हरियाणा में बुधवार यानी आज कई दिग्गज राजनीतिक उम्मीदवार नामांकन भरेंगे। इनमें रोहतक की गढ़ी सांपला किलोई से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा भी शामिल हैं। नामांकन से पहले उनके घर हवन चल रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव अटेली से नामांकन करेंगी। यह उनका पहला चुनाव है। रेसलर विनेश फोगाट जींद की जुलाना सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरेंगी। विनेश का भी यह पहला चुनाव है। हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों पर अभी तक 277 उम्मीदवार नामांकन कर चुके हैं। कल 12 सितंबर को नामांकन की आखिरी तारीख है। प्रदेश में 4 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। हरियाणा में बुधवार यानी आज कई दिग्गज राजनीतिक उम्मीदवार नामांकन भरेंगे। इनमें रोहतक की गढ़ी सांपला किलोई से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा भी शामिल हैं। नामांकन से पहले उनके घर हवन चल रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव अटेली से नामांकन करेंगी। यह उनका पहला चुनाव है। रेसलर विनेश फोगाट जींद की जुलाना सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरेंगी। विनेश का भी यह पहला चुनाव है। हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों पर अभी तक 277 उम्मीदवार नामांकन कर चुके हैं। कल 12 सितंबर को नामांकन की आखिरी तारीख है। प्रदेश में 4 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रेवाड़ी में पुराने भाजपाईयों के बगावती सुर:खोला का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान; सतीश- कापड़ीवास और सन्नी आज लेंगे निर्णय
रेवाड़ी में पुराने भाजपाईयों के बगावती सुर:खोला का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान; सतीश- कापड़ीवास और सन्नी आज लेंगे निर्णय हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपनी पहली सूची में रेवाड़ी और कोसली सीट पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी गई है। कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को रेवाड़ी सीट से उतारा गया हैं, जबकि कोसली में उनकी जगह केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खास पूर्व जिला पार्षद अनिल डहीना को मौका दिया गया हैं। दोनों ही प्रत्याशियों की घोषणा के बाद पुराने भाजपाईयों में नाराजगी बढ़ गई है। रेवाड़ी से लंबे समय से तैयारी करने में लगे परिवार-पहचान-पत्र के स्टेट को-ऑर्डिनेटर डा. सतीश खोला ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया हैं। जबकि रेवाड़ी से पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव और प्रशांत उर्फ सन्नी यादव भी आज बड़ा निर्णय ले सकते हैं। तीनों ही नेता अपने समर्थकों से मीटिंग करेंगे। सतीश खोला करेंगे प्रेस कांफ्रेंस सतीश खोला सुबह 11 बजे अपने रेवाड़ी सेक्टर-1 स्थित कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। इस बार सतीश खोला के अलावा पर्यटन निगम के चेयरमैन डा. अरविंद यादव, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास या उनके भतीजे मुकेश कापड़ीवास, पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव, पूर्व जिला पार्षद प्रशांत उर्फ सन्नी यादव टिकट की दावेदारी कर रहे थे। रणधीर सिंह कापड़ीवास, सतीश खोला और डा. अरविंद यादव संगठन के पुराने नेता हैं। ऐसे में उन्हें टिकट की सबसे ज्यादा आस थी। लेकिन पार्टी हाईकमान ने इस सीट पर संगठन और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह दोनों की पसंद से लक्ष्मण सिंह यादव को उतारा हैं। इसी तरह कोसली में पूर्व मंत्री विक्रम ठेकेदार, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के पीए अभिमन्यु यादव टिकट की दौड़ में थे। इन दोनों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने राव इंद्रजीत सिंह के खास अनिल डहीना को टिकट दे दी। ऐसे में विक्रम ठेकेदार भी कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। 2019 में बगावत के चलते हार गई थी बीजेपी बता दें कि, 2019 के चुनाव में भी बीजेपी में टिकट वितरण के बाद बगावत हो गई थी। राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर सीटिंग MLA रणधीर सिंह कापड़ीवास की टिकट काटकर सुनील मुसेपुर को चुनावी मैदान में उतारा गया था। जिसके बाद रणधीर सिंह कापड़ीवास ने बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने से कांग्रेस प्रत्याशी चिरंजीव को फायदा मिला और वह जीत गए। हालांकि उस वक्त रणधीर सिंह कापड़ीवास के अलावा किसी दूसरे नेता ने बगावत नहीं की। कुछ इसी तरह के समीकरण इस बार भी बनते दिख रहे हैं। इस बार बगावत करने वालों की फेहरिस्त लंबी हो सकती हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए फिर से पांच साल पुरानी मुश्किल खड़ी हो सकती हैं। टिकट नहीं मिलने पर सतीश खोला ने कहा कि उन्होंने सालों तक पार्टी के लिए समर्पण भाव से काम किया हैं। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि पार्टी इस बार उन्हें टिकट जरूर देगी। लक्ष्मण सिंह यादव का हक कोसली में था। उन्हें रेवाड़ी से उतारना हम जैसे कार्यकर्ताओं के लिए निराशा भरा हैं। इसलिए मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है। वहीं डा. अरविंद यादव का कहना है कि हम उम्मीद कर रहे थे कि टिकट मिलेगी, लेकिन जैसा पार्टी का फैसला। वहीं सतीश यादव का कहना है कि हम निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। बाकी जनता जो फैसला करेगी उसके अनुरूप निर्णय लिया जाएगा। बावल सीट होल्ड पर रखी गई रेवाड़ी जिले की एक और सीट बावल में अभी बीजेपी की तरफ से किसी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई हैं। इस सीट पर सबसे मजबूत दावेदार कैबिनेट मंत्री डा. बनवारी लाल हैं। लेकिन इस बार उनकी भी टिकट की राह आसान नहीं दिख रही है। डा. बनवारी लाल केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के पुराने समर्थक हैं। लेकिन इस बार राव इंद्रजीत सिंह की उन्हें टिकट दिलाने के मूड में नहीं है। इसके पीछे का कारण डा. बनवारी लाल की राव इंद्रजीत सिंह से दूरिया और उनके विरोधी गुट में कहे जाने वाले नेताओं से नजदीकियां ज्यादा हो गई। यहीं कारण है कि राव इंद्रजीत सिंह बावल की टिकट बदलवाना चाहते हैं। डा. बनवारी लाल के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पैरवी कर रहे हैं। पेंच फंसने के कारण बीजेपी ने इस सीट को अभी होल्ड पर कर दिया है।
हरियाणा में केंद्रीय मंत्री ने अपनी ही पार्टी को घेरा:राव इंद्रजीत बोले-हमें 10 साल बाद मिली अहमियत; अब संगठित होकर लानी हैं चौधर, CM पद पर ठोक चुके दावा
हरियाणा में केंद्रीय मंत्री ने अपनी ही पार्टी को घेरा:राव इंद्रजीत बोले-हमें 10 साल बाद मिली अहमियत; अब संगठित होकर लानी हैं चौधर, CM पद पर ठोक चुके दावा हरियाणा में गुरुग्राम से मौजूदा सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मंगलवार को अपनी ही पार्टी BJP को घेरने का किया। राव इंद्रजीत सिंह बोले-मेरे पास सारे हरियाणा से रिपोर्ट आ रही है। इस बार लोकसभा चुनाव में पूरे दक्षिणी हरियाणा में भिवानी से लेकर फरीदाबाद तक 14-15 सीटें हमले मिली है। पहले कभी इतनी सीटें बीजेपी को नहीं मिली थी। हमारी एक ताकत बनती आ रही है। शायद बीजेपी ने पहले हमें इतना महत्व नहीं दिया लेकिन 10 साल के बाद आज हमें महत्व मिला है। गांव में एक कहावत हैं कि 12 साल में तो कूड़ी का भी नंबर आ जाता है। दस साल तक हमने बीजेपी की सरकार बनाई। हम कूड़ी से भी गए-गुजरे (बुरे) तो नहीं है। मतलब अब हो सकता है कि हमारा ही नंबर आ जाए। राव इंद्रजीत सिंह रेवाड़ी के बावल विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। राव इंद्रजीत सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बावल सीट पर कई दावेदार थे लेकिन जो सर्वे में सबसे ऊपर था पार्टी ने उसे टिकट दे दी। डा. बनवारी लाल ने बावल में काम किया है। लेकिन एंटी इनकंबेंसी भी एक कारण रही। अब पार्टी के फैसले के अनुरूप कैंडिडेट को जिताना हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि जिस हलके में 2019 में मुझे 70 हजार से ज्यादा की लीड मिली। इस बार मात्र 22 हजार रह गई। कुछ ना कुछ तो गड़बड़ हुई है। उन्होंने कहा कि ये गड़बड़ इस बार नहीं होनी चाहिए। सीएम पद भी ठोक चुके दावा बता दें कि 9 सितंबर को रेवाड़ी में भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव का नामांकन भरवाने के बाद राव इंद्रजीत सिंह ने सीएम पद पर दावा ठोका था। उनका कहना था ”यहां की जनता चाहती है कि मैं सीएम बनूं। अगर यहां की जनता ने भाजपा का साथ न दिया होता तो मनोहर लाल खट्टर 2 बार हरियाणा के सीएम न बनते।” राव इंद्रजीत सिंह ने खुद संभाली प्रचार की कमान दरअसल, रामपुरा हाउस यानी राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों पर दबदबा है। इनमें गुरुग्राम, रेवाड़ी, नूंह और महेंद्रगढ़ जिलों की अलग-अलग विधानसभा सीटें शामिल हैं। राव इंद्रजीत सिंह के कहने पर इस बार बीजेपी ने उनकी बेटी आरती राव को अटेली, अनिल डहीना को कोसली, डॉ. कृष्ण कुमार को बावल, ओमप्रकाश यादव को नारनौल, बिमला चौधरी को पटौदी से टिकट दी है। जबकि राव इंद्रजीत सिंह की पसंद के चलते भाजपा के पुराने नेता रेवाड़ी में लक्ष्मण सिंह यादव और गुरुग्राम में मुकेश शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। कमजोर हो रही रामपुरा हाउस की पकड़ दशकों तक राव इंद्रजीत सिंह के परिवार की इस पूरे इलाके में मजबूत पकड़ रही है। लेकिन अब रामपुरा हाउस की पकड़ कमजोर होती आ रही है। इसकी एक झलक चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव ही नहीं, बल्कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिली थी। राव इंद्रजीत सिंह खुद इस बार लड़खड़ाते हुए लोकसभा चुनाव जीते। जबकि 2019 के चुनाव में रेवाड़ी सीट पर पूरा दम लगाने के बाद भी राव इंद्रजीत सिंह अपने समर्थक सुनील मुसेपुर को वहीं जिता पाए थे।
नारनौल में पंचायत में नहीं पहुंचे पूर्व चेयरमैन:ठेकेदार ने लगाए 5 लाख रुपए न देने के आरोप; नहीं हो सका कोई फैसला
नारनौल में पंचायत में नहीं पहुंचे पूर्व चेयरमैन:ठेकेदार ने लगाए 5 लाख रुपए न देने के आरोप; नहीं हो सका कोई फैसला हरियाणा के महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी के गांव मुलोदी में लेनदेन के विवाद में आज एक पंचायत हुई। पंचायत में करीब 11 से 15 गांव के पंच व सरपंचों व नंबरदारों ने हिस्सा लिया। इसमें ठेकेदार ने आरोप लगाए कि पंचायत समिति के पूर्व चेयरमैन उनके 5 लाख रूपए नहीं दे रहे हैं। वहीं पूर्व चेयरमैन सुरेश ने इस पूरे मामले को बेबुनियाद और उसे बदनाम करने वाला बताया। उसने ठेकेदार पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। पंचायत बेनतीजा रही। नांगल चौधरी के गांव भोजावास निवासी सतबीर ठेकेदार ने पंचायत में बताया कि पंचायत समिति के पूर्व चेयरमैन सुरेश मुलोदी के साथ उसका संयुक्त कारोबार था। दोनों का हिसाब होने के बाद उसके पूर्व चेयरमैन की तरफ 5 लाख रुपए निकले हैं। उसने लिखा पढ़ी से जुड़ा एक पत्र भी पंचायत में दिखाया। उसने कहा कि अब पूर्व चेयरमैन रुपए देने से मना कर रहा है। दो बार पंचायत हो चुकी है, लेकिन वह पंचायत में भी नही आता और न ही उसके रुपए दे रहा है। बेनतीजा रही पंचायत, पूर्व चेयरमैन नही पहुंचे मुलोदी गांव के सरपंच प्रवीण ने बताया की भोजावास के ठेकेदार सतबीर व पंचायत समिति के पूर्व चेयरमैन सुरेश मुलोदी के पैसे के लेनदेन का मामला था। गांव में दो बार पंचायत हो चुकी है, लेकिन किसी भी पंचायत में पूर्व चेयरमैन नहीं पहुंचा। इसको लेकर पंचायत काेई ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच रही। चेयरमैन बोले- आरोप बेबुनियाद, कानूनी कार्रवाई करेंगे पंचायत समिति के पूर्व चेयरमैन सुरेश मुलोदी से इस मामले में बात की तो उन्होंने बताया कि उस पर लगाए गए सभी आरोप मनगढ़ंत और बेबुनियाद हैं। वह खुद सतबीर ठेकेदार की तरफ पैसे मांगता है। उसे बदनाम करने की साजिश है। कानूनी जानकारों से सलाह लेकर इन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा।