हरियाणा के जींद जिले के जुलाना में बुधवार की देर शाम को घने कोहरे के कारण हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की। राहगीरों ने पहुंचाया अस्पताल जानकारी के अनुसार राजगढ़ गांव के पास हुई दुर्घटना में करेला गांव के 50 वर्षीय जगबीर और झमोला गांव के 36 वर्षीय राजेंद्र की बाइकें आमने-सामने से टकरा गईं। घटना के बाद राहगीरों ने दोनों घायलों को तत्काल जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। हालत गंभीर होने के कारण दोनों को रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। दुर्भाग्यवश करेला गांव निवासी जगबीर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। कम दृश्यता के चलते हुआ एक्सीडेंट जगबीर जुलाना से अपने घर लौट रहे थे, जबकि राजेंद्र जुलाना की ओर जा रहे थे। कोहरे के कारण कम दृश्यता के चलते दोनों बाइकें एक-दूसरे से टकरा गईं। थाना प्रभारी मुरारी लाल के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। हरियाणा के जींद जिले के जुलाना में बुधवार की देर शाम को घने कोहरे के कारण हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की। राहगीरों ने पहुंचाया अस्पताल जानकारी के अनुसार राजगढ़ गांव के पास हुई दुर्घटना में करेला गांव के 50 वर्षीय जगबीर और झमोला गांव के 36 वर्षीय राजेंद्र की बाइकें आमने-सामने से टकरा गईं। घटना के बाद राहगीरों ने दोनों घायलों को तत्काल जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। हालत गंभीर होने के कारण दोनों को रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। दुर्भाग्यवश करेला गांव निवासी जगबीर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। कम दृश्यता के चलते हुआ एक्सीडेंट जगबीर जुलाना से अपने घर लौट रहे थे, जबकि राजेंद्र जुलाना की ओर जा रहे थे। कोहरे के कारण कम दृश्यता के चलते दोनों बाइकें एक-दूसरे से टकरा गईं। थाना प्रभारी मुरारी लाल के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में सरकारी भर्तियों के रिजल्ट पर रोक:ECI ने कांग्रेस सांसद की शिकायत पर एक्शन लिया; राज्य सरकार की रिपोर्ट के बाद फैसला
हरियाणा में सरकारी भर्तियों के रिजल्ट पर रोक:ECI ने कांग्रेस सांसद की शिकायत पर एक्शन लिया; राज्य सरकार की रिपोर्ट के बाद फैसला हरियाणा में चुनाव आचार संहिता के दौरान हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) और हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) की सरकारी भर्तियों पर भारत चुनाव आयोग (ECI) ने बड़ा एक्शन लिया है। ECI ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश की शिकायत का संज्ञान लेते हुए राज्य में विधानसभा चुनाव पूरा होने तक हरियाणा में चल रही भर्ती प्रक्रिया के परिणाम की घोषणा पर रोक लगा दी है। आयोग ने HSSC द्वारा हरियाणा पुलिस में कॉन्स्टेबल के 5600 पदों, TGT और PTI के 76 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पर यह कार्रवाई की है। चुनाव की घोषणा से पहले शुरू हुई थी भर्ती
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर लगी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में कांग्रेस सांसद ने शिकायत की थी। शिकायत के बाद आयोग ने राज्य सरकार से इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी, जिसकी जांच के बाद राज्य सरकार द्वारा दिए गए तथ्यों का पता लगने पर आदर्श आचार संहिता (MCC) का भर्ती प्रक्रिया में कोई उल्लंघन नहीं मिला है। तथ्यों की जांच में आयोग ने पाया है कि भर्ती प्रक्रिया चुनाव की घोषणा से पहले शुरू की गई थी। मौजूदा MCC निर्देशों के तहत है, जहां वैधानिक अधिकारी अपना काम जारी रख सकते हैं। हालांकि, समान अवसर बनाए रखने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी को कोई अनुचित लाभ न मिले, इसे देखते हुए ECI ने निर्देश दिया है कि संबंधित अधिकारियों (HSSC और HPSC) द्वारा इन भर्ती के परिणामों की घोषणा विधानसभा चुनाव पूरे होने तक न की जाएगी। हरियाणा के CEO भर्तियों पर रोक की बात नकार चुके
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) पंकज अग्रवाल ने 20 अगस्त को चुनाव आचार संहिता के दौरान सरकारी भर्तियों पर रोक नहीं लगने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि HSSC और HPSC आचार संहिता में भी भर्ती के विज्ञापन निकाल सकता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कांग्रेस की शिकायत आई थी, उन्हें जवाब भेज दिया गया है। अग्रवाल ने कहा कि चुनाव की घोषणा के बाद जिन अधिकारियों के ट्रांसफर हुए, उसके लिए आयोग की तरफ से परमिशन ली गई थी। इसके अलावा सरकार से किसी नई परमिशन के लिए उनके पास कोई अर्जी नहीं आई है। हरियाणा कांग्रेस ने इन भर्तियों पर सवाल उठाए थे
हरियाणा कांग्रेस ने HSSC की ओर से निकाली गईं खेल डिपार्टमेंट में 76 पदों पर भर्ती पर सवाल उठाए थे। इसके अलावा कांग्रेस ने हरियाणा पुलिस की 5600 कॉन्स्टेबल भर्तियों के नोटिफिकेशन को लेकर भी शिकायत की थी। कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि इन भर्तियों का नोटिफिकेशन आचार संहिता लगने के बाद जारी किया गया था। 7200 नई भर्तियां करेगा HSSC
वहीं, HSSC के सदस्य भूपेंद्र सिंह ने दावा किया है कि आयोग जल्द ही 7200 नई भर्तियां करेगा। इसके लिए विज्ञापन जारी करने की तैयारी की जा रही है। इन भर्तियों में 5600 पुलिस भर्तियां भी शामिल हैं। आयोग के सदस्य का यह भी कहना था कि आचार संहिता के चलते कुछ परिस्थितियों में परीक्षाओं पर असर हो सकता है, और कानूनी सलाह की जरूरत भी पड़ सकती है। हालांकि, आयोग पारदर्शी परीक्षाएं करवाएगा। खेल डिपार्टमेंट भी निकली भर्ती
HSSC ने माउंटेड आर्म्ड पुलिस में पुरुष कॉन्स्टेबल के 66 पदों के लिए भी आवेदन मांगे हैं। आयोग ने TGT फिजिकल एजुकेशन के 76 पद विज्ञापित किए हैं। इनके लिए आवेदन 24 अगस्त से 6 सितंबर तक हो सकेंगे। आयोग ने ALM के 45, डिप्टी रेंजर के 2, जेल वॉर्डर मेल के 33, महिला वॉर्डर का 1, सहायक जेल अधीक्षक के 2 और जूनियर कोच के कई पद विज्ञापित किए हैं। इनके लिए आवेदन 24 अगस्त से 6 सितंबर तक भरे जा सकेंगे। इसके अलावा, HSSC ने खेल कोटे से कॉन्स्टेबल और सब इंस्पेक्टर के पद भी विज्ञापित किए हैं। इनमें पुरुष कॉन्स्टेबल के 150, महिला कॉन्स्टेबल के 15 और पुरुष सब इंस्पेक्टर के 15 पद हैं। इन पर केवल CET पास खिलाड़ी ही आवेदन कर सकेंगे।
सिरसा के रिश्वतखोर सीआईए इंचार्ज को सजा मिलेगी आज:2 लाख के साथ रंगे हाथ पकड़ा था, झूठे केस में फंसाने की धमकी
सिरसा के रिश्वतखोर सीआईए इंचार्ज को सजा मिलेगी आज:2 लाख के साथ रंगे हाथ पकड़ा था, झूठे केस में फंसाने की धमकी सिरसा जिले में दो लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए तत्कालीन सीआईए इंचार्ज को सेशन कोर्ट आज सजा सुनाएगी। कोर्ट ने 14 नवंबर को आरोपी को दोषी करार दिया था। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने दोषी एसआई अजय कुमार को 5 जुलाई 2021 को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। तय समय पर वापस नहीं पहुंचे जेल मामले के अनुसार हुडा सेक्टर सिरसा निवासी सुक्खा सिंह ने विजिलेंस निदेशक को दी थी कि उसका पिता बलदेव सिंह एनडीपीएस एक्ट में जिला जेल में है। कोरोना संक्रमण के समय उसके पिता को 42 दिनों की पैरोल मिली थी। हार्ट की बीमारी के कारण उसका पिता तय समय पर वापस जेल नहीं जा पाए। इसके बाद उसके पिता का वारंट जारी हो गया। 