हरियाणा में करनाल के सेक्टर-13 में रह रहे परिवार ने 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला का पार्थिव शरीर बिलासपुर AIIMS को दान कर दिया। महिला की नेचुरल डेथ हुई थी। करनाल में अपना आशियाना की टीम सोमवार को महिला की बॉडी लेने के लिए पहुंची। अपना आशियाना की टीम ने परिवार के संकल्प की सराहना की है और अन्य लोगों से भी समाज कल्याण के कार्य में आगे आने का आह्वान किया है। बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल ने मां मिथिलेश रानी से पहले पिता गोपाल राय का पार्थिव शरीर भी बिलासपुर AIIMS को दान किया था। AIIMS में डॉक्टरों की टीम बॉडी को रिसर्च करने में यूज करती है। अंतिम इच्छा को बेटे ने किया पूरा मुकेश अग्रवाल ने बताया कि उनके माता-पिता हमेशा समाज कल्याण को सर्वोपरि मानते थे। पिता जी और माता ने अपने मरने से पहले ही नेत्रदान व देह दान का फैसला ले लिया था। अक्टूबर 2023 में पिता की मृत्यु हो गई थी। उनकी इच्छा के अनुसार पहले नेत्रदान किया गया था और फिर देह दान किया। रविवार रात मेरी माता मिथिलेश अग्रवाल की मृत्यु हो गई। उनकी भी इच्छा थी कि जहां पर पति का शरीर दान किया गया, वहीं मेरा भी शरीर दान किया जाए। इसलिए पहले नेत्रदान करवाया गया। जिसके लिए करनाल सिविल अस्पताल की टीम पहुंची और उसके बाद अपना आशियाना की टीम को पार्थिव शरीर सौंप दिया गया। टीम शव को बिलासपुर AIIMS लेकर गई है। देह दान सबसे बड़ा दान अपना आशियाना जनसेवा दल के सेवादार राजकुमार ने बताया कि बिलासपुर AIIMS में शरीर को डोनेट करने के लिए ले जाया जा रहा है। इनके बेटे ने संकल्प लिया कि माता-पिता के पार्थिव शरीर को मानव कल्याण के लिए दान किया जाए। देह दान सबसे बड़ा दान है और यह कार्य करने के लिए दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। इस परिवार से अन्य लोगों काे भी प्रेरणा लें। करनाल में 250 लोग कर चुके शरीर दान राजकुमार ने बताया कि बिलासपुर AIIMS की तरफ से परिवार को प्रशस्ति पत्र और डेथ सर्टिफिकेट इशू किया जाएगा। AIIMS में पार्थिव शरीर के सभी महत्वपूर्ण अंगों को निकाल लिया जाएगा। बॉडी के प्रत्येक अंग पर मेडिकल स्टूडेंट्स द्वारा रिसर्च की जाती है। जो भी महत्वपूर्ण अंग होते हैं, उनको किसी दूसरे जरूरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। स्टूडेंट्स को मानव शरीर की संरचना, उसके अंदर के अंग और उनकी वर्किंग के विषय में बताया जाता है। करनाल जिला में ऐसे 250 लोग है, जिन्होंने अपने शरीर का दान किया और समाज के काम आए। अगर कोई व्यक्ति देह दान करना चाहता है, तो वह अपना आशियाना के हेल्पलाइन नंबर 94161 10073 पर कॉल कर सकता है। हरियाणा में करनाल के सेक्टर-13 में रह रहे परिवार ने 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला का पार्थिव शरीर बिलासपुर AIIMS को दान कर दिया। महिला की नेचुरल डेथ हुई थी। करनाल में अपना आशियाना की टीम सोमवार को महिला की बॉडी लेने के लिए पहुंची। अपना आशियाना की टीम ने परिवार के संकल्प की सराहना की है और अन्य लोगों से भी समाज कल्याण के कार्य में आगे आने का आह्वान किया है। बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल ने मां मिथिलेश रानी से पहले पिता गोपाल राय का पार्थिव शरीर भी बिलासपुर AIIMS को दान किया था। AIIMS में डॉक्टरों की टीम बॉडी को रिसर्च करने में यूज करती है। अंतिम इच्छा को बेटे ने किया पूरा मुकेश अग्रवाल ने बताया कि उनके माता-पिता हमेशा समाज कल्याण को सर्वोपरि मानते थे। पिता जी और माता ने अपने मरने से पहले ही नेत्रदान व देह दान का फैसला ले लिया था। अक्टूबर 2023 में पिता की मृत्यु हो गई थी। उनकी इच्छा के अनुसार पहले नेत्रदान किया गया था और फिर देह दान किया। रविवार रात मेरी माता मिथिलेश अग्रवाल की मृत्यु हो गई। उनकी भी इच्छा थी कि जहां पर पति का शरीर दान किया गया, वहीं मेरा भी शरीर दान किया जाए। इसलिए पहले नेत्रदान करवाया गया। जिसके लिए करनाल सिविल अस्पताल की टीम पहुंची और उसके बाद अपना आशियाना की टीम को पार्थिव शरीर सौंप दिया गया। टीम शव को बिलासपुर AIIMS लेकर गई है। देह दान सबसे बड़ा दान अपना आशियाना जनसेवा दल के सेवादार राजकुमार ने बताया कि बिलासपुर AIIMS में शरीर को डोनेट करने के लिए ले जाया जा रहा है। इनके बेटे ने संकल्प लिया कि माता-पिता के पार्थिव शरीर को मानव कल्याण के लिए दान किया जाए। देह दान सबसे बड़ा दान है और यह कार्य करने के लिए दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। इस परिवार से अन्य लोगों काे भी प्रेरणा लें। करनाल में 250 लोग कर चुके शरीर दान राजकुमार ने बताया कि बिलासपुर AIIMS की तरफ से परिवार को प्रशस्ति पत्र और डेथ सर्टिफिकेट इशू किया जाएगा। AIIMS में पार्थिव शरीर के सभी महत्वपूर्ण अंगों को निकाल लिया जाएगा। बॉडी के प्रत्येक अंग पर मेडिकल स्टूडेंट्स द्वारा रिसर्च की जाती है। जो भी महत्वपूर्ण अंग होते हैं, उनको किसी दूसरे जरूरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। स्टूडेंट्स को मानव शरीर की संरचना, उसके अंदर के अंग और उनकी वर्किंग के विषय में बताया जाता है। करनाल जिला में ऐसे 250 लोग है, जिन्होंने अपने शरीर का दान किया और समाज के काम आए। अगर कोई व्यक्ति देह दान करना चाहता है, तो वह अपना आशियाना के हेल्पलाइन नंबर 94161 10073 पर कॉल कर सकता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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3. जहां सड़कें नहीं, वहां भी पानी की सप्लाई हर साल ठियोग में पानी की सप्लाई के लिए 10-12 लाख रुपए खर्च होते थे, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा अचानक एक करोड़ के पार पहुंच गया। कई ऐसे वाहन नंबर भी दिखाए गए, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। यहां तक कि कुछ इलाकों में, जहां सड़कें तक नहीं हैं, वहां भी वाहनों से पानी की सप्लाई दिखाई गई। 4. एक महीने में ठेकेदार को पेमेंट का भुगतान किया ठेकेदार को पानी की सप्लाई के पैसे का भुगतान एक महीने के भीतर कर दिया गया। अधिकारियों ने भी बिना जांच के बिल का भुगतान किया। ठियोग क्षेत्र में पानी की हर साल भारी किल्लत रहती है, लेकिन घोटाले के चलते लोगों को राहत नहीं मिल पाई। घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए। विधायक ने कहा था- दाल में कुछ काला घोटाले के आरोपों पर ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने कहा था, भ्रष्टाचार व विकास कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वह स्वयं गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। एक्सईएन और DC को इस पूरे मामले की जांच करने को कहा गया है। सरकार को इसकी जांच जल्द पूरा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। प्रथम दृष्टि में मामले में दाल में काला नजर आ रहा है। जांच रिपोर्ट के बाद ही पूरे तथ्य सामने आएंगे। दोषियों को किसी भी स्तर पर छोड़ा नहीं जाएगा।