हरियाणा में प्रदेश स्तरीय गुरु दक्ष प्रजापति जयंती समारोह को लेकर कांग्रेस के बरवाला से पूर्व MLA रामनिवास घोड़ेला के PA ने पार्टी के नेता को धमका दिया। दोनों की बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस ऑडियो में पूर्व विधायक का PA जो खुद को मास्टर सतपाल बता रहा है, उसने पिछड़ा वर्ग के नेता श्रवण कुमार को फोन किया। उसने श्रवण कुमार से कहा कि जो समारोह हो रहा है क्या आपने पूर्व विधायक से विचार-विमर्श नहीं किया है। यह सम्मेलन आजाद नगर में नहीं होगा बल्कि अनाज मंडी में होगा। इस बात पर दोनों में बहस हो गई। दैनिक भास्कर इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन यह मामला कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा तक पहुंच गया है। दीपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेस के पूर्व विधायक घोड़ेला के कार्यक्रम के निमंत्रण की जगह आजाद नगर में कार्यक्रम की हामी भर दी है। वहीं पूर्व विधायक घोड़ेला का कहना है कि मेरा कोई PA नहीं है। यह कार्यक्रम समाज का है। पहले कार्यक्रम हिसार अनाज मंडी में तय था, मगर अब स्थान बदल दिया है। अब यह कार्यक्रम आजाद नगर में होगा। समाज के कार्यक्रम के लिए सभी एकजुट हैं। कार्यक्रम का संयोजक बनने की होड़
दरअसल, कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में संयोजक बनने की होड़ थी। जैसा ऑडियो में बताया जा है दोनों पक्षों का विवाद संयोजक पद को लेकर हुआ। घोड़ेला के PA ने श्रवण कुमार को पोस्टर व बैनर पर पूर्व विधायक का नाम, फोटो छापने और कार्यक्रम स्थल नहीं बदलने के लिए दबाव बनाया। इस पर श्रवण कुमार ने PA को फटकार लगाई और दीपेंद्र हुड्डा को जींद में जाकर सभी बातों से अवगत करवाया। बताया जा रहा है कि दीपेंद्र हुड्डा ने नलवा हलके में ही कार्यक्रम के लिए हामी भर दी है। कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि दीपेंद्र हुड्डा ने पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला को जमकर फटकार लगाई है। इसके बाद पूर्व विधायक कार्यक्रम का स्थान बदलने को तैयार हो गए। श्रवण कुमार बोले- विवाद था खत्म हो गया है
इस मामले पर श्रवण कुमार का कहना है कि कार्यक्रम स्थल को लेकर कोई कंफ्यूजन था, वह दूर हो गया है। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह एकजुट है। घोड़ेला भी साथ हैं और मिलकर बड़ा और सफल कार्यक्रम करेंगे। हमारे बीच किसी तरह का विवाद नहीं है। अब पढ़िए वायरल ऑडियो में क्या बातचीत हुई… पीए : मैं मास्टर सतपाल बोल रहा हूं घोड़ेला जी का PA उनके दफ्तर से।
श्रवण कुमार : हांजी, राम-राम।
पीए : राम-राम, ठीक है जी तो आप विधायक जी से विचार-विमर्श करके प्रोग्राम नहीं करोगे क्या?
श्रवण : करेंगे जी, क्यों नहीं करेंगे। मैं थोड़ा बाहर जा रहा हूं।
पीए : आप बाहर जा रहे हो पर आपने तो पोस्टर छपवा रखे हैं इसमें तो आपको विधायक जी को संयोजक लिखना था।
श्रवण : क्या लिखना था?
पीए : संयोजक।
श्रवण : अच्छा
पीए : यह प्रोग्राम कम्युनिटी सेंटर में नहीं करेंगे, मैसेज आया है कि अनाज मंडी में करो प्रोग्राम। अनाज मंडी करेंगे।
श्रवण : कौन सा?
