हरियाणा में मानसून एक्टिव रहने से मौसम का मिजाज बदल गया है। बारिश और मानसूनी हवाओं के चलने से तापमान में जबरदस्त गिरावट आई है। 24 घंटे में दिन के तापमान में 3.0 डिग्री तक गिरावट आई है। 24 घंटे में बारिश की बात करें तो 7 जिले ऐसे रहे, जहां झमाझम बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश हिसार में रिकॉर्ड की गई। अच्छी बात यह है कि हरियाणा से अभी मानसून की वापसी नहीं होने वाली है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि सूबे में 29 सितंबर तक मानसून एक्टिव रहेगा। इस दौरान अधिकांश जिलों में मौसम बदलता रहेगा। अब तक प्रदेश के 6 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। 29 सितंबर तक बदलता रहेगा मौसम हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में 29 सितंबर तक मौसम के आमतौर पर बदलते रहने की संभावना है। इस दौरान मानसूनी हवाओं की सक्रियता बढ़ने की संभावना है, जिसके चलते प्रदेश के अधिकांश जिलों में रुक-रुक कर तेज हवाएं चलने तथा गरज के साथ छींटे पड़ने के साथ कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट तथा वातावरण में नमी की मात्रा में वृद्धि होने की भी संभावना है। मानसून सीजन में अब तक 390.4 MM बारिश प्रदेशभर में मानसून की सक्रियता के चलते पिछले 24 घंटे में 15.9 मिलीमीटर बारिश हुई है। मानसून सीजन में अब तक 390.4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो सामान्य 401.1 मिलीमीटर से महज 3 फीसदी ही कम है। जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। 2018 में 549 मिमी बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में सिर्फ 97.9 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। 5 दिन में 5 की हो चुकी मौत हरियाणा में करनाल के नीलोखेड़ी में 13 सितंबर को पॉलिटेक्निक के नजदीक बारिश के कारण एक पेड़ कार पर गिर गया था। हादसे में कार में बैठी देवरानी-जेठानी की मौत हो गई थी, वहीं फरीदाबाद के ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडर ब्रिज के नीचे भरे बरसाती पानी में 14 सितंबर को महिंद्रा XUV700 गाड़ी डूब गई। उसमें बैठे एचडीएफसी बैंक के मैनेजर और कैशियर की दर्दनाक मौत हो गई थी फरीदाबाद की संजय कॉलोनी में एक महिला की 14 सितंबर को करंट लगने से मौके पर ही मौत हो चुकी है। सुमित्रा (58) संजय कॉलोनी में रहती थी। सुमित्रा के पति नरेश ने एटीएम संचालक कंपनी पर केस दर्ज कराया है। हरियाणा में मानसून एक्टिव रहने से मौसम का मिजाज बदल गया है। बारिश और मानसूनी हवाओं के चलने से तापमान में जबरदस्त गिरावट आई है। 24 घंटे में दिन के तापमान में 3.0 डिग्री तक गिरावट आई है। 24 घंटे में बारिश की बात करें तो 7 जिले ऐसे रहे, जहां झमाझम बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश हिसार में रिकॉर्ड की गई। अच्छी बात यह है कि हरियाणा से अभी मानसून की वापसी नहीं होने वाली है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि सूबे में 29 सितंबर तक मानसून एक्टिव रहेगा। इस दौरान अधिकांश जिलों में मौसम बदलता रहेगा। अब तक प्रदेश के 6 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। 29 सितंबर तक बदलता रहेगा मौसम हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में 29 सितंबर तक मौसम के आमतौर पर बदलते रहने की संभावना है। इस दौरान मानसूनी हवाओं की सक्रियता बढ़ने की संभावना है, जिसके चलते प्रदेश के अधिकांश जिलों में रुक-रुक कर तेज हवाएं चलने तथा गरज के साथ छींटे पड़ने के साथ कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट तथा वातावरण में नमी की मात्रा में वृद्धि होने की भी संभावना है। मानसून सीजन में अब तक 390.4 MM बारिश प्रदेशभर में मानसून की सक्रियता के चलते पिछले 24 घंटे में 15.9 मिलीमीटर बारिश हुई है। मानसून सीजन में अब तक 390.4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो सामान्य 401.1 मिलीमीटर से महज 3 फीसदी ही कम है। जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। 