हरियाणा के गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट से विधायक रहे राव नरबीर सिंह ने गुरुग्राम की बदहाली के लिए यहां के अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही उन्होंने गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत का नाम लिए बिना उन पर भी निशाना साधा। राव नरबीर ने गुरुग्राम के अफसरों की तुलना अहमद शाह अब्दाली से की। नरबीर ने अफसरों को लुटेरा बताया और कहा कि जो यहां आता है, लूट कर ले जाता है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अफसर किसी की सुन नहीं रहे, और उनकी खिंचाई करने वाला कोई नहीं है। राव नरबीर ने 2014 से 2019 के बीच उनके कार्यकाल का उदाहरण देते हुए बताया कि जब उनके हाथ कमान थी, तब सभी काम पूरे होते थे। अधिकारी बात मानते थे और सबकी सुनते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें 40 साल का राजनीति का अनुभव है। अफसरों से काम कैसे करवाया जाता है, वह अच्छी तरह जानते हैं। राव नरबीर अफसरों के लिए यह बोले
गुरुग्राम में हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे राव नरबीर ने कहा, “जैसे हम हिस्ट्री में पढ़ते थे कि अब्दाली आता था लुटेरे आते थे, हिंदुस्तान को लूटकर चले जाते थे। उसी तरह गुरुग्राम का हाल हुआ। जो आया, लूटकर लेकर चला गया। लेकिन, आप दिल पर हाथ रखो कि 2014 से 2019 तक लूट थी क्या? भाई सरकार वही, मुख्यमंत्री वही, पार्टी वही और गुरुग्राम बदहाल, सोचो क्यों? सिर्फ नरबीर सिंह नहीं था इसलिए। हरियाणा में अफसर 2 आदमियों की मानते हैं, जो मेरा 40 साल का राजनीतिक तजुर्बा है। 30% तो मानेंगे जो उन्हें लेकर आया है, और 70% उसकी मानेंगे जो उन्हें बदलवा सके। मेरे लिए सोचते थे कि यह बदलवा सकता है, इसलिए 100% काम होते थे। आज कोई न लगवाने वाला है न बदलवाने वाला। इसलिए 1% भी नहीं मानता अधिकारी।’ कौन हैं राव नरबीर
राव नरबीर खट्टर सरकार में PWD मिनिस्टर रहे हैं। 2014 में गुरुग्राम की बादशाहपुर सीट से वह भाजपा के विधायक चुने गए थे। उन्होंने 1987 में जटूसाना (हरियाणा) और 1996 में सोहना (हरियाणा) से विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा। इससे पहले उन्होंने 1987 में राज्य गृहमंत्री और 1996 में हरियाणा सरकार में परिवहन, खाद्य एवं आपूर्ति व सहकारिता मंत्री का पद संभाला था। वह 26 वर्ष की आयु में राज्य गृह मंत्रालय का पद संभालने वाले देश के सबसे युवा निर्वाचित प्रतिनिधि बने। 1996 में उनके पास खेल और मुद्रण एवं स्टेशनरी मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी था। उन्होंने 2009 में गुरुग्राम से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे। राव इंद्रजीत के विरोधियों में गिनती
राव नरबीर सिंह की गिनती सांसद राव इंद्रजीत सिंह के विरोधियों में होती है। वह राव को अपना राजनीतिक धुर विरोधी मानते हैं। 2019 में बादशाहपुर सीट से टिकट कटने का कारण वह राव इंद्रजीत को मानते हैं। हरियाणा में आगामी 3 महीने में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में वह अपने पिछले हिसाब-किताब चुकता करने का मन बनाकर दोबारा फील्ड में उतरे हैं और आक्रामक बयानबाजी कर रहे हैं। गुरुग्राम की बदहाली का कारण वह मौजूदा सांसद को मानते हैं। हालांकि, वह प्रत्यक्ष रूप से राव इंद्रजीत का नाम लेने से हमेशा बचते रहे हैं। राव नरबीर का भाजपा ने काट दिया था
