हरियाणा में लगातार 5 दिन बारिश और आंधी के बाद आज से मौसम सामान्य होने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि इस वर्ष मानसून अपने निर्धारित समय पर दस्तक देगा। मानसून की सामान्य आमद 28 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक पूरे प्रदेश में फैल जाती है। यद्यपि पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून का असर दिखाई दे रहा है, परंतु हरियाणा में इसके पहले आने की कोई उम्मीद फिलहाल नहीं है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून के समय से पूर्व आने की प्रारंभिक अटकलों के विपरीत, अब यह अपने निर्धारित समय पर ही आने की संभावना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मानसून राज्य में तीन अलग-अलग दिशाओं – दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड से प्रवेश कर सकता है, जो मुख्यतः हवा की दिशा पर निर्भर करता है। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष मानसून सामान्य से बेहतर रहने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि मानसून पूर्व की वर्षा ने पहले ही कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मई माह में हुई वर्षा ने पिछले 17 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्री-मानसून गतिविधियां आगामी मानसून के लिए सकारात्मक संकेत हैं। 2024 में सामान्य से कुछ कमजोर रहा था मानसून
वहीं पिछले साल की बात करें तो 2024 में दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य से 5% कम रहा था। हरियाणा में जून से सितंबर तक मानसून की अवधि मानी जाती है। सामान्य तौर पर 430.7 एमएम बारिश मानसून में होती है मगर पिछले साल यह आंकड़ा 409.4 तक ही पहुंच पाया था। जून में मानसून में 53%, जुलाई में 58%, अगस्त में 126% और सितंबर में 137% बारिश हुई थी। अगस्त और सितंबर ने ही मानसून का कोटा पूरा किया था। आईएमडी के अनुसार 2024 में मानसून सामान्य रहा था। इससे पहले 2011 और 2018 में मानसून बेहतर रहा था। मगर 1901 और 1987 में मानसून की महज 63.6% सबसे कम बारिश हुई। हरियाणा में लगातार 5 दिन बारिश और आंधी के बाद आज से मौसम सामान्य होने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि इस वर्ष मानसून अपने निर्धारित समय पर दस्तक देगा। मानसून की सामान्य आमद 28 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक पूरे प्रदेश में फैल जाती है। यद्यपि पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून का असर दिखाई दे रहा है, परंतु हरियाणा में इसके पहले आने की कोई उम्मीद फिलहाल नहीं है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून के समय से पूर्व आने की प्रारंभिक अटकलों के विपरीत, अब यह अपने निर्धारित समय पर ही आने की संभावना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मानसून राज्य में तीन अलग-अलग दिशाओं – दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड से प्रवेश कर सकता है, जो मुख्यतः हवा की दिशा पर निर्भर करता है। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष मानसून सामान्य से बेहतर रहने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि मानसून पूर्व की वर्षा ने पहले ही कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मई माह में हुई वर्षा ने पिछले 17 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्री-मानसून गतिविधियां आगामी मानसून के लिए सकारात्मक संकेत हैं। 2024 में सामान्य से कुछ कमजोर रहा था मानसून
वहीं पिछले साल की बात करें तो 2024 में दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य से 5% कम रहा था। हरियाणा में जून से सितंबर तक मानसून की अवधि मानी जाती है। सामान्य तौर पर 430.7 एमएम बारिश मानसून में होती है मगर पिछले साल यह आंकड़ा 409.4 तक ही पहुंच पाया था। जून में मानसून में 53%, जुलाई में 58%, अगस्त में 126% और सितंबर में 137% बारिश हुई थी। अगस्त और सितंबर ने ही मानसून का कोटा पूरा किया था। आईएमडी के अनुसार 2024 में मानसून सामान्य रहा था। इससे पहले 2011 और 2018 में मानसून बेहतर रहा था। मगर 1901 और 1987 में मानसून की महज 63.6% सबसे कम बारिश हुई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