3 लाख की मांग की थी 15 जून को डबवाली सीआईए इंचार्ज एसआई अजय कुमार उनके घर आया और पिता को पकड़ लिया। इसके बाद अजय कुमार कहने लगा कि पूरे परिवार को धारा 216 में गिरफ्तार करुंगा। अगर बचना है, तो तीन लाख रुपए देने होंगे। सुक्खा ने अजय कुमार को कहा कि इतने रुपए तो उसके पास अभी नहीं हैं। सुक्खा ने अजय कुमार को एक लाख रुपए दे दिए। डीएसपी के नेतृत्व में आई थी टीम एसआई अजय कुमार ने सुक्खा से कहा कि एसपी ने कहा है कि दो लाख रुपए और देने होंगे, तभी पूरा परिवार गिरफ्तारी से बचेगा। 5 जुलाई 2021 को डीएसपी कैलाश के नेतृत्व में विजिलेंस ब्यूरो की टीम सिरसा पहुंची। इसके बाद सुक्खा सिंह ने एसआई अजय कुमार को अपनी अनाज मंडी स्थित आढ़ती की दुकान में बुलाया। एसआई अजय कुमार ने सुक्खा से दो लाख रुपए रिश्वत के लिए तो तुरंत विजिलेंस की टीम ने उसे दबोच लिया। पावरफुल एसआई के रूप में थी पहचान बता दें कि गिरफ्तारी के कुछ ही दिन बाद सब इंस्पेक्टर अजय कुमार जेल से बाहर आ गया था। उसे जेल में अजय कुमार को कोरोना हो गया था। शिकायतकर्ता सुक्खा सिंह ने आरोप लगाया था कि अजय कुमार ने अपनी पावर का इस्तेमाल किया है। जब तक कोर्ट से जमानत नहीं मिलती उसे कोरोना मरीज दिखाकर कोविड सेंटर में रखने की प्लानिंग है। शिकायतकर्ता का आरोप था कि कोविड सेंटर में आरोपी को वीआईपी सुविधाएं मिल रही हैं। बड़े लीडरों से गहरे रिश्ते सब इंस्पेक्टर अजय कुमार काफी वर्षों तक इनेलो प्रधान महासचिव अभय चौटाला का पीएसओ रहा। इसके संबंध जेजेपी के सीनियर नेताओं से भी गहरे हैं। इन संबंधों का लाभ अजय कुमार को एस इंस्पेक्टर प्रमोट होते ही मिला। पुलिस लाइन से उसे सीआईए सिरसा में जगह मिल गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार सीनियर लीडरों का फोन आने पर तत्कालीन एसपी भूपेंद्र सिंह ने अजय को पहले सीआईए सिरसा में नियुक्त दी। बाद में अजय कुमार को अपनी मनपसंद पोस्ट डबवाली सीआईए इंचार्ज की मिल गई।
हिसार में नेताओं की नाराजगी से घटा मतदान:टिकट न मिलने पर हलकों से रहे दूर; बीरेंद्र सिंह-कुलदीप के गढ़ में दिखा असर
हिसार में नेताओं की नाराजगी से घटा मतदान:टिकट न मिलने पर हलकों से रहे दूर; बीरेंद्र सिंह-कुलदीप के गढ़ में दिखा असर हरियाणा के हिसार मे इसे संयोग कहा जाए या वर्करों-नेताओं की उदासीनता, जिसके चलते उन विधानसभा क्षेत्रों में 25 मई को हुई मतदान में मतदान प्रतिशत घट गया, जिन हलकों के नेताओं को पार्टियों ने टिकट नहीं दी। इसमें आदमपुर, उचाना और नारनौंद विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन तीनों क्षेत्रों से कई बड़े नेता अपनी पार्टियों में टिकट के दावेदारों में थे। आदमपुर में कुलदीप बिश्नोई और नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु हिसार लोकसभा से टिकट मांग रहे थे। वहीं उचाना से बीरेंद्र सिंह अपने बेटे बृजेंद्र सिंह के लिए हिसार से टिकट मांग रहे थे। मगर इन तीनों को ही कांग्रेस और भाजपा ने टिकट न देकर बाहर से उम्मीदवार लाकर उतारे। इसका नतीजा यह हुआ कि तीनों ही अपनी पार्टियों से नाराज होकर प्रचार से दूर हो गए। हालांकि भाजपा अपने नेताओं को मनाने में कामयाब रही, मगर बीरेंद्र सिंह की नाराजगी अंतिम दिन तक नजर आई। बीरेंद्र और बृजेंद्र सिंह दोनों ही कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश के प्रचार से दूर ही रहे। इसका असर वोटिंग में भी देखने को मिला। बाहरी उम्मीदवार से जनता नाराज दिखी
आपको बता दें कि हिसार में सभी प्रमुख पार्टियों ने बाहर से कैंडिडेट लाकर मैदान में उतारे। भाजपा ने रणजीत चौटाला को टिकट दिया। रणजीत चौटाला सिरसा के रहने वाले हैं और सिरसा की रानियां सीट से विधायक थे। इन्होंने विधानसभा से इस्तीफा देकर हिसार से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा। इसी तरह कांग्रेस ने जयप्रकाश जेपी को टिकट दिया। जयप्रकाश कैथल जिले की कलायत विधानसभा से आते हैं और यहां से विधायक रह चुके हैं। इसी प्रकार जजपा ने नैना को मैदान में उतारा जो सिरसा डबवाली की रहने वाली हैं। वहीं सुनैना चौटाला भी डबवाली से हैं। हालांकि नैना आदमपुर की दड़ौली और सुनैना दौलतपुर गांव की रहने वाली हैं। मगर लोगों में इसकी नाराजगी दिखी की चारों प्रमुख पार्टियों ने बाहरी लोगों को मैदान में उतारा। पहली बार चुनाव से दूर रहा बिश्नोई परिवार
हिसार लोकसभा में 2009 से लगातार बिश्नोई परिवार चुनाव लड़ता आया है। स्व. भजनलाल ने 2009 में हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई 2011 में हिसार से सांसद चुने गए। 2014 में कुलदीप ने फिर हिसार से चुनाव लड़ा मगर हार गए। इसके बाद 2019 में उन्होंने अपने बेटे भव्य को मैदान में उतारा मगर वह हार गए। मगर इस बार बिश्नोई परिवार चुनाव से दूर रहा। इसका असर भी वोटिंग में देखने को मिला। कुलदीप समर्थकों में उत्साह कम देखने को मिला। आदमपुर में 2019 के मुकाबले कम मतदान देखने को मिला। आदमपुर में 2019 में पिछली बार लोकसभा में सबसे अधिक 77.74 प्रतिशत मतदान हुआ था और 2024 में यह आदमपुर 9.51 प्रतिशत घटकर 68.63 पर पहुंच गया है। वहीं अगर इससे पहले भी देखा जाए तो 2014 में आदमपुर में 78.14 प्रतिशत मतदान हुआ था। उचाना में बीरेंद्र सिंह परिवार दूर रहा
उचाना में चौधरी बीरेंद्र सिंह के परिवार के चुनाव से दूर रहने और मौजूदा विधायक दुष्यंत चौटाला से हलका वासियों की नाराजगी का असर भी उचाना में देखने को मिला। बीरेंद्र सिंह उचाना से ही बसरों से चुनाव लड़ते आए हैं। उन्होंने इस बार भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था और बेटे के लिए हिसार से टिकट चाहते थे मगर ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस में बेटे बृजेंद्र सिंह की टिकट कटने से नाराज बीरेंद्र सिंह हिसार चुनाव से दूर हो गए और सिरसा में ही पिता-पुत्र प्रचार करते दिखे। इसका असर उचाना में वोटिंग पैटर्न पर भी पड़ा। उचाना में 2019 के मुकाबले 7.21 प्रतिशत कम मतदान हुआ। 2019 में उचाना में 72.62 प्रतिशत वोट पड़े थे। वहीं 2024 में 65.41 प्रतिशत ही वोट पड़े हैं। उकलाना में सैलजा और नारनौंद में कैप्टन की बेरुखी रही
मूलत उकलाना के गांव प्रभुवाला की रहने वाली सैलजा हिसार के चुनाव से दूर रही। वह हिसार से अपने पसंदीदा कैंडिडेट को टिकट दिलाना चाहती थी मगर ऐसा नहीं हुआ। सैलजा को खुद सिरसा से लड़ना पड़ा और हिसार से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी जयप्रकाश जेपी को टिकट मिला। इसके कारण सैलजा व उसके समर्थक चुनाव से दूर रहे। वहीं नारनौंद में कैप्टन अभिमन्यु भाजपा से टिकट मांग रहे थे मगर ऐसा नहीं हुआ। इसके कारण कैप्टन कई दिनों तक प्रचार से दूर रहे। यहां तक की उनके समर्थक भी लगातार चुनाव प्रचार से दूर रहे। इसका असर वोटिंग में भी देखने को मिला। उकलाना और नारनौंद में भी पिछली बार की तुलना में मतदान में गिरावट देखने को मिली। देखें हिसार लोकसभा में चार साल में मतदान प्रतिशत 2019 की तुलना में कहां कितना घटा मतदान हिसार लोकसभा में 2024 और 2019 का वोटिंग प्रतिशत