2014 में नरबीर सिंह ने राकेश दौलताबाद को लगभग 18 हजार मतों से मात दी थी, और खट्टर की पहली सरकार में मंत्री बने थे। 2019 में भाजपा ने नरबीर सिंह का टिकट काट दिया। इससे नाराज नरबीर चुनाव में निष्क्रिय रहे। भाजपा ने नरबीर का टिकट काटकर मनीष यादव को दिया, लेकिन वह निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद से 10 हजार वोटों से हार गए। हरियाणा के गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट से विधायक रहे राव नरबीर सिंह ने गुरुग्राम की बदहाली के लिए यहां के अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही उन्होंने गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत का नाम लिए बिना उन पर भी निशाना साधा। राव नरबीर ने गुरुग्राम के अफसरों की तुलना अहमद शाह अब्दाली से की। नरबीर ने अफसरों को लुटेरा बताया और कहा कि जो यहां आता है, लूट कर ले जाता है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अफसर किसी की सुन नहीं रहे, और उनकी खिंचाई करने वाला कोई नहीं है। राव नरबीर ने 2014 से 2019 के बीच उनके कार्यकाल का उदाहरण देते हुए बताया कि जब उनके हाथ कमान थी, तब सभी काम पूरे होते थे। अधिकारी बात मानते थे और सबकी सुनते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें 40 साल का राजनीति का अनुभव है। अफसरों से काम कैसे करवाया जाता है, वह अच्छी तरह जानते हैं। राव नरबीर अफसरों के लिए यह बोले
गुरुग्राम में हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे राव नरबीर ने कहा, “जैसे हम हिस्ट्री में पढ़ते थे कि अब्दाली आता था लुटेरे आते थे, हिंदुस्तान को लूटकर चले जाते थे। उसी तरह गुरुग्राम का हाल हुआ। जो आया, लूटकर लेकर चला गया। लेकिन, आप दिल पर हाथ रखो कि 2014 से 2019 तक लूट थी क्या? भाई सरकार वही, मुख्यमंत्री वही, पार्टी वही और गुरुग्राम बदहाल, सोचो क्यों? सिर्फ नरबीर सिंह नहीं था इसलिए। हरियाणा में अफसर 2 आदमियों की मानते हैं, जो मेरा 40 साल का राजनीतिक तजुर्बा है। 30% तो मानेंगे जो उन्हें लेकर आया है, और 70% उसकी मानेंगे जो उन्हें बदलवा सके। मेरे लिए सोचते थे कि यह बदलवा सकता है, इसलिए 100% काम होते थे। आज कोई न लगवाने वाला है न बदलवाने वाला। इसलिए 1% भी नहीं मानता अधिकारी।’ कौन हैं राव नरबीर
राव नरबीर खट्टर सरकार में PWD मिनिस्टर रहे हैं। 2014 में गुरुग्राम की बादशाहपुर सीट से वह भाजपा के विधायक चुने गए थे। उन्होंने 1987 में जटूसाना (हरियाणा) और 1996 में सोहना (हरियाणा) से विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा। इससे पहले उन्होंने 1987 में राज्य गृहमंत्री और 1996 में हरियाणा सरकार में परिवहन, खाद्य एवं आपूर्ति व सहकारिता मंत्री का पद संभाला था। वह 26 वर्ष की आयु में राज्य गृह मंत्रालय का पद संभालने वाले देश के सबसे युवा निर्वाचित प्रतिनिधि बने। 1996 में उनके पास खेल और मुद्रण एवं स्टेशनरी मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी था। उन्होंने 2009 में गुरुग्राम से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे। राव इंद्रजीत के विरोधियों में गिनती
राव नरबीर सिंह की गिनती सांसद राव इंद्रजीत सिंह के विरोधियों में होती है। वह राव को अपना राजनीतिक धुर विरोधी मानते हैं। 2019 में बादशाहपुर सीट से टिकट कटने का कारण वह राव इंद्रजीत को मानते हैं। हरियाणा में आगामी 3 महीने में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में वह अपने पिछले हिसाब-किताब चुकता करने का मन बनाकर दोबारा फील्ड में उतरे हैं और आक्रामक बयानबाजी कर रहे हैं। गुरुग्राम की बदहाली का कारण वह मौजूदा सांसद को मानते हैं। हालांकि, वह प्रत्यक्ष रूप से राव इंद्रजीत का नाम लेने से हमेशा बचते रहे हैं। राव नरबीर का भाजपा ने काट दिया था
2014 में नरबीर सिंह ने राकेश दौलताबाद को लगभग 18 हजार मतों से मात दी थी, और खट्टर की पहली सरकार में मंत्री बने थे। 2019 में भाजपा ने नरबीर सिंह का टिकट काट दिया। इससे नाराज नरबीर चुनाव में निष्क्रिय रहे। भाजपा ने नरबीर का टिकट काटकर मनीष यादव को दिया, लेकिन वह निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद से 10 हजार वोटों से हार गए। हरियाणा | दैनिक भास्कर