हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों में राइट टू एजूकेशन (RTE) के तहत गरीब बच्चों के एडमिशन का आज लास्ट डे है। सरकार की ओर से ऐसे बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूलों में 25% सीटें रिजर्व की गई हैं। दरअसल, हरियाणा सरकार की ओर से आरटीई के तहत एडमिशन की डेट 14 अप्रैल से बढ़ाकर 21 अप्रैल कर दी गई थी, जिसके बाद बच्चों को एक सप्ताह का और समय मिल गया था। 14 अप्रैल तक एमआइएस पोर्टल पर प्रदेश में 10701 प्राइवेट स्कूलों में से 7567 स्कूलों ने पोर्टल पर सीटों का ब्योरा दिया था। प्रदेश में 3134 स्कूलों ने सीटों का ब्योरा नहीं दिया। जिसके बाद दोबारा से शिक्षा विभाग ने राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को दाखिले के लिए पोर्टल खोल दिया था। अभी इसका लेटेस्ट डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया है। DEO कार्यालय में जमा कराएं रिपोर्ट शिकायत मिलने के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने अभिभावकों को मूल दस्तावेजों की प्रति संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा कराने के निर्देश दिए थे। खंड शिक्षा अधिकारी जमा कराए गए दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद संबंधित आवेदन को स्वीकार या अस्वीकार करेंगे। सत्यापन प्रक्रिया पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। सत्यापन प्रक्रिया के बाद पुष्टि होने वाले या सही पाए गए आवेदनों की सूची विभागीय वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। इसके बाद लॉटरी प्रक्रिया के तहत आवेदकों को स्कूल आवंटित किए जाएंगे। दस्तावेजों में भिन्नता होने पर आवेदन होंगे रद्द जिला स्तरीय कमेटी संबंधित खंड शिक्षा कार्यालय की रिपोर्ट अनुसार निर्णय लेगी। यदि अभिभावकों ने दाखिल से संबंधित किसी भी प्रकार के दस्तावेजों एवं पोर्टल पर दर्ज कराई सूचना में भिन्नता पाई गई तो उसके लिए संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा आवेदन को रद्द किया जा सकता है। जिला शिक्षा विभाग नोडल अधिकारी, आरटीई अमित मनहर ने कहा कि निजी स्कूलों में कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए पोर्टल दोबारा से खोल दिया गया है। इसके लिए 21 अप्रैल तक आवेदन किया जा सकता है। हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों में राइट टू एजूकेशन (RTE) के तहत गरीब बच्चों के एडमिशन का आज लास्ट डे है। सरकार की ओर से ऐसे बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूलों में 25% सीटें रिजर्व की गई हैं। दरअसल, हरियाणा सरकार की ओर से आरटीई के तहत एडमिशन की डेट 14 अप्रैल से बढ़ाकर 21 अप्रैल कर दी गई थी, जिसके बाद बच्चों को एक सप्ताह का और समय मिल गया था। 14 अप्रैल तक एमआइएस पोर्टल पर प्रदेश में 10701 प्राइवेट स्कूलों में से 7567 स्कूलों ने पोर्टल पर सीटों का ब्योरा दिया था। प्रदेश में 3134 स्कूलों ने सीटों का ब्योरा नहीं दिया। जिसके बाद दोबारा से शिक्षा विभाग ने राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को दाखिले के लिए पोर्टल खोल दिया था। अभी इसका लेटेस्ट डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया है। DEO कार्यालय में जमा कराएं रिपोर्ट शिकायत मिलने के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने अभिभावकों को मूल दस्तावेजों की प्रति संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा कराने के निर्देश दिए थे। खंड शिक्षा अधिकारी जमा कराए गए दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद संबंधित आवेदन को स्वीकार या अस्वीकार करेंगे। सत्यापन प्रक्रिया पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। सत्यापन प्रक्रिया के बाद पुष्टि होने वाले या सही पाए गए आवेदनों की सूची विभागीय वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। इसके बाद लॉटरी प्रक्रिया के तहत आवेदकों को स्कूल आवंटित किए जाएंगे। दस्तावेजों में भिन्नता होने पर आवेदन होंगे रद्द जिला स्तरीय कमेटी संबंधित खंड शिक्षा कार्यालय की रिपोर्ट अनुसार निर्णय लेगी। यदि अभिभावकों ने दाखिल से संबंधित किसी भी प्रकार के दस्तावेजों एवं पोर्टल पर दर्ज कराई सूचना में भिन्नता पाई गई तो उसके लिए संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा आवेदन को रद्द किया जा सकता है। जिला शिक्षा विभाग नोडल अधिकारी, आरटीई अमित मनहर ने कहा कि निजी स्कूलों में कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए पोर्टल दोबारा से खोल दिया गया है। इसके लिए 21 अप्रैल तक आवेदन किया जा सकता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