पीए : अनाज मंडी करना है प्रोग्राम।
श्रवण : प्रोग्राम अनाज मंडी में नहीं होगा जी, प्रोग्राम होगा तो आजाद नगर में होगा।
पीए : फिर अपने हिसाब से कर लो जी, फिर हमारा कोई लेना देना नहीं है।
श्रवण : चलो ठीक है जी ओके।
पीए : फिर अपने हिसाब से आप बात कर लो, हम तो अनाज मंडी में करेंगे प्रोग्राम।
श्रवण : चलो जी जहां मर्जी करना जी, कोई दिक्कत नहीं है।
पीए : हां
श्रवण : मेरे से बात कर लेंगे घोड़ेला साहब, बोल देना।
पीए : ना आप कर लो आपकी करनी है तो बात।
श्रवण : जिसको अपनी मर्जी करनी है मैं बात नहीं करता, जो करना है करेंगे। मुझे राजनीति की जरूरत नहीं, बहस मत करो आप। जिसको तकलीफ होगी बात कर लेगा।
पीए : तकलीफ तो तेरी होगी हमारे नहीं, किसी वहम में हो रहा हो। उल्टी बात करनी की जरूरत नहीं है।
श्रवण : मैं बहस नहीं करता आप से।
पीए : तो मैंने भी भाईचारे में फोन किया है आपसे, कोई बहस के लिए नहीं किया।
श्रवण : तो फोन क्यों किया है काट दो।
पीए : हां तो काट दे। कांग्रेस में गुटबाजी नई नहीं
कांग्रेस में गुटबाजी कोई नहीं है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से लेकर नीचे स्तर तक गुटबाजी देखने को मिलती रहती है। पहले गुटबाजी नेताओं और उनके कार्यकर्ता के बीच थी, मगर अब एक ही नेता के कार्यकर्ताओं के बीच गुटबाजी देखने को मिल रही है। कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और बीरेंद्र सिंह अपनी अलग राह अपनाए हुए हैं, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा अपनी अलग राह पर हैं। विधायक किरण चौधरी इसी गुटबाजी के कारण कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुकी हैं। हरियाणा में प्रदेश स्तरीय गुरु दक्ष प्रजापति जयंती समारोह को लेकर कांग्रेस के बरवाला से पूर्व MLA रामनिवास घोड़ेला के PA ने पार्टी के नेता को धमका दिया। दोनों की बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस ऑडियो में पूर्व विधायक का PA जो खुद को मास्टर सतपाल बता रहा है, उसने पिछड़ा वर्ग के नेता श्रवण कुमार को फोन किया। उसने श्रवण कुमार से कहा कि जो समारोह हो रहा है क्या आपने पूर्व विधायक से विचार-विमर्श नहीं किया है। यह सम्मेलन आजाद नगर में नहीं होगा बल्कि अनाज मंडी में होगा। इस बात पर दोनों में बहस हो गई। दैनिक भास्कर इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन यह मामला कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा तक पहुंच गया है। दीपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेस के पूर्व विधायक घोड़ेला के कार्यक्रम के निमंत्रण की जगह आजाद नगर में कार्यक्रम की हामी भर दी है। वहीं पूर्व विधायक घोड़ेला का कहना है कि मेरा कोई PA नहीं है। यह कार्यक्रम समाज का है। पहले कार्यक्रम हिसार अनाज मंडी में तय था, मगर अब स्थान बदल दिया है। अब यह कार्यक्रम आजाद नगर में होगा। समाज के कार्यक्रम के लिए सभी एकजुट हैं। कार्यक्रम का संयोजक बनने की होड़
दरअसल, कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में संयोजक बनने की होड़ थी। जैसा ऑडियो में बताया जा है दोनों पक्षों का विवाद संयोजक पद को लेकर हुआ। घोड़ेला के PA ने श्रवण कुमार को पोस्टर व बैनर पर पूर्व विधायक का नाम, फोटो छापने और कार्यक्रम स्थल नहीं बदलने के लिए दबाव बनाया। इस पर श्रवण कुमार ने PA को फटकार लगाई और दीपेंद्र हुड्डा को जींद में जाकर सभी बातों से अवगत करवाया। बताया जा रहा है कि दीपेंद्र हुड्डा ने नलवा हलके में ही कार्यक्रम के लिए हामी भर दी है। कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि दीपेंद्र हुड्डा ने पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला को जमकर फटकार लगाई है। इसके बाद पूर्व विधायक कार्यक्रम का स्थान बदलने को तैयार हो गए। श्रवण कुमार बोले- विवाद था खत्म हो गया है
इस मामले पर श्रवण कुमार का कहना है कि कार्यक्रम स्थल को लेकर कोई कंफ्यूजन था, वह दूर हो गया है। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह एकजुट है। घोड़ेला भी साथ हैं और मिलकर बड़ा और सफल कार्यक्रम करेंगे। हमारे बीच किसी तरह का विवाद नहीं है। अब पढ़िए वायरल ऑडियो में क्या बातचीत हुई… पीए : मैं मास्टर सतपाल बोल रहा हूं घोड़ेला जी का PA उनके दफ्तर से।
श्रवण कुमार : हांजी, राम-राम।
पीए : राम-राम, ठीक है जी तो आप विधायक जी से विचार-विमर्श करके प्रोग्राम नहीं करोगे क्या?
श्रवण : करेंगे जी, क्यों नहीं करेंगे। मैं थोड़ा बाहर जा रहा हूं।
पीए : आप बाहर जा रहे हो पर आपने तो पोस्टर छपवा रखे हैं इसमें तो आपको विधायक जी को संयोजक लिखना था।
श्रवण : क्या लिखना था?
पीए : संयोजक।
श्रवण : अच्छा
पीए : यह प्रोग्राम कम्युनिटी सेंटर में नहीं करेंगे, मैसेज आया है कि अनाज मंडी में करो प्रोग्राम। अनाज मंडी करेंगे।
श्रवण : कौन सा?
पीए : अनाज मंडी करना है प्रोग्राम।
श्रवण : प्रोग्राम अनाज मंडी में नहीं होगा जी, प्रोग्राम होगा तो आजाद नगर में होगा।
पीए : फिर अपने हिसाब से कर लो जी, फिर हमारा कोई लेना देना नहीं है।
श्रवण : चलो ठीक है जी ओके।
पीए : फिर अपने हिसाब से आप बात कर लो, हम तो अनाज मंडी में करेंगे प्रोग्राम।
श्रवण : चलो जी जहां मर्जी करना जी, कोई दिक्कत नहीं है।
पीए : हां
श्रवण : मेरे से बात कर लेंगे घोड़ेला साहब, बोल देना।
पीए : ना आप कर लो आपकी करनी है तो बात।
श्रवण : जिसको अपनी मर्जी करनी है मैं बात नहीं करता, जो करना है करेंगे। मुझे राजनीति की जरूरत नहीं, बहस मत करो आप। जिसको तकलीफ होगी बात कर लेगा।
पीए : तकलीफ तो तेरी होगी हमारे नहीं, किसी वहम में हो रहा हो। उल्टी बात करनी की जरूरत नहीं है।
श्रवण : मैं बहस नहीं करता आप से।
पीए : तो मैंने भी भाईचारे में फोन किया है आपसे, कोई बहस के लिए नहीं किया।
श्रवण : तो फोन क्यों किया है काट दो।
पीए : हां तो काट दे। कांग्रेस में गुटबाजी नई नहीं
कांग्रेस में गुटबाजी कोई नहीं है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से लेकर नीचे स्तर तक गुटबाजी देखने को मिलती रहती है। पहले गुटबाजी नेताओं और उनके कार्यकर्ता के बीच थी, मगर अब एक ही नेता के कार्यकर्ताओं के बीच गुटबाजी देखने को मिल रही है। कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और बीरेंद्र सिंह अपनी अलग राह अपनाए हुए हैं, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा अपनी अलग राह पर हैं। विधायक किरण चौधरी इसी गुटबाजी के कारण कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुकी हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर