हरियाणा में परिवारवाद के आगे झुकेगी BJP:3 सांसदों के बेटी-बेटों को टिकट देने की चर्चा; एक साथ कई हलकों को साधने का प्रयास

हरियाणा में परिवारवाद के आगे झुकेगी BJP:3 सांसदों के बेटी-बेटों को टिकट देने की चर्चा; एक साथ कई हलकों को साधने का प्रयास

हरियाणा में परिवारवाद के जरिए कांग्रेस को आड़े हाथ लेने वाली बीजेपी (BJP) भी अब उसी राह पर चलने की तैयारी कर रही है। चर्चा है कि भाजपा अपने तीन सांसदों के बेटों व बेटी को विधानसभा चुनाव में टिकट देने की तैयारी में है। इन सांसदों में सबसे ऊपर राव इंद्रजीत का नाम है, वहीं इसके बाद कृष्णपाल गुर्जर व चौ. धर्मबीर सिंह शामिल हैं। सर्वे में भाजपा की हालत पतली होने की रिपोर्ट आने के बाद पार्टी आकाओं के हाथ पैर फूल रहे हैं। इसी के चलते सीएम नायब सैनी काे हर रोज किसी न किसी वर्ग को साधने के लिए लोक लुभावन घोषणाएं करनी पड़ रही है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए तीन सांसद के बेटे व बेटी को टिकट देने का मन पार्टी हाईकमान ने बना लिया है। भाजपा के फैसले के पीछे ये है रणनीति पार्टी की सोच है कि इससे सांसदों की नाराजगी दूर होगी और वह इन तीन सीट के अलावा आसपास की सीटों पर भी जीत के लिए पसीना बहाएंगे। ये हालात तक हैं जबकि संसद से लेकर सार्वजनिक जगह पर अभी तक बीजेपी नेता खुलकर कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए उसकी घेराबंदी करते आए हैं। अब जब प्रदेश में विधानसभा के तीन माह का समय बचा है और बीजेपी यहां हैट्रिक मारने का सपना संजोए हुए है, तो वह भी अपने मूल सिद्धांतों को त्यागने पर विचार कर रही है। बीजेपी ने प्रदेश में जो सर्व कराया उसकी रिपोर्ट के अनुसार वह दो दर्जन से भी कम सीट पर जीतने की कगार पर है। कार्यकर्ताओं की चल रही मान मनुहार इस रिपोर्ट के बाद चुनाव प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया से लेकर पार्टी नेताओं की नींद उड़ गई। अब सभी धरातल पर सक्रिय हो गए हैं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। सर्वे में यह बात भी सामने आई कि कार्यकर्ता भी पार्टी से दूर होते जा रहा है। इसी के चलते अब मान-मनुहार का दौर शुरू हुआ है। इंद्रजीत की बेटी, धर्मबीर के बेटे पर सहमति के आसार
सूत्र बताते हैं कि पार्टी सर्वे से बैचेन बीजेपी के आकाओं ने संघ के बड़े नेताओं से भी विचार-विमर्श किया है। साथ ही उनको प्रदेश में सक्रिय होने की गुहार लगाई है। इसमें इस बात पर भी चर्चा हुई कि जो तीन सांसद अपने बच्चों के लिए टिकट मांग रहे हैं, वह दे दी जाएं। कम से कम यह तीन सीट के चलते सांसद दूसरी सीटों पर भी पसीना बहाएंगे। यदि इनके बच्चों की टिकट काटी गई तो फिर इन तीन के अलावा बाकी सीटों पर भी इसका असर पड़ेगा। इसके चलते राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती एवं सांसद धर्मबीर सिंह के बेटे मोहित के अलावा एक अन्य सांसद के बेटे को भी टिकट देने का मन बीजेपी ने करीब-करीब बना लिया है। केंद्रीय राज्यमंत्री इंद्रजीत खुलकर रहे बैटिंग
केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी आरती को टिकट दिलाने के लिए इस बार आर-पार के मूड में हैं। इसको लेकर वह बीजेपी को भी आंख दिखाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। वहीं आरती ने सार्वजनिक मंच से चुनाव लड़ने का ऐलान ही नहीं बल्कि एक-दो सीट की ओर इशारा भी किया है। यानी बीजेपी पार्टी पर दबाव बनाने के लिए इंद्रजीत व आरती सार्वजनिक मंच पर कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उनके आत्मविश्वास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह टिकट के लिए केंद्रीय चुनाव समिति का इंतजार नहीं