हरियाणा में जजपा की लिस्ट मंगलवार को होगी जारी:दुष्यंत बोले- खोखली हो चुकी है भाजपा, जो उचाना जीतेगा वही हरियाणा जीतेगा

हरियाणा में जजपा की लिस्ट मंगलवार को होगी जारी:दुष्यंत बोले- खोखली हो चुकी है भाजपा, जो उचाना जीतेगा वही हरियाणा जीतेगा

हरियाणा के सिरसा में आज जननायक जनता पार्टी (जजपा) की पॉलीटिक्ल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) की बैठक संपन्न हो गई है। बैठक के बाद पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने जानकारी देते हुए बताया कि आजाद समाज पार्टी (आसपा) के साथ चर्चा करने के बाद कल सभी सीटों पर जजपा अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी। इस दौरान उन्होंने भाजपा के साथ साथ सीएम नायब सिंह सैनी पर भी कई सियासी तीर चलाए। उन्होंने कहा “बीजेपी अंदर से खोखली है और मुख्यमंत्री की हालत तो कटी पतंग की तरह है”। उचाना सीट के प्रति एक बार फिर अपना लगाव जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि “जो उचाना जीतेगा वही हरियाणा जीतेगा”। दुष्यंत ने इस दौरान उन सभी मुख्य बिंदुओं की चर्चा भी की जिन्हें लेकर वो इस बार जनता के बीच जा रहे हैं। इसमें सबसे अहम बिंदु किसानों की कर्ज माफी को लेकर है। दरअसल, दुष्यंत ने बताया है कि उनकी सरकार बनी तो फसल खराबी पर किसानों को 25000 रुपए तक का मुआवजा दिया जाएगा। मंगलवार को जारी होगी जजपा की फाइनल लिस्ट
जजपा इस बार चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। शीट शेयरिंग को लेकर दोनों ही दलों के बीच पहले ही सहमति बन चुकी है। जिसके तहत जजपा 70 और आसपा 20 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है। जजपा और आसपा के उम्मीदवारों की तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो पाई है, लेकिन दुष्यंत ने आज ऐलान कर दिया है कि कल वो आसपा के साथ मीटिंग कर अपने गठबंधन की तरफ से सभी 90 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर देंगे। इस दौरान उन्होंने कहा “हमारी सहयोगी पार्टी आजाद समाज पार्टी के साथ कल सीट शेयरिंग पर बात करेंगे कि वह कहां से लड़ना चाहते हैं। इसके अलावा 5 जिलों के पदाधिकारियों से मीटिंग करने के बाद फाइनल सूची एक ही दिन में जारी कर देंगे”। भाजपा अंदर से खोखली, उनके सीएम कटी पतंग
दुष्यंत ने कहा “भाजपा ने पिछले दो दिनों में 6 लोग हमारे संगठन के लिए हैं, जिनको आश्वस्त किया है कि चुनाव लड़वाएंगे। इसका मतलब भाजपा अंदर से खोखली थी। दुष्यंत ने कहा कि मुख्यमंत्री की हालत कटी पतंग की तरह है। तीज वाले दिन जब पतंग कट जाती है तो उसे यह नहीं पता होता कि वह कहां जाकर गिरेगी। आज मुख्यमंत्री की हालत ऐसी ही है। उनका प्रदेशाध्यक्ष कहता है लाडवा और मुख्यमंत्री कहते हैं करनाल, उनके करनाल संगठन का अध्यक्ष कहता है नारायणगढ़ जाएंगे। इतनी ज्यादा कन्फ्यूजन जिस संगठन में हो वो उधारे भी ले लेगा तो भी हरियाणा की जनता उनको जवाब दे देगी। उचाना छोड़कर नहीं जाऊंगा, 8वां चुनाव लड़ूंगा
दुष्यंत ने कहा “कहीं और से चुनाव और दो जगह से चुनाव लड़ने का कोई मतलब की नहीं है। मैं उचाना से ही 5 सितंबर को नामांकन दाखिल करूंगा। उचाना से 7 चुनाव देखे हैं। पहला चुनाव चौधरी ओमप्रकाश चौटाला का देखा इसके बाद अजय चौटाला और 2014 में 2 खुद लड़े, 2019 में 2 खुद लड़े। 2024 में मेरी माता जी का चुनाव देखा और अब मैं खुद लड़ रहा हूं। जो प्यार उचाना ने दिया मुझे नहीं लगता और कहीं इतना प्यार मिल सकता है”। उन्होंने कहा कि “बीरेंद्र सिंह कहते थे मैं उचाना छोड़कर भाग जाऊंगा आज उनका गला बैठ गया है। चुनाव जीतकर उनकी तसल्ली करा देंगे”। जजपा का आजाद समाज पार्टी का गठबंधन
हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) और आजाद समाज पार्टी (ASP) विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ रही हैं। पिछले सप्ताह मंगलवार को दिल्ली में पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने इसका ऐलान किया था। इस दौरान उनके साथ ASP पार्टी के फाउंडर और भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद भी मौजूद रहे थे। चौटाला ने बताया था कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में जजपा 70 सीटों पर और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इस्तीफा देने वाले विधायकों की नाराजगी की वजह…
अनूप धानक : अनूप धानक उकलाना से 2 बार विधायक बने हैं। पहले इनेलो और दूसरी बार JJP के टिकट पर। अनूप शुरू की गिनती दुष्यंत के करीबियों में होती थी। जब 6 विधायकों ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला था तो वह हमेशा दुष्यंत के साथ नजर आए। लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के बाद धीरे-धीरे वह पीछे हटते चले गए। आखिर में उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया। जोगीराम सिहाग : हिसार में एयरपोर्ट के कारण तलवंडी राणा गांव की तरफ जाने वाली सड़क को बंद कर दिया गया था। बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग इस रोड को शुरू करवाना चाहते थे। ग्रामीणों ने धरना शुरू किया तो सिहाग वहां पहुंचे। उन्होंने वहां से दुष्यंत चौटाला (उस समय डिप्टी सीएम थे) को फोन लगाया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। ईश्वर सिंह : ईश्वर सिंह इस बात से नाराज थे कि वह अपने हलके की सड़कें नहीं बनवाए पाए। जो विभाग दुष्यंत के पास थे, लोगों के वहां भी काम नहीं हुए। इनके बेटे रणधीर सिंह ने डेयरी डेवलपमेंट के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह कुमारी सैलजा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो गए। रामकरण काला : पिछले साल किसानों ने सूरजमुखी की फसल के उचित मूल्य को लेकर जीटी रोड जाम किया था। जाम खुलवाने के लिए किसानों पर लाठीचार्ज हुआ। शाहबाद के किसानों की संख्या ज्यादा थी। इसके बाद रामकरण काला ने हरियाणा शुगर फेडरेशन के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। देवेंद्र बबली : देवेंद्र बबली 2019 में कांग्रेस छोड़कर जजपा में आए थे। विधायक बनने के बाद जब मंत्री नहीं बनाया गया तो वह नाराज हो गए। पार्टी मीटिंग में भी उनकी उपस्थिति कम हो गई। बाद में इन्हें पंचायत मंत्री बनाया गया। हालांकि इसके बाद भी दुष्यंत चौटाला से दूरी बनाए रहे। राम निवास सुरजाखेड़ा : जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला द्वारा अनदेखी किए जाने से नाराज हैं। उन्होंने दुष्यंत चौटाला पर हलके के काम न करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला नरवाना में काम में बाधा डाल रहे हैं। रामकुमार गौतम : दुष्यंत चौटाला से शुरू से ही मतभेद थे। उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को हराया था, लेकिन फिर भी उन्हें मंत्री पद नहीं मिला। इससे वे नाराज हो गए। दुष्यंत चौटाला ने अकेले ही सारे विभाग संभाल लिए। वे संसद से लेकर नारनौंद तक इस पर आवाज उठाते रहे। हरियाणा के सिरसा में आज जननायक जनता पार्टी (जजपा) की पॉलीटिक्ल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) की बैठक संपन्न हो गई है। बैठक के बाद पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने जानकारी देते हुए बताया कि आजाद समाज पार्टी (आसपा) के साथ चर्चा करने के बाद कल सभी सीटों पर जजपा अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी। इस दौरान उन्होंने भाजपा के साथ साथ सीएम नायब सिंह सैनी पर भी कई सियासी तीर चलाए। उन्होंने कहा “बीजेपी अंदर से खोखली है और मुख्यमंत्री की हालत तो कटी पतंग की तरह है”। उचाना सीट के प्रति एक बार फिर अपना लगाव जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि “जो उचाना जीतेगा वही हरियाणा जीतेगा”। दुष्यंत ने इस दौरान उन सभी मुख्य बिंदुओं की चर्चा भी की जिन्हें लेकर वो इस बार जनता के बीच जा रहे हैं। इसमें सबसे अहम बिंदु किसानों की कर्ज माफी को लेकर है। दरअसल, दुष्यंत ने बताया है कि उनकी सरकार बनी तो फसल खराबी पर किसानों को 25000 रुपए तक का मुआवजा दिया जाएगा। मंगलवार को जारी होगी जजपा की फाइनल लिस्ट
जजपा इस बार चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। शीट शेयरिंग को लेकर दोनों ही दलों के बीच पहले ही सहमति बन चुकी है। जिसके तहत जजपा 70 और आसपा 20 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है। जजपा और आसपा के उम्मीदवारों की तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो पाई है, लेकिन दुष्यंत ने आज ऐलान कर दिया है कि कल वो आसपा के साथ मीटिंग कर अपने गठबंधन की तरफ से सभी 90 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर देंगे। इस दौरान उन्होंने कहा “हमारी सहयोगी पार्टी आजाद समाज पार्टी के साथ कल सीट शेयरिंग पर बात करेंगे कि वह कहां से लड़ना चाहते हैं। इसके अलावा 5 जिलों के पदाधिकारियों से मीटिंग करने के बाद फाइनल सूची एक ही दिन में जारी कर देंगे”। भाजपा अंदर से खोखली, उनके सीएम कटी पतंग
दुष्यंत ने कहा “भाजपा ने पिछले दो दिनों में 6 लोग हमारे संगठन के लिए हैं, जिनको आश्वस्त किया है कि चुनाव लड़वाएंगे। इसका मतलब भाजपा अंदर से खोखली थी। दुष्यंत ने कहा कि मुख्यमंत्री की हालत कटी पतंग की तरह है। तीज वाले दिन जब पतंग कट जाती है तो उसे यह नहीं पता होता कि वह कहां जाकर गिरेगी। आज मुख्यमंत्री की हालत ऐसी ही है। उनका प्रदेशाध्यक्ष कहता है लाडवा और मुख्यमंत्री कहते हैं करनाल, उनके करनाल संगठन का अध्यक्ष कहता है नारायणगढ़ जाएंगे। इतनी ज्यादा कन्फ्यूजन जिस संगठन में हो वो उधारे भी ले लेगा तो भी हरियाणा की जनता उनको जवाब दे देगी। उचाना छोड़कर नहीं जाऊंगा, 8वां चुनाव लड़ूंगा
दुष्यंत ने कहा “कहीं और से चुनाव और दो जगह से चुनाव लड़ने का कोई मतलब की नहीं है। मैं उचाना से ही 5 सितंबर को नामांकन दाखिल करूंगा। उचाना से 7 चुनाव देखे हैं। पहला चुनाव चौधरी ओमप्रकाश चौटाला का देखा इसके बाद अजय चौटाला और 2014 में 2 खुद लड़े, 2019 में 2 खुद लड़े। 2024 में मेरी माता जी का चुनाव देखा और अब मैं खुद लड़ रहा हूं। जो प्यार उचाना ने दिया मुझे नहीं लगता और कहीं इतना प्यार मिल सकता है”। उन्होंने कहा कि “बीरेंद्र सिंह कहते थे मैं उचाना छोड़कर भाग जाऊंगा आज उनका गला बैठ गया है। चुनाव जीतकर उनकी तसल्ली करा देंगे”। जजपा का आजाद समाज पार्टी का गठबंधन
हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) और आजाद समाज पार्टी (ASP) विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ रही हैं। पिछले सप्ताह मंगलवार को दिल्ली में पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने इसका ऐलान किया था। इस दौरान उनके साथ ASP पार्टी के फाउंडर और भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद भी मौजूद रहे थे। चौटाला ने बताया था कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में जजपा 70 सीटों पर और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इस्तीफा देने वाले विधायकों की नाराजगी की वजह…
अनूप धानक : अनूप धानक उकलाना से 2 बार विधायक बने हैं। पहले इनेलो और दूसरी बार JJP के टिकट पर। अनूप शुरू की गिनती दुष्यंत के करीबियों में होती थी। जब 6 विधायकों ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला था तो वह हमेशा दुष्यंत के साथ नजर आए। लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के बाद धीरे-धीरे वह पीछे हटते चले गए। आखिर में उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया। जोगीराम सिहाग : हिसार में एयरपोर्ट के कारण तलवंडी राणा गांव की तरफ जाने वाली सड़क को बंद कर दिया गया था। बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग इस रोड को शुरू करवाना चाहते थे। ग्रामीणों ने धरना शुरू किया तो सिहाग वहां पहुंचे। उन्होंने वहां से दुष्यंत चौटाला (उस समय डिप्टी सीएम थे) को फोन लगाया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। ईश्वर सिंह : ईश्वर सिंह इस बात से नाराज थे कि वह अपने हलके की सड़कें नहीं बनवाए पाए। जो विभाग दुष्यंत के पास थे, लोगों के वहां भी काम नहीं हुए। इनके बेटे रणधीर सिंह ने डेयरी डेवलपमेंट के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह कुमारी सैलजा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो गए। रामकरण काला : पिछले साल किसानों ने सूरजमुखी की फसल के उचित मूल्य को लेकर जीटी रोड जाम किया था। जाम खुलवाने के लिए किसानों पर लाठीचार्ज हुआ। शाहबाद के किसानों की संख्या ज्यादा थी। इसके बाद रामकरण काला ने हरियाणा शुगर फेडरेशन के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। देवेंद्र बबली : देवेंद्र बबली 2019 में कांग्रेस छोड़कर जजपा में आए थे। विधायक बनने के बाद जब मंत्री नहीं बनाया गया तो वह नाराज हो गए। पार्टी मीटिंग में भी उनकी उपस्थिति कम हो गई। बाद में इन्हें पंचायत मंत्री बनाया गया। हालांकि इसके बाद भी दुष्यंत चौटाला से दूरी बनाए रहे। राम निवास सुरजाखेड़ा : जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला द्वारा अनदेखी किए जाने से नाराज हैं। उन्होंने दुष्यंत चौटाला पर हलके के काम न करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला नरवाना में काम में बाधा डाल रहे हैं। रामकुमार गौतम : दुष्यंत चौटाला से शुरू से ही मतभेद थे। उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को हराया था, लेकिन फिर भी उन्हें मंत्री पद नहीं मिला। इससे वे नाराज हो गए। दुष्यंत चौटाला ने अकेले ही सारे विभाग संभाल लिए। वे संसद से लेकर नारनौंद तक इस पर आवाज उठाते रहे।   हरियाणा | दैनिक भास्कर