हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के एथलीट निषाद कुमार ने पेरिस पैरालिंपिक में हाई जंप इवेंट में भारत को सिल्वर मेडल दिलाया है। टी- 47 कैटेगरी में उनका बेस्ट जंप 2.04 मीटर रहा और निषाद कुमार दूसरे नंबर पर रहे। यह इवेंट रविवार देर रात हुआ। वे बदायूं गांव से ताल्लुक रखते हैं। बता दें कि 2021 में टोक्यो पैरालिंपिक में भी निषाद कुमार ने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया था। अब उन्होंने पेरिस पैरालिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर दूसरी बार सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। सीएम सुक्खू व डिप्टी सीएम ने दी बधाई निषाद कुमार के पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उन्हें अपने सोशल मीडिया पेज पर बधाई दी है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भी निषाद कुमार को पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने पर उन्हें एक्स पर बधाई दी। डीसी जतिन लाल ने भी दी बधाई डीसी जतिन लाल ने कहा कि सभी जिले वासियों के लिए गर्व का विषय है कि जिला ऊना से संबंध रखने वाले निषाद कुमार ने पेरिस पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जो जिले के युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत और आदर्श हैं। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के एथलीट निषाद कुमार ने पेरिस पैरालिंपिक में हाई जंप इवेंट में भारत को सिल्वर मेडल दिलाया है। टी- 47 कैटेगरी में उनका बेस्ट जंप 2.04 मीटर रहा और निषाद कुमार दूसरे नंबर पर रहे। यह इवेंट रविवार देर रात हुआ। वे बदायूं गांव से ताल्लुक रखते हैं। बता दें कि 2021 में टोक्यो पैरालिंपिक में भी निषाद कुमार ने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया था। अब उन्होंने पेरिस पैरालिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर दूसरी बार सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। सीएम सुक्खू व डिप्टी सीएम ने दी बधाई निषाद कुमार के पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उन्हें अपने सोशल मीडिया पेज पर बधाई दी है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भी निषाद कुमार को पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने पर उन्हें एक्स पर बधाई दी। डीसी जतिन लाल ने भी दी बधाई डीसी जतिन लाल ने कहा कि सभी जिले वासियों के लिए गर्व का विषय है कि जिला ऊना से संबंध रखने वाले निषाद कुमार ने पेरिस पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जो जिले के युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत और आदर्श हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 12 लाख बेरोजगारों से धोखा:रेगुलर के बजाय आउटसोर्स नौकरी; टांडा में ठेकेदारी प्रथा से भरेंगे 458 पद, आंदोलन की तैयारी में युवा
हिमाचल के 12 लाख बेरोजगारों से धोखा:रेगुलर के बजाय आउटसोर्स नौकरी; टांडा में ठेकेदारी प्रथा से भरेंगे 458 पद, आंदोलन की तैयारी में युवा हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने हर साल एक लाख नौकरी देने के वादा किया था। इस गारंटी के साथ कांग्रेस सत्ता में आई। मगर अब रेगुलर नौकरी के बजाय ऑउटसोर्स भर्ती करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। बीते 8 अगस्त की कैबिनेट ने कांगड़ा के टांडा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में विभिन्न श्रेणियों के 458 पद सृजित किए। इसके बाद बेरोजगार युवा परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए। मगर उनके पांव तले तब जमीन खिसक गई, जब स्वास्थ्य सचिव ने इन पदों को भरने के लिए नोटिफिकेशन जारी की, जिसमें साफ किया गया कि टांडा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में इन पदों को आउटसोर्स आधार पर भरा जाएगा। इस तरह की अस्थाई भर्ती युवाओं के साथ धोखा है। आउटसोर्स पर किया जाता है शोषण प्रदेश में पहले भी 18 सालों से आउटसोर्स भर्तियां की जाती रही है। नाम मात्र मानदेय पर बेरोजगारों का शोषण किया जाता है। सत्ता बदलने पर इन्हें सरकारें अपनी-अपनी सुविधानुसार बाहर कर देती है। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भी इन बेरोजगारों के साथ यही किया है। स्वास्थ्य विभाग में कोरोना काल में भर्ती आउटसोर्स कर्मियों को सुक्खू सरकार ने बाहर किया। अब फिर से कांग्रेस सरकार आउटसोर्स भर्तियां करने जा रही है। टांडा में आउटसोर्स से भरेंगे ये पद स्वास्थ्य सचिव द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, टांडा मेडिकल कालेज में विभिन्न श्रेणी के 458 पद भरे जाने है। इनमें स्टाफ नर्स के 300 पद, रेडियोग्राफर के 2, वॉर्ड-बॉय के 47, ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट के 12 पद, ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर के 2 पद, डाटा एंट्री ऑपरेटर के 10, क्लास-4 के 5, सफाई कर्मचारी के 50 और सिक्योरिटी गार्ड के 30 पद आउटसोर्स पर भरे जाने है। विपक्ष में आउटसोर्स भर्ती का विरोध करती रही कांग्रेस कांग्रेस जब विपक्ष में थी, तो पांच साल तक आउटसोर्स भर्तियों का विरोध करती रही। मगर सत्ता मिलते ही कांग्रेस खुद भी इसी राह पर चल पड़ी है। इससे पहले शिक्षा विभाग में भी जनवरी माह में टैंपरेरी नौकरी करने की तैयारी कर ली थी। मगर तब बेरोजगार सड़कों पर उतरे और सीएम सुक्खू को यह निर्णय आनन-फानन में वापस लेना पड़ा था। कई अन्य विभागों में इस तरह की अस्थाई भर्तियां कांग्रेस सरकार कर चुकी है। हर साल 1 लाख नौकरी का वादा साल 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी ने हर साल 1 लाख और 5 साल में 5 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का वादा किया था। सत्ता में आए कांग्रेस सरकार को 20 महीने हो गए। मगर 20 महीने में 2000 को भी पक्की नौकरी नहीं दे पाए। लगभग 1000 युवाओं को पक्की नौकरी जरूर दी गई। मगर इनमें ज्यादातर पदों को भरने की प्रक्रिया पूर्व सरकार के कार्यकाल में जारी थी। इससे प्रदेश के 12 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवाओं के सब्र का बांध टूटता जा रहा है और सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रही है। शिमला में बनाएंगे आंदोलन की रणनीति : घनश्याम हिमाचल के प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष घनश्याम नेहटू ने बताया कि अगले सप्ताह शिमला में बेरोजगारों की मीटिंग बुलाई जा रही है। इसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। पढ़ा-लिखा युवा लाइब्रेरी में पढ़ते हुए बूढ़ा हो रहा है। मगर सरकार की नींद नहीं टूट रही। उन्होंने बताया कि सरकार एक साल बाद भी राज्य चयन आयोग को फंक्शनल नहीं कर पाई। जब तक इसे फंक्शनल नहीं किया जाता, तब तक नौकरी संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार ने एक भी पक्की नौकरी नहीं दी। पूर्व सरकार के कार्यकाल की भर्तियों के कुछ रिजल्ट जरूर निकाले गए हैं और टीजीटी की बैचवाइज भर्ती जरूर की गई। मगर नए पद विज्ञापित नहीं किए जा रहे। अब युवाओं को आउटसोर्स भर्ती के नाम पर ठगा जा रहा है।
हिमाचल में बरसात से पहले ही बांध फुल:डेंजर लेवल तक भरे होने से तबाही का खतरा; हरियाणा समेत 4 राज्यों के लिए फायदा भी
हिमाचल में बरसात से पहले ही बांध फुल:डेंजर लेवल तक भरे होने से तबाही का खतरा; हरियाणा समेत 4 राज्यों के लिए फायदा भी हिमाचल में मानसून की बारिश से पहले ही ज्यादातर बांध के जलाशय पानी से भर गए हैं। प्रदेश में इस बार भीषण गर्मी के कारण ग्लेशियर पिघलने से डेम का वाटर लेवल डेंजर लेवल के आसपास पहुंच गया है। भाखड़ा और पौंग दो ही बांध ऐसे बचे हैं, जिनके जलाशय अभी 31 व 28 मीटर खाली हैं। दूसरे बांध के भर जाने के बाद अब इन दोनों के बांध भी भरने शुरू होंगे। भाखड़ा और पौंग डैम को छोड़ दो अन्य सभी बांध का वाटर लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इस वजह से बरसात से पहले ही पानी छोड़ने की चेतावनी जारी की जा रही है। सतलुज नदी पर बने नाथपा बांध के बढ़ते स्तर को देखते हुए सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) ने