कर रहे और अटेली, बादशाहपुर से चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोंक रहे हैं। हरियाणा में परिवारवाद के जरिए कांग्रेस को आड़े हाथ लेने वाली बीजेपी (BJP) भी अब उसी राह पर चलने की तैयारी कर रही है। चर्चा है कि भाजपा अपने तीन सांसदों के बेटों व बेटी को विधानसभा चुनाव में टिकट देने की तैयारी में है। इन सांसदों में सबसे ऊपर राव इंद्रजीत का नाम है, वहीं इसके बाद कृष्णपाल गुर्जर व चौ. धर्मबीर सिंह शामिल हैं। सर्वे में भाजपा की हालत पतली होने की रिपोर्ट आने के बाद पार्टी आकाओं के हाथ पैर फूल रहे हैं। इसी के चलते सीएम नायब सैनी काे हर रोज किसी न किसी वर्ग को साधने के लिए लोक लुभावन घोषणाएं करनी पड़ रही है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए तीन सांसद के बेटे व बेटी को टिकट देने का मन पार्टी हाईकमान ने बना लिया है। भाजपा के फैसले के पीछे ये है रणनीति पार्टी की सोच है कि इससे सांसदों की नाराजगी दूर होगी और वह इन तीन सीट के अलावा आसपास की सीटों पर भी जीत के लिए पसीना बहाएंगे। ये हालात तक हैं जबकि संसद से लेकर सार्वजनिक जगह पर अभी तक बीजेपी नेता खुलकर कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए उसकी घेराबंदी करते आए हैं। अब जब प्रदेश में विधानसभा के तीन माह का समय बचा है और बीजेपी यहां हैट्रिक मारने का सपना संजोए हुए है, तो वह भी अपने मूल सिद्धांतों को त्यागने पर विचार कर रही है। बीजेपी ने प्रदेश में जो सर्व कराया उसकी रिपोर्ट के अनुसार वह दो दर्जन से भी कम सीट पर जीतने की कगार पर है। कार्यकर्ताओं की चल रही मान मनुहार इस रिपोर्ट के बाद चुनाव प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया से लेकर पार्टी नेताओं की नींद उड़ गई। अब सभी धरातल पर सक्रिय हो गए हैं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। सर्वे में यह बात भी सामने आई कि कार्यकर्ता भी पार्टी से दूर होते जा रहा है। इसी के चलते अब मान-मनुहार का दौर शुरू हुआ है। इंद्रजीत की बेटी, धर्मबीर के बेटे पर सहमति के आसार
सूत्र बताते हैं कि पार्टी सर्वे से बैचेन बीजेपी के आकाओं ने संघ के बड़े नेताओं से भी विचार-विमर्श किया है। साथ ही उनको प्रदेश में सक्रिय होने की गुहार लगाई है। इसमें इस बात पर भी चर्चा हुई कि जो तीन सांसद अपने बच्चों के लिए टिकट मांग रहे हैं, वह दे दी जाएं। कम से कम यह तीन सीट के चलते सांसद दूसरी सीटों पर भी पसीना बहाएंगे। यदि इनके बच्चों की टिकट काटी गई तो फिर इन तीन के अलावा बाकी सीटों पर भी इसका असर पड़ेगा। इसके चलते राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती एवं सांसद धर्मबीर सिंह के बेटे मोहित के अलावा एक अन्य सांसद के बेटे को भी टिकट देने का मन बीजेपी ने करीब-करीब बना लिया है। केंद्रीय राज्यमंत्री इंद्रजीत खुलकर रहे बैटिंग
केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी आरती को टिकट दिलाने के लिए इस बार आर-पार के मूड में हैं। इसको लेकर वह बीजेपी को भी आंख दिखाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। वहीं आरती ने सार्वजनिक मंच से चुनाव लड़ने का ऐलान ही नहीं बल्कि एक-दो सीट की ओर इशारा भी किया है। यानी बीजेपी पार्टी पर दबाव बनाने के लिए इंद्रजीत व आरती सार्वजनिक मंच पर कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उनके आत्मविश्वास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह टिकट के लिए केंद्रीय चुनाव समिति का इंतजार नहीं कर रहे और अटेली, बादशाहपुर से चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोंक रहे हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर