हरियाणा में गर्मी में 3000 मेगावाट बढ़ेगी बिजली डिमांड:15000 मेगावाट तक जा सकती है; पूरी करने के लिए सरकार की 5 मेगा प्लानिंग

हरियाणा में गर्मी में 3000 मेगावाट बढ़ेगी बिजली डिमांड:15000 मेगावाट तक जा सकती है; पूरी करने के लिए सरकार की 5 मेगा प्लानिंग

हरियाणा में इस गर्मी के सीजन में बिजली की डिमांड 3000 मेगावाट तक बढ़ सकती है। बिजली की डिमांड 12000 मेगावाट से 15000 मेगावाट के बीच पहुंच सकती है। बिजली निगमों ने निर्वाध बिजली सप्लाई के लिए बिजली की डिमांड पूरी करने के लिए 5 मेगा प्लानिंग की हैं। इनमें लॉन्ग टर्म के अलावा अतिरिक्त बिजली का प्रबंध भी शामिल किया गया है। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने उत्तर भारत में स्थित बिजली प्लांटों से मई में 161 मेगावाट और जून से सितंबर तक निकलते 193 अन्य अतिरिक्त बिजली आवंटित की है। हरियाणा में गर्मी सीजन और धान की फसल के कारण बिजली की मांग में बढ़ौतरी हो जाती है। इसलिए बढ़ेगी डिमांड हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है, इसलिए गर्मी और धान रोपाई के सीजन में बिजली की मांग काफी बढ़ जाती है। ये डिमांड मुख्य रूप से कृषि पंप (AP) लोड के साथ-साथ कॉमर्शियल एक्टिविटी में एयर कंडीशनिंग (AC) के बड़ते उपयोग के कारण होती है। आने वाले गर्मी के सीजन और धान के मौसम के दौरान निर्वाध बिजली सप्लाई पूरी करने के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक व्जापक योजना बनाई गई है।बिजली डिमांड को पूरा करने के लिए मौजूदा दीर्घकालिक और मध्यम अवधि के बिजली समझौतों के अलावा पांच मेगा प्लानिंग की गई है। उद्योगों को रात में सप्लाई की तैयारी हरियाणा में 15 जून से आधिकारिक रूप से धान की बिजाई शुरू होगी। प्रदेश में खेती के ट्यूबवेल 6 हजार से अधिक हैं। ऐसे में धान के सीजन में कृषि क्षेत्र में बिजली की खपत बढ़ जाती है। पिछले साल में सरकार ने किसानों की परेशानी को देखते हुए रात की बजाए खेती के लिए दिन में बिजली आपूर्ति शुरू की थी। इस बार भी सरकार किसानों के लिए यही सुविधा देने की तैयारी में है। इसलिए रात को बिजली विभाग के पास अतिरिक्त बिजली होगी, तो उसे उद्योंगो के लिए आपूर्ति किया जाएगा। बिजली डिमांड पूरी करने की ये पांच मेगा प्लानिंग: 1. विद्युत मंत्रालय ने उत्तरी क्षेत्र में स्थित केंद्रीय उत्पादन स्टेशनों में अपने गैर-आवंटित कोटे से हरियाणा को मई 2025 के लिए 161 मेगावाट तथा जून से सितंबर 2025 तक 193 मेगावाट प्रतिमाह बिजली आवंटित की है। 2. हरियाणा ने मई से अक्तूबर 2025 तक की अवधि के लिए 200 मेगाबाट से 1400 मेगावाट तक की प्रतिस्पर्धी अल्पकालिक बोली के माध्यम से बिजली हासिल की है। 3. हरियाणा को जुलाई से सितंबर 2025 के दौरान बैंकिंग व्यवस्था के तहत अन्य राज्यों से 500 मेगावाट से 700 मेगावाट बिजली प्राप्त होगी, जो उसे पिछली सर्दियों में कम बिजली आपूर्ति के दौरान दी गई बिजली के बदले में मिलेगी। 4. हरियाणा मध्यम अवधि व्यवस्था (5 वर्ष) के तहत प्रतिस्पर्धा बोली के माध्यम से अतिरिक्त 500 मेगावाट बिजली खरीदने की प्रक्रिया में है। 5. वास्तविक समय में यदि कोई बिजली की कमी होगी तो उसका प्रबंधन पावर एक्सचेंज से बिजली खरीद कर किया जाएगा। हरियाणा में इस गर्मी के सीजन में बिजली की डिमांड 3000 मेगावाट तक बढ़ सकती है। बिजली की डिमांड 12000 मेगावाट से 15000 मेगावाट के बीच पहुंच सकती है। बिजली निगमों ने निर्वाध बिजली सप्लाई के लिए बिजली की डिमांड पूरी करने के लिए 5 मेगा प्लानिंग की हैं। इनमें लॉन्ग टर्म के अलावा अतिरिक्त बिजली का प्रबंध भी शामिल किया गया है। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने उत्तर भारत में स्थित बिजली प्लांटों से मई में 161 मेगावाट और जून से सितंबर तक निकलते 193 अन्य अतिरिक्त बिजली आवंटित की है। हरियाणा में गर्मी सीजन और धान की फसल के कारण बिजली की मांग में बढ़ौतरी हो जाती है। इसलिए बढ़ेगी डिमांड हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है, इसलिए गर्मी और धान रोपाई के सीजन में बिजली की मांग काफी बढ़ जाती है। ये डिमांड मुख्य रूप से कृषि पंप (AP) लोड के साथ-साथ कॉमर्शियल एक्टिविटी में एयर कंडीशनिंग (AC) के बड़ते उपयोग के कारण होती है। आने वाले गर्मी के सीजन और धान के मौसम के दौरान निर्वाध बिजली सप्लाई पूरी करने के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक व्जापक योजना बनाई गई है।बिजली डिमांड को पूरा करने के लिए मौजूदा दीर्घकालिक और मध्यम अवधि के बिजली समझौतों के अलावा पांच मेगा प्लानिंग की गई है। उद्योगों को रात में सप्लाई की तैयारी हरियाणा में 15 जून से आधिकारिक रूप से धान की बिजाई शुरू होगी। प्रदेश में खेती के ट्यूबवेल 6 हजार से अधिक हैं। ऐसे में धान के सीजन में कृषि क्षेत्र में बिजली की खपत बढ़ जाती है। पिछले साल में सरकार ने किसानों की परेशानी को देखते हुए रात की बजाए खेती के लिए दिन में बिजली आपूर्ति शुरू की थी। इस बार भी सरकार किसानों के लिए यही सुविधा देने की तैयारी में है। इसलिए रात को बिजली विभाग के पास अतिरिक्त बिजली होगी, तो उसे उद्योंगो के लिए आपूर्ति किया जाएगा। बिजली डिमांड पूरी करने की ये पांच मेगा प्लानिंग: 1. विद्युत मंत्रालय ने उत्तरी क्षेत्र में स्थित केंद्रीय उत्पादन स्टेशनों में अपने गैर-आवंटित कोटे से हरियाणा को मई 2025 के लिए 161 मेगावाट तथा जून से सितंबर 2025 तक 193 मेगावाट प्रतिमाह बिजली आवंटित की है। 2. हरियाणा ने मई से अक्तूबर 2025 तक की अवधि के लिए 200 मेगाबाट से 1400 मेगावाट तक की प्रतिस्पर्धी अल्पकालिक बोली के माध्यम से बिजली हासिल की है। 3. हरियाणा को जुलाई से सितंबर 2025 के दौरान बैंकिंग व्यवस्था के तहत अन्य राज्यों से 500 मेगावाट से 700 मेगावाट बिजली प्राप्त होगी, जो उसे पिछली सर्दियों में कम बिजली आपूर्ति के दौरान दी गई बिजली के बदले में मिलेगी। 4. हरियाणा मध्यम अवधि व्यवस्था (5 वर्ष) के तहत प्रतिस्पर्धा बोली के माध्यम से अतिरिक्त 500 मेगावाट बिजली खरीदने की प्रक्रिया में है। 5. वास्तविक समय में यदि कोई बिजली की कमी होगी तो उसका प्रबंधन पावर एक्सचेंज से बिजली खरीद कर किया जाएगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर