हरियाणा के हिसार स्थित केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (CIRB) में क्लोन मुर्रा झोटा “हिसार गौरव” का आज मंगलवार (10 दिसंबर) 10वां जन्मदिन मनाया गया। यह क्लोन झोटा CIRB द्वारा तैयार किया गया है, जो डेयरी क्षेत्र में शोध का उल्लेखनीय एक दशक का प्रतीक है। 11 दिसंबर 2015 को हिसार में जन्मे इस पीटी बुल 4354 के क्लोन का जन्म हुआ था। पिछले एक दशक में हिसार गौरव ने उच्च गुणवता वाले वीर्य की 22000 डोज का उत्पादन किया है, जिसका उपयोग कृत्रिम गर्भाधान के लिए बड़े पैमाने पर किया गया है। हिसार गौरव के सीमन से पैदा हुए 2 झोटों ने अभी तक 2 लाख से ज्यादा एआइ की डोज उपलब्ध करवाई है और इसकी झोटियों ने दूध उत्पादन में अच्छी खासी बढ़ोतरी हासिल की है, जो की प्रति बयांत लगभग 300 से 600 लीटर दूध का उत्पादन किया है। हिसार गौरव का यह 10 वां जन्मदिन वैज्ञानिक समुदाय के लिए गौरवपूर्ण क्षण है जो उत्पादकता बढ़ाने और आजीविका में सुधार करने में विज्ञान की परिवर्तनकारी क्षमता को उजागर करता है। इसके सीमन से 45 प्रतिशत से अधिक गर्भाधान
ओपीयू-आईवीएफ में इसके सीमन का प्रयोग से न केवल एक स्वस्थ और हष्ट-पुष्ट बछडे़ “वीर गौरव” का जन्म हुआ, बल्कि सफल परिणाम देने में इसकी विश्वसनीयता भी प्रदर्शित हुई। इस क्लोन से प्राप्त सीमन से मादा पशुओं का 45 प्रतिशत से अधिक गर्भाधान है, जोकि ब्रीडिंग बुल के बराबर है। हिसार गौरव की सीमन तकनीक का उपयोग करने वाले किसानों ने दूध उत्पादन में महत्वपूर्ण सुधार की सूचना दी है, जो डेयरी अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में योगदान देता है। इसका वीर्य आनुवंशिक सुधार को बढ़ावा देने, पशुधन उत्पादकता बढ़ाने और पशुओं की अगली पीढ़ी में उच्च प्रजनन क्षमता, जैसे श्रेष्ठ गुणों के हस्तांतरण को सुनिश्चित करता है। पूरी विज्ञानिकों की टीम एकत्रित हुई और खुशियां मनाई
इस क्लोनिंग प्रोजेक्ट के पीआई डॉ. प्रेम सिंह यादव अपनी टीम के साथ कार्य कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा क्लोन पैदा किए जा सके। हर साल की तरह इस साल भी 10 दिसम्बर 2024 को हिसार गौरव का जन्मदिन के केक काट कर मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के पूर्व निर्देशक डॉ. आरके सेठी, फिजियोलॉजी के पूर्व अध्यक्ष डा. एस के जिंदल संस्थान के वर्तमान निदेशक डॉ. टीके दत्ता, डॉ. यशपाल शर्मा, प्रोजेक्ट के पीआइ डॉ. पीएस यादव व उनकी पूरी टीम सम्मिलित हुए और खुशियां बाटीं। संस्थान में क्लोनिंग की जागरूकता के लिए एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया, जिसमें हाइटैक डेयरी सिरसा के डेयरी मैनेजर व उनकी टीम और क्लोन सीमन प्रयोग करने वाले किसान भी सम्मिलित हुए। संस्थान के सभी वैज्ञानिक व कर्मचारी भी इस सेमिनार मे शामिल हुए ताकि क्लोंनिग से सम्बन्धित सही जानकारी किसानों तक पहुचाई जा सकें। हरियाणा के हिसार स्थित केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (CIRB) में क्लोन मुर्रा झोटा “हिसार गौरव” का आज मंगलवार (10 दिसंबर) 10वां जन्मदिन मनाया गया। यह क्लोन झोटा CIRB द्वारा तैयार किया गया है, जो डेयरी क्षेत्र में शोध का उल्लेखनीय एक दशक का प्रतीक है। 