2018 में 549 मिमी बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में सिर्फ 97.9 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। 5 दिन में 5 की हो चुकी मौत हरियाणा में करनाल के नीलोखेड़ी में 13 सितंबर को पॉलिटेक्निक के नजदीक बारिश के कारण एक पेड़ कार पर गिर गया था। हादसे में कार में बैठी देवरानी-जेठानी की मौत हो गई थी, वहीं फरीदाबाद के ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडर ब्रिज के नीचे भरे बरसाती पानी में 14 सितंबर को महिंद्रा XUV700 गाड़ी डूब गई। उसमें बैठे एचडीएफसी बैंक के मैनेजर और कैशियर की दर्दनाक मौत हो गई थी फरीदाबाद की संजय कॉलोनी में एक महिला की 14 सितंबर को करंट लगने से मौके पर ही मौत हो चुकी है। सुमित्रा (58) संजय कॉलोनी में रहती थी। सुमित्रा के पति नरेश ने एटीएम संचालक कंपनी पर केस दर्ज कराया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की कपड़ा फैक्ट्री में भीषण आग:कई कर्मचारियों के अंदर फंसे होने की सूचना, लोग बोले- फायर ब्रिगेड की गाड़ियां लेट पहुंचीं हरियाणा के पानीपत में बुधवार दोपहर सेक्टर 29 स्थित आदर्श कपड़े की फैक्ट्री में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची हैं। आग पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची हैं। आसपास के लोगों के मुताबिक अंदर कई कर्मचारी फंसे हुए हैं। आग ज्यादा होने की वजह से कर्मचारी अभी अंदर नहीं जा सके। आसपास के इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया है। किसी भी व्यक्ति को आसपास नहीं जाने दिया जा रहा। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि आग लगने की सूचना तुरंत फायर ब्रिगेड को दे थी, लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां लेट पहुंचीं। गाड़ियों के पहुंचने से पहले आग ने भयंकर रूप ले लिया था।
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हरियाणा में 5 बोनस नंबर पर SC में क्या हुआ?:जस्टिस बोले-सरकार ने खुद मुश्किलें खड़ी कीं, नई मेरिट लिस्ट वाले चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे हरियाणा में सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को सामाजिक व आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंक देने को असंवैधानिक ठहराने वाले हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, ‘यह नीति जनता को आकर्षित करने के लिए लोकनुभावन उपाय है। यह योग्यता को प्राथमिकता देने के सिद्धांत से भटकी हुई है। कॉमन एलिजिबििलटी टेस्ट (CET) के जरिए दूसरे राज्य के मेधावी छात्र को 60 अंक मिलते हैं और उतने ही अंक स्थानीय अभ्यर्थी को भी मिले हैं, लेकिन स्थानीय अभ्यर्थी दूसरे राज्य के अभ्यर्थी से सिर्फ इसीलिए आगे हो गया, क्योंकि 5 ग्रेस अंक मिले हैं। आप इस तरह की नीति का बचाव कैसे करेंगे कि बिना किसी प्रयास के एक अभ्यर्थी को 5 अंक दिए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 4 अपीलें दायर की थीं। जस्टिस एएस ओका व जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने सुनवाई की। सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने दलीलें रखीं। पढ़िए प्रमुख अंश – सुप्रीम कोर्ट लाइव अटॉर्नी जनरल : ग्रुप-D के पदों पर काम करने वाले कर्मचारी स्थानीय स्तर के हैं। यह लाभ ऐसे लोगों को दिए जाते हैं, जिनके परिवार के पास आय का कोई स्रोत नहीं है। क्या ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी में अवसर नहीं दिया जाना चाहिए? हाईकोर्ट द्वारा लिखित परीक्षा दोबारा कराने का आदेश दिया जाना सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के खिलाफ है। इन पर दोबारा से विचार करने की जरूरत है। जिन्होंने परीक्षा दी है, इसमें उनकी क्या गलती है? जस्टिस ओका : आपने अपने लिए खुद मुश्किलें खड़ी की हैं। जिस तरह से प्रक्रिया संचालित की गई है, उसके बारे में हाईकोर्ट ने आदेश में लिखा है। इसके बाद कोर्ट ने राज्य कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की याचिका खारिज करते हुए फैसले में कहा, ‘जिन अभ्यर्थियों को पहले के परिणाम के आधार पर विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया है, अगर वे CET की नई मेरिट सूची में आते हैं तो नई चयन प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति होगी। जब तक नए चयन की तैयारी नहीं हो जाती, तब तक वे पदों पर बने रहेंगे। वे नई चयन प्रक्रिया में चयनित नहीं होते तो पद छोड़ना होगा और नियुक्ति समाप्त मानी जाएगी। उन्हें अन्य कोई विशेष अधिकार नहीं होगा और वे उस अवधि के वेतन के अतिरिक्त किसी अन्य लाभ के हकदार नहीं होंगे।’ 5% अंकों के लिए 2 शर्तें थीं ग्रुप-C-D की नौकरियों में सीईटी में प्रदेश के मूल निवासियों को 5% अतिरिक्त अंक की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए 2 शर्तें रखीं। पहली- परिवार पहचान पत्र में सालाना आय 1.80 लाख रुपए से कम हो। दूसरी- घर में पहले से कोई सरकारी नौकरी में न हो। इससे 2023 की भर्ती में कई युवा नौकरी से वंचित हुए तो हाईकोर्ट पहुंच गए। 31 मई 2024 को हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को रद्द कर दिया। इस पर HSSC ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट मे एडवोकेट हेमंत कुमार ने कहा कि जो अभ्यर्थी अतिरिक्त 5 अंक हटाकर भी मेरिट में आते हैं, उन्हें दिक्कत नहीं होगी। संविधान के अनुच्छेद-14, 16 के तहत वर्ग अनुसार ही आरक्षण का प्रावधान है। इस तह 5 अंक संविधान के अनुरूप नहीं हैं। 5 अंक हटाकर 6 माह में नए सिरे से मेरिट तय करने के आदेश हैं। तब तक ये नौकरी में बने रहेंगे। जो ये अंक हटाकर भी मेरिट में आते हैं, उन्हें दिक्कत नहीं होनी चाहिए। सरकार के पास 3 विकल्प हेमंत कुमार के अनुसार, सरकार के पास अब तीन विकल्प हैं। सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकती है। हालांकि इसकी कम संभावनाएं रहती हैं कि न्यायाधीश अपना फैसला बदल दें। दूसरा- विधानसभा में विधेयक लाकर गेस्ट टीचर की तरह एडजस्ट कर दे, पर इसकी न्यायिक समीक्षा हो सकती है। तीसरा- आयोग बनाकर गरीबी को लेकर सर्वे कराए। उसकी रिपोर्ट पर कानून बना दे। हालांकि, इसे भी कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। सैनी बोले- ग्रुप-D में अतिरिक्त अंक वालों का रिजल्ट रोका हुआ है
सीएम सैनी ने कहा कि सीईटी के पहले चरण की परीक्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सीईटी 3 साल के लिए मान्य है। ग्रुप-डी के 13,657 पद थे। 11 हजार ने नौकरी जॉइन की। इन्हें दिक्कत नहीं है। 2,657 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्हें 5 अतिरिक्त अंकों के चलते जॉइन करना था। इनका रिजल्ट रोका हुआ था। ग्रुप-सी के चयनित करीब 12 हजार युवाओं की भर्ती को बचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। 2 हजार तकनीकी पद हैं। इसमें पदों से 4 गुना अभ्यर्थियों को बुलाया जाना था। कई पोस्ट ऐसी थीं, जिनमें आवेदन करने वालों की संख्या 4 गुना तक नहीं थी। सभी 50 हजार पदों पर भर्ती के लिए एक सप्ताह में शेड्यूल जारी होगा। ये 2 माह में पूरी की जाएंगी। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा श्वेत पत्र जारी कर बताएं कि उनके कार्यकाल में कितनी भर्ती हुई थीं। भाजपा ने 1.32 लाख नौकरियां बिना पर्ची और बिना खर्ची के दी हैं।
हरियाणा में राज्यसभा चुनाव से पहले कुलदीप बिश्नोई एक्टिव:गृहमंत्री शाह से मुलाकात की; बेटे की हार के बाद पार्टी से दूरी बनाई
हरियाणा में राज्यसभा चुनाव से पहले कुलदीप बिश्नोई एक्टिव:गृहमंत्री शाह से मुलाकात की; बेटे की हार के बाद पार्टी से दूरी बनाई हरियाणा में राज्यसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई दिल्ली दरबार में फिर एक्टिव हो गए हैं। बुधवार (27 नवंबर) को उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। अब इस मुलाकात की टाइमिंग पर सवाल उठ रहे हैं। इसका कारण है कि इससे पहले कुलदीप ने दिल्ली के चक्कर तब लगाए थे, जब इस साल विधानसभा चुनाव से पहले भी हरियाणा में राज्यसभा चुनाव हुए थे। हालांकि, तब कुलदीप को नजरअंदाज कर भाजपा ने पूर्व विधायक किरण चौधरी को राज्यसभा का टिकट दे दिया था। इसलिए हो रहा राज्यसभा चुनाव