डैम से पानी छोड़ने का अलर्ट और लोगों को नदी किनारे नहीं जाने की एडवाइजरी जारी की है। हिमाचल के बांध का लबालब भरना पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा की बिजली व पानी की जरूरतों के लिहाज से अच्छी खबर है। क्योंकि उत्तर भारत के कई राज्य की खेतीबाड़ी व पानी की जरूरतें हिमाचल की नदियों से बहने वाले पानी पर निर्भर रहती हैं। हिमाचल की नदियों में जितना ज्यादा पानी होगा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में खेती के लिए उतना ही पानी मिल पाएगा। मगर बांध का जल स्तर कई बार मानसून की भारी बारिश के दौरान तबाही का कारण भी बन जाता है। नाथपा का वाटर लेवल डेंजर लेवल से 2.5 मीटर कम
नाथपा के जलाशय का वाटर लेवल 1495 मीटर है, जो कि 1493 मीटर तक भर गया। इसका डेंजर लेवल 1495.5 मीटर है। यानी नाथपा का जलाशय खतरनाक स्तर से मात्र 2.5 मीटर कम रह गया है। कड़छम बांध के जलाशय का वाटर लेवल भी 1809 मीटर पहुंच गया है, जबकि इसका डेंजर लेवल 1812 मीटर है। मतलब खतरनाक स्तर से मात्र तीन मीटर कम रह गया है। चमेरा का वाटर लेवल खतरनाक स्तर से 5 मीटर कम
चमेरा-2 परियोजना का जलाशय भी 1157 मीटर भर चुका है। इसका डेंजर लेवल 1162 मीटर है। इसका जलाशय अब पांच मीटर ही भरने को रह गया है। यही स्थिति दूसरी नदियों पर बने बांध की भी है। जिन नदियों का पानी ग्लेशियर पर निर्भर है, उनका पानी पहले ही खतरनाक स्तर के आसपास पहुंच गया है, क्योंकि हिमाचल में इस बार रिकॉर्डतोड़ गर्मी पड़ी है। इससे ग्लेशियर तेजी से मेल्ट हुए हैं। हालांकि ग्लेशियर मेल्ट को लेकर हिमाचल पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग स्टडी कर रहा है और इसकी रिपोर्ट आनी बाकी है। भाखड़ा बांध का जलाशय अभी 31.47 मीटर खाली
BBMB के भाखड़ा बांध का जलाशय अभी भी 31.47 मीटर खाली है। इसके जलाशय का वाटर लेवल 512.07 मीटर है, जबकि अभी यह 483.64 मीटर भर पाया है। इसका डेंजर लेवल 515.11 मीटर है। पौंग बांध का जलाशय भी लगभग 28 मीटर खाली है। पौंग के जलाशय की क्षमता 423.67 मीटर है, जबकि अभी यह 398.102 मीटर भरा है। इसका डेंजर लेवल 433.12 मीटर है। मानसून की बारिश से पहले बांध पानी से लबालब
प्रदेश में बेशक मानसून ने एंट्री दी है। मगर अब तक शिमला और सोलन के अलावा अन्य जिलों में अच्छी बारिश नहीं हुई। फिर भी बांधों के जलाशय पहले से लबालब भर गए है। बरसात में ये दोनों डैम भी पूरी तरह भर जाएंगे।
मेरठ के मुस्लिम कपड़ा कारोबारी से हिमाचल में मारपीट, VIDEO:कारोबारी का आरोप- जय श्रीराम नहीं बोला, तो हिंदू संगठनों ने मुझे पीटा, हाथ भी तोड़ डाला
मेरठ के मुस्लिम कपड़ा कारोबारी से हिमाचल में मारपीट, VIDEO:कारोबारी का आरोप- जय श्रीराम नहीं बोला, तो हिंदू संगठनों ने मुझे पीटा, हाथ भी तोड़ डाला मेरठ में एक युवक का वीडियो वायरल हो रहा है। युवक ने बताया कि वो मेरठ का नाम रहने वाला है। युवक का आरोप है कि वो मेरठ का रहने वाला है। हिमांचल में रहकर कपड़ा कारोबार करता है। फेरी लगाकर कपड़े बेचता है। उसका नाम मोहम्मद उमर कुरैशी है। युवक का आरोप है कि वहां बीजेपी, शिवसेना और हिंदू संगठनों के जो कार्यकर्ता हैं उन्होंने उसके साथ मारपीट की है।
युवक ने अपना वीडियो वायरल किया है। युवक वीडियो में कह रहा है कि उससे कहा गया कि जय श्री राम बोलो, जब उसने जय श्रीराम नहीं बोला तो उसे बहुत पीटा। युवक ने कहा कि वो अपने लिए इंसाफ चाहता है। उससे उसका माल भी छीन लिया, उसके पैसे भी छीन लिए। उसका हाथ भी तोड़ दिया। वो खाली हाथ अपने घर जा रहा है। कहा उसे पीटने वाले सभी लोग हिंदू संगठन के कार्यकर्ता हैं। उसे किसी काले रंग की जिप्सी में बैठाकर ले गए। उसका अपहरण किया और एक दुकान में ले जाकर बंद करके उसे मारापीटा है। मुसलमान के नाम पर उसे मारापीटा गया है।
जब वो पुलिस थाने पहुंचा तो वहां पुलिस ने उसकी रिपोर्ट लिखने से इंकार कर दिया। युवक वीडियो में कह रहा है उसने जय श्रीराम नहीं बोला तो उसे पीटा गया उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। खबर को अपडेट किया जा रहा है…