11 दिसंबर 2015 को हिसार में जन्मे इस पीटी बुल 4354 के क्लोन का जन्म हुआ था। पिछले एक दशक में हिसार गौरव ने उच्च गुणवता वाले वीर्य की 22000 डोज का उत्पादन किया है, जिसका उपयोग कृत्रिम गर्भाधान के लिए बड़े पैमाने पर किया गया है। हिसार गौरव के सीमन से पैदा हुए 2 झोटों ने अभी तक 2 लाख से ज्यादा एआइ की डोज उपलब्ध करवाई है और इसकी झोटियों ने दूध उत्पादन में अच्छी खासी बढ़ोतरी हासिल की है, जो की प्रति बयांत लगभग 300 से 600 लीटर दूध का उत्पादन किया है। हिसार गौरव का यह 10 वां जन्मदिन वैज्ञानिक समुदाय के लिए गौरवपूर्ण क्षण है जो उत्पादकता बढ़ाने और आजीविका में सुधार करने में विज्ञान की परिवर्तनकारी क्षमता को उजागर करता है। इसके सीमन से 45 प्रतिशत से अधिक गर्भाधान
ओपीयू-आईवीएफ में इसके सीमन का प्रयोग से न केवल एक स्वस्थ और हष्ट-पुष्ट बछडे़ “वीर गौरव” का जन्म हुआ, बल्कि सफल परिणाम देने में इसकी विश्वसनीयता भी प्रदर्शित हुई। इस क्लोन से प्राप्त सीमन से मादा पशुओं का 45 प्रतिशत से अधिक गर्भाधान है, जोकि ब्रीडिंग बुल के बराबर है। हिसार गौरव की सीमन तकनीक का उपयोग करने वाले किसानों ने दूध उत्पादन में महत्वपूर्ण सुधार की सूचना दी है, जो डेयरी अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में योगदान देता है। इसका वीर्य आनुवंशिक सुधार को बढ़ावा देने, पशुधन उत्पादकता बढ़ाने और पशुओं की अगली पीढ़ी में उच्च प्रजनन क्षमता, जैसे श्रेष्ठ गुणों के हस्तांतरण को सुनिश्चित करता है। पूरी विज्ञानिकों की टीम एकत्रित हुई और खुशियां मनाई
इस क्लोनिंग प्रोजेक्ट के पीआई डॉ. प्रेम सिंह यादव अपनी टीम के साथ कार्य कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा क्लोन पैदा किए जा सके। हर साल की तरह इस साल भी 10 दिसम्बर 2024 को हिसार गौरव का जन्मदिन के केक काट कर मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के पूर्व निर्देशक डॉ. आरके सेठी, फिजियोलॉजी के पूर्व अध्यक्ष डा. एस के जिंदल संस्थान के वर्तमान निदेशक डॉ. टीके दत्ता, डॉ. यशपाल शर्मा, प्रोजेक्ट के पीआइ डॉ. पीएस यादव व उनकी पूरी टीम सम्मिलित हुए और खुशियां बाटीं। संस्थान में क्लोनिंग की जागरूकता के लिए एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया, जिसमें हाइटैक डेयरी सिरसा के डेयरी मैनेजर व उनकी टीम और क्लोन सीमन प्रयोग करने वाले किसान भी सम्मिलित हुए। संस्थान के सभी वैज्ञानिक व कर्मचारी भी इस सेमिनार मे शामिल हुए ताकि क्लोंनिग से सम्बन्धित सही जानकारी किसानों तक पहुचाई जा सकें। हरियाणा | दैनिक भास्कर