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। इसके बदले में भाजपा ने उन्हें पानीपत की इसराना विधानसभा से चुनाव लड़वाया। अब वह जीत कर मंत्री बन गए हैं। उनकी राज्यसभा सीट अब खाली हो गई है। इसलिए, 20 दिसंबर को उसके लिए वोटिंग होनी और 10 दिसंबर तक नामांकन का अंतिम दिन है। इससे पहले भाजपा को अपना उम्मीदवार मैदान में उतारना होगा। विधानसभा के संख्याबल के हिसाब से भाजपा जिसे मैदान में उतारेगी, उसका राज्यसभा में जाना लगभग तय है। इसलिए, कुलदीप बिश्नोई फिर से कोशिश में लग गए हैं। कुलदीप बिश्नोई ने गृहमंत्री शाह से मिलकर यह पोस्ट किया… कुलदीप ने X पर पोस्ट कर लिखा- मुझे लंबा समय दिया
कुलदीप बिश्नोई ने केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात के बाद X पर लिखा, “अमित शाह से शिष्टाचार की भेंट हुई। महाराष्ट्र में प्रचंड जीत की बधाई दी, उनसे आशीर्वाद लिया और लंबी राजनीतिक चर्चा की। मुझे इतना लंबा समय देने, मेरी बातों को इतने ध्यान से सुनने और इतना स्नेह देने के लिए मेरे नेता अमित शाह का दिल की गहराइयों से आभार।” गैर जाट चेहरे के रूप में पेश कर रहे दावेदारी
कुलदीप बिश्नोई भाजपा में गैर जाट चेहरे के रूप में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। उनके पिता पूर्व CM भजनलाल की प्रदेश में गैर जाट CM के रूप में पहचान थी। गैर जाट वोटर ही भाजपा की प्रदेश में ताकत माने जाते हैं। ऐसे में कुलदीप इस वोट बैंक को जोड़े रखने में सहायक बनना चाहते हैं। हरियाणा के 3 बार मुख्यमंत्री रहे भजनलाल के समय प्रदेश का संपूर्ण नॉन जाट वोटर उनके साथ था, जो बाद में कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के साथ लामबंद रहा। 2011 से 2014 तक हजकां और भाजपा के गठबंधन के बाद ये वोटर 2014 विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गए। इसलिए राज्यसभा जाना चाहते हैं कुलदीप बिश्नोई… 1. सरकार में 16 साल से पद से दूर बिश्नोई परिवार
विधानसभा चुनाव में आदमपुर में मिली हार से बिश्नोई परिवार एक बार फिर सत्ता सुख से दूर हो गया है। अगर उनके बेटे भव्य और भाई दुड़ाराम चुनाव जीतते तो भव्य को मंत्री पद मिल सकता था, लेकिन आदमपुर से हार ने उन्हें मंत्रिपद से दूर कर दिया। हरियाणा में बिश्नोई परिवार 16 साल से सरकार में पद से बाहर है। 2005 से 2008 तक भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई हरियाणा के डिप्टी CM पद पर रहे। इसके बाद निजी कारणों से उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद आज तक बिश्नोई परिवार को सरकार में कोई पद नहीं मिला है। 2. आदमपुर में 57 साल बाद मिली हार
हरियाणा विधानसभा चुनाव में आदमपुर सीट पर हार के बाद भजनलाल परिवार का 57 साल पुराना किला ढह गया है। इस चुनाव में भव्य बिश्नोई 1268 वोटों से हार गए। इस हार के बाद कुलदीप बिश्नोई काफी दुखी हैं। वह आदमपुर में लोगों के बीच भावुक हो गए थे। 3. मुकाम में संरक्षक पद छीना, बिश्नोई रत्न वापस लिया
आदमपुर में चुनाव हारने के बाद कुलदीप बिश्नोई को बड़ी चुनौती अपनों से ही मिली। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान के इस्तीफे को लेकर समाज का एक वर्ग उनके खिलाफ हो गया। महासभा के प्रधान ने मुकाम में बैठक कर कुलदीप बिश्नोई को महासभा के संरक्षक पद से हटा दिया और बिश्नोई रत्न वापस ले लिया। हालांकि, इस प्रकरण के बाद से ही कुलदीप बिश्नोई ने चुप्पी साधी हुई है। कुलदीप बिश्नोई और परिवार ने भाजपा से बनाई हुई है दूरी
कुलदीप बिश्नोई ने हरियाणा भाजपा से इन दिनों दूरी बनाई हुई है। वह न तो भाजपा की मीटिंगों में शामिल हो रहे हैं और न ही पार्टी के किसी कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। 25 नवंबर को मुख्यमंत्री नायब सैनी हिसार में आए, मगर कुलदीप बिश्नोई और उनके बेटे कार्यक्रम में नहीं आए। इससे पहले प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली हिसार आए, लेकिन दोनों पिता-पुत्र नजर नहीं आए। इसके बाद चंडीगढ़ में समीक्षा बैठकों से भी बिश्नोई परिवार नदारद रहा। कुलदीप बिश्नोई की पार्टी से दूरी की वजह बेटे की हार के अलावा प्रमुखता से निमंत्रण न मिलना, राज्यसभा न भेजना और बिश्नोई महासभा से जुड़ा विवाद बताया जा रहा है।