हरियाणा के सोनीपत में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने एक टैक्सी ड्राइवर के निवास पर रेड की है। मामला फेक क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बताया जा रहा है। यहां सुबह 8 बजे ED की टीम ने छापा मारा और अब तक छानबीन जारी है। मौके पर पुलिस तैनात है। आसपास के लोग भी मौजूद हैं। इस टैक्सी ड्राइवर का एक भाई विदेश में रहता है। यह घर भी उसी का है, जिस पर ED ने रेड मारी है। बताया जा रहा है कि टैक्सी ड्राइवर का विदेश में बैठा भाई फेक क्रिप्टो करेंसी में लोगों के पैसे लगवाता है। इससे उसने करोड़ों की धोखाधड़ी की है। भाई के मकान में रहता है टैक्सी ड्राइवर
जानकारी के अनुसार, ED की एक टीम सोनीपत शहर में मयूर विहार की गली नंबर 24 में पहुंची। यहां टैक्सी ड्राइवर रमेश गुलिया के आवास पर छानबीन शुरू की। जिस मकान में जांच चल रही है, वह ड्राइवर के भाई नरेश गुलिया का है। रमेश गुलिया इसी मकान में रह रहा है। एक साधारण ड्राइवर के घर ED की रेड से लोगों में उत्सुकता है कि मामला आखिर है क्या? उसके घर के बाहर लोग ED की छापेमारी खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि पूरी जानकारी मिल सके। ED की टीम ड्राइवर से भी पूछताछ कर रही है। गांव लाठ का रहने वाला है नरेश
पड़ोसियों ने बताया है कि ED की रेड सुबह 8 बजे से चल रही है। लोगों को ED की रेड के बाद आज ही पता चला है कि टैक्सी ड्राइवर का भाई विदेश में रहता है। टैक्सी ड्राइवर सोनीपत में गोहाना रोड पर स्थित गांव लाठ का रहने वाला है। ये तीन भाई हैं, जिनके नाम रमेश, नरेश और महेश गुलिया हैं। नरेश गुलिया 1995 में आर्मी में भर्ती हुआ था। उसकी ट्रेनिंग जबलपुर में हुई थी। सेना जॉइन करने के 15 साल बाद उसने VRS ले ली। अब वह विदेश में है। उस पर क्रिप्टो करेंसी के जरिए पैसे हड़पने का आरोप है। जानिए, क्या है पूरा मामला… जम्मू-कश्मीर और लेह के साथ लंदन से जुड़े नरेश गुलिया के तार
ED की रेड इस रेड के तार लेह-लद्दाख और श्रीनगर के अलावा ब्रिटेन तक से जुड़े हुए हैं। आज ही ED ने सोनीपत के अलावा लेह और जम्मू में कुल 6 संदिग्ध ठिकानों पर रेड की है। इन जगहों से पुलिस को शिकायतें मिल रही थीं कि हजारों निवेशक लोगों से फेक क्रिप्टो करेंसी में पैसा इन्वेस्ट करवाकर ठग रहे हैं। वे लोगों को दोगुना रिटर्न देने का लालच देते हैं। जब लालच में आकर लोग इन्वेस्ट कर देते हैं तो न कोई रिटर्न मिलता है, और न ही कोई क्रिप्टो करेंसी मिलती है। इन शिकायतों पर जम्मू-कश्मीर में एक FIR दर्ज हुई। लेह में चल रहा था फेक क्रिप्टो करेंसी का कारोबार
उस FIR के मुताबिक, लेह के SNM अस्पताल के सामने अंजुमन मोइन-उल-कॉम्प्लेक्स में फेक क्रिप्टो करेंसी का कारोबार चल रहा था। यहां आरोपी लोगों को लालच देकर क्रिप्टो करेंसी खरीदने को कहते और उनमें 10 महीने के अंदर 40 प्रतिशत तक रिटर्न्स का भरोसा दिलाते थे। इतना ही नहीं, उन्हें बताया जाता था कि यदि वे किसी और व्यक्ति से निवेश करवाते हैं तो उन्हें उसके निवेश से भी 7 प्रतिशत कमीशन मिलेगा। सोनीपत का नरेश कर रहा था विदेशी कंपनी का प्रतिनिधित्व
जांच में पता चला है कि अब तक इस निवेश योजना में आरोपियों ने कुल 2508 लोगों को ठगा और उनसे 7 करोड़ 34 लाख 36 हजार 267 रुपए कमाए। यह निवेश एमोलिएंट कॉइन लिमिटेड कंपनी के नाम पर करवाया गया, जिसका कार्यालय लंदन में है। जबकि, भारत में इसका संचालन सोनीपत का नरेश गुलिया और साउथ इंडिया में चन्नी सिंह कर रहे थे। इन्हीं के कारनामों का पर्दाफाश करने के लिए ED ने रेड मारी है। हरियाणा के सोनीपत में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने एक टैक्सी ड्राइवर के निवास पर रेड की है। मामला फेक क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बताया जा रहा है। यहां सुबह 8 बजे ED की टीम ने छापा मारा और अब तक छानबीन जारी है। मौके पर पुलिस तैनात है। आसपास के लोग भी मौजूद हैं। इस टैक्सी ड्राइवर का एक भाई विदेश में रहता है। यह घर भी उसी का है, जिस पर ED ने रेड मारी है। बताया जा रहा है कि टैक्सी ड्राइवर का विदेश में बैठा भाई फेक क्रिप्टो करेंसी में लोगों के पैसे लगवाता है। इससे उसने करोड़ों की धोखाधड़ी की है। भाई के मकान में रहता है टैक्सी ड्राइवर
जानकारी के अनुसार, ED की एक टीम सोनीपत शहर में मयूर विहार की गली नंबर 24 में पहुंची। यहां टैक्सी ड्राइवर रमेश गुलिया के आवास पर छानबीन शुरू की। जिस मकान में जांच चल रही है, वह ड्राइवर के भाई नरेश गुलिया का है। रमेश गुलिया इसी मकान में रह रहा है। एक साधारण ड्राइवर के घर ED की रेड से लोगों में उत्सुकता है कि मामला आखिर है क्या? उसके घर के बाहर लोग ED की छापेमारी खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि पूरी जानकारी मिल सके। ED की टीम ड्राइवर से भी पूछताछ कर रही है। गांव लाठ का रहने वाला है नरेश
पड़ोसियों ने बताया है कि ED की रेड सुबह 8 बजे से चल रही है। लोगों को ED की रेड के बाद आज ही पता चला है कि टैक्सी ड्राइवर का भाई विदेश में रहता है। टैक्सी ड्राइवर सोनीपत में गोहाना रोड पर स्थित गांव लाठ का रहने वाला है। ये तीन भाई हैं, जिनके नाम रमेश, नरेश और महेश गुलिया हैं। नरेश गुलिया 1995 में आर्मी में भर्ती हुआ था। उसकी ट्रेनिंग जबलपुर में हुई थी। सेना जॉइन करने के 15 साल बाद उसने VRS ले ली। अब वह विदेश में है। उस पर क्रिप्टो करेंसी के जरिए पैसे हड़पने का आरोप है। जानिए, क्या है पूरा मामला… जम्मू-कश्मीर और लेह के साथ लंदन से जुड़े नरेश गुलिया के तार
ED की रेड इस रेड के तार लेह-लद्दाख और श्रीनगर के अलावा ब्रिटेन तक से जुड़े हुए हैं। आज ही ED ने सोनीपत के अलावा लेह और जम्मू में कुल 6 संदिग्ध ठिकानों पर रेड की है। इन जगहों से पुलिस को शिकायतें मिल रही थीं कि हजारों निवेशक लोगों से फेक क्रिप्टो करेंसी में पैसा इन्वेस्ट करवाकर ठग रहे हैं। वे लोगों को दोगुना रिटर्न देने का लालच देते हैं। जब लालच में आकर लोग इन्वेस्ट कर देते हैं तो न कोई रिटर्न मिलता है, और न ही कोई क्रिप्टो करेंसी मिलती है। इन शिकायतों पर जम्मू-कश्मीर में एक FIR दर्ज हुई। लेह में चल रहा था फेक क्रिप्टो करेंसी का कारोबार
उस FIR के मुताबिक, लेह के SNM अस्पताल के सामने अंजुमन मोइन-उल-कॉम्प्लेक्स में फेक क्रिप्टो करेंसी का कारोबार चल रहा था। यहां आरोपी लोगों को लालच देकर क्रिप्टो करेंसी खरीदने को कहते और उनमें 10 महीने के अंदर 40 प्रतिशत तक रिटर्न्स का भरोसा दिलाते थे। इतना ही नहीं, उन्हें बताया जाता था कि यदि वे किसी और व्यक्ति से निवेश करवाते हैं तो उन्हें उसके निवेश से भी 7 प्रतिशत कमीशन मिलेगा। सोनीपत का नरेश कर रहा था विदेशी कंपनी का प्रतिनिधित्व
जांच में पता चला है कि अब तक इस निवेश योजना में आरोपियों ने कुल 2508 लोगों को ठगा और उनसे 7 करोड़ 34 लाख 36 हजार 267 रुपए कमाए। यह निवेश एमोलिएंट कॉइन लिमिटेड कंपनी के नाम पर करवाया गया, जिसका कार्यालय लंदन में है। जबकि, भारत में इसका संचालन सोनीपत का नरेश गुलिया और साउथ इंडिया में चन्नी सिंह कर रहे थे। इन्हीं के कारनामों का पर्दाफाश करने के लिए ED ने रेड मारी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर