हरियाणा में डिप्टी मेयर के दफ्तर में रिश्वतखोरी का VIDEO:निगम क्लर्क ने 2 महीने चक्कर कटवाए, रिश्वत लेकर 1 दिन में थमाई प्रॉपर्टी आईडी

हरियाणा में डिप्टी मेयर के दफ्तर में रिश्वतखोरी का VIDEO:निगम क्लर्क ने 2 महीने चक्कर कटवाए, रिश्वत लेकर 1 दिन में थमाई प्रॉपर्टी आईडी

हरियाणा के सोनीपत नगर निगम का क्लर्क और उसका सहयोगी चपरासी भ्रष्टाचार में फंस गया है। आरोप है कि दोनों ने प्रॉपर्टी आईडी की समस्या को 1 दिन में ही ठीक कर दिया। इससे पहले पीड़ित व्यक्ति को कागजात में कमियां बताकर 2 माह से चक्कर कटवाए जा रहे थे।
सीधे रुपए तो नहीं मांगे जा रहे थे, लेकिन कभी यह कागज लेकर आओ और कभी यहां साइन नहीं है। इससे व्यक्ति परेशान हो गया था। उसने क्लर्क से संपर्क किया तो उसे कहा गया- लालच छोड़कर अपना काम करवा लो भाई…। मुझे नहीं चाहिए, आगे देने हैं। आरोप है कि डिप्टी मेयर के कमरे में बैठ कर यह रिश्वत ली गई। पीड़ित व्यक्ति ने क्लर्क के इसी भ्रष्टाचार की VIDEO बना ली और निगम कमिश्नर को भेज दी। निगम कमिश्नर ने VIDEO सामने आने के बाद मामले की जांच बैठा दी है। जॉइंट कमिश्नर अब इस मामले की जांच करेंगे। पहले क्लर्क हरिओम और व्यक्ति के बीच रिश्वत को लेकर बातचीत पढ़िए… सोनीपत के मोहन नगर के रहने वाले विनोद ने बताया कि मोहन नगर में ही उनके 211 गज के प्लॉट की प्रॉपर्टी आईडी पड़ोसी की जमीन में दर्शाई दी गई है। इसे लेकर वह और उसका भतीजा रोहित 2 महीने से अफसरों के दरवाजे पर धक्के खाता रहा है। चपरासी के कहने पर उन्होंने निगम के क्लर्क हरिओम से बातचीत की। हरिओम इन दिनों डिप्टी मेयर मंजीत गहलावत के कार्यालय में कमरा नंबर 8 में कार्यरत हैं। 7 मई को डिप्टी मेयर के कमरे में बुलाकर 15 हजार की रिश्वत ली गई है। उसने इसकी छुपे कैमरे से वीडियो बना ली। विनोद : भाई साहब कर देना, तंग हो चुके हैं।
क्लर्क: तभी तो यह बात है बोलने लग रहा हूं कि हमने कुछ नहीं करना। पैसों को लेकर मोल-भाव पर बोला, हमें नहीं देने हैं, सारे आगे देने हैं। जिस बंदे से बातचीत हुई है, उसी को करना है।
विनोद : बताओ फिर कितना करना है?
क्लर्क : बार-बार यह बातचीत नहीं होती।
विनोद: कम कर लो, हम तो पहले ही बहुत दुखी हैं।
रोहित : बीच में बोलता है और कहता है कि NOC का खर्च मेरे हिस्से में ही आया है। मैंने ही बनवानी है। यह प्लॉट खरीदा गया है।
क्लर्क : मैंने नहीं चाहिए, आगे देने हैं।
रोहित : मेरा काम कल पक्का हो जाएगा ना?
क्लर्क : कल ID आपको मिल जाएगी।
रोहित : प्रॉपर्टी आईडी ठीक होने के बाद एनओसी क्या साथ मिल जाएगी?
