हरियाणा के फरीदाबाद में पृथला विधानसभा क्षेत्र से 2019 में भाजपा को सर्मथन देने वाले निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने भाजपा से किनारा कर लिया है। हाल ही में भाजपा ने अपनी 67 प्रत्याशियों की सूची जारी की है, जिसमें भाजपा ने पृथला विधानसभा से पूर्व विधायक टेक चंद शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। नयन पाल को उम्मीद थी की भाजपा पृथला की सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाएगी या फिर उनके खिलाफ अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी, लेकिन भाजपा ने अपना प्रत्याशी उतार कर नयन पाल की उम्मीदों को एक बड़ा झटका दिया है। नयन पाल रावत ने शनिवार को पृथला विधानसभा क्षेत्र के चंदावली इलाके में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “मैंने 5 साल तक भाजपा सरकार को समर्थन दिया, लेकिन उन्होंने टिकट नहीं दी”। इस दौरान उन्होंने भाजपा उम्मीदवार टेक चंद शर्मा को गद्दार बताते हुए इस चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। साथ ही इस दौरान चुनाव में जीत के बाद भाजपा या कांग्रेस को सर्मथन देने के सवाल पर उन्होंने कहा की जिस दल को भी सर्मथन चाहिए होगा उसे पृथला आकर पहले नाक रगड़कर माफी मांगनी होगी। ‘नयन पाल के रहते नहीं खिलेगा फूल’
“जब सब भाजपा को छोड़-छोड़ कर भाग रहे थे, तब मैं उनके साथ डटा हुआ था, लेकिन भाजपा ने मेरी टिकट काट दी। भले भाजपा ने मेरी टिकट काट दी हो लेकिन मुझे 36 बिरादरी का साथ है। इलाके की जनता आज भी 2019 की तरह ही मेरे साथ खड़ी है। मुझे भरोसा है कि मैं इस बार भी निर्दलीय जीत कर अपने पिछले रिकार्ड को तोड़ूंगा। इसके साथ ही नयन पाल ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा की 2019 की तरह ही इस बार भी वो भाजपा प्रत्याशी की जमानत जब्त करवाएंगे। एवं उन्होंने कहा “जब तक नयन पाल पृथला में है तब तक वो यहां कमल का फूल नहीं खिलने देंगे”। ‘जीत को कोई रोक नहीं सकता’
विधायक ने कहा कि इस बार तो उनके साथ 30 गांव के सरपंच हैं, उनकी जीत को कोई रोक नहीं सकता। वहीं उन्होंने भाजपा द्वारा टेक चंद शर्मा को टिकट दिए जाने पर कहा कि टेक चंद शर्मा ने लोकसभा चुनाव में कहा था कि किसी भी हाल में वह भाजपा के चुनाव प्रचार में नहीं जाएंगे और ना ही भाजपा के प्रत्याशी का समर्थन करेंगे। वह पांच साल भाजपा का विरोध करते रहे लेकिन उन्हें भाजपा ने टिकट दे दी, पृथला विधानसभा की जनता इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। इस दौरान नामांकन पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वो 10 सितंबर को नामांकन करेंगे। इस सीट पर खाता नहीं खोल पाई है भाजपा
पृथला का रण भाजपा के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है। इस सीट पर अभी तक भाजपा जीत का खाता नहीं खोल पाई है। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से सोहनलाल छौक्कड़ को उम्मीदवार बनाया था लेकिन नयन पाल ने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ सोहनलाल के साथ साथ कांग्रेस के रघुवीर तेवतिया को बुरी तरह हरा दिया था। हालांकि सरकार गठन के समय नयन पाल ने अपना सर्मथन खट्टर सरकार को ही दिया था। सीएम बदलने पर उठी थी बगावत की अटकलें
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यंत्री बनाया। इसके बाद तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा से अपना समर्थन वापस ले लिया था। इसमें सोमवीर सांगवान, धर्मपाल गोंदर और रणधीर गोलन के नाम शामिल था। इस समय अटकलें थी की नयन पाल भी पाला बदल सकते हैं। चर्चाएं जब तेज होने लगी तो नयन पाल ने खुद मीडिया के सामने आकर साफ किया की वो भाजपा का साथ नहीं छोड़ने वाले हैं। इस दौरान उन्होंने कहा था “मैं भाजपा का साथ नहीं छोड़ सकता, मेरे जीवन का सिद्धांत रहा है कि अगर आप किसी के साथ खड़े हैं, तो आप कायरों की तरह वहां से भाग नहीं सकते”। हरियाणा के फरीदाबाद में पृथला विधानसभा क्षेत्र से 2019 में भाजपा को सर्मथन देने वाले निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने भाजपा से किनारा कर लिया है। हाल ही में भाजपा ने अपनी 67 प्रत्याशियों की सूची जारी की है, जिसमें भाजपा ने पृथला विधानसभा से पूर्व विधायक टेक चंद शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। नयन पाल को उम्मीद थी की भाजपा पृथला की सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाएगी या फिर उनके खिलाफ अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी, लेकिन भाजपा ने अपना प्रत्याशी उतार कर नयन पाल की उम्मीदों को एक बड़ा झटका दिया है। नयन पाल रावत ने शनिवार को पृथला विधानसभा क्षेत्र के चंदावली इलाके में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “मैंने 5 साल तक भाजपा सरकार को समर्थन दिया, लेकिन उन्होंने टिकट नहीं दी”। इस दौरान उन्होंने भाजपा उम्मीदवार टेक चंद शर्मा को गद्दार बताते हुए इस चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। साथ ही इस दौरान चुनाव में जीत के बाद भाजपा या कांग्रेस को सर्मथन देने के सवाल पर उन्होंने कहा की जिस दल को भी सर्मथन चाहिए होगा उसे पृथला आकर पहले नाक रगड़कर माफी मांगनी होगी। ‘नयन पाल के रहते नहीं खिलेगा फूल’
“जब सब भाजपा को छोड़-छोड़ कर भाग रहे थे, तब मैं उनके साथ डटा हुआ था, लेकिन भाजपा ने मेरी टिकट काट दी। भले भाजपा ने मेरी टिकट काट दी हो लेकिन मुझे 36 बिरादरी का साथ है। इलाके की जनता आज भी 2019 की तरह ही मेरे साथ खड़ी है। मुझे भरोसा है कि मैं इस बार भी निर्दलीय जीत कर अपने पिछले रिकार्ड को तोड़ूंगा। इसके साथ ही नयन पाल ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा की 2019 की तरह ही इस बार भी वो भाजपा प्रत्याशी की जमानत जब्त करवाएंगे। एवं उन्होंने कहा “जब तक नयन पाल पृथला में है तब तक वो यहां कमल का फूल नहीं खिलने देंगे”। ‘जीत को कोई रोक नहीं सकता’
विधायक ने कहा कि इस बार तो उनके साथ 30 गांव के सरपंच हैं, उनकी जीत को कोई रोक नहीं सकता। वहीं उन्होंने भाजपा द्वारा टेक चंद शर्मा को टिकट दिए जाने पर कहा कि टेक चंद शर्मा ने लोकसभा चुनाव में कहा था कि किसी भी हाल में वह भाजपा के चुनाव प्रचार में नहीं जाएंगे और ना ही भाजपा के प्रत्याशी का समर्थन करेंगे। वह पांच साल भाजपा का विरोध करते रहे लेकिन उन्हें भाजपा ने टिकट दे दी, पृथला विधानसभा की जनता इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। इस दौरान नामांकन पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वो 10 सितंबर को नामांकन करेंगे। इस सीट पर खाता नहीं खोल पाई है भाजपा
पृथला का रण भाजपा के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है। इस सीट पर अभी तक भाजपा जीत का खाता नहीं खोल पाई है। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से सोहनलाल छौक्कड़ को उम्मीदवार बनाया था लेकिन नयन पाल ने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ सोहनलाल के साथ साथ कांग्रेस के रघुवीर तेवतिया को बुरी तरह हरा दिया था। हालांकि सरकार गठन के समय नयन पाल ने अपना सर्मथन खट्टर सरकार को ही दिया था। सीएम बदलने पर उठी थी बगावत की अटकलें
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यंत्री बनाया। इसके बाद तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा से अपना समर्थन वापस ले लिया था। इसमें सोमवीर सांगवान, धर्मपाल गोंदर और रणधीर गोलन के नाम शामिल था। इस समय अटकलें थी की नयन पाल भी पाला बदल सकते हैं। चर्चाएं जब तेज होने लगी तो नयन पाल ने खुद मीडिया के सामने आकर साफ किया की वो भाजपा का साथ नहीं छोड़ने वाले हैं। इस दौरान उन्होंने कहा था “मैं भाजपा का साथ नहीं छोड़ सकता, मेरे जीवन का सिद्धांत रहा है कि अगर आप किसी के साथ खड़े हैं, तो आप कायरों की तरह वहां से भाग नहीं सकते”। हरियाणा | दैनिक भास्कर