर बैक फुट पर आ गया है। एक तरफ जहां रिजल्ट घोषित होने वाला है तो वहीं दूसरी तरफ अभी तक सोनीपत समेत हरियाणा के 139 नकल मामलों में कार्रवाई अधर में लटकी हुई है। शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की नकल करने में संलिप्तता मिली थी। बोर्ड के अध्यक्ष से कार्रवाई के बारे में पूछा तो बोला वॉर्निंग देकर छोड़ देंगे, जब सीएम का नकल को लेकर एक्शन याद दिलाया तो अध्यक्ष अपना बयान बदल गए और बोले की कठोर कार्रवाई होगी और सस्पेंड होंगे। पूरे मामले से जुड़े प्रमुख पहलुओं को सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए.. •पहले दिन ही पेपर हुआ था लीक 27 फरवरी से शुरू हुई बोर्ड परीक्षाओं में नूंह और पलवल में 12वीं की बोर्ड परीक्षा के पहले दिन परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट के बाद ही पेपर आउट हो गया था। वहीं दूसरी तरफ सीएम नायब सैनी ने भी मामले में हस्तक्षेप किया और परीक्षा संचालन में कोताही बरतने पर चार डीएसपी समेत कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद बोर्ड सचिव को भी बदला गया और आगामी परीक्षाओं को सख्ती से कराने के निर्देश जारी किए गए। माहरा नकल कांड: शिक्षा बोर्ड की साख पर सबसे बड़ा धब्बा
इसके बाद 28 फरवरी को माहरा (सोनीपत) स्थित परीक्षा केंद्र के पास एक मकान में शहजादपुर सरकारी स्कूल की अध्यापिकाओं द्वारा पेपर हल करने का वीडियो वायरल हुआ। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैला और बोर्ड की साख को गहरा झटका लगा। शिक्षा बोर्ड ने त्वरित संज्ञान लेते हुए डीईओ सोनीपत से रिपोर्ट मांगी। 139 शिक्षकों की संलिप्तता, लेकिन कार्रवाई ढीली पेपर लीक और नकल प्रकरणों में ड्यूटी में लापरवाही बरतने या मिलीभगत के आरोप में प्रदेशभर से 139 अध्यापकों/ कर्मचारी को ड्यूटी पद से मुक्त किया गया था। माहरा में जिन अध्यापिकाओं का वीडियो वायरल हुआ था, वे भी इस सूची में शामिल थीं। शिक्षा बोर्ड ने इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन दो महीने बीतने के बाद भी किसी भी शिक्षक/ कर्मचारियों पर कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई है। इससे यह संदेह गहराने लगा है कि शुरुआती सख्ती के बाद अब मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। अध्यक्ष डॉ. पवन शर्मा ने कहा-अध्यापकों ने ड्यूटी में लापरवाही बरती दैनिक भास्कर से बातचीत में हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. पवन शर्मा ने पहले कहा कि माहरा सोनीपत और अन्य जिलों पर जिन अध्यापकों ने ड्यूटी में लापरवाही बरती, उन्हें केवल चेतावनी या नोटिस देकर छोड़ा जाएगा। हालांकि जब उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस अधिकारियों तक के सस्पेंड होने की याद दिलाई गई, तो अपने ही बयान से पलट कर उन्होंने कहा कि सभी मामलों में अध्यापकों को निलंबित भी किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय कार्रवाई में समय लगता है, लेकिन अब दो महीने बीत जाने के बाद भी कोई नतीजा न निकलना बोर्ड की गंभीरता पर सवाल खड़ा करता है। जीरो टॉलरेंस’ की नीति सिर्फ कागजों तक सीमित
हरियाणा के 139 टीचरों/ कर्मचारियों की कार्रवाई में हो रही देरी और बोर्ड अध्यक्ष के विरोधाभासी बयानों के चलते शिक्षा जगत के लोग और आम जनता दोनों ही बोर्ड की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि बोर्ड और सोनीपत शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से माहरा नकल कांड को धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम से यह संदेश जा रहा है कि सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई है। सोनीपत में नक़ल मामलों को भास्कर ने उजागर किया था सोनीपत जिले में लगातार नकल के मामले सामने आए और जहां सबसे पहला और एकमात्र ऐसा मामला माहरा गाँव से सामने आया था, जहां पर नकल करवाने में सरकारी स्कूल की टीचर शामिल पाई गई थी। इसी प्रकार अलग-अलग विधानसभा में सोनीपत में काफी नकल करवाने वाले टीचर व अन्य लोग पकड़े गए थे। जहां बाहरी लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई थी तो टीचरों पर अभी तक कार्रवाई अधर में लटकी हुई है। हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड (HBSE) द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के दौरान बड़े पैमाने पर नकल और पेपर लीक के मामलों के सामने आने के बाद 139 अध्यापकों को ड्यूटी से हटाया गया था। एजुकेशन बोर्ड अब कार्रवाई के नाम पर बैक फुट पर आ गया है। एक तरफ जहां रिजल्ट घोषित होने वाला है तो वहीं दूसरी तरफ अभी तक सोनीपत समेत हरियाणा के 139 नकल मामलों में कार्रवाई अधर में लटकी हुई है। शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की नकल करने में संलिप्तता मिली थी। बोर्ड के अध्यक्ष से कार्रवाई के बारे में पूछा तो बोला वॉर्निंग देकर छोड़ देंगे, जब सीएम का नकल को लेकर एक्शन याद दिलाया तो अध्यक्ष अपना बयान बदल गए और बोले की कठोर कार्रवाई होगी और सस्पेंड होंगे। पूरे मामले से जुड़े प्रमुख पहलुओं को सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए.. •पहले दिन ही पेपर हुआ था लीक 27 फरवरी से शुरू हुई बोर्ड परीक्षाओं में नूंह और पलवल में 12वीं की बोर्ड परीक्षा के पहले दिन परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट के बाद ही पेपर आउट हो गया था। वहीं दूसरी तरफ सीएम नायब सैनी ने भी मामले में हस्तक्षेप किया और परीक्षा संचालन में कोताही बरतने पर चार डीएसपी समेत कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद बोर्ड सचिव को भी बदला गया और आगामी परीक्षाओं को सख्ती से कराने के निर्देश जारी किए गए। माहरा नकल कांड: शिक्षा बोर्ड की साख पर सबसे बड़ा धब्बा
इसके बाद 28 फरवरी को माहरा (सोनीपत) स्थित परीक्षा केंद्र के पास एक मकान में शहजादपुर सरकारी स्कूल की अध्यापिकाओं द्वारा पेपर हल करने का वीडियो वायरल हुआ। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैला और बोर्ड की साख को गहरा झटका लगा। शिक्षा बोर्ड ने त्वरित संज्ञान लेते हुए डीईओ सोनीपत से रिपोर्ट मांगी। 139 शिक्षकों की संलिप्तता, लेकिन कार्रवाई ढीली पेपर लीक और नकल प्रकरणों में ड्यूटी में लापरवाही बरतने या मिलीभगत के आरोप में प्रदेशभर से 139 अध्यापकों/ कर्मचारी को ड्यूटी पद से मुक्त किया गया था। माहरा में जिन अध्यापिकाओं का वीडियो वायरल हुआ था, वे भी इस सूची में शामिल थीं। शिक्षा बोर्ड ने इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन दो महीने बीतने के बाद भी किसी भी शिक्षक/ कर्मचारियों पर कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई है। इससे यह संदेह गहराने लगा है कि शुरुआती सख्ती के बाद अब मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। अध्यक्ष डॉ. पवन शर्मा ने कहा-अध्यापकों ने ड्यूटी में लापरवाही बरती दैनिक भास्कर से बातचीत में हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. पवन शर्मा ने पहले कहा कि माहरा सोनीपत और अन्य जिलों पर जिन अध्यापकों ने ड्यूटी में लापरवाही बरती, उन्हें केवल चेतावनी या नोटिस देकर छोड़ा जाएगा। हालांकि जब उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस अधिकारियों तक के सस्पेंड होने की याद दिलाई गई, तो अपने ही बयान से पलट कर उन्होंने कहा कि सभी मामलों में अध्यापकों को निलंबित भी किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय कार्रवाई में समय लगता है, लेकिन अब दो महीने बीत जाने के बाद भी कोई नतीजा न निकलना बोर्ड की गंभीरता पर सवाल खड़ा करता है। जीरो टॉलरेंस’ की नीति सिर्फ कागजों तक सीमित
हरियाणा के 139 टीचरों/ कर्मचारियों की कार्रवाई में हो रही देरी और बोर्ड अध्यक्ष के विरोधाभासी बयानों के चलते शिक्षा जगत के लोग और आम जनता दोनों ही बोर्ड की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि बोर्ड और सोनीपत शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से माहरा नकल कांड को धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम से यह संदेश जा रहा है कि सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई है। सोनीपत में नक़ल मामलों को भास्कर ने उजागर किया था सोनीपत जिले में लगातार नकल के मामले सामने आए और जहां सबसे पहला और एकमात्र ऐसा मामला माहरा गाँव से सामने आया था, जहां पर नकल करवाने में सरकारी स्कूल की टीचर शामिल पाई गई थी। इसी प्रकार अलग-अलग विधानसभा में सोनीपत में काफी नकल करवाने वाले टीचर व अन्य लोग पकड़े गए थे। जहां बाहरी लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई थी तो टीचरों पर अभी तक कार्रवाई अधर में लटकी हुई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