क्लर्क : हम तो आपको आईडी बना कर देंगे।
विनोद :15 हजार से कम कर लो।
हरिओम : लालच छोड़कर अपना काम करवा लो भाई…20-20 हजार लग रहे हैं। मेरे कहने से ही 15 किए हैं। जिसने आपका काम करना है, उसको मैंने कहा कि, मेरा छोड़ दो, इसीलिए उसने 15 मांगे हैं। अपना काम करवा कर नक्की करो, आगे बढ़ों, ID कल मिलेगी।
रोहित : NOC कब मिलेगी? मुझे कंफर्म बताओ, जिस बंदे ने रजिस्ट्री करवानी है, उसे बाहर जाना है, इसलिए हमें तो कल ही चाहिए।
क्लर्क : कल ले जाना, पूरी कोशिश करेंगे।
विनोद: किस टाइम आए?
क्लर्क : सुबह 9:00 बजे आ जाना। आठ नंबर कमरे में आ जाना। 3 पॉइंट्स में जानिए क्लर्क ने कैसे ली गई रिश्वत… डिप्टी मेयर बोले- उनका मामले से लेनादेना नहीं
उधर, इस संबंध में डिप्टी मेयर मनजीत सिंह गहलावत का कहना है कि हरिओम उनके कार्यालय में बतौर क्लर्क लगाया गया है। कुछ दिन पहले ही उसने ज्वाइन किया है। उसे वार्ड से संबंधित समस्याओं के निदान के लिए नियुक्त किया गया है। जिस दौरान रिश्वत ली गई है, वे कार्यालय में मौजूद नहीं थे। वे लोगों की समस्या से संबंधित किसी कार्य के सिलसिले में बाहर गए हुए थे। उनका इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। यहां जानिए क्या कहता है नगर निगम का नियम… निगम ने बना रखी हेल्प डेस्क, फ्री होता है काम
सोनीपत नगर निगम में प्रॉपर्टी आईडी में किसी प्रकार की कोई समस्या या परेशानी आती है तो उसको ठीक करने के लिए ऑनलाइन ऑब्जेक्शन लगवाने होते हैं। इसके लिए निगम में हेल्प डेस्क बनाई गई है, जहां सारे काम फ्री होते है। प्रॉपर्टी आईडी में अलग-अलग प्रकार के विकार को ठीक कराने को लेकर प्रशासन की ओर से 2 दिन से लेकर 15 दिन के भीतर ठीक होने का नियम बनाया गया है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया रहती है। इस पर अधिकारियों की भी निगरानी रहती है। इस तरह किया जाता है परेशान
लोगों की प्रॉपर्टी आईडी पर बार-बार अलग-अलग कारण बताकर रिजेक्ट किया जाता है। यह इसलिए किया जाता है, क्योंकि व्यक्ति अपना काम का छोड़कर निगम के जब चक्कर काटेगा तो परेशान होगा। परेशान व्यक्ति पैसे देकर अपना काम करवाने के लिए मजबूर होगा। सोनीपत के सेक्टर-7 से आए हुए सतीश ने बताया कि नगर निगम में दलाल सक्रिय रहते हैं। इतना ही नगर निगम के सरल केंद्र में दलाल भी मौजूद रहते हैं। निगम के पोर्टल पर प्रॉपर्टी आईडी का डेटा
सोनीपत में प्रॉपर्टी आईडी का डेटा निगम के पोर्टल पर दर्शाया गया है। जहां जनवरी 2023 से लेकर 2025 तक 1.97 लाख लोगों की प्रॉपर्टी आईडी को लेकर शिकायत आ चुकी है। लगभग 1 लाख लोगों ने प्रॉपर्टी आईडी में त्रुटियों को लेकर ऑब्जेक्शन लगवाए हैं। 77 हजार लोगों के ऑब्जेक्शन ठीक हो चुके हैं। 25 हजार लोगों के ऑब्जेक्शन रिजेक्ट भी हुई है। निगम के पोर्टल पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक अभी तक के 11 हजार 170 नई अप्लीकेशन लगाई गई है, जिनमें से करीबन 7000 लोगों की नई आईडी बनाकर तैयार हुई है। नगर निगम कमिश्नर ने शुरू कराई जांच
नगर निगम कमिश्नर हर्षित कुमार का कहना है कि मामले में जांच करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। तीन दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। मामले में क्लर्क हरिओम से भी जवाब मांगा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कर्मचारी हरिओम पर कार्रवाई की जाएगी। भष्ट्राचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हरियाणा के सोनीपत नगर निगम का क्लर्क और उसका सहयोगी चपरासी भ्रष्टाचार में फंस गया है। आरोप है कि दोनों ने प्रॉपर्टी आईडी की समस्या को 1 दिन में ही ठीक कर दिया। इससे पहले पीड़ित व्यक्ति को कागजात में कमियां बताकर 2 माह से चक्कर कटवाए जा रहे थे।
सीधे रुपए तो नहीं मांगे जा रहे थे, लेकिन कभी यह कागज लेकर आओ और कभी यहां साइन नहीं है। इससे व्यक्ति परेशान हो गया था। उसने क्लर्क से संपर्क किया तो उसे कहा गया- लालच छोड़कर अपना काम करवा लो भाई…। मुझे नहीं चाहिए, आगे देने हैं। आरोप है कि डिप्टी मेयर के कमरे में बैठ कर यह रिश्वत ली गई। पीड़ित व्यक्ति ने क्लर्क के इसी भ्रष्टाचार की VIDEO बना ली और निगम कमिश्नर को भेज दी। निगम कमिश्नर ने VIDEO सामने आने के बाद मामले की जांच बैठा दी है। जॉइंट कमिश्नर अब इस मामले की जांच करेंगे। पहले क्लर्क हरिओम और व्यक्ति के बीच रिश्वत को लेकर बातचीत पढ़िए… सोनीपत के मोहन नगर के रहने वाले विनोद ने बताया कि मोहन नगर में ही उनके 211 गज के प्लॉट की प्रॉपर्टी आईडी पड़ोसी की जमीन में दर्शाई दी गई है। इसे लेकर वह और उसका भतीजा रोहित 2 महीने से अफसरों के दरवाजे पर धक्के खाता रहा है। चपरासी के कहने पर उन्होंने निगम के क्लर्क हरिओम से बातचीत की। हरिओम इन दिनों डिप्टी मेयर मंजीत गहलावत के कार्यालय में कमरा नंबर 8 में कार्यरत हैं। 7 मई को डिप्टी मेयर के कमरे में बुलाकर 15 हजार की रिश्वत ली गई है। उसने इसकी छुपे कैमरे से वीडियो बना ली। विनोद : भाई साहब कर देना, तंग हो चुके हैं।
क्लर्क: तभी तो यह बात है बोलने लग रहा हूं कि हमने कुछ नहीं करना। पैसों को लेकर मोल-भाव पर बोला, हमें नहीं देने हैं, सारे आगे देने हैं। जिस बंदे से बातचीत हुई है, उसी को करना है।
विनोद : बताओ फिर कितना करना है?
क्लर्क : बार-बार यह बातचीत नहीं होती।
विनोद: कम कर लो, हम तो पहले ही बहुत दुखी हैं।
रोहित : बीच में बोलता है और कहता है कि NOC का खर्च मेरे हिस्से में ही आया है। मैंने ही बनवानी है। यह प्लॉट खरीदा गया है।
क्लर्क : मैंने नहीं चाहिए, आगे देने हैं।
रोहित : मेरा काम कल पक्का हो जाएगा ना?
क्लर्क : कल ID आपको मिल जाएगी।
रोहित : प्रॉपर्टी आईडी ठीक होने के बाद एनओसी क्या साथ मिल जाएगी?
क्लर्क : हम तो आपको आईडी बना कर देंगे।
विनोद :15 हजार से कम कर लो।
हरिओम : लालच छोड़कर अपना काम करवा लो भाई…20-20 हजार लग रहे हैं। मेरे कहने से ही 15 किए हैं। जिसने आपका काम करना है, उसको मैंने कहा कि, मेरा छोड़ दो, इसीलिए उसने 15 मांगे हैं। अपना काम करवा कर नक्की करो, आगे बढ़ों, ID कल मिलेगी।
रोहित : NOC कब मिलेगी? मुझे कंफर्म बताओ, जिस बंदे ने रजिस्ट्री करवानी है, उसे बाहर जाना है, इसलिए हमें तो कल ही चाहिए।
क्लर्क : कल ले जाना, पूरी कोशिश करेंगे।
विनोद: किस टाइम आए?
क्लर्क : सुबह 9:00 बजे आ जाना। आठ नंबर कमरे में आ जाना। 3 पॉइंट्स में जानिए क्लर्क ने कैसे ली गई रिश्वत… डिप्टी मेयर बोले- उनका मामले से लेनादेना नहीं
उधर, इस संबंध में डिप्टी मेयर मनजीत सिंह गहलावत का कहना है कि हरिओम उनके कार्यालय में बतौर क्लर्क लगाया गया है। कुछ दिन पहले ही उसने ज्वाइन किया है। उसे वार्ड से संबंधित समस्याओं के निदान के लिए नियुक्त किया गया है। जिस दौरान रिश्वत ली गई है, वे कार्यालय में मौजूद नहीं थे। वे लोगों की समस्या से संबंधित किसी कार्य के सिलसिले में बाहर गए हुए थे। उनका इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। यहां जानिए क्या कहता है नगर निगम का नियम… निगम ने बना रखी हेल्प डेस्क, फ्री होता है काम
सोनीपत नगर निगम में प्रॉपर्टी आईडी में किसी प्रकार की कोई समस्या या परेशानी आती है तो उसको ठीक करने के लिए ऑनलाइन ऑब्जेक्शन लगवाने होते हैं। इसके लिए निगम में हेल्प डेस्क बनाई गई है, जहां सारे काम फ्री होते है। प्रॉपर्टी आईडी में अलग-अलग प्रकार के विकार को ठीक कराने को लेकर प्रशासन की ओर से 2 दिन से लेकर 15 दिन के भीतर ठीक होने का नियम बनाया गया है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया रहती है। इस पर अधिकारियों की भी निगरानी रहती है। इस तरह किया जाता है परेशान
लोगों की प्रॉपर्टी आईडी पर बार-बार अलग-अलग कारण बताकर रिजेक्ट किया जाता है। यह इसलिए किया जाता है, क्योंकि व्यक्ति अपना काम का छोड़कर निगम के जब चक्कर काटेगा तो परेशान होगा। परेशान व्यक्ति पैसे देकर अपना काम करवाने के लिए मजबूर होगा। सोनीपत के सेक्टर-7 से आए हुए सतीश ने बताया कि नगर निगम में दलाल सक्रिय रहते हैं। इतना ही नगर निगम के सरल केंद्र में दलाल भी मौजूद रहते हैं। निगम के पोर्टल पर प्रॉपर्टी आईडी का डेटा
सोनीपत में प्रॉपर्टी आईडी का डेटा निगम के पोर्टल पर दर्शाया गया है। जहां जनवरी 2023 से लेकर 2025 तक 1.97 लाख लोगों की प्रॉपर्टी आईडी को लेकर शिकायत आ चुकी है। लगभग 1 लाख लोगों ने प्रॉपर्टी आईडी में त्रुटियों को लेकर ऑब्जेक्शन लगवाए हैं। 77 हजार लोगों के ऑब्जेक्शन ठीक हो चुके हैं। 25 हजार लोगों के ऑब्जेक्शन रिजेक्ट भी हुई है। निगम के पोर्टल पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक अभी तक के 11 हजार 170 नई अप्लीकेशन लगाई गई है, जिनमें से करीबन 7000 लोगों की नई आईडी बनाकर तैयार हुई है। नगर निगम कमिश्नर ने शुरू कराई जांच
नगर निगम कमिश्नर हर्षित कुमार का कहना है कि मामले में जांच करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। तीन दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। मामले में क्लर्क हरिओम से भी जवाब मांगा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कर्मचारी हरिओम पर कार्रवाई की जाएगी। भष्ट